My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Mehfil
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 22-01-2013, 12:17 AM   #31
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: हिंदी मंच और इसके सदस्य .............

6. अगले हफ़्ते से जरुर करेंगे।
पिछले हफ़्ते भी तो यही बोले थे….एक ही गोली बार बार?


7. अगले महीने से जरुर करेंगे।
अगले महीने तो तुम दूसरे कुछ जरुरी काम करने वाले हो, देखो हमको तुम्हारा पूरे साल का शिड्यूल पता है, झाम मत फैलाओ, चुपचाप पोस्ट लिख दो, वरना हम सबको बता देंगे कि अगले महीने नेपाल मे तुम किसके साथ……..। (इसके आगे का सेंसर कर दिया गया है)


8. अरे यार! घंटू चाचा अपने चार कुत्ते हमारे हवाले कर गए है, उसकी सेवा मे टाइम निकल जाता है।
तो घंटू को गरिआओ ना, उसको जित्ती गाली गलौच करनी है, सूत्र पर लिखो, गालियों का स्टॉक खत्म हो गया है तो हम देते है, एक से एक इन्नोवेटिव गालियां।

9. बड़ी बुआ अपनी बीमार बिल्ली लेकर शहर आ गयी हैं ……
देखो बन्धु , ये बिल्ली कुत्ते के चक्कर मे मंच भ्रमण बन्द करोगे तो अच्छा नही होगा।

10. घर बदल रहे है
सवाल ही नही, इससे अच्छा घर तुमको टटियाझनाका मे तो मिलने से रहा। ये झाम बेकार है।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 22-01-2013, 12:19 AM   #32
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: हिंदी मंच और इसके सदस्य .............


11. मंच-भ्रमण करते करते ऑफिस मे धर लिए गए थे, इसलिए आजकल नयी नौकरी ढूंढ रहे है।
दूसरी कोई कम्पनी तो तुमको झेलने से रही। नौकरी ढूंढने मे धक्के खा रहे हो, उसी पर लिख दो, ना जाने कब बीबीसी वालों की नजर पड़ जाए और अपने यहाँ छाप दें।

12. बन्धु, बहुत पोस्टिंग हो गयी थी, थोड़ा आराम कर लें।
सुना नही इत्ते बड़े बड़े ज्ञानी ध्यानी कह गए है कि आराम हराम है, फिर भी तुम ***पन करना चाहते हो?

13. अब रोज रोज क्या वही बकवास लिखे। कुछ क्लासिक सा घटित हो तब लिखेंगे।
हाँ ये बात सही कही, कम से कम अपने लिखे की कीमत तो आंकी। लेकिन भाई जो बकवास तुम लिखते हो, हो सकता है दूसरों के काम की हो, या दूसरे इस बकवास से नया लेख लिखने की प्रेरणा पाते हो। कम से कम उनके लिए ही लिखो। रही बात क्लासिक घटना की, तो भई तुम्हारे लिए हम कोई क्राइम तो करने से रहे।

14. अरे यार जिस दिन वो (क्लासिक) घटना हुई ना, उस दिन हम ……..(ऊपर के कोई बहाने तलाश लें)
वही है, या तो नौ मन तेल होगा, या राधा । दोनो एक साथ होंगे नही तो क्या नाच नही होगा? इसलिए लिखने के लिए किसी घटना का इंतजार मत करो, अगर ज्यादा जिद करोगे तो हमारे यहाँ पधारो, गाली गलौच हटाके जो मिले उसमे तो कई सारी पोस्ट बन जाएंगी।

15. लोगों से झूठी तारीफ सुनते सुनते थक गए थे, इसलिए थोड़ा ब्रेक लिया है।
अब तुम कोई डाक्टर राकेश श्रीवास्तव जी तो हो नही, जो लोग तुम्हारी सच्ची सच्ची तारीफ करेंगे। जो मिलता है लेते चलो, गनीमत है कि तारीफ मिल रही है, उनका सोचो जो सूत्र बनाते हैं पोस्ट लिखकर, दिन मे बीस बीस बार, मंच खोलकर, टिप्पणी ढूंढने की कोशिश करते है।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 22-01-2013, 12:22 AM   #33
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: हिंदी मंच और इसके सदस्य .............


