18-08-2011, 11:35 PM | #11 |
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Re: ღ॰॰॰ღ मेरी प्यारी प्यारी माँ ღ॰॰॰ღ
कई बार रातों में उठकर
दूध गरम कर लाती होगी मुझे खिलाने की चिंता में खुद भूखी रह जाती होगी मेरी तकलीफों में अम्मा, सारी रात जागती होगी ! बरसों मन्नत मांग गरीबों को, भोजन करवाती होंगी ! सुबह सबेरे बड़े जतन से वे मुझको नहलाती होंगी नज़र न लग जाए, बेटे को काला तिलक, लगाती होंगी चूड़ी ,कंगन और सहेली, उनको कहाँ लुभाती होंगी ? बड़ी बड़ी आँखों की पलके,मुझको ही सहलाती होंगी ! सबसे सुंदर चेहरे वाली, घर में रौनक लाती होगी अन्नपूर्णा अपने घर की ! सबको भोग लगाती होंगी दूध मलीदा खिला के मुझको,स्वयं तृप्त हो जाती होंगी ! गोरे चेहरे वाली अम्मा ! रोज न्योछावर होती होंगी ! रात रात भर सो गीले में , मुझको गले लगाती होगी अपनी अंतिम बीमारी में , मुझको लेकर चिंतित होंगीं बच्चा कैसे जी पायेगा ,वे निश्चित ही रोई होंगी ! सबको प्यार बांटने वाली,अपना कष्ट छिपाती होंगी ! अपनी बीमारी में, चिंता सिर्फ लाडले ,की ही होगी ! गहन कष्ट में भी, वे ऑंखें , मेरे कारण चिंतित होंगी ! अपने अंत समय में अम्मा ,मुझको गले लगाये होंगी ! मेरे नन्हें हाथ पकड़ कर ,फफक फफक कर रोई होंगी !
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25-08-2011, 06:31 PM | #12 |
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Re: ღ॰॰॰ღ मेरी प्यारी प्यारी माँ ღ॰॰॰ღ
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10-09-2011, 07:55 AM | #13 |
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Re: ღ॰॰॰ღ मेरी प्यारी प्यारी माँ ღ॰॰॰ღ
१- आसमान ने कहा.... "माँ एक इन्द्रधनुष है, जिसमें सभी रंग समाये हुए हैं।"
२- शायर ने कहा.... "माँ एक ऐसी गजल है, जो सबके दिल में उतरती चली जाती है।" ३- माली ने कहा.... "माँ एक दिलकश फूल है, जो पूरे गुलशन को मह्काता है।" ४- औलाद ने कहा.... "माँ ममता का अनमोल खजाना है, जो हर दिल पर कुर्बान है।" ५- वाल्मीकि जी ने कहा.... "माता और मातर भूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊँचा है।" ६- वेद व्यास जी ने कहा.... "माता के समान कोई गुरु नही है।" ७- पैगम्बर मोहम्मद साहब ने कहा.... "माँ वह हस्ती है, जिसके क़दमों के नीचे जन्नत है।" |
23-09-2011, 08:32 PM | #14 |
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Re: ღ॰॰॰ღ मेरी प्यारी प्यारी माँ ღ॰॰॰ღ
ऊँगली पकड के पापा की
जब चलना मैंने सीखा था पास लेटकर उनके मैंने चाँद सितारे देखे थे , बड़े दिनों के बाद याद , पापा की गोदी आती है ! पता नहीं क्यों आज मुझे उस घर की यादें आती हैं पता नहीं जाने क्यों मेरा मन रोने को करता है , बार बार क्यों आज मुझे यादें उस घर की आती हैं बड़े दिनों के बाद आज , पापा सपने में आए थे ! पता नहीं मां क्यों मन को,मैं आज न समझा पाई हूँ क्यों लगता अम्मा मुझको इकलापन सा इस जीवन में क्यों लगता मां , जैसे कोई गलती की, लड़की बन के ! बड़े दिनों के बाद आज यादें उस घर की आयीं हैं ! पता नहीं मां सावन में ,यह ऑंखें क्यों भर आईं हैं किस घर को अपना बोलूं ? मां किस दर को अपना मानूं भाग्यविधाता ने क्यों मुझको जन्म दिया है , नारी का, बड़े दिनों के बाद आज भैया की याद सताती है पता नहीं क्यों सावन में पापा की यादें आती है ! आज बाग़ में बच्चों को जब मैंने देखा झूले में , अपना बचपन याद आ गया जो मैं भुला चुकी, कब से बड़े दिनों के बाद आज क्यों बिसरी यादें आती हैं ! पता नही क्यों याद मुझे, पापा की पप्पी आती है ! तुम सब भले भुला दो लेकिन मैं वह घर कैसे भूलूँ ? तुम सब भूल गए भैय्या पर मैं वे दिन कैसे भूलूँ ? बड़े दिनों के बाद आज , उस घर की यादें आती हैं ! पता नहीं क्यों आज मुझे मां तेरी यादें आती हैं !
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23-09-2011, 08:51 PM | #15 |
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Re: ღ॰॰॰ღ मेरी प्यारी प्यारी माँ ღ॰॰॰ღ
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25-09-2011, 02:02 AM | #16 |
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Re: ღ॰॰॰ღ मेरी प्यारी प्यारी माँ ღ॰॰॰ღ
माँ ममता त्याग तपस्या और बलिदान है !
माँ जिंदगी की किताब और अनंत ज्ञान है !! माँ से सभ्यता संस्कृति और संस्कार है ! माँ से मानवता अपनत्व और संसार है !! माँ है तो बचपन है स्कूल है हाँथ में दूध की कटोरी है ! माँ है तो ममता है दुलार है निदिया की लोरी है !! माँ जीवन सवांरती है उसके असंख्य रूप होते है ! माँ जिनके साथ नहीं होती वो ममता के लिए रोते है !! जबतक बच्चे घर नहीं आते माँ को नींद नहीं आती ! माँ सीने से लगाती है थपकी देकर सुलाती है !! माँ बच्चो पर आती विपदा सहर्ष हर लेती है ! भूख गरीबी कुटिया में भी जीवन गुजार देती है !! माँ मरियम फातिमा पन्नाधाय में नजर आती है ! माँ गीता बाईबल और कुरान में नजर आती है !! इस भौतिकता की आभा में हम परछाई पकड़ने जाते है ! घर में बूढ़े माँ-बाप के लिए कुछ काम सौप के जाते है !! वो सेवा वो सत्कार कहाँ अहंकार हमारी बाड़ी है ! हम माँ की ममता भूल चुके घर-घर की यही कहानी है !! माँ के दूध का कर्ज चुकाया नहीं जा सकता ! माँ- बाप का स्थान दूसरा ले नहीं सकता !! माँ-बाप के आशीषों से लोग जिंदगी की ऊँचाईया छूलेते है ! वो लोग अज्ञानी अहंकारी है जो माँ-बाप से मुंह मोड़ लेते है !! माँ-बाप का सम्मान करो उन्हें असहनीय शब्द मत बोलो ! माँ-बाप के लिए ब्रिधा-आश्रम के नहीं अपने घर के दरवाजे खोलो !! माँ-बाप के लिए ब्रिधा-आश्रम के नहीं अपने घर के दरवाजे खोलो !!
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25-09-2011, 07:25 AM | #17 |
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Re: ღ॰॰॰ღ मेरी प्यारी प्यारी माँ ღ॰॰॰ღ
अच्छी प्रस्तुति हे सभी की
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