My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Miscellaneous > Travel & Tourism

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 29-04-2014, 09:07 AM   #1
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default गिरौदपुरी (छत्तीसगढ़) में कुतुब मीनार सा जै

यात्राः गिरौदपुरी (छत्तीसगढ़) में कुतुब मीनार की तरह जैतखाम


आलेख श्रेय: विनोद साव

गिरौदपुरी स्थित जैतखाम्ब, चित्र गूगल से साभार कुतुबमीनार की तरह उंचा दिखने वाला टावर कोसों दूर से ही दिख जाता है। साथ में बैठे मार्ग दर्शक ने बताया था कि रात में ’इस मीनार की सुंदरता देखते बनती है भइया...इसकी रोशनी झिलमिल हो उठती है।’ पास आने से इसकी भव्यता बढ़ती चली जाती है। यह क्रीमी सफेद है और इसका परिसर बड़ा है। इसका भवन नीचे विशाल गोलाकार है और क्रमशः संकरा होता हुआ उपर की ओर जाता है।अमूमन इस तरह के भवन विन्यास वेध शालाओं के रुप में कहीं कहीं दिखते हैं जो तारों और नक्षत्रों को देखने के लिए बनाए जाते हैं। भवन का नक्षा दूरबीन की तरह का है, ऐसे लगता है जैसे कोई बड़ी दूरबीन जमीन पर रख दी गई हो। इनमें भवन के भीतर बाहर कई स्थानों पर सुन्दर कॉचों को करीने से मढ़ा गया है। भीतर काम करते एक तकनीशियन ने बताया था कि ’यह आठ मंजिला भवन है और इसकी उंचाई चौंहत्तर मीटर है। इसमें जाने के लिए लिफ्ट है पर अभी उद्घाटन नहीं हुआ है।’’ यह भवन सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरु घासीदास को समर्पित है। उनके संदेशों के ध्वज वाहक जैतखाम के रुप में इसका निर्माण किया गया है, अब यह सबसे बड़ा जैतखाम हो गया है। जैतखाम ध्वज लगा लकड़ी का स्तंभ होता है जिसकी स्थापना के बाद यह सतनामी समाज का उपासना स्थल होता है। यह मूर्ति पूजा से परे उपासना पद्धति है। नया राज्य बनने के बाद भवन निर्माण कला की दृष्टि से कुछ दर्शनीय भवन बने हैं जैसे अम्बिकापुर का रेलवे स्टेशन, रायपुर स्टेडियम, नया रायपुर में मंत्रालय भवन और गिरौदपुरी का यह जैतखाम।

गुरु घासीदास की जन्म भूमि गिरौदपुरी की यह दूसरी यात्रा थी। पहली बार छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले यहॉ आया था तब बारनवापारा के जंगलों की भरपूर नैसर्गिक सुंदरता देखते आया था। तब यहॉ छोटे छोटे कुछ सफेद रंगों वाले मंदिर थे जो बियावान इलाके में थे पर अब तस्वीर बदली हुई है। तपोभूमि पर सुन्दर प्रवेशद्वार बना है और बाहर किसी बड़े तीर्थ स्थानों की तरह दुकानों के कई पंडाल हैं। इनमें नारियल, अखरोट है और कई किसम के फल हैं। गुरु घासीदास के कई आकर्शक चित्र हैं, उन पर साहित्य है, उनके संदेशों को प्रसारित करने वाले पंथी गीतों के सी.डी. हैं, और ढेरों किसम की माला मुंदरियॉ। पर्यटकों के लिए तुरन्त फोटो निकालकर देने वाला फोटोग्राफर है।

