09-03-2013, 11:43 PM | #1 |
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लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
Last edited by rajnish manga; 12-03-2013 at 03:22 PM. |
09-03-2013, 11:45 PM | #2 |
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
कुछ कवियों ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है जिनमे कुछ प्रमुख नाम हैं – एडवर्ड लीयर और ओगडेन नैश आदि. एडवर्ड लीयर को पांच पंक्तियों वाले छंद का आविष्कारक माना जाता है लेकिन लीयर इससे इंकार करते हैं और कहते है कि इसके बारे में उनके एक मित्र ने उन्हें बताया था. सन 1846 में लीयर के लिमरिक संगह का प्रकाशन हुआ जिसमे लीयर के लिखे 215 लिमरिक दिए गए थे. वास्तव में देखा गया है कि इससे पूर्व भी लिमरिक लेखन अलग अलग समय पर एक छंद के रूप में प्रयोग किया जाता रहा. यहाँ तक की विलियम शेक्सपीयर ने भी लिमरिक छंद में कुछ प्रयोग किये हैं. एडवर्ड लीयर के बाद तो कई लोगों ने लिमरिक छंद में कवितायें लिखीं जिनमे से कुछ तो 19 वीं शताब्दी के अंग्रेजी के जाने माने लेखक हैं.
कुछ लोगों का मत है कि लिमरिक का प्रयोग मुख्यतः योरोप में काफी पहले से औरतों की और मर्दों की पार्टियों में हंसी मज़ाक के उद्देश्य से भी किया जाता रहा है. Last edited by rajnish manga; 09-03-2013 at 11:51 PM. |
09-03-2013, 11:55 PM | #3 |
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
एडवर्ड लीयर को लिमरिक का कवि श्रेष्ठ भी कहा जाता है क्योंकि लिमरिक की लोकप्रियता में उसका बहुत बड़ा हाथ है. अन्य कवियों, विशेषकर ओगडेन नेश, ने शायद एडवर्ड लीयर की तुलना में बेहतर लिमरिक लिखे लेकिन एडवर्ड लीयर का अलग ही अंदाज़ था. उदाहरण के लिए हम एडवर्ड लीयर द्वारा रचित निम्नलिखित लिमरिक आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे है
There was a young lady of Niger Who smiled as she rode on a tiger; They returned from the ride With the lady inside, And the smile on the face of the tiger. —attributed to Edward Lear |
11-03-2013, 12:51 AM | #4 |
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
The Art Of Writing Limericks
A limerick can be rather funny when the syllables are on the money. But when none of it fits it can give you the shits Would you stop writing limericks, sonny? -Herbert Nehrlich
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
11-03-2013, 10:39 AM | #5 | |
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
Quote:
छुट्टी से वापिस आने पर आपका स्वागत, अलैक जी. सुन्दर लिमरिक योगदान के लिए भी धन्यवाद. There was a young lady named Bright Who traveled much faster than light. She set out one day, In a relative way, And came back the previous night. —Anonymous |
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11-03-2013, 06:07 PM | #6 | |
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
Quote:
लिमरिक भी हो सकता है इतना हास्य प्रधान, चुनिन्दा शब्दों का मेल बना देता है इसे महान, यदि शब्दों के युग्म मिलें न, पाठक गण के ह्रदय खिले न, लिमरिक लिखने से बेहतर है सोना लम्बी तान. |
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11-03-2013, 06:11 PM | #7 |
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
There was a young lady named Bright
Who traveled much faster than light. She set out one day, In a relative way, And came back the previous night. —Anonymous वह इक सुन्दर युवती थी सब कहते थे उसको ब्राईट, पर स्पीड के कारण उसकी कहते ‘फास्टर दैन लाईट’ इक दिन घर से निकल पड़ी, सापेक्षिकता में वह थी जकड़ी, ब्रह्माण्ड का चक्कर लगा, आई वापिस पिछली नाईट. (अनुवाद/ रजनीश मंगा) Last edited by rajnish manga; 11-03-2013 at 06:25 PM. |
11-03-2013, 06:21 PM | #8 |
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
An inventor set sail from Rangoon
On a flying machine to the moon; He has not yet come back, And his wife, who's in black, Hopes to draw his insurance check soon. एक खोजकर्ता दोस्त ने जब छोड़ा रंगून, रोकेट पर वो बैठ कर पहुंचा सीधा मून; वापिस अब तक आया नहीं, माथा पत्नि का ठनका वहीँ, ‘बीमा वालों को करती हूँ अब मैं टैलीफून’. (अनुवाद/ रजनीश मंगा) |
11-03-2013, 06:29 PM | #9 |
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
There was once a poet named Immerick,
Who worked forty days on a "limerick," At the end of which time. He remarked of his rhyme, "There's a limp in the limb of my limerick." एक शायर मित्र का शुभ नाम था ईमरिक, चालीस दिन का श्रम, ईनाम था ‘लिमरिक’ पर तुक का रहा विवाद, बोला ‘मैं हो गया बरबाद’ एक ओर को झुका हुआ बेजान था लिमरिक. (अनुवाद/ रजनीश मंगा) Last edited by rajnish manga; 11-03-2013 at 06:35 PM. |
12-03-2013, 03:58 PM | #10 |
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Re: लिमरिक कविता (Limerick Poetry)
There once was a wonderful ape.
Who gave up his skin for a cape. Now he swings in the trees, All exposed to the breeze, Which leaves him in very bad shape. एक समय की बात है जंगल में था बनमानुस. कोट बनाने की खातिर बाल दे गया भलमानुस. वृक्ष वृक्ष अब दोड़ेगा, खुली हवा में छोड़ेगा, ठंडी ठंडी आहें सर्दी के मौसम में हो कर फुस. (अनुवाद/ रजनीश मंगा) |
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