29-08-2013, 07:20 PM | #101 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
29-08-2013, 07:24 PM | #102 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
एक कन्या कुमारी
हमरे दिल में उतर गयी हाय एक मीठी कटारी हमरे दिल में उतर गयी हाय
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
29-08-2013, 07:25 PM | #103 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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29-08-2013, 07:25 PM | #104 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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29-08-2013, 07:25 PM | #105 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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29-08-2013, 07:27 PM | #106 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
चलो ... बस अब रंग बंद करो ... और गंगा में स्नान करो ...कल से फिर बनारस भ्रमण आरम्भ ....
हर हर गंगे ... हर हर भोले ,,,
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29-08-2013, 08:20 PM | #107 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
बेहतरीन........................................... .................
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30-08-2013, 07:13 PM | #108 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
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30-08-2013, 07:21 PM | #109 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
उपरोक्त दोनों चित्र फिल्म "घाट" की शूटिंग की दौरान लिए गए थे। इनमे से एक चित्र में एक मछुवारा अपना जाल समेत रहा है, एक पहलवान कसरत कर रहा है, एक व्यक्ति पूजा कर रहा है, एक ब्राह्मण स्नान करने जा रहा है जबकि एक निम्न वर्ण की स्त्री घाट की सीढ़ियों पर बैठकर अपने स्नान की प्रतीक्षा कर रही है। दूसरे चित्र में स्नान करके आ रहा ब्राह्मण निम्न वर्ण की स्त्री को देख कर क्रोधित हो रहा है क्यों कि उस स्त्री की छाया स्नान किये हुए ब्राह्मण पर पड़ गयी है। मानव की मानव के प्रति दुर्व्यवहार की चरम स्थिति का का दुखद चित्रण।
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30-08-2013, 07:22 PM | #110 |
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Re: वाराणसी (बनारस) दर्शन
स्वर्णिम सुबह का स्वागत .......
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