My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Hindi Literature
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 06-12-2013, 09:00 PM   #51
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

ईश्वर की खोज

इब्राहीम आधी रात में अपने महल में सो रहा था। सिपही कोठे पर पहरा दे रहे थे। बादशाह का यह उद्देश्य नहीं था कि सिपाहियों की सहायता से चोरों और दुष्ट मनुष्यों से बचा रहे, क्योंकि वह अच्छी तरह जानता था कि जो बादशाह न्यायप्रिय है, उसपर कोई विपत्ति नहीं आ सकती, वह तो ईश्वर से साक्षात्कार करना चाहता था।

एक दिन उसने सिंहासन पर सोते हुए किसके कुछ शब्द और धमाधम होने की आवाज सुनी।

वह अपने दिल में विचारने लगा कि यह किसीकी हिम्मत है, जो महल के ऊपर चढ़कर इस तरह धामाके से पैरे रक्खे! उसने झरोखों से डांटकर कहा, 'कौन है?"

ऊपर से लोगों ने सिर झुकाकर कहा, "रात में हम यहां कुछ ढूंढ़ने निकले हैं।"

बादशाह ने पूछा, "क्या ढूंढ़ने निकले हैं?"

लोगों ने उत्तर दिया, "हमारा ऊंट खो गया है उसे।"

बादशाह ने कहा, "ऊपर कैसे आ सकता है?"

उन लोगों ने उत्तर दिया, "यदि इस सिंहासन पर बैठकर, ईश्वर से मिलने की इच्छा की जा सकती है तो महल के ऊपर ऊंट भी मिल सकता हैं।"

इस घटना के बाद बादशाह को किसीने महल में नहीं देखा। वह लोगों की नजर से गायब हो गया।

[इब्राहीम का आन्तरिक गुण गुप्त था और उसकी सूरत लोगों के सामने थी। लोग दाढ़ी और गुदड़ी के अलावा और क्या देखते हैं?]

Last edited by rajnish manga; 24-07-2014 at 09:02 AM.
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 24-07-2014, 07:55 AM   #52
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

प्रसिद्ध सूफ़ी संत बाबा बुल्ले शाह जी
^


^
प्रसिद्ध सूफ़ी संत बाबा बुल्ले शाह जी
आलेख आभार: श्री राम कुमार सेवक

दीपक घर में जलता है, घर को रोशन करता है. दहलीज पर जलता है तो बाहर और भीतर दोनों को प्रकाशित करता है. वही दीपक जब समुद्र तट पर स्थित ऊंची मीनार पर जलता है तब संसार भर को रौशनी देता है तथा प्रकाशसतम्भ कहलाता है. यह प्रकाश सतम्भ दूर से ही जहाजों को रास्ता दिखाकर साहिल तक पहुँचाने में मददगार साबित होता है.

अध्यात्मिक जगत में अनेकों ऐसे संत हुए, जिन्होंने अपने जीवन और वचनों से संसार का कल्याण किया. उनकी वाणियाँ प्रकाश सतम्भ की तरह, अज्ञान के अंधकार में भटक रही रूहों को ज्ञान के प्रकाश में आने कोप्रेरित करने का कार्य कर रही हैं. पाकिस्तान स्तिथ पंजाब में ऐसे ही एक महान संत हुए - बुल्ले शाह जी (जिन्हें बुल्लेशाह कादरी शातारी भी कहा जाता है.) जिनकी काफियां लगभग तीन सदियों के बाद भी उसीताज़गी, पाकीज़गी, श्रद्धा और प्यार से गायी जाती है.

__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 24-07-2014, 07:57 AM   #53
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