यहॉ अध्यात्म का रंग भगवा नहीं सफेद है जैसे शान्ति का रंग सफेद माना गया है। पूरा मंदिर परिसर सफेद है। मंदिरों के पुजारी सफेद बंडी और धोतियों में हैं। इनके माथे पर चंदन का टीका सफेद है। साफ सफाई की व्यवस्था में लगी महिलाओं की साड़ियॉ और ब्लाउज सफेद हैं। इनमें नीले रंग की बारीक किनारी होती है। सफाई के प्रति भी वैसा ही उत्साह है जो पंथी नृत्यों को करते समय इनमें दिखता है कमर की लहकन के साथ। हम पंथी गीतों के साथ मांदर बजाकर झूमती हुई नृत्य मंडली के सभी सदस्यों को सफेद वस्त्रों में ही पाते हैं। महिलाएं भी सफेद वस्त्रों को पहनकर पंथी नाच लेती हैं। पिछले दिनों गुरु घासीदास पर बनी एक फिल्म आई है जिसमें दुल्हन को भी सफेद वस्त्र पहने दिखलाया गया है, पर अब रंगीन वस्त्रों का चलन भी होने लगा है, लेकिन गिरौदपुरी धाम में परंपरागत श्वेत वस्त्र अपनी आध्यात्मिक शान्ति बिखेर रहे हैं। इनके पंथी नर्तकों में भिलाई के देवदास बंजारे ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की और पंथी गीत और नृत्य को नई उंचाइयॉ दीं अपने इस नए मीनारों वाले जैतखाम की तरह।

प्रशासन चाहे तो एक मामूली से दिखने वाले स्थान को सुविधा जनक और आकर्शक बना सकता है। प्रशासन की यह कुशलता गिरौदपुरी में देखने में आयी और एक वीराने में पड़े सिद्ध स्थल को उसके अनुकुल सजाया बसाया है। घाटियों और पहाड़ियों के बीच इसके एक किलोमीटर वाले उतार चढ़ाव को टाइल्स तथा चिकने पत्थरों से मढ़ा गया है। किनारे बने उंचे फुटपाथ भी थके राहगीरों के सुस्ताने एवं उनमें बैठकर भोजन करने के लिए उपयुक्त हैं। फुटपाथ के पीछे पीछे चलती हुई नदी है। चरण कुण्ड और अमृत कुण्ड के ठंडे जल श्रोतों से दर्शनार्थियों की प्यास बुझती है। कुछ किलोमीटर दूर छातापहाड़ की मनोरम हरियाली है जहॉ गुरु घासीदास ने छह महीने तपस्या की थी। यह सुन्दर चमकदार पत्थरों का पहाड़नुमा ढेर है। यहॉ वीरानी सौन्दर्य है जिसकी जलवायु स्वास्थ्य वर्द्धक लगती है। कहा जा सकता है कि अपने कुतुब मीनारी जैतखाम, हरे भरे मनोरम दृश्यों और आध्यात्मिक केन्द्रों के कारण यह छत्तीसगढ़ राज्य का एक अच्छा विजिटिंग पाइण्ट हो गया है।

लौटते समय जैतखाम का उंचा टावर दूर तक दिखता है जिसकी गगन चुम्बी उंचाई है इस अंचल की संत परम्परा के सर्वोपरि गुरु घासीदास की यश-पताका लिए जिन्हें सामाजिक विषमताओं और जातिवाद को दूर करने की लड़ाई में अपने दो पुत्रों को खोना पड़ा था। उनके संदेशों की स्वर लहरी यहॉ गूंजती रहती हैः

सतनाम के हो बाबा, पूजा करौं सत नाम के
सतकाम के हो बाबा, पूजा करौं जैतखाम के


__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 14-03-2016, 03:39 PM   #2
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 65
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default Re: गिरौदपुरी (छत्तीसगढ़) में कुतुब मीनार सा जै

एइसा लगा कुछ पलों के लिए मैं छत्तीसगढ़ पहुँच गई बहुत खुबसूरत है तस्वीर .. धन्यवाद भाई .
soni pushpa is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
chhattigarh, girodpuri जैतखम्ब

Thread Tools
Display Modes

Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 03:50 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.