22-11-2010, 05:37 PM | #11 |
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Re: !!श्री शनि जी महराज!!
स्तोत्र
शनि के निम्नलिखित स्तोत्र का ११ बार पाठ करें या दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। कोणरथः पिंगलो बभ्रुः कृष्णो रौद्रोन्तको यमः औषधिसौरिः शनिश्चरो मन्दः पिप्पलादेन संस्तुतः॥ तानि शनि-नमानि जपेदश्वत्थसत्रियौ। शनैश्चरकृता पीडा न कदाचिद् भविष्यति॥ साढ़साती पीड़ानाशक स्तोत्र - पिप्पलाद उवाच - नमस्ते कोणसंस्थय पिड्.गलाय नमोस्तुते। नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोस्तु ते॥ नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च। नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो॥ नमस्ते यंमदसंज्ञाय शनैश्वर नमोस्तुते॥ प्रसादं कुरु देवेश दीनस्य प्रणतस्य च॥ प्रति शनिवार सुरमा, काले तिल, सौंफ, नागरमोथा और लोध मिले हुए जल से स्नान करें। अन्य उपाय (क) शनिवार को सांयकाल पीपल वृक्ष के चारों ओर ७ बार कच्चा सूत लपेटें, इस समय शनि के किसी मंत्र का जप करते रहें। फिर पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें, तथा ज्ञात अज्ञात अपराधों के लिए क्षमा मँiगें। (ख) शनिवार को अपने हाथ की नाप का १९ हाथ काला धागा माला बनाकर पहनें। (ग) टोटका - शनिवार के दिन उड्रद, तिल, तेल, गुड़ लिकी लड्डू बना लें और जहाँ हल न चला हो वहां गाड़ दें। (घ) शनि की शान्ति के लिए बिच्छू की जड़ शनिवार को काले डोरे में लपेट कर धारण करें। |
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