27-01-2012, 10:26 PM | #21 |
Diligent Member
|
Re: मौलिक शायरी
जितना मिटने की कोशिश करेगा जमाना उससे कई गुना लिखा जायेगा सोमबीर सिंह सरोया |
27-01-2012, 10:29 PM | #22 |
Diligent Member
|
Re: मौलिक शायरी
गैरों की बात ही छोड़ो अपनों ने क्या दिया ,
थोड़े से प्यार की थी जिनसे आस जिनसे उन्होंने ही कदम -२ पर धोखा दिया सोमबीर सिंह सरोया |
27-01-2012, 10:32 PM | #23 |
Diligent Member
|
Re: मौलिक शायरी
टुटा हुआ दिल क्या कहेगा बातें तो लोग कहेंगे
हम तो प्यार मरे हुए है जिन्दा तो लोग रहेंगे सोमबीर सिंह सरोया |
27-01-2012, 10:37 PM | #24 |
Diligent Member
|
Re: मौलिक शायरी
गैरों से क्या सिकवा जब अपनों ने साथ न दिया ,
ओरों से वफ़ा की क्या उम्मीद करें जब अपनों ने हाथ न दिया सोमबीर सिंह सरोया |
27-01-2012, 10:38 PM | #25 |
Diligent Member
|
Re: मौलिक शायरी
अपने भी आज क्यूँ जाने क्यू बेगाने से लगते है
अजनबी भी आज जाने पहचाने से लगते है सोमबीर सिंह सरोया |
02-02-2012, 09:28 PM | #26 |
Diligent Member
|
Re: मौलिक शायरी
जब जब जालिम तेरा चेहरा आँखों पे छाएगा
दिल का सुना साज तराना फिर कोई गायेगा / उठा है भूचाल आज दिल में ,आँखों में गम की घटा छायी है छुटा साथ ज़माने का संग मेरे परछाई है मीठी सी कसक दिल में जो उभर के आएँगी दर्द हमारा सुन के खुशियाँ भी रो के दिखाएंगी याद जो उनकी रह रह के आती रहेगी जीने की चाहत जो बाकी है दिल में वो भी इक दिन जाती रहेगी सोमबीर सिंह सरोया |
06-02-2012, 10:14 PM | #27 |
Diligent Member
|
Re: मौलिक शायरी
काश खुदा ने हुस्न वालों अहसास ए दर्द दिया होता .
हो सकता था जालिम ने अपने से दूर न किया होता हुस्न की अदाएं दिखाकर मासूम दिल को अपने जाल में फंसाकर नज़रों के फिर तीर चलाकर दिल से दिल लगाकर फिर झट से दूर न किया होता काश खुदा ने हुस्न वालों अहसास ए दर्द दिया होता बाँहों की फिर पिंग झुलाकर नए नए वो ख्वाब दिखाकर सपनों की फिर सेज सजाकर मीठी मीठी नींद में सुलाकर अचानक से फिर न जगा जगा दिया काश खुदा ने हुस्न वालों अहसास ए दर्द दिया होता . सोमबीर सिंह सरोया |
06-02-2012, 10:15 PM | #28 |
Diligent Member
|
Re: मौलिक शायरी
दिल की लगी न कभी बुझी है न बुझेगी
खुदा न झुका जिस मुहबत को वो दुनिया के रोकने से क्या रुकेगी . प्यार की नदी को कोई रोक न पायेगा . वो निरंतर बहती रही और बहती रहेगी सोमबीर सिंह सरोया |
06-02-2012, 10:16 PM | #29 |
Diligent Member
|
Re: मौलिक शायरी
aaaaaaaaaaaaaaaaa
Last edited by sombirnaamdev; 06-02-2012 at 10:23 PM. |
08-02-2012, 04:10 PM | #30 |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244 |
Re: मौलिक शायरी
सोमबीर जी, शायरियाँ काफी चित्ताकर्षक है । मेरी ओर से शतशः साधुवाद ।
|
Bookmarks |
Tags |
hindi shayri, shayris, urdu shayri |
|
|