25-02-2013, 08:00 PM | #21 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
25-02-2013, 08:02 PM | #22 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
भोपाल प्राचीन नाम भूपाल है भूपाल, भू-पाल भू = भूमि, पाल=दूध। एक दूसरा मत यह है कि इस शहर का नाम एक अन्य राजा भूपाल के नाम पर पड़ा।
समय गुज़रने के साथ यह शहर उजड़ गया। १८वीं सदी में यह स्थानीय गोण्ड राज्य का एक छोटा-सा गाँव मात्र था। वर्तमान भोपाल शहर की स्थापना मुगल सल्तनत के एक अफ़्गान सरदार दोस्त मुहम्मद खान ने की थी। मुगल साम्रज्य के विघटन का फ़ायदा उठाते हुए खान ने बेरासिया तहसील हड़प ली। कुछ समय बाद गोण्ड रानी कमलापती की मदद करने के लिए खान को भोपाल गाँव भेंट किया गया। रानी की मौत के बाद खान ने छोटे से गोण्ड राज्य पर कब्ज़ा जमा लिया। १७२०-१७२६ के दौरान दोस्त मुहम्मद खान ने भोपाल गाँव की किलाबन्दी कर इसे एक शहर में तब्दील किया। साथ ही उन्होंने नवाब की पदवी अपना ली, और इस तरह से भोपाल राज्य की स्थापना हुई। मुगल दरबार के सिद्दीकी बन्धुओं से दोस्ती के नाते खान ने हैदराबाद के निज़ाम मीर क़मर-उद-दीन (निज़ाम-उल-मुल्क) से दुश्मनी मोल ले ली। सिद्दीकी बन्धुओं से निपटने के बाद १७२३ में निज़ाम ने भोपाल पर हमला बोल दिया, और दोस्त मुहम्मद खान को निज़ाम का आधिपत्य स्वीकार करना पड़ा। मराठाओं ने भी भोपाल राज्य से चौथ (कुल लगान का चौथा हिस्सा) वसूली की। १७३७ में मराठाओं ने मुगलों को भोपाल की लड़ाई में मात दी। खान के उत्तराधिकारियों ने १८१८ में ब्रिटिश हुकुमत के साथ सन्धि कर ली, और भोपाल राज्य ब्रिटिश राज की एक रियासत बन गया। १९४७ में जब भारत को आज़ादी मिली, तब भोपाल राज्य की वारिस आबिदा सुल्तान पाकिस्तान चली गईं। उनकी छोटी बहन बेगम साजिदा सुल्तान को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया। १९४९ में भोपाल राज्य का भारत में विलय हो गया।
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25-02-2013, 08:04 PM | #23 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
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25-02-2013, 08:05 PM | #24 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
Bhopal, the capital of Madhya Pradesh, is a fascinating amalgam of scenic beauty, old historic city and modern urban planning. It is the 11th century city Bhojpal, founded by Raja Bhoj, but the present city was established by an Afghan soldier, Dost Mohammed (1707-1740). His descendants build Bhopal into a beautiful city.
The two lakes of Bhopal still dominate the city, and are indeed its nucleus. Bordered along their shores stand silent sentinels that testify to the growth of the city. Bhopal today presents a multi-faceted profile; the old city with its marketplaces and fine old mosques and palaces still bears the aristocratic imprint of its former rulers, among them the succession of powerful Begums who ruled Bhopal from 1819 to 1926. Equally impressive is the new city with its verdant, exquisitely laid out parks and gardens, broad avenues and streamlined modern edifices. It is greener and cleaner than most cities in the country. The sprawling industrial township of Bharat Heavy Electricals Limited (BHEL) spread over 19.56 sq. kilometer and having a population of about 1.5 lakhs, has a quaint charm of its own. This modern township has been maintained with excellent amenities for residential quarters, shopping centers, hospitals, schools, colleges, parks, clubs etc. Apart from all these, Bhopal is known for "Zarda", "Garda", "Parda" and "Nāmarda". I hope that you all are aware of the above terminologies. It is also known for its "Khātirdaari" and "Nawabi". One excellent thing about Bhopal is that it has a culture of its own. Believe it or not, it is exotic. Come one, come all, to feel it, and you will never forget it.
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25-02-2013, 08:08 PM | #25 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
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25-02-2013, 08:10 PM | #26 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
Tal ul Masjid Bhopal
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25-02-2013, 08:16 PM | #27 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
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25-02-2013, 08:26 PM | #28 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
एमसीएफ, कर्नाटक में हासन और मध्य प्रदेश में भोपाल से इसरो के सभी भू स्थिर उपग्रहों का मानीटरन और नियंत्रण करता है। एमसीएफ, उपग्रहों की प्रारंभिक कक्षा में उत्थापन, कक्षा में नीतभार परीक्षण, तथा इन उपग्रहों की पूरी कालावधि में कक्षा में संचालन संबंधी प्रचालन करता है। प्रचालनों में शामिल हैं निरंतर अनुवर्तन, दूरमिति और आदेश देना, ग्रहण प्रबंधन, केंद्र रख-रखाव युक्तिचालन और आकस्मिक क्षणों में पुनःप्राप्ति जैसे विशेष कार्य।
उपग्रह नीतभार के प्रभावी उपयोग के लिए और विशेष प्रचालन के दौरान सेवा में गड़बड़ी कम करने के लिए एमसीएफ उपयोगकर्ता एजेंसियों के साथ अन्योन्य-क्रिया करता है। मुख्य नियंत्रण सुविधा (एमसीएफ़) अयोध्या नगर, एन सेक्टर भोपाल-462 041 निदेशक: डॉ. सी. जी. पाटिल
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25-02-2013, 08:27 PM | #29 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
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25-02-2013, 08:29 PM | #30 |
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Re: झीलों की नगरी : भोपाल
भोपाल 17 जनवरी 2011। भोपाल की बड़ी झील में स्थित बुर्ज पर राजा भोज 7 टन की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है।
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