साधको-ऋषियों-मुनियों के देश हिंदुस्तान में संत तुकाराम जी, तुलसीदास जी, कबीरदास जी, मीराबाई, सहजोबाई, पल्टू साहिब, दादू दयाल जी, रैदास जी, नामदेव जी, आदि अनेकों ऐसे संत हुए जिनकी वाणियाँ और उपदेशजन मानस पर गहरा असर रखते हैं. उनकी वाणियाँ बहुत श्रद्धा से पढ़ी, सुनी और गायी जाती हैं. इन सन्तों, फकीरों पर वेदांत, इस्लाम, सूफीरूहानी साधना और, सदगुरु की कृपा के कारण उधार के विचारों व्पुस्तकीय अध्यन की जगह ये सन्त-सदगुरु से प्राप्त आत्मसाक्षात्कार के आधार पर ज्ञान और भक्ति की बारीकियों को न केवल बुलंदी से कहते रहे हैं, बल्कि मूल रास्ते से भटके श्रधालुओं को कभी सहजता से तो कभीकठोर शब्दों के द्वारा भी सही राह की तरफ लाने का कार्य भी करते रहे हैं. इसी श्रुंखला में बुल्लेशाह जी का नाम भी सत्य के प्रकश से दैदीप्यमान है.

बुल्लेशाह जी का जनम सन 1680 में रियासत बहावलपुर (वर्तमान पाकिस्तान) के गाँव 'उच्च गलानिया' में हुआ. बाद में वे अपने माता-पिता के साथ मलकवाल (तहसील साहिवाल) में अपने पूर्वजों के गाँव मेंरहने चले गए और अंतत: वे 'पांडोके) गाँव चले गए, जहाँ उनके पिता शाह मोहम्मद दरवेश गाँव की मस्जिद के मौलवी के साथ-साथ गाँव के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा देने का कार्य भी करते थे. वे अरबी, फारसी भाषाव् पाक कुरान के अच्छे विद्वान थे और उनका झुकाव अध्यात्म की और था.

बुल्लेशाह और उनकी बहन में परस्पर बहुत स्नेह था और दोनों ने ही अविवाहित रहकर भक्ति व् संयम वाला जीवन व्यतीत किया.


__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 24-07-2014, 08:09 AM   #54
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

बाबा बुल्ले शाह

^
^
उच्च चरित्र का अनुसरण करने व् नेक जीवन जीने के कारण शाह मोहम्मद को 'दरवेश' कहकर आदर दिया जाता था. आज भी बुल्लेशाह के पिता की मज़ार 'पांडोके भट्टिया' में है, जहाँ हर साल उनका उर्स लगता है और रात कोबुल्लेशाह की काफियां गायी जाती हैं. बुल्लेशाह ने अपने पिता के पास गाँव में ही प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की. बौद्धिक और चारित्रिक विशेषताओं से समृद्ध बुल्लेशाह ने उस समय के प्रसिद्ध नगर कसूर मेंजाकर ख्याति प्राप्त शिक्षक हजरत गुलाम मुर्तजा से उच्च शिक्षा प्राप्त की. उन्होंने अपने श्रेष्ठ शिक्षकों की शिक्षा व् संगती का पूरालाभ लिया और अनेकों भाषाओं के श्रेष्ठ विद्वान बने.

बुल्लेशाह ने धर्मशास्त्रोंके अध्यन से मन में अध्यात्म की चंगरी पैदा की और ज्ञान प्राप्ति की तड़प उन्हें कामिल मुर्शद हज़रत शाह इनायत कादरी के द्वार तक खींच लाई.

वे सूफी फकीर थे और यह मानते थे की नेकी-बदी एक ही पेड़ की दो शाखाएं हैं जो मीठे और कड़वे फल देने वाली हैं.

नफ़स (मन) या खुदी (अहंकार) के खिलाफ़ लड़ा गया जेहाद (धार्मिक युद्ध) तलवार से लड़े गए युद्ध से कहीं अधिक प्रभावशालीहै.

सच्चा सूफ़ी वही है, जो संसार को त्यागने की अपेक्षा निर्लेप भाव से गृहस्थी में रहकर अर्थात कर्तव्य पालन करके आदर्श जीवन जिए ताकि अन्य लोग भी इससे लाभ उठायें.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 24-07-2014, 08:37 AM   #55
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

बाबा बुल्ले शाह

आसक्ति का त्याग अधिक शक्तियों को जागृत करने में सहयोग देता है.

रीति-रिवाजों से ऊपर उठकर प्रभुमय जीवन जीना चाहिए.

बाहरी वेशभूषा व् कर्मकांडों आदि में विश्वास की जगह मनुष्य को सदगुरु, सन्त या पीर द्वारा परमात्मा को पाने का प्रयास करना चाहिए.

परमात्मा, सदगुरु या पीर रूप में संसार में प्रकट होता है.