16. आत्मचिंतन चल रहा है।
ये आत्मचिंतन और आत्ममंथन दिमाग वाले लोगो के शोशे है, तुम इस सब मे अपना समय वेस्ट मत करो।

17. लोगों की आलोचनाओं से दु:खी हो गए थे।
लानत है। गंजो को कंघा, शीशा और फिर बाल उगाने वाला तेल बेचते समय, ऊपर से विग भी बेची है तुमने हमको सब पता है। तब आलोचनाएं नही हुई थी? तब नही घबराए तो अब क्या घबराना।

18. कोई पढता तो था नही, लिखकर भी क्या तीर मार लेते।
ये तो सरासर झूठ है, कम से कम तुम तो पढते हो ना। यही काफी है, बाकी वो जय भारद्वाज है न वो भी जरुर पढेगा, उसको आइडिया इधर से ही मिलता है। दो हो गए ना, तीसरे हम है, फालतू है और कंही जा नही सकते। फिर गूगल है, आधा दर्जन एग्रीगेटर है, भूले भटके से*स वगैरह ढूंढते ढूंढते पाठक तुम्हारे सूत्र पर फटकते ही होंगे। उनके लिए लिखो।

19. विषयों का टोटा है।
तुम्हारे लिए विषयों का टोटा, भई बात कुछ हजम नही हुई। तुम जब कुत्ते बिल्लियों, रेडियो-टीवी, गली मोहल्ले पर पोस्ट लिख सकते हो, तो बाकी चीजों को काहे छोड़ रहे हो। सभी पर लिखो, आस पास देखो विषय ही विषय है।

20. आने वाली टिप्पणी और पोस्टिंग मे लगने वाले समय का अनुपात ठीक नही बैठ रहा था।
रहोगे टाटा बिरला ही। हर चीज मे बिजिनैस वाला दिमाग लगाते हो। आज टिप्पणी नही आयीं तो कल आएंगी, कल नही तो परसों।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 22-01-2013, 12:27 AM   #34
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: हिंदी मंच और इसके सदस्य .............

21. बहुत दिनो से वो मंच पर नहीं आयी है इसलिए ...
देखा घसीट लिया ना हमको भी। हम कोई भाग गए है क्या। आओ मिलो बैठो, चाय हुक्का पियों। वापस जाकर पोस्टिंग करो। किसने रोका है?

22. इतने सारे विषय है, सोच नही पा रहे किस पर लिखे।
पहले डिसाइड कर लो, विषयों का टोटा या बहुत सारे विषय है? जो भी हो, इस अंतर्द्वंद पर ही लिख मारो।

23. लोग बाग हमारे आइडिया चोरी कर ले गए है।
ये शर्मा की बात कर रहे हो? वो तो है ही ऐसा। प्राइवेट (बातों को) पब्लिक (मे छापकर) अनलिमिटेड (वाह वाही वाली) पोस्टिंग (लम्बी लम्बी पोस्ट के द्वारा) है उसकी। टेंशन मत लो, तुमको उसके घर मे ही चोरी कर आओ। ज्यादा बोले तो मेरे यहाँ ले आना, घेर कर लूटेंगे।

24. सारे विषय ही बासी हो गए है।
बासी ही परोस दो, कौन यहाँ पर फ़ूड इंस्पेक्टर आ रहे है। कोई फूड सूत्र थोड़े ही लिखे हो।

25. कब तक एक ही शराब को नयी नयी बोतलों में पैक करके परोसें?
बन्धु, जब तक पब्लिक डिमांड बनी रहे तब तक रैपर बदलते रहो। बाद में कुछ और रास्ता निकाल लेंगे। हाँ नहीं तो।

बाकी बिन्दुओं का पोस्टमार्टम रिपोर्ट चूहे कुतर गए हैं। उसके जो अवशेष बचे हैं .. मैं उन्हें कोशिश कर के चिपका रहा हूँ जैसे ही चिपक रिपोर्ट तैयार हुई ... बन्दा फिर आपके सामने होगा। इस बीच यदि आप कुछ बिदुओं का पोस्टमार्टम कर सको तो बल्ले बल्ले हो जाए। चलता हूँ ...............शुभरात्रि।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 25-01-2013, 11:07 PM   #35
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: हिंदी मंच और इसके सदस्य .............

पिछली प्रविष्टियों में मैंने पहले कुछ न लिखने के बहानों पर और बाद में कुछ बहानों के निराकरण पर चर्चा की थी। अब आगे ................................

