|
20-05-2014, 07:09 PM | #1 |
Member
Join Date: May 2014
Location: Mumbai
Posts: 225
Rep Power: 17 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
अच्छा धार्मिक सूत्र हें
|
12-06-2014, 04:16 PM | #2 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आपका हार्दिक आभार.........
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
09-07-2014, 12:59 PM | #3 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
वाल्मीकि रामायण पहली रामकथा नहीं - 27 - साधारणतः ये माना जाता है कि राम के जीवन पर सबसे पहला ग्रंथ महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण है। कुछ हद तक यह सच भी है लेकिन ऐसा नहीं है कि राम का पहली बार उल्लेख वाल्मीकि ने अपने ग्रंथ में किया था। वेदों में राम का नाम एक-दो स्थानों पर मिलता है। ऋग्वेद में एक स्थान पर राम के नाम का उल्लेख मिलता है, ये तो स्पष्ट नहीं है कि ये रामायण वाले ही राम हैं लेकिन ऋग्वेद में राम नाम के एक प्रतापी और धर्मात्मा राजा का उल्लेख है। रामकथा का सबसे पहला बीज दशरथ जातक कथा में मिलता है। जो संभवतः ईसा से 400 साल पहले लिखी गई थी। इसके बाद ईसा से 300 साल पूर्व का काल वाल्मीकि रामायण का मिलता है। वाल्मीकि रामायण को सबसे ज्यादा प्रमाणिक इसलिए भी माना जाता है क्योंकि वाल्मीकि भगवान राम के समकालीन ही थे और सीता ने उनके आश्रम में ही लव-कुश को जन्म दिया था। लव-कुश ने ही राम को दरबार में वाल्मीकि की लिखी रामायण सुनाई थी :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से :
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
14-07-2014, 12:20 PM | #4 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
सीता को माना है कृषि की देवी - 28 - ऋग्वेद में अकेले राम नहीं सीता का भी उल्लेख मिलता है। ऋग्वेद ने सीता को कृषि की देवी माना है। बेहतर कृषि उत्पादन और भूमि के लिए दोहन के लिए सीता की स्तुतियां भी मिलती हैं। ऋग्वेद के 10वें मंडल में ये सूक्त मिलता है जो कृषि के देवताओं की प्रार्थना के लिए लिखा गया है। वायु, इंद्र आदि के साथ सीता की भी स्तुति की गई है। काठक ग्राह्यसूत्र में भी उत्तम कृषि के लिए यज्ञ विधि दी गई है उसमें सीता के नाम का उल्लेख मिलता है तथा विधान बताया गया है कि खस आदि सुगंधित घास से सीता देवी की मूर्ति यज्ञ के लिए बनाई जाती है। रामकथा ही एकमात्र ऐसी कहानी है जिस पर ना जाने कितने ग्रंथ लिखे गए हैं। दुनियाभर में 400 से ज्यादा रामकथाएं प्रचलित हैं ऐसा कई शोधों में उल्लेख मिलता है। हर भाषा और हर वर्ग में एक राम कथा लिखी गई है। लाखों शोध पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से :
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
