26-01-2012, 05:38 PM | #1 |
Diligent Member
|
शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद तक &
64 साल पुरानी इस शराब की केवल तीन बोतलें तैयार की गई थीं, जिसमें से एक बोतल अमेरिका के एक व्यक्ति ने, जबकि दूसरी बोतल ब्रिटेन के एक प्रतिष्ठित व्हिस्की निवेशक ने एक-एक लाख पौंड में खरीदी। डलमोर व्हिस्की तैयार करने वाली कंपनी व्हाइट एंड मैके के युनाइटेड स्प्रिट्सि तीसरी बोतल अक्टूबर के अंत में लंदन में होने वाले एक व्हिस्की शो में रिकॉर्ड कीमत में बेचने की योजना बनाई है। |
26-01-2012, 05:40 PM | #2 |
Diligent Member
|
Re: शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद तè
फिनलैंड,अगर आप खाने की बर्बादी या उसका अपमान करते हैं तो हो जाइए सावधान क्योंकि इसके शौकीन अपनी मनपसंद डिश के अपमान के लिए किस हद तक जा सकते हैं इस बात का शायद आपको अंदाजा नही है।फूड लिबरेशन आर्मी नामक संगठन के सदस्य इस बात को लेकर गुस्से में हैं कि मैकडोनल्ड के खाने को दुनिया के अमीर और लापरवाह लोग बर्बाद कररहे हैं। इसी गुस्से में संगठन ने मैकडोनाल्ड को किडनैप कर लिया है। संगठन ने धमकी दी है कि अगर उनकी बान नही सुनी गई तो आगे वो और भी गंभीर कदम ऊठा सकते हैं।ग्रुप ने अपनी बात यू-ट्यूब पर जारी एक वीडियो के माध्यम से कही है। इस वीडियो में रोनेल्ड मैकडोनल्ड के स्टेच्यू को नकाबपोश आतंकवादियों ने घेर रखा है। उस पुतले के पीछे संगठन का एक सदस्य खडा है जिसके हाथ में सवाल छपा एक पोस्टर है जो उन्होने विश्व के इस सबसे बडे फूड प्रोडक्शन चेन के कर्णधारों से पूछा है।विडियाें में फिनिश भाषा में बोलते हुए एक सदस्य कहता है कि वो मैकडोनल्ड में बने डिशेज के प्रेमी हैं और इतने लजीज खाने की हो रही बर्बादी को अब वो शांति से नही देख सकते। संगठन के दो सदस्यों ने एक रेस्त्रां के मेनटेनेन्स स्टाफ का हिस्सा बनकर इसस्टेच्यू की चोरी की है। और धमकी दी है कि अगर उनकी सुनवाई नही हुई तो आगे वो और ज्यादा गंभीर कदम उठा सकते हैं।
|
26-01-2012, 05:43 PM | #3 |
Diligent Member
|
Re: शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद तè
चौंकिये मत यह बात किसी हद तक बिलकुल सच है कि देश के विभाजन में एक गुजराती दिमाग ने अहम भूमिका निभाई थी? आप ने उस नाम को बार बार सुना होगा क्या अभी भी वह नाम आप को याद नहीं आ रहा है? चलिए मैं ही आप को बता देता हूं | यह वही नाम है जिस के चलते कुछ समय पहले अडवाणी जी को अपनी अध्यक्षता पद से हाथ धोना पड़ा था कियूं कि उन्होंने पाक की धरती पर उस व्यक्ति को सेकुलर की पदवी से नवाज़ दिया था!