आजकल जैसा कि हिन्दी मंचों मे एक सूखा/अकाल पड़ा हुआ है। कुछ इसलिये नही लिख रहे है कि टाइम नही मिलता, कुछ इसलिये नही लिख रहे कि कोई टिप्पणी नही करता और कुछ इसलिये नही लिख रहे है कि लोगो ने टिप्पणी करके आलोचना की। अब किसी को कितना समझाया जाय कि हिंदी मंच कोई साहित्य - सम्मलेन नही है, जो इतना परेशान हुआ जाय। बस मन की भड़ास है, निकाल दो। जितना जल्दी निकालोगे उतना जल्दी चैन आयेगा। अब जरा बात की जाय गंभीर लेखन की। हिंदी मंच के कई सदस्य इसलिये नही लिखते कि उनको मनमाफ़िक विषय नही लिखते। बोलते है, क्या लिखे कोई नया समाचार ही नही दिखता। अब भई आपके लिये नये समाचार जुगाड़ करने के लिये हम कोई अपराध तो करने से रहे। बस इतना कर सकते है कि आपको सलाह दे सकते है कि क्या क्या लिखा जा सकता है।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 25-01-2013, 11:10 PM   #36
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: हिंदी मंच और इसके सदस्य .............

तो श्रीमंत प्रस्तुत है सूत्र लेखन से सम्बंधित कुछ आइडिया :(पुराने सदस्य तो ऐसा कर रहे हैं। यह तो नए सदस्यों के लिए है)

१. कैसे करें?
हर बन्दे मे कोई ना कोई खास बात जरुर होती है, कोई कम्प्यूटर गुरु होता है कोई मोटर साइकिल मैकेनिक तो कोई अच्छा खानसामा(कुक)। कामन बात ये होती है कि तीनो किसी न हिंदी मंच के सदस्य होते हैं। तो भैया अपने अपने धन्धे के कुछ गुर ही लिख दो। हाँ ये जरुर ध्यान रखना कि आपके पेट पर लात ना पड़े।कुछ विषय हो सकते है ” बिल गेट्स की ऐसी तैसी कैसे करें?” या “अपनी मोटर साइकिल का टायर कैसे बदलें?” या फ़िर "बासी दाल मे तड़का कैसे लगायें?" आदि आदि। और कुछ नही तो टिप्स ही लिख डालिये।


२. लिस्ट बनायें :
अपने पूरे/अधूरे कामों की, खरीदे/बेचे सामानों की, मिली खुशियों की, छायी चिन्ताओं,सुख,दुख,राग,द्वेष,दोस्त दुशमन सबकी लिस्ट बनाये।और दूसरों से उसमे सलाह ले लें। कोई सही देगा, कोई गलत और कोई नही देगा, लेकिन आपकी भड़ास तो निकली ना।

३.विज्ञापन करें:
अगर आपको किसी की वैबसाइट, ब्लॉग, किताब,लेख या कुछ भी पसन्द आया तो उसके समर्थन मे ही (यदि सम्बंधित हिंदी मंच में ऐसा करना नियम विरुद्ध न हो तो) एक सूत्र लिख डालें।कोई जरुरी नही दूसरे आप से सहमत हो….सहमत हो तो ठीक नही..तो आपके घर से क्या गया? है कि नही।

४. साक्षात्कार:
आपके गाँव, कस्बे,शहर मे कोई महान हस्ती पधारी हो। आपको उनसे मिलने की बहुत इच्छा हो, और पुलिस वाला आपको उनके आसपास फ़टकने नही दे रहा हो, बस उस हस्ती के कान तक बात पहुँचा दो कि अमरीका की ब्लागस्पाट कम्पनी की तरफ़ से इन्टरव्यू लेने आये है। फ़िर देखना .... और चाय के साथ समौसे ना मिले तो कहना। बड़े लोगों मे इन्टरव्यू देने की एक खास बीमारी होती है जो पत्रकारों को देखकर और बढती है। बस आप कुर्ता पजामा डालकर, झोला बगल मे लटका कर, अगर कोई कैमरा हो तो उसे साफ़ सूफ़ करके निकल लीजिये साक्षात्कार लेने। बस फ़िर उसे चेप दीजिये अपने सूत्र पर। कोई पढे ना पढे, आपको चाय समौसा तो मिला। है कि नही?

५.रिव्यू/अवलोकन:
अगर आप भारतीय है तो फ़िल्मे तो देखते ही होंगे। चिपका दीजिये किसी फ़िल्म का रिव्यू। अगर निर्माता ने आपकी १०० रुपये का खून किया है तो आप भी उसके खिलाफ़ आग उगलिये। और अगर हिरोइन के आइटम डान्स ने बाबूराव का मन जीत लिया है तो लिख डालिये प्यार के दो बोल। क्या कहा? फ़िल्मे नही देखते….ओह हो…..राम गोपाल वर्मा को बहुत दुख होगा...खैर किताब तो पढते ही होंगे उसका रिव्यू…क्या कहा? वो भी नही…अच्छा संगीत?…वो भी नही…..अबे फ़िर यहाँ क्या कर रहा है, जा जाकर रजाई मे मुँह ओढकर सो। चले आते है खांमखा मे। लेना एक ना देना दो…।अरे अरे..आपको नही बोला….आप तो हमारे पाठक हो, आप चले जाओगे तो सूत्र कौन पढेगा।आप तो अगला आइडिया पढो।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 25-01-2013, 11:13 PM   #37
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: हिंदी मंच और इसके सदस्य .............

