22-10-2017, 09:02 AM | #231 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
Hamid Ali Khan @ Ajit of Bollywood (जीवन यात्रा 21/1/1922 से 22/10/1998 तक) हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) Last edited by rajnish manga; 22-10-2017 at 09:06 AM. |
24-10-2017, 12:12 AM | #232 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (24 October)
इस्मत चुगताई / Ismat Chugtai सुप्रसिद्ध उर्दू कथाकार Born: 15 Aug 1915
(Somewhere the year is mentioned as 1911 ) Died: 24 Oct 1991 इस्मत चुगताई का जन्म 15 अगस्त, 1915 में बदायूं के एक उच्च मध्यवर्गीय परिवार में हुआ. वे दस भाई बहन थे, जिनमें इस्मत आपा का नौवां नंबर था. छह भाई और चार बहनें. बहनों की शादी के बाद उन्हें बहनों का साथ कम और भाइयों का साथ उन्हें ज्यादा मिला. अब लड़कों के साथ रहना तो उनकी जैसी हरकतें और आदतें सीखना भी लाजिमी था. इस तरह इस्मत आपा बिंदास हो गईं, और हर वह काम करतीं जो उनके भाई करते. जैसे फुटबॉल से लेकर गिल्ली डंडा तक खेलना. इस तरह उनके बिंदास व्यक्तित्व का निर्माण हुआ, जिसकी झलक उनकी लेखनी में देखने को मिली. आधुनिक उर्दू अफसानागोई के चार आधार स्तंभ माने जाते हैं, जिनमें मंटो, कृशन चंदर, राजिंदर सिंह बेदी और चौथा नाम इस्मत चुगताई का आता है.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) Last edited by rajnish manga; 24-10-2017 at 11:26 PM. |
24-10-2017, 11:29 PM | #233 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
इस्मत चुगताई / Ismat Chugtai
उनकी ‘लिहाफ’ नामक कहानी पर खूब विवाद हुआ व अश्लीलता का आरोप लगा और उन पर मुकद्दमा चलाया गया. यह सन 1946 की बात है. वे फिल्मों से भी जुडी रहीं. यहाँ तक कि फिल्म जूनून (1979) में अभिनय भी किया. उनकी कहानी पर आधारित फिल्म ‘गरम हवा’ को फिल्मफेयर तथा राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान किया गया. दुनिया से विदाई भी कम विवादास्पद नहीं थी 24अक्तूबर, 1991 को उनका निधन मुंबई मे हो गया. लेकिन विवाद यहां भी कायम रहे. उनका दाह संस्कार किया गया, जिसका उनके रिश्तेदारों ने विरोध किया. हालांकि कई ने कहा कि उनका वसीयत में ऐसा लिखा गया था. इस्मत आपा की प्रमुख किताबें कहानी संग्रह: चोटें, छुई-मुई, एक बात, कलियां, एक रात, शैतान उपन्यास: टेढ़ी लकीर, जिद्दी, दिल की दुनिया, मासूमा, जंगली कबूतर, अजीब आदमी आत्मकथा: कागजी है पैरहन
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
24-10-2017, 11:33 PM | #234 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (24 October)
गिरिजा देवी / Girija Devi सुप्रसिद्ध ठुमरी गायिका Born: May 8, 1929 (Varanasi / UP)
Died: Oct 24, 2017 (Kolkata / WB) मशहूर ठुमरी गायिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी का मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. पिछले कई दिनों से उनका बीएम बिड़ला नर्सिंग होम में इलाज चल रहा था. ठुमरी क्वीन के नाम से मशहूर गिरिजा संगीत की दुनिया का जाना-माना चेहरा थीं. उनका निधन भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. उनके चाहने वाले उन्हें प्यार से अप्पा जी कहकर बुलाते थे. उनका जन्म 8 मई 1929 को बनारस में हुआ था. उनके पिता हारमोनियम बजाते थे और संगीत सिखाते थे. गिरिजा ने 5 साल की उम्र में सारंगी वादक सरजू प्रसाद मिश्रा से ख्याल और टप्पा गाना सीखा था. उन्होंने 9 साल की उम्र में फिल्म 'याद रहे' में काम किया था.