जी हाँ मोहम्मद अली जिन्ना जिनके पिता जिन्नाभाई एक संपन्न गुजराती व्यापारी थे जिन्हें देश के विभाजन का सब से बड़ा ज़िम्मेदार माना जाता है! भले ही पाकिस्तान में उन्हें बड़ी उपाधि दी जाती हो पर हमारे देश में आज तक उन्हें कोसा जाता है! उनका नाम आते ही ढोल बजने शुरू हो जाते हैं? मुझे अच्छी तरह याद है कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में “जिन्ना का ज़हर” नाम से कई किस्तों का एपिसोड प्रसारित (लेख प्रकाशित) हुआ था! बात सिर्फ इतनी ही है कि क्या जिन्ना अकेले देश के विभाजन में ज़िम्मेदार थे? क्या उनके अकेले के चाहने पर देश के टुकड़े हो गए? आखिर परदे के पीछे और कौन कौन से मस्तिष्क काम कर रहे थे? जिनका नाम इस विभाजन से आज तक कोसों दूर रहा है? उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरु, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना आज़ाद महात्मा गांधी एवं दूसरी गणमान्य हस्तियाँ क्या कर रही थीं? उन्हों ने जिन्ना के अकेले के इस मुद्दे को इतना महत्त्व कियूं दिया? बात आइने की तरह साफ़ है कि परदे के पीछे कुछ न कुछ तो ज़रूर रहा होगा? जिस के चलते जिन्ना अपने मकसद में अकेले होने के बाद भी बड़ी आसानी से कामियाब हो गए? वर्ना क्या मजाल थी की जिन्ना को सफलता मिल जाती? |
26-01-2012, 06:22 PM | #4 | |
Special Member
|
Re: शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद त&
Quote:
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
|
26-01-2012, 10:01 PM | #5 |
Diligent Member
|
Re: शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद तè
To sir ise aap apni jagah par pahuncha dijiye plz
|
28-01-2012, 07:48 PM | #6 | |
Senior Member
Join Date: Feb 2011
Location: खानाबदोश
Posts: 669
Rep Power: 26 |
Re: शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद त&
Quote:
__________________
ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
|
|
12-02-2012, 02:23 PM | #7 |
Diligent Member
|
Re: शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद तè
Ranchi: शौक तो भई शौक होता है और शौकीन कोई भी हो सकता है. कुछ मजबूरियों की वजह से अपने शौक को दबा देते हैं और कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अपने शौक को पूरा करने की राह में आने वाली मुश्किलों को मात दे देते हैं.
आज हम आपको ऐसे ही एक शौकीन शख्स से मिलवा रहे हैं, जो यूं तो दूसरों को चाय की चुस्की का मजा देते हैं, मगर खुद शिकार हो गए हैं एक चस्के का. इनको लगा है एक ऐसे खेल का चस्का, जो महंगा खेल माना जाता है. यह महंगा शौक पालने वाले इस शख्स का नाम है सुमित कुमार महतो और जिस महंगे खेल का इन्हें चस्का लगा है, वह है गोल्फ. आज सुमित टॉप के गोल्फर हैं. गोल्फ में अगर इनकी रैंकिंग की बात की जाए, तो आज यह माइनस वन हैंडिकैप के प्लेयर बन चुके हैं. साथ ही एमेचर्स रैंकिंग क्वालिफाइंग राउंड में सुमित इंडिया के टॉप टेन में शामिल हो चुके हैं. लेकिन, यहां तक का सफर तय करने में इन्होंने काफी पापड़ बेले हैं. एक चाय वाला से टॉप का गोल्फर बनने का यह सफर इतना आसान नहीं था. कई मुश्किलें, स्पेशली ऑड फाइनेंशियल कंडीशन सुमित के इस महंगे शौक और दीवानगी की राह में आड़े आईं. इसके बावजूद सुमित ने गोल्फर बनने का सपना नहीं छोड़ा. नौकरी करते हुए पूरी की पढ़ाई बरियातू स्थित पंचवटीपुरम में रहने वाले सुमित कुमार महतो ने पढ़ाई के दौरान ही जॉब करना शुरू कर दिया था. जाहिर है, इनकी फैमिली की इकोनॉमिक कंडीशन अच्छी नहीं थी. पिता दिलेश्वर महतो खेती करते थे, जिससे घर का गुजारा मुश्किल से होता था. सिल्ली हाई स्कूल से 10वीं पास करने के बाद सुमित ने रांची में ही एक डॉक्टर के पास कंपाउंडर का काम करना शुरू किया. बतौर कंपाउंडर 10 साल काम करने के दौरान ही उन्होंने इंटर और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इस बीच सरायकेला कोर्ट में क्लर्क की नौकरी भी लगी.