रज़ा, सबर, एकांत और फ़ख के साथ ह्रदय को उदार रखना चाहिए.

बुल्ले शाह केगुरु इनायत शाह का डेरा लाहौर में था. अराईं जाति के इनायत शाह को अनायत लाहौरी के नाम से भी जाना जाता था, जो बागबानी, खेती-बाड़ी का कार्य करते थे. सन 1728 में उनकी मृत्यु लाहौरमें हुयी, वहीँ उनका मकबरा भी बना हुआ है. बुल्लेशाह ने कई सिद्धियाँ प्राप्त की हुई थीं, मगर फिर भी प्रभु मिलन की प्यास बरक़रार थी. वे कामिल मुर्शद की तलाश में इनायत शाह की बगीची के पास पहुंचे और 'बिस्मिल्लाह' कहकर पेड़ों पर नज़र डाली तो आम धड़ाधड़ा नीचे गिरने शुरू हो गए. इनायत शाह पास में ही प्याज़ रोप रहे थे. उन्होंने बुल्लेशाह पर नज़र डाली और पूछा, "क्या चाहता है?" तथा "तेरा नाम क्या है?" बुल्लेशाह ने कहा, "मैं बुल्ला हूँ, रब को पाना चाहता हूँ." इनायत शाह ने कहा, "बुल्लेया रब दा की पाणा एधरों पुटना ओधर लाणा" अर्थात मन को संसार से हटाकर परमात्मा से जोड़ना है.

__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 24-07-2014, 08:56 AM   #56
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

बाबा बुल्ले शाह
एक परिचय

पंजाब की माटी की सौंधी गन्ध में गूंजता एक ऐसा नाम जो धरती से उठकर आकाश में छा गया| वे ही भारतीय सन्त परम्परा के महान कवि थे जो पंजाब की माटी में जन्मे, पले और उनकी ख्याति पूरे देश में फैली| ऐसे ही पंजाब के सबसे बड़े सूफी बुल्ले शाह जी हुए हैं|

बुल्ले शाह का मूल नाम अब्दुल्लाशाह था| आगे चलकर इनका नाम बुल्ला शाह या बुल्ले शाह हो गया| प्यार से इन्हें साईं बुल्ले शाह या बुल्ला कहते| इनके जीवन से सम्बन्धित विद्वानों में अलग-२ मतभेद है| इनका जन्म 1680 में उच गीलानियो में हुआ| इनके पिता शाह मुहम्मद थे जिन्हें अरबी, फारसी और कुरान शरीफ का अच्छा ज्ञान था| वह आजीविका की खोज में गीलानिया छोड़ कर परिवार सहित कसूर (पाकिस्तान) के दक्षिण पूर्व में चौदह मील दूर "पांडो के भट्टिया" गाँव में बस गए| उस समय बुल्ले शाह की आयु छः वर्ष की थी| बुल्ले शाह जीवन भर कसूर में ही रहे|

इनके पिता मस्जिद के मौलवी थे| वे सैयद जाति से सम्बन्ध रखते थे| पिता के नेक जीवन के कारण उन्हें दरवेश कहकर आदर दिया जाता था| पिता के ऐसे व्यक्तित्व का प्रभाव बुल्ले शाह पर भी पड़ा| इनकी उच्च शिक्षा कसूर में ही हुई| इनके उस्ताद हजरत गुलाम मुर्तजा सरीखे ख्यातनामा थे| अरबी, फारसी के विद्वान होने के साथ साथ आपने इस्लामी और सूफी धर्म ग्रंथो का भी गहरा अध्ययन किया|
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)

Last edited by rajnish manga; 24-07-2014 at 09:03 AM.
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 24-07-2014, 09:01 AM   #57
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

बाबा बुल्ले शाह
गुरु की छत्रछाया में

परमात्मा के दर्शन की तड़प इन्हें फकीर हजरत शाह कादरी के द्वार पर खींच लाई| हजरत इनायत शाह का डेरा लाहौर में था| वे जाति से अराई थे| अराई लोग खेती-बाड़ी, बागबानी और साग-सब्जी की खेती करते थे| बुल्ले शाह के परिवार वाले इस बात से दुखी थे कि बुल्ले शाह ने निम्न जाति के इनायत शाह को अपना गुरु बनाया है| उन्होंने समझाने का बहुत यत्न किया परन्तु बुल्ले शाह जी अपने निर्णय से टस से मस न हुए| परिवार जनों के साथ हुई तकरार का जिक्र उन्होंने इन शब्दों में किया -

बुल्ले नूं समझावण आइयां
भैणा ते भरजाइयां
मन्न लै बुल्लिआ साडा कहणा
छड दे पल्ला, राइयां|
आल नबी औलाद अली नूं
तूं क्यों लीकां लाइयां?

