19-01-2015, 06:01 PM | #71 |
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Re: आशिकी-4
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19-01-2015, 06:02 PM | #72 |
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Re: आशिकी-4
निर्माता ने भड़ककर कहा- ‘‘अरे, इण्डियन फ़िल्म की हीरोइन है। उसे हीरो गन से डराएगा तो फ़िल्म सुपर-फ्लाॅप हो जाएगी। हमारे यहाँ लव-स्टोरी फ़िल्म की हीरोइन को उसी प्रकार विशेष दर्जा प्राप्त है जिस प्रकार धारा 370 के तहत जम्मू-काश्मीर को प्राप्त है। हमारे यहाँ लव-स्टोरी फ़िल्म का हीरो हीरोइन को डरा-धमका नहीं सकता, लेकिन हीरोइन हीरो को डराने-धमकाने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। यह ‘इण्डियन फ़िल्मी मोरल कोड’ है। आपकी समझ में नहीं आएगा।’’
हाॅलीवुड से आई टीम की समझ में बस इतना आया कि मामला ‘सिली इण्डियन कल्चर से रिलैटिड’ है। इसलिए हाॅलीवुड से आई टीम पूर्ववत् ‘समय के सदुपयोग’ में लग गई।
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20-01-2015, 06:40 PM | #73 |
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Re: आशिकी-4
निर्माता ने सभी की ओर प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा किन्तु किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि हीरोइन को कैसे मनाया जाए और उसे फिर से हाँकने के लिए कैसे तैयार किया जाए? सभी दिग्गज एक-दूसरे का मुँह देख रहे थे। तभी दर्शक-दीर्घा से आवाज़ आई- ‘‘अरे, हीरोइन नेता है। बिना रिश्वत लिए नहीं मानेगी। रिश्वत दे दो, तुरन्त मान जाएगी।’’ दर्शक-दीर्घा से आया विचार सभी को जँच गया और सभी दिग्गज समवेत स्वर में ‘वाह-वाह’ करने लगे। एक दिग्गज ने प्रशंसा करते हुए कहा- ‘‘वाह-वाह... क्या आइडिया है। हीरोइन नेता है। रिश्वत दे दो, हाँकने के लिए तुरन्त तैयार हो जाएगी।’’
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20-01-2015, 06:41 PM | #74 |
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Re: आशिकी-4
बाॅलीवुड के दूसरे दिग्गज ने कहा- ‘‘हीरोइन नेता है और मंत्री है। चवन्नी-अठन्नी रूपया-दो रूपया रिश्वत से तो मानेगी नहीं। इसलिए हीरो अपना सरकारी बंगला जो चुनाव हारने के बाद भी उसके कब्ज़े में था, अपना बंगला बताकर चालीस करोड़ में बेच देता है और चालीस करोड़ रूपया हीरोइन को रिश्वत दे देता है। रिश्वत पाकर नेता हीरोइन खुश हो जाती है और हाँकने के लिए तैयार हो जाती है।’’
सभी दिग्गज समवेत स्वर में ‘वाह-वाह’ करने लगे। एक दिग्गज ने प्रशंसा करते हुए कहा- ‘‘वाह-वाह... हीरो ने हीरोइन के लिए कितना बड़ा सैक्रफ़ाइस किया। सरकारी बंगले को अपना बंगला बताकर चालीस करोड़ में बेच दिया। वाह-वाह।’’
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20-01-2015, 06:42 PM | #75 |
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Re: आशिकी-4
निर्माता ने अपना संदेह व्यक्त किया- ‘‘सुनने में कुछ अजीब सा नहीं लग रहा? हीरोइन हीरो से चालीस करोड़ रिश्वत लेती है और हाँकने के लिए तैयार हो जाती है।’’
स्क्रीन-प्ले के दिग्गजों ने कहा- ‘‘हाँ, अजीब तो लग रहा है, मगर इस अजीब को ठीक करने का काम हमारा नहीं, डाइलाॅग राइटरों का है। हम तो सिर्फ़ कैचिंग-डाइलाॅग देते हैं।’’ निर्माता ने प्रश्नवाचक दृष्टि से डाइलाॅग राइटरों की ओर देखा। डाइलाॅग राइटरों ने आनन्-फानन में डाइलाॅग लिखकर काग़ज़ निर्माता को थमा दिया।