18-08-2014, 10:49 AM | #5 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
लंका दहन – सीता ने हनुमान को कंगन बेच कर फल खरीदने के लिए कहा था : 29 - हनुमान का लंका में जाकर सीता से मिलना, अशोक वाटिका उजाड़ना और लंका को जलाने वाला प्रसंग तो लगभग सभी को पता है। लेकिन कुछ रामकथाओं में इसमें भी बहुत अंतर मिलता है। जैसे 14वी शताब्दी में लिखी गई आनंद रामायण में उल्लेख मिलता है कि जब सीता से अशोकवाटिका में मिलने के बाद हनुमान को भूख लगी तो सीता ने अपने हाथ के कंगन उतारकर हनुमान को दिए और कहा कि लंका की दुकानों में ये कंगन बेचकर फल खरीद लो और अपनी भूख मिटा लो। सीता के पास दो आम रखे थे सीता ने वो भी हनुमान को दे दिए। हनुमान के पूछने पर सीता ने बताया कि ये फल इसी अशोक वाटिका के हैं, तब हनुमान ने सीता से कहा कि वे इसी वाटिका से फल लेकर खाएंगे :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से :
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
23-08-2014, 06:26 PM | #6 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
रावण की माता ने बचाए थे लक्ष्मण जी के प्राण : 30 - राम रावण युद्ध के समय जब लक्ष्मण जी मूर्छित थे तो हनुमान जी संजीवनी के रूप में पर्वत ही लेकर आ गए। संजीवनी आगमन के उपरांत राज वैध श्री सुषैण ने कहा कि इस संजीवनी को खरल में रगडऩे के लिए दो चार बूंदे आंसूओं की चाहिए और वो आंसू उस व्यक्ति के होने चाहिए जो आपने जीवन काल में कभी रोया न हो। गंभीर समस्या खड़ी हो गई। आखिर वैध सुषेण जी ने ही उपाय सुझाया कि," रावण की माता कैकशी अपने जीवन काल में कभी नहीं रोई, अगर उसके आंसू मिल जाए तो शीघ्र ही लक्ष्मण जी की मूर्छा को दूर किया जा सकता है।" हनुमान जी इस कार्य के लिए लंका में रावण की माता के राजभवन में गए। हनुमान जी ने पहले तो रावण की माता को जाकर प्रेमपूर्वक बोला," माता जी! आपको रोना पड़ेगा। आप शीघ्र रोएं, हमें आपके आंसूओं की दो-चार बूंदे अभी चाहिए।" रावण की माता क्रोधित होते हुए हनुमान जी से बोली,"चले जाओ यहां से हम क्यों रोएंगे? हम किसी किम्मत पर नहीं रोएंगे। एक तो तुम दुश्मन हो ऊपर से तुम्हारा इतना साहस हमें रोने को कह रहे हो।" हनुमान जी ने बहुत विनय की मगर कैकशी ने एक न मानी। तब हनुमान जी ने अपने साथ लाई हुई दो बड़ी हरी र्मिच रावण की माता की बड़ी बड़ी राक्षसी आंखों में घुसेड़ दी तो वो एकदम चिल्लाकर ऊंचे स्वर में रोने लगी। उसकी आंखों से टपटप आंसूओं की छड़ी लग गई। हनुमान जी बहुत प्रसन्न हुए उनका काम जो बन गया था। उन्होंने झटपट कुछ आंसुओं की बूंदे संचित की और अपनी पवन गति से मूर्छा स्थल पर आ गए। वैध ने संजीवनी में आंसू की बूंदे मिश्रित कर खरल किया और उसके सूघंने से लक्ष्मण जी को जीवन दान मिला :......... साभार :.........
