06-03-2014, 01:27 PM | #1 |
Diligent Member
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कुण्डलिनी (एक दोहा+अर्ध रोला)
* * * * * ऐसे तुम क्योँ हो रहे, भाई पीले लाल। भाई पीले लाल क्योँ, मैँ जो हूँ कंगाल! मैँ जो हूँ कंगाल, नहीँ हैँ इतने पैसे। इतने पैसे पास, न डूबो रँग मेँ ऐसे।। कुण्डलिनी- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri * * * * * पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 |
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