25-01-2016, 01:04 AM | #1 |
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गणतंत्र दिवस
प्रभात फेरी में झंडे को लेकर वो गाना याद आ जाये झंडा ऊँचा रहे हमारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा उसके बाद पाठशाला के प्रांगन में अनेकानेक रंगारंग कार्यक्रम मेरा उनमे भाग लेना फिर कार्यक्रम पूरा होते ही मिठाई के लड्डू मिलना और उसे बड़े चाव से मिलबांट करके खाना कितने प्यारे दिन थे एइसा लगता है अब की तब १५ अगस्त को और २६ जनवरी का महत्व इसलिए था की पाठशाला में बड़े प्यारे कार्यक्रम होते थे और मिठाइयाँ मिलती थी पर आज जब हम बड़े हो गए हैं और इन बड़े राष्ट्रिय त्योहारों के बारे में सोचती हूँ तो लगता है २०० साल की वो बेड़ियाँ परतंत्रता की जो हमारे पैरों में पड़ी थी उसका दर्द कितना बड़ा था कितने लाखों लोगो की कुर्बानियां हुई तब जाकर हमें इस आज़ादी और आज़ादी के बाद गणतंत्र दिवस मनाने का मौका मिला .जिनकी वजह से हम आज ये दिवस मना रहे हैं उन्हें मेरा भावभीना वंदन सत सत नमन. कुछ पंक्तियाँ हमारे शहीदों के लिए .. हम नतमस्तक हैं हर सैनिक तुमपर देते हैं आज सलामी तुमको करते वादा इतना है न भूलेंगे आपके बलिदान को रहेंगे रक्षक बनकर हम भी आये दुश्मन चाहे तूफान बनकर तुम भी किसी माँ के लाल थे किसी के थे भाई तुम भी पर, न परवाह करी किसी की और अपनी जान गवाई थी कैसे भूल सके भारत आपके इन एहसानों को आप थे वीर सपूत इस धरती के सत सत वन्दन करते हम तुमको मना रहे गणतंत्र दिवस हम आपके ही बलबूते से वर्ना आज भी खड़े होते हम निराश नागरिक मुर्दे से आपकी वीरता के गुणगान जितना करे उतने कम है मेरे रक्षक मेरे सैनिक भाई सत सत वंदन है तुझको Last edited by rajnish manga; 25-01-2016 at 04:10 PM. |
25-01-2016, 04:04 PM | #2 |
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Re: गणतंत्र दिवस
"जिनकी वजह से हम आज ये दिवस मना रहे हैं उन्हें मेरा भावभीना वंदन शत शत नमन"
आपने कविता की भूमिका में देश के उन योद्धाओं का स्मरण किया है जिन्होंने 200 वर्ष तक विदेशी आक्रान्ताओं के साथ संघर्ष किया और न जाने कितनी कुर्बानियां दीं. आपकी देशभक्ति से परिपूर्ण कविता का हम अभिनंदन करते हैं. कुछ विशेष पंक्तियाँ उद्धृत कर रहा हूँ: आप थे वीर सपूत इस धरती के शत शत वन्दन करते हम तुमको मना रहे गणतंत्र दिवस हम आपके ही बलबूते से वर्ना आज भी खड़े होते हम निराश नागरिक मुर्दे से आपकी वीरता के गुणगान जितना करे उतने कम है मेरे रक्षक मेरे सैनिक भाई शत शत वंदन है तुझको
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10-02-2016, 09:25 PM | #3 |
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Re: गणतंत्र दिवस
[QUOTE=rajnish manga;557178]"जिनकी वजह से हम आज ये दिवस मना रहे हैं उन्हें मेरा भावभीना वंदन शत शत नमन"[size=3]
आपने कविता की भूमिका में देश के उन योद्धाओं का स्मरण किया है जिन्होंने 200 वर्ष तक विदेशी आक्रान्ताओं के साथ संघर्ष किया और न जाने कितनी कुर्बानियां दीं. आपकी देशभक्ति से परिपूर्ण कविता का हम अभिनंदन करते हैं. कुछ विशेष पंक्तियाँ उद्धृत कर रहा हूँ: bahut bahut dhanywad bhaiii .. |
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