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25-10-2017, 11:11 PM | #235 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (25 October)
साहिर लुधियानवी / Sahir Ludhianvi Renowned Urdu Poet and lyricist
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25-10-2017, 11:22 PM | #236 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (25 October)
साहिर लुधियानवी / Sahir Ludhianvi
उनके लिखे कुछ भावपूर्ण गीत:
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26-10-2017, 11:23 PM | #237 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (26 October)
शहंशाह जलालुद्दीन मो. अकबर / Akbar The Great
(15 October 1542– 26 October 1605) Note: Date of Akbar's death is also mentioned as 25 or 27th October at some places.
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27-10-2017, 12:15 AM | #238 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (26 October)
पं. डी वी पलुस्कर / Pt. D V Paluskar (28 May 1921 - 26 October 1955) -------------------------------------------------------- हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के शिखर पुरुष पं. पलुस्कर ने कुछ फिल्मों में भी अपने संगीत की छाप छोड़ी है (फिल्म बैजू बावरा में उस्ताद अमीर खां के साथ गाया उनका गीत 'आज गावत मन मोरा झूम के' संगीत प्रेमियों को भूल नहीं सकता). उनके पिता पं. विष्णु दिगंबर पलुस्कर एक महान संगीतज्ञ थे जिन्होंने सन 1901 में गन्धर्व संगीत महाविद्यालय की स्थापना की थी. पिता का उनके जीवन तथा गायन पर बहुत प्रभाव पड़ा. वे महाराष्ट्र में ग्वालियर घराने के विकास से जुड़े रहे.
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27-10-2017, 10:56 PM | #239 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (27 October)
विजय मर्चेंट / Vijay Merchant
Renowned Cricketer -------------------------------------------------------- जन्म : 12 अक्टूबर, 1911 मृत्यु : 27 अक्टूबर, 1987 विजय सिंह माधव सिंह मर्चेन्ट का जन्म एक धनी परिवार में 12 अक्टूबर 1911 को मुम्बई में हुआ था । जब वह मात्र 15 वर्ष के थे तब उन्होंने एक मैच में दो शतक बना दिए । 5 फुट 7 इंच की ऊंचाई हो जाने पर उन्होंने अपना फुटवर्क सुधारते हुए गेंद के बेहतरीन ‘कट’ लगाने आरम्भ कर दिए। कैरियर के दौरान उनकी उपलब्धियाँ उन्होंने 18 वर्षों के दौरान 10 टैस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 859 रनबनाए । रणजी ट्राफी मैचों में उन्होंने 47 पारी खेलीं जिसमें 16 बार शतक लगाए और आश्चर्यजनक औसत (98.75) से उन्होंने 3639 रन बनाए और उन्होंने मीडियम पेस ऑफ स्पिन गेंद फेंकते हुए 31.87 के औसत से 65 विकेट लिए । उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कैरियर अत्यन्त शानदार रहा । इसमें उनका बल्लेबाजी का औसत 71.64 रहा । यह औसत क्रिकेट के सम्राट डान ब्रैडमैन के बाद दूसरे नम्बर पर आता है ।उन्होंने मात्र 10 टैस्ट मैच खेले जिनमें उनका अधिकतम स्कोर 154 रहा जो उन्होने 1951-52 में बनाया था | इंग्लैंड के दो दौरों के दौरान जो 10 वर्ष के अन्तराल पर थे, उन्होंने 4000 से अधिक रन बनाए । उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में 44 शतक बनाए जिनमें 11 बार 200 से अधिक रन बनाए । एक बार वह 359 नॉट आउट भी रहे थे । 1937 में उन्हें ‘विजडन क्रिकेटर आफ द ईयर’ (wisden cricketer of the year) चुना गया |
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27-10-2017, 11:19 PM | #240 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (27 October)
विजय मर्चेंट / Vijay Merchant
Renowned Cricketer --------------------------------------------------------
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