11-05-2017, 04:21 PM | #1 |
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एक मुक्तक
एक- मुक्तक
●●● गिरे हैं गर्त में फिर भी उंचाई ढूंढ लेंगे हम हलाहल पी लिया लेकिन सुधा भी ढूंढ लेंगे हम दया के नाम पर जीयें कभी ये हो नहीं सकता अभी बाजू सलामत हैं कि रोटी ढूंढ लेंगे हम मुक्तक- आकाश महेशपुरी ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 9919080399 |
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