भाव- तुम नबी के खानदान से हो और अली के वंशज हो| फिर क्यों अराई की खातिर लोकनिंदा का कारण बनते हो| परन्तु बुल्ले शाह जी जाति भेद-भाव को भुला चुके थे| उन्होंने उत्तर दिया -

जेहड़ा सानूं सैयद आखे
दोजख मिले सजाइयां |
जो कोई सानूं, राई आखे
भिश्ती पींगा पाइयां||

भाव - जो हमे सैयद कहेगा उसे दोजख की सजा मिलेगी और जो हमे अराई कहेगा वह स्वर्गो में झूला झूलेगा|

__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 24-07-2014, 09:07 AM   #58
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

बाबा बुल्ले शाह
गुरु की छत्रछाया में

बुल्ले शाह व उनके गुरु के सम्बन्धों को लेकर बहुत सी बातें प्रचलित हैं| एक दिन इनायत जी के पास बगीचे में बुल्ले शाह जी पहुँचे| वे अपने कार्य में व्यस्त थे जिसके कारण उन्हें बुल्ले शाह जी के आने का पता न लगा| बुल्ले शाह ने अपने आध्यात्मिक अभ्यास की शक्ति से परमात्मा का नाम लेकर आमो की ओर देखा तो पेडो से आम गिरने लगे|

गुरु जी ने पूछा, "क्या यह आम आपने तोड़े हैं?"

बुल्ले शाह ने कहा, “न तो मैं पेड़ पर चढ़ा और न ही पत्थर फैंके| भला मैं कैसे आम तोड़ सकता हूँ?”

बुल्ले शाह को गुरु जी ने ऊपर से नीचे तक देखा और कहा, "अरे तू चोर भी है और चतुर भी|" बुल्ला गुरु जी के चरणों में पड़ गया|

बुल्ले ने अपना नाम बताया और कहा मैं रब को पाना चाहता हूँ| साईं जी ने कहा, "बुल्लिहआ रब दा की पौणा| एधरों पुटणा ते ओधर लाउणा|" इन सीधे - सादे शब्दों में गुरु ने रूहानियत का सार समझा दिया कि मन को संसार की तरफ से हटाकर परमात्मा की ओर मोड़ देने से रब मिल जाता है| बुल्ले शाह ने या प्रथम दीक्षा गांठ बांध ली| सतगुरु के दर्शन पाकर बुल्ले शाह बेखुद हो गया और मंसूर की भांति बेखुदी में बहने लगा| उसे कोई सुध - बुध नहीं रही|

__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 24-07-2014, 09:09 AM   #59
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

बाबा बुल्ले शाह
गुरु की छत्रछाया में

कहते हैं कि एक बार बुल्ले शाह जी की इच्छा हुई कि मदीना शरीफ की जियारत को जाए| उन्होंने अपनी इच्छा गुरु जी को बताई| इनायत शाह जी ने वहाँ जाने का कारण पूछा| बुल्ले शाह ने कहा कि "वहाँ हजरत मुहम्मद का रोजा शरीफ है और स्वयं रसूल अल्ला ने फ़रमाया है कि जिसने मेरी कब्र की जियारत की, गोया उसने मुझे जीवित देख लिया|" गुरु जी ने कहा कि इसका जवाब मैं तीन दिन बाद दूँगा| बुल्ले शाह ने अपने मदीने की रवानगी स्थगित कर दी| तीसरे दिन बुल्ले शाह ने सपने में हजरत रसूल के दर्शन किए| रसूल अल्ला ने बुल्ले शाह से कहा, "तेरा मुरशद कहाँ है? उसे बुला लाओ|" रसूल ने इनायत शाह को अपनी दाई ओर बिठा लिया| बुल्ला नजरे झुकाकर खड़ा रहा| जब नजरे उठीं तो बुल्ले को लगा कि रसूल और मुरशद की सूरत बिल्कुल एक जैसी है| वह पहचान ही नहीं पाया कि दोनों में से रसूल कौन है और मुरशद कौन है|

