15-03-2014, 07:45 PM | #1 |
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आऊँगा मैँ रंग लगाने
॰ ॰ ॰ ॰ ॰ अबकी नव रस धार बहाने मन की चाहत को भड़काने सोई आशा एक जगाने आऊँगा मैँ रंग लगाने हरदम तुमसे दूर रहा हूँ कारण मैँ मजबूर रहा हूँ तड़पा हूँ मैँ तुमसे ज्यादा पूरा होगा अबकी वादा होली मेँ तुमसे मिलने मैँ सूखा हूँ लेकिन खिलने मैँ आऊँगा तेरी बाँहोँ मेँ आती हो जैसे आहोँ मेँ सजना मेरी रानी ऐसे शादी मेँ थी लगती जैसे प्यार बहुत तुमसे हूँ करता मिलने से पहले हूँ डरता फिर से रोजी दूर करेगी फिर हमको मजबूर करेगी लेकिन पल जो मिल जायेँगे उसमेँ ही हम खिल जायेँगे इक दूजे को रंग लगाकर बिछड़ेँगे फिर अंग लगाकर रचना- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 |
16-03-2014, 10:15 AM | #2 |
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Re: आऊँगा मैँ रंग लगाने
माई हिन्दी फोरम के सभी सदस्योँ को होली की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
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16-03-2014, 12:46 PM | #3 |
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Re: आऊँगा मैँ रंग लगाने
[quote=आकाश महेशपुरी;471498]आऊँगा मैँ रंग लगाने
॰ ॰ ॰ ॰ ॰ अबकी नव रस धार बहाने मन की चाहत को भड़काने सोई आशा एक जगाने आऊँगा मैँ रंग लगाने .... फिर से रोजी दूर करेगी फिर हमको मजबूर करेगी लेकिन पल जो मिल जायेँगे उसमेँ ही हम खिल जायेँगे इक दूजे को रंग लगाकर बिछड़ेँगे फिर अंग लगाकर बहुत सुन्दर, होली मिलन के बाद बिछुड़न के दृष्य बहुत मनमोहक शैली में प्रस्तुत किये गये है. आपको भी होली की शुभकामनायें.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) Last edited by rajnish manga; 16-03-2014 at 12:49 PM. |
18-03-2014, 04:17 PM | #4 | |
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Re: आऊँगा मैँ रंग लगाने
[QUOTE=rajnish manga;471782]
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18-03-2014, 04:18 PM | #5 |
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Re: आऊँगा मैँ रंग लगाने
Nice post....
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22-03-2014, 02:05 PM | #6 |
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Re: आऊँगा मैँ रंग लगाने
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