६.पिछली यादें :
पिछ्ली यादें ही छाप दीजिये या फ़िर कोई केस स्टडी ही छाप दीजिये…जैसे आपके पड़ोसी की बीबी कैसे भागी? या फ़िर करीना का आजकल हनीमून के लिए कहाँ गयी हैं । या फ़िर रातो रात अमीर कैसे बनें। कोई जरुरी नही आपने ये केस स्टडी की हो, बस कंही से भी उठा कर चेप दीजिये। लिखने मे आप का क्या जाता है, कोई अमीर बना तो लौट कर नही आयेगा और नही बना, तो भी उसके पास लौटने और सर्फ़ करने के पैसे नही बचेंगे। आप तो दोनो तरफ़ से फ़ायदे मे ही हो।

७.अनुसंधान का परिणाम :
किसी भी अनुसंधान का परिणाम छाप दीजिये। जैसे मेरे सूत्र पर कितने कितने लोग आते है। रोजना कौन कौन सा सदस्य लिखता है वगैरह वगैरह। परिणाम की परवाह मत करियेगा। किसी भी तरह की प्रतिक्रियाओं से मत डरियेगा, कौन सा आपने किया है,जिसने किया वो गालियां झेले, आप तो बस फ़ारवर्ड करने वाले हो। है कि नही? अब जल्दी से यहाँ पर लिख दीजिये।

८.नयी चीजों के बारे में :
कुछ भी नया दिखे, चिपका दो, अब वो किसी के मतलब का है कि नही उसकी चिन्ता करने बैठोगे तो लिख नही पाओगे। अब शहर मे नया सर्कस लगा हो, या फ़िर गूगल का कोई नया शगूफ़ा। लिखने से डरो मत।अगर ज्यादा डर लग रहा है तो पूर्वावलोकन/प्रथमावलोकन शब्द का प्रयोग करो। बाद मे कोई फैल जाय तो बोलना, मैने तो पहले ही कहा था पूर्वावलोकन/प्रथमावलोकन, किसी की मजाल है जो कुछ कह सके, अंग्रेजो ने शब्द ही ऐसे बनाये है, कोई पंगा ना ले सके।अगर पक्का ना भी हो तो अफ़वाहे ही उड़ा दो।

९.आक्रमण:
ये सबसे सही तरीका होता है और वैब ट्रेफ़िक भी बहुत आता है, किसी भी घटना/ लेख/सूत्र /प्रविष्टि की आलोचना करो, जोरदार शब्दों मे। बस सभी लोग जूतालात लेकर आपके सूत्र पर आ जायेंगे। बस आप आराम से अपने पैर पसार कर बैठ जाओ। और आप रातो रात मशहूर हो जायेंगे। यहाँ तक कि पड़ोसी मंचों के कई प्रविष्टि-उडाऊ सदस्य भी अपने मंच मे आपको सम्मान देंगे। लेकिन आपका क्या गया? कुछ नही… वैब ट्रेफ़िक तो आया, ट्रैफ़िक आयेगा तो गूगल भी पीछे पीछे आयेगा। बोलेगा, Adwords ले लो। बैठे बिठाये मशहूर हो जाओगे।

१०. पाठकों से पूछो:
अब आपके दिमाग मे कई सवाल है, तो चुप मत बैठो….दाग दो…कोई ना कोई तो जवाब दे ही देगा। एक बार पढने आयेगा, दूसरी बार जवाब देने। ऐसे मे लोगों को एक से बढकर एक जवाब देने मे बहुत मजा आता है। सवाल कई तरह के हो सकते है जैसे…. सलीम प्रेसवाले का प्रेस दस दिनो से खराब है, मेकेनिकों ने जवाब दे दिया है, है कोई ईलाज? या फ़िर मै घर से बेघर हो गया हूँ, नया ठिकाना कहाँ बनाऊ? आदि आदि।

__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 25-01-2013, 11:20 PM   #38
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: हिंदी मंच और इसके सदस्य .............