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
09-09-2014, 12:03 PM | #7 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
विभीषण के लिए बनाई थी नई लंका : 31 - सेरीराम रामायण सहित कुछ रामायणों में एक प्रसंग मिलता है कि रावण ने विभीषण को समुद्र में फेंकवा दिया था। वह एक मगर की पीठ पर चढ़ गया, बाद में हनुमान ने उसे बचाया और राम से मिलवाया। विभीषण के साथ रावण का एक भाई इंद्रजीत भी था और एक बेटा चैत्रकुमार भी राम की शरण में आ गया था। राम ने विभीषण को युद्ध के पहले ही लंका का अगला राजा घोषित कर दिया था। रंगनाथ रामायण में उल्लेख मिलता है कि विभीषण के राज्याभिषेक के लिए हनुमान ने एक बालूरेत की लंका बनाई थी। जिसे हनुमत्लंका (सिकतोद्भव लंका) के नाम से जाना गया। कुछ ग्रंथों में ये भी उल्लेख मिलता है कि अशोक वाटिका में सीता की पहरेदारी करने वाली राक्षसी त्रिजटा विभीषण की ही बेटी थी। हनुमान ने राम को बताया था कि विभीषण से हमें मित्रता कर लेनी चाहिए क्योंकि उसकी बेटी त्रिजटा सीता के प्रति मातृवत यानी माता के समान भाव रखती है :......... दैनिक भास्कर के सौजन्य से :
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
09-09-2014, 12:14 PM | #8 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
32 - अभी तक लिखी गई रामकथाओं में सबसे ज्यादा प्रचलित ये कथाएं हैं : संस्कृत - वाल्मीकि रामायण - वाल्मीकि, योगवासिष्ठ या 'वशिष्ठ रामायण' - वशिष्ठ, अध्यात्म रामायण - वेद व्यास, आनन्द रामायण, अगस्त्य रामायण, अद्भुत रामायण, रघुवंशम् - कालिदास। हिन्दी - रामचरितमानस - हिन्दी (अवधी), राधेश्याम रामायण-हिन्दी, पद्मचरित (जैन रामायण) -अपभ्रंश (विमलसूरि कृत)। ओड़िसी भाषा - जगमोहन रामायण या दाण्डि रामायण या ओड़िआ रामायण - बलराम दास, बिशि रामायण - बिश्वनाथ खुण्टिआ, सुचित्र रामायण - हरिहर, कृष्ण रामायण - कृष्ण चरण पट्टनायक, केशब रामायण - केशब पट्टनायक, रामचन्द्र बिहार - चिन्तामणी, रघुनाथ बिलास - धनञ्जय भञ्ज, बैदेहीशबिलास - उपेन्द्र भञ्ज, नृसिंह पुराण - पीताम्बर दास, रामरसामृत सिन्धु - काह्नु दास, रामरसामृत - राम दास, रामलीला - पीताम्बर राजेन्द्र, बाल रामायण - बलराम दास, बिलंका रामायण - भक्त कवि शारलादास। तेलुगु - भास्कर रामायण, रंगनाथ रामायण, रघुनाथ रामायणम्, भोल्ल रामायण। कन्नड़ - कुमुदेन्दु रामायण, तोरवे रामायण, रामचन्द्र चरित पुराण, बत्तलेश्वर रामायण :......... सौजन्य :
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
16-10-2014, 06:41 PM | #9 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 116 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
33 - अन्य भाषाओं में राम कथा : कथा रामायण – असमिया कृत्तिवास रामायण – बांग्ला भावार्थ रामायण - मराठी राम बालकिया – गुजराती रामावतार या गोबिन्द रामायण - पंजाबी ( गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा रचित) रामावतार चरित – कश्मीरी रामचरितम् – मलयालम रामावतारम् या कंबरामायण - तमिल मन्त्र रामायण- गिरिधर रामायण चम्पू रामायण आर्ष रामायण या आर्प रामायण अनामक जातक - बौद्ध परंपरा दशरथ जातक - बौद्ध परंपरा दशरथ कथानक - बौद्ध परंपरा रामायण - मैथिली (चन्दा झा) विदेशों में रामायण : नेपाली - भानुभक्तकृत रामायण, सुन्दरानन्द रामायण, आदर्श राघव। कंबोडिया – रामकर तिब्बत - तिब्बती रामायण पूर्वी तुर्किस्तान - खोतानी रामायण इंडोनेशिया – ककबिनरामायण जावा - सेरतराम, सैरीराम, रामकेलिंग, पातानी रामकथा। इण्डोचायना - रामकेर्ति (रामकीर्ति), खमैर रामायण बर्मा (म्यांम्मार) - यूतोकी रामयागन थाईलैंड - रामकियेन :......... सौजन्य :
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
15-07-2014, 12:59 PM | #10 |
Member
Join Date: May 2014
Location: Mumbai
Posts: 225
Rep Power: 17 |
Re: रामायण की वो रोचक बातें :.........
अतिउत्तम जानकारिया.
|
Bookmarks |
Tags |
धर्म, नवरात्रि पर्व, महाशिव रात्रि, रामायण, वास्तु |
|
|