एक साल तक जॉब करने के बाद कुछ पर्सनल रीजन्स की वजह से उन्होंने रिजाइन कर दिया और रांची लौट आए. रांची आने के बाद जब अर्निंग का कोई रास्ता नहीं दिखा, तोडॉ केके सिन्हा के क्लिनिक के पास चाय की दुकान खोल ली. 2006 से लगा गोल्फ का चस्का चाय की दुकान चलाते-चलाते एक दिन इनके दूर के रिश्तेदार सुखलाल महतो, जो पिछले 20 सालों से गोल्फ के प्लेयर थे, इन्हें अपने साथ रांची के कोकरेल गोल्फ क्लब ले गए. यहां के मेंबर बीके श्रीवास्तव ने सुमित को देखते ही कहा कि भाई तुम गोल्फ क्यों नहीं खेलते. तुम बहुत अच्छा खेल सकते हो, बहुत आगे जाओगे. चूंकि इस खेल को खेलने के लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं, इसलिए सुमित को थोड़ी हिचकिचाहट हुई. मेंबर बीके श्रीवास्तव ने इनकी मदद की और पैसे बाद में देने को कहा. इसके बाद सुमित की मॉर्निंग प्रैक्टिस शुरू हो गई. चार-पांच घंटे डेली प्रैक्टिस करने के बाद साल 2006 में आर्मी गोल्फ कप में हुए बीके श्रीवास्तव मेमोरियल टूर्नामेंट में विनर का खिताब मिला. ..और आ गए आल इंडिया टाप टेन में एक बार टूर्नामेंट में विनर बनने के बाद सुमित का हौसला बढ़ता गया. इसके बाद उन्होंने कई टूर्नामेंट्स में अपना जलवा दिखाया. 2007 में हुए गोल्फ टूर्नामेंट में इन्हें बेस्ट गोल्फर का अवार्ड मिला. जबकि ओडि़शा में हुए गोल्फ टूर्नामेंट में भी विनर और लांग ड्राइव (काफी दूर तक शॉट लगाने वाला प्लेयर) बने. यह खिताब उन्हें जब मिला, उस वक्त उनकी रैंकिंग 13 से 18 हैंडिकैप के बीच थी. बिहार के जमालपुर में 2010 में हुए 33वें जमालपुर ओपेन गोल्फ टूर्नामेंट में भी सुमित को ही विनर का खिताब मिला. इस साल भुवनेश्वर में हुए नालको ईस्ट जोन गोल्फ में बेस्ट ग्रॉस एंड रनर-अप की उपाधि मिली. कामयाबी का कारवां यहीं नहीं थमा. इसी साल एशिया के नंबर दो का गोल्फ कोर्स कहे जाने वाले ऑक्सफोर्ड क्लब में हुए डेक्कन ओपेन वेस्ट जोन क्वालिफायर में टॉप टेन में सुमित ने अपनी जगह बनाई. मुश्किलों में भी नहीं हारी हिम्मत सुमित कुमार महतो एक किसान के बेटे हैं. वहीं, गोल्फ बहुत ही कॉस्टली है. इसके बावजूद इन्होंने हिम्मत नहीं हारी. चाय की दुकान चलाते-चलाते एक और दुकान के साथ इन्होंने गोल्फ खेलना शुरू कर दिया था. लेकिन, महंगा गेम होने के कारण पैसे की कमी हो जाती थी. इसके बावजूद अपने पुराने किट से ही प्रैक्टिस जारी रखी. धीरे-धीरे इन्होंने चार दुकानें खोल लीं. बरियातू में ही डॉ केके सिन्हा के क्लिनिक के बगल में ही लॉज भी बना लिया.अपने मकान के ऊपर वाले भाग को किराए पर लगा दिया. इसी आमदनी को इन्होंने अपने गोल्फ के शौक को पूरा करने में लगाया. सुमित अब अपने बेटे को भी गोल्फ की ट्रेनिंग देते हैं और इनका बेटा सुशांत भी 16 हैंडिकैप लेवल का प्लेयर बन गया है. |
12-02-2012, 02:24 PM | #8 |
Diligent Member
|
Re: शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद तè
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन
वर्ष 1998 में 17 अगस्त के दिनअमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने व्हाइट हाउस की एक पूर्व कर्मचारी मोनिका लेविंस्की के साथ अपने अनुचित रिश्तों की बात स्वीकार की थी। टेलीविज़न पर दिए अपने संदेश में उन्होंने इस पूरे मामले में अपनी ज़िम्मेदारी कबूल की। उन्होंने कहा कि वास्तव में मेरे मोनिका के साथ ऐसे संबंध थे, जो अनुचित थे, ग़लत थे। लेकिन कई महीनों तक बिल क्लिंटन इससे इनकार करते रहे कि उनके मोनिका लेविंस्की के साथ यौन संबंध हैं। वर्ष 1998 में छह अगस्त को मोनिका लेविंस्की ने जूरी के सामने यह स्वीकार करके हलचल मचा दी कि 18 महीनों तक उनके और बिल क्लिंटन के रिश्ते रहे। बाद में क्लिंटन ने अपने संबंधों की बात स्वीकार की और देश की जनता के साथ-साथ अपनी पत्नी हिलेरी क्लिंटन से भी माफ़ी मांगी। |