बुल्ले शाह जी लिखते हैं -

हाजी लोक मक्के नूं जांदे
असां जाणा तख्त हजारे |
जित वल यार उसे वल काबा
भावें खोल किताबां चारे |

प्रेम मार्ग में छोटी सी भूल नाराजगी का कारण बन जाती है| बुल्ले शाह की छोटी सी भूल के कारण उनका मुरशद नाराज हो गया| मुरशद ने बुल्ले शाह की क्यारियों की तरफ से अपनी कृपा का पानी मोड लिया| प्रकाश अंधकार में और खुशी गमी में बदल गई| शिष्य के लिए यह भीषण संताप की घड़ी आ गई| जब मुरशद ने उन्हें डेरा छोड़ने को कह दिया| वह विरह की आग में तड़पने लगा| मुरशद ने जब देखा कि वियोग की अग्नि में बुल्ले शाह कुंदन बन गया है तो उन्होंने उसकी गलती माफ कर दी| इस प्रकार फिर से सूखी क्यारियों को पानी मिल गया| बुल्ले शाह की आत्मा सतगुरु की आत्मा के रंग में डूब गई, दोनों में कोई भेद न रहा|
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 24-07-2014, 09:12 AM   #60
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: प्राचीन सूफ़ी संत और उनका मानव प्रेम

बाबा बुल्ले शाह
गुरु की छत्रछाया में

इस अवस्था का वर्णन बुल्ले शाह ने इस तरह किया है -

रांझा - रांझा करदी नी मैं आपे रांझा होई |
रांझा मैं विच मैं रांझे विच होर ख्याल न कोई ||

बुल्ले शाह जी का देहांत 1757 ईस्वी में कसूर में हुआ| पंजाब में सूफी कवियों की लम्बी परम्परा है| परन्तु किसी अन्य सूफी कवि द्वारा अपने मुरशद के प्रति ऐसी श्रद्धा अभिव्यक्त नहीं की गई| इन्होंने अपने मुरशद को सजण, यार, साईं, आरिफ, रांझा, शौह आदि नामो से पुकारा है|

साहित्यिक देन

बुल्ले शाह जी ने पंजाबी मुहावरे में अपने आप को अभिव्यक्त किया| जबकि अन्य हिन्दी और सधुक्कड़ी भाषा में अपना संदेश देते थे| पंजाबी सूफियों ने न केवल ठेठ पंजाबी भाषा की छवि को बनाए रखा बल्कि उन्होंने पंजाबियत व लोक संस्कृति को सुरक्षित रखा| बुल्ले शाह ने अपने विचारों व भावों को काफियों के रूप में व्यक्त किया है| काफी भक्तों के पदों से मिलता जुलता काव्य रूप है| काफिया भक्तों के भावों को गेय रूप में प्रस्तुत करती हैं इसलिए इनमे बहुत से रागों की बंदिश मिलती है| जन साधारण भी सूफी दरवेशों के तकियों पर जमा होते थे और मिल कर भक्ति में विभोर होकर काफियां गाते थे| काफियों की भाषा बहुत सादी व आम लोगों के समझने योग्य हैं| बुल्ले शाह लोक दिल पर इस तरह राज कर रहे थे कि उन्होंने बुल्ले शाह की रचनाओं को अपना ही समझ लिया| वह बुल्ले शाह की काफियों को इस तरह गाते थे जैसे वह स्वयं ही इसके रचयिता हों| इनकी काफियों में अरबी फारसी के शब्द और इस्लामी धर्म ग्रंथो के मुहावरे भी मिलते हैं| लेकिन कुल मिलाकर उसमे स्थानीय भाषा, मुहावरे और सदाचार का रंग ही प्रधान है|

__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
प्राचीन सूफ़ी संत, बुल्ले शाह, शेख़ सादी, सूफी संत, bulle shah, hazrat nizamuddin aulia, shaikh sadi, sufi, sufi saint, sufi saints


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 09:55 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.