20-10-2014, 12:45 PM | #1 |
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'पेंच-समुदाय'
जहाँ तक पुस्तक पर प्रतिबन्ध की बात है- बड़े भाग्यशाली होते हैं वे लेखक जिनकी कृतियों पर प्रतिबन्ध लगता है. कृतियों पर पेंच फँसाने वाले सभी महानुभावों को कोटिशः धन्यवाद. मैं स्वयं ऐसे अच्छे और महान व्यक्तियों की खोज में हूँ जो अपने खर्चे पर पेंच फँसा सकें. आवश्यकता पड़ने पर ऐसे अच्छे पेंच फँसाने वाले मिलते कहाँ हैं? पेंच फँसाने वाले सभी महानुभावों को यह जानकर अतीव प्रसन्नता का अनुभव होगा कि आप के महान ‘पेंच-समुदाय’ के लिए मैं एक अद्वितीय पुस्तक लिख रहा हूँ और पुस्तक पर पेंच फँसाने के लिए आप सबका हार्दिक स्वागत है. जो सबसे अधिक पेंच फँसाएगा उसे आकर्षक इनाम भी दिया जायेगा. पेंच फँसाने वाले ऐसे सभी महानुभावों से सादर अनुरोध है कि वह अपना पसंदीदा विषय हमें पहले से बता दें जिस पर पेंच फँसाकर उन्हें हार्दिक प्रसन्नता का अनुभव हो. आखिर आप अपने खर्चे पर पेंच फँसा रहे हैं न! पुस्तक लिखने और प्रकाशित होने के बाद यह कहकर निराश और मायूस न करियेगा कि ‘इस विषय पर हम पेंच नहीं फंसाते. कोई दूसरी पुस्तक लाइए तब हम सोचेंगे कि पेंच फँसाया जाये या नहीं?’ अतः पेंच फँसाने वाले सभी महानुभावों से अनुरोध है कि अपने सम्पूर्ण बॉयो-डाटा के साथ आवेदन-पत्र यथाशीघ्र प्रस्तुत करें और अपने आवेदन-पत्र में यह स्पष्ट रूप से लिखें कि पेंच फँसाने में आपको कितने वर्ष का अनुभव है जिससे हमें यह पता चल सके कि आप कायदे से पेंच फँसा पाएँगे या नहीं!
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