24-01-2017, 12:39 PM | #51 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
सादर अभीवादन करते हैं हम उन्हें .. धन्यवाद भाई |
24-01-2017, 05:04 PM | #52 | |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
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24-01-2017, 05:14 PM | #53 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (24 जनवरी)
डॉ. होमी जहाँगीर भाभा / Dr. Homi Jehangir Bhaba
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24-01-2017, 05:17 PM | #54 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (24 जनवरी)
डॉ. होमी जहाँगीर भाभा / Dr. Homi Jehangir Bhaba भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक होमी भाभा 12वीं पास करने के बाद कैम्ब्रिज में पढने गये और 1930 में मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री हासिल किये। अध्ययन के दौरान उन्हे लगातार छात्रवृत्ती मिलती रही। 1934 में उन्होने पीएचडी की डिग्री हासिल की, इसी दौरान होमी भाभा को आइजेक न्यूटन फेलोशिप मिली। होमी भाभा को प्रसिद्ध वैज्ञानिक रुदरफोर्ड, डेराक, तथा नील्सबेग के साथ काम करने का अवसर मिला था। उन्होंने कॉस्केटथ्योरी ऑफ इलेक्ट्रान का प्रतिपादन करने साथ ही कॉस्मिक किरणों पर भी काम किया जो पृथ्वी की ओर आते हुए वायुमंडल में प्रवेश करती है। उन्होने कॉस्मिक किरणों की जटिलता को सरल किया। दूसरे विश्वयुद्ध के प्रारंभ में होमी भारत वापस आ गये। 1940 में भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलौर में सैद्धान्तिक रीडर पद पर नियुक्त हुए। उन्होने कॉस्मिक किरणों की खोज के लिए एक अलग विभाग की स्थापना की। 1941 में मात्र 31 वर्ष की आयु में आपको रॉयल सोसाइटी का सदस्य चुना गया था। नोबल पुरस्कार विजेता प्रो. सी.वी. रमन भी होमी भाभा से प्रभावित थे। शास्त्रिय संगीत, मूर्तीकला तथा नित्य आदि क्षेत्रों के विषयों पर भी आपकी अच्छी पकङ थी। वे आधुनिक चित्रकारों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके चित्रों को खरीद कर टॉम्ब्रे स्थित संस्थान में सजाते थे। संगीत कार्यक्रमों में सदैव हिस्सा लेते थे और कला के दूसरे पक्ष पर भी पूरे अधिकार से बोलते थे, जितना कि विज्ञान पर। उनका मानना था कि सिर्फ विज्ञान ही देश को उन्नती के पथ पर ले जा सकता हैं। >>>
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24-01-2017, 05:21 PM | #55 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (24 जनवरी)
डॉ. होमी जहाँगीर भाभा / Dr. Homi Jehangir Bhaba होमी भाभा ने टाटा को एक संस्थान खोलने के लिए प्रेरित किया। टाटा के सहयोग से होमी भाभा का परमाणु शक्ति से बिजली बनाने का सपना साकार हुआ। भारत को परमाणु शक्ति संपन्न बनाने की महात्वाकांक्षा मूर्तरूप लेने लगी, जिसमें भारत सरकार तथा तत्कालीन मुम्बई सरकार का पूरा सहयोग मिला। नव गठित टाटा इन्सट्यूट ऑफ फण्डामेंटल रिसर्च के वे महानिदेशक बने। उस समय विश्व में परमाणु शक्ति से बिजली बनाने वाले कम ही देश थे। 24 जनवरी 1966 को जब वे अर्तंराष्ट्रीय परिषद में शान्ति मिशन के लिए भाग लेने जा रहे थे तो उन्हे ले जाने वाला बोइंग विमान 707 खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में डॉ भाभा की मौत हो गई । टॉम्ब्रे के वैज्ञानिकों ने इस असहनीय दुःख को सहते हुए पूरे दिन परिश्रम पूर्ण कार्य करके उन्हे सच्ची श्रद्धांजलि दी। लालफिताशाही से उन्हे सख्त चिढ थी तथा किसी की मृत्यु पर काम बन्द करने के वे सख्त खिलाफ थे। उनके अनुसार कङी मेहनत ही किसी महान व्यक्ति को डी जाने वाली सच्ची श्रद्धांजलि है। भारत सरकार ने 12 जनवरी 1967 को टॉम्ब्रे संस्थान का नामकरण उनके नाम पर यानि भाभा परमाणु अनुसन्धान केंद्र कर दिया। डॉ. होमी भाभा असमय चले गये किन्तु उनका सपना साकार हो गया, 1974 में भारत पूर्ण परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बन गया।
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25-01-2017, 07:56 AM | #56 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (25 जनवरी)
महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय / Sawai Jai Singh ll
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25-01-2017, 08:00 AM | #57 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (25 जनवरी)
महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय / Sawai Jai Singh ll आज से ठीक 317 वर्ष पूर्व अर्थात् 25 जनवरी सन 1700 के दिन महाराजा बिशन सिंह की असमय मृत्यु के उपरान्त कछवाहा वंश के 11 वर्षीय बालक जिनका जन्म के बाद का नाम विजय सिंह था, जो बाद में जय सिंह द्वितीय (या महाराजा सवाई जय सिंह) के नाम से प्रसिद्ध हुये, आमेर राज्य के सिंहासन पर आसीन हुये थे. अपने असाधारण ज्ञान, कौशल, कूटनीति, शौर्य तथा अपने कृतित्व के कारण भारतीय इतिहास के पन्नों में ही नहीं बल्कि लोगों के दिलों में भी जीवित हैं.
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26-01-2017, 11:41 AM | #58 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
केफ़ीआज़मी जी और मार्टिन लूथर के बारे में हमें नया कुछ जानने को मिला भाई बहुत बहुत धन्यवाद हमसे शेयर करने के लिए .
दूसरी बात ये कहना चाहूंगी की नया सूत्र जो की नई जानकारियों से भरपूर है उसे शुरू करने के लिए अनेकानेक बधाइयाँ |
28-01-2017, 10:30 AM | #59 | |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
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28-01-2017, 10:33 AM | #60 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (27 जनवरी)
कमलेश्वर / Kamleshwar
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