११. समाचार विचार:
कुछ लिखने को नही है, बस बीबीसी हिन्दी खोलो, जो सबसे चटपटा समाचार लगे, उसे पहले अपने सूत्र पर कट पेस्ट करो, फ़िर उस पर अपने विचार लिख दो। लेकिन समाचार बासी ना हो, नही तो लोग फ़टकेंगे भी नही। अंग्रेजी मंचों के सदस्य तो पूरे पूरे पैराग्राफ़ कट पेस्ट कर देते है, आप थोड़ा सा लिहाज करना।अंग्रेजी मंचों के सदस्य अपनी टिप्पणी और गाली गलौच टिप्पणी के माध्यम से कर सकते है।

१२. आत्मकथा:
कोई आपकी बात नही सुनता, कोई बात नही, आप अपनी आत्मकथा लिख डालिये। दो चार पन्ने लिखेंगे तो लोग झक मारकर गालियाँ देते हुए भी पढ ही लेंगे। नही भी पढेंगे तो आपका क्या गया? लेकिन ध्यान रखना, अपने प्यार व्यार की बाते संभालकर लिखियेगा नही तो घर पर बेलन वगैरह का इन्तजाम है। ये मत सोचियेगा श्रीमती जी सूत्र नही पढती, यहाँ तो देवरों द्वारा टेलीफ़ोन से टिप्पणियाँ पढकर सुनाई जाती है। फ़िर मत कहना पहले आगाह नही किया था।

१३. कवितायें/शेरो शायरी :
यदि आप कविता/शायरी लिखते हो और और सुनने के टाइम आपके सारे दोस्त भाग जाते है तो घबराइये नही, सूत्र पर छाप डालिये।कोई जरुरी नही आपकी अपनी कविता हो किसी भी शायर(ध्यान रखना, परलोक सिधारे हुए) का कलाम उठाकर चैंप दो। कोई बुरा नही मानेगा, मान भी लेगा तो ऊपर ही हिसाब किताब क्लियर करेगा, अभी तो कुछ नही बोलेगा। कोई उर्दू के शब्दों का अर्थ पूछे तो अलैक भाई की तरफ़ इशारा कर दो। फ़िर वो जाने और सवाल पूछने वाला, वो उसे गज़ल की परिभाषा पढाये बिना जाने नही देंगे, ये तो पक्का है।


१४. जीवनी और निबन्ध:
किसी पर भी जीवनी लिख डालो, हिम्मत है तो जिन्दा पर लिखो, और नही है तो स्वर्गवासी पर भी चलेगा। लेकिन एक बात जरुर ध्यान रखना विवरण सही हो। नही तो बहुत गालियाँ पड़ेंगी।

१५. चुटकले :
जब कुछ ना समझ मे आये तो चुटकले ही छाप दो, अंग्रेजी मे तो बहुत जगह होते है, अनुवाद करके चिपका दो, किसी को पता नही चलेगा। लोग पढकर हँसे तो ठीक, नही तो आपका क्या जाता है। आपने तो उन्हे हँसाने के पूरे पूरे प्रयत्न किये।


तो जनाब इतने सारे आप्शन है आपके पास, फ़िर भी आप नही लिखते तो मै क्या कर सकता हूँ
। कृपया ध्यान रखें कि इन आइडियाज को परखते समय अपने दिमाग की बत्तियाँ जलाए रखना। किसी भी प्रकार की प्रतिकूल परिस्थिति के लिए लेखक को दोषी ना ठहरा देना .. हाँ नहीं तो। यह बात पहले से ही बताए दे रहा हूँ।


(इस लेख की प्रेरणा मुझे एक अंगरेजी ब्लॉग से मिला)
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 27-01-2013, 05:31 PM   #39
confuse+
Member
 
Join Date: Jan 2013
Posts: 11
Rep Power: 0
confuse+ is on a distinguished road
Default

जय जी, बहुत मजेदार सूत्र है । बधाई स्वीकारेँ मित्र !

Last edited by confuse+; 27-01-2013 at 05:36 PM.
confuse+ is offline   Reply With Quote
Old 27-01-2013, 06:27 PM   #40
Awara
Special Member
 
Awara's Avatar
 
Join Date: Dec 2012
Location: फूटपाथ
Posts: 3,861
Rep Power: 23
Awara is a splendid one to beholdAwara is a splendid one to beholdAwara is a splendid one to beholdAwara is a splendid one to beholdAwara is a splendid one to beholdAwara is a splendid one to beholdAwara is a splendid one to behold
Default Re: हिंदी मंच और इसके सदस्य .............

गजब के लेख है, जय जी।
__________________
With the new day comes new strength and new thoughts.
Awara is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 08:52 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.