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20-01-2015, 06:44 PM | #76 |
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Re: आशिकी-4
निर्माता ने सभी को सुनाते हुए ज़ोर-ज़ोर से पढ़ना शुरू किया- ‘‘(हीरो हीरोइन के सामने एक अटैची खोलकर दिखाता है जिसमें चालीस करोड़ रूपया है। हीरोइन रूपया देखकर प्रश्नवाचक दृष्टि से हीरो को देखती है।) हीरो: पूरे चालीस करोड़ हैं। तुम्हारे लिए लाया हूँ। हीरोइन: मेरे लिए? हीरो: तुम इसे रख लो और प्लीज़... आज से हाँकना शुरू कर दो। हीरोइन: तुम मुझे हाँकने के लिए रिश्वत दे रहे हो? हीरो: हाँ... हीरोइन: (वाॅइस ओवर) उल्लू की दुम... हाँकने के लिए चालीस करोड़ रिश्वत लेकर आया है। बिना दिए नहीं जाएगा। तुरन्त ले लूँगी तो लालची समझेगा। इसलिए थोड़ा बहुत ना-नुकुर तो करना ही पड़ेगा... हीरोइन: (क्रोधपूर्वक) नहीं हाँकूँगी... नहीं हाँकूँगी... नहीं हाँकूँगी... ले जाओ अपना चालीस करोड़ रूपया। हीरो: (चतुराईपूर्वक) ऐसा नहीं कहते। पता है तुम्हें- रिश्वत में दी गई रकम लौटाना महापाप है। नर्क में जाओगी। हीरोइन: (घबड़ाकर) राम-राम... क्या कह रहे हो तुम? हीरो: बिल्कुल ठीक कह रहा हूँ। तुम्हारे भले के लिए कह रहा हूँ। रिश्वत लेकर उसे लौटाना नहीं, काम करना ही एक नेता का धर्म होता है। हीरोइन: ठीक है। तुम कहते हो मान लेती हूँ। रिश्वत लेकर हाँकना शुरू कर देती हूँ। तुम कितने अच्छे हो। तुमने मुझे बहुत बड़ा महापाप करने से बचा लिया।’’ सभी दिग्गज समवेत स्वर में ‘वाह-वाह’ करने लगे, किन्तु निर्माता ने मुँह बनाकर कहा- ‘‘अरे, हीरोइन का वाॅइस ओवर हटाइए। नहीं तो हीरोइन का निगेटिव रोल लगने लगेगा। बाकी डाइलाॅग ठीक है। बस थोड़ा बहुत मरम्मत की ज़रूरत है।’’ डाइलाॅग राइटरों ने बिना हुज्जत किए कहा- ‘‘ठीक है, आप कहते हैं तो वाॅइस ओवर हटा देते हैं। हम कोई रामायण-महाभारत थोड़े ही लिख रहे हैं।’’ फिर भी निर्माता ने सशंकित होकर पूछा- ‘‘एक बात बताइए- हीरो ने सरकारी बंगले को अपना बंगला बताकर बेचा है। हीरो जब फ़ोर्जरी करने के जु़र्म में फँसेगा तो उसे कौन बचाएगा? मंत्री हीरोइन?’’
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20-01-2015, 06:46 PM | #77 |
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Re: आशिकी-4
बाॅलीवुड के एक दिग्गज ने कहा- ‘‘ऐसा समझने की भूल भी न करिएगा। जब हीरो फँसता है तो मंत्री हीरोइन उसे और फँसा देती है। ऐसा करने से हीरोइन का पब्लिक में बड़ा नाम होता है। हीरो को फँसाने के बाद जब हीरोइन दुःखित होकर हीरो से मिलने जाती है तो हीरो उसे भला-बुरा कहने की जगह खुश होकर कहता है- ‘तुमने मुझे फँसाकर बड़ा अच्छा काम किया। तुम्हारा पब्लिक में बड़ा नाम हो रहा है। चुनावी वादा पूरा न करने के कारण पब्लिक तुमसे बहुत नाराज़ थी, लेकिन आज फिर पब्लिक की सिम्पथी तुम्हारे साथ है। अब तुम चुनाव आसानी से जीत लोगी। तुमने आज सिद्ध कर दिया- तुम देश की बहुत बड़ी नेता हो। एक नेता को इसी तरह खुदगर्ज़ होना चाहिए। अब मुझे यक़ीन हो गया- तुम एक दिन देश की पी॰एम॰ ज़रूर बनोगी।’ स्टोरी कैसी जा रही है?’’
निर्माता ने खुश होकर प्रशंसा करते हुए कहा- ‘‘वाह-वाह... कहानी में बहुत दम है। अब लव-स्टोरी में कुछ टर्निंग-पाॅइन्ट निकालिए, जिससे आडिअन्स अपनी सीट से दो फ़ीट उछल जाए।’’
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