12-02-2012, 02:24 PM | #9 |
Diligent Member
|
Re: शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद तè
कर्नाटक के जिन तीन मंत्रियों पर विधानसभा सदन के भीतर कथित तौर पर 'पॉर्न' देखने का आरोप लगा था उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।
इस तरह के मामले दुनिया में अकेले नहीं है बल्कि इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के राजनेताओं ने सेक्स स्कैंडलों में नाम आने के बाद न सिर्फ पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरीं बल्कि उन्हें समय पूर्व अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा। इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी,अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के बारे में तो इनके कार्यकाल के दौरान ही सेक्स संबंधों को लेकर जमकर हंगामा मचा। हाल में एक किताब में अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन ऍफ़ केनेडी के व्हाइट हाउस की पूर्व इंटर्न के साथ सेक्स संबंधों का खुलासा हुआ है। इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी लगातार नाबालिग यौनकर्मियों के साथ अपने संबंधों और सेक्स पार्टियों के अपने शौक को लेकर आरोपों से घिरते रहे हैं। बर्लुस्कोनी पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिक यौनकर्मियों के साथ संबंध बनाए और ऐसी पार्टियों का आयोजन किया जिनमें नग्नता का प्रचार होता था। इन मामलों को लेकर विपक्ष उनसे इस्तीफ़े की मांग भी की। हालांकि उनका कहना है कि उनके निजी जीवन में दख़ल देकर विरोधी उनकी छवि ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ.केनेडी डेली मेल ने एक नए किताब के हवाले से कहा है कि अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ.केनेडी ने व्हाइट हाउस में एक महिला प्रशिक्षु के कौमार्य को भंग किया था। उन्होंने एक कमरे में इस महिला के साथ यौन संबंध बनाए। उस वक़्त इसी कमरे से कुछ फीट की दूरी पर व्हाइट हाउस के कर्मचारी काम खत्म होने के बाद आयोजित एक पार्टी में शराब पी रहे थे। दादी बन चुकी मिमी अल्फोर्ड नाम की यह महिला अब 69 साल की हैं। मिमी ने बताया कि केनेडी उन्हें एक निजी दौरे के दौरान अपनी पत्नी के रूम में ले गए और वहां उन्होंने उनके साथ सेक्स किया। |
12-02-2012, 02:27 PM | #10 |
Diligent Member
|
Re: शौकीन अपने शौक को पूरा करने के लिए किस हद तè
पब व बार में वैसे तो आपने इंसानों को देखा,लेकिन अब जान लीजिए कि जानवर भी यहां आने को बेताब रहते हैं.
चना और घास का शौकीन हार्स ब्रिटेन के एक पब में जाना पसंद करता है. ब्रिटेन के पश्चिमी मिडलैंड के शहर स्टेफोर्डशायर के एक पब में इस जानवर के अनोखे व्यवहार के दर्शन भी हो सकते हैं. बेसिल नाम का यह घोड़ा शराब पीने का शौकीन है. अपने इस शौक को पूरा करने के लिए वह हर रविवार को नियमित तौर पर पब जाता है और वहां अपने इस शौक को पूरा करता है. यहां उसे उसका पसंदीदा शराब मार्सन्स पैडीग्री परोसा जाता है. पब के मैनेजर गे वैलिस ने बताया, 'बेसिल हमारे यहां कई साल से शराब पीने आ रहा है. वह स्वभाव से बहुत शांत है। उसे खास गिलास में शराब परोसी जाती है. उसे पीते देखकर लगता है जैसे थकान उतारने के लिए वह शराब पीने का शौक रखता है. यही नहीं पब में मौजूद अन्य लोगों को भी उसका साथ देने में बहुत मजा आता है. ये लोग बेसिल को देखकर चौंकते नहीं है क्योंकि बाकी लोगों की तरह वह भी ग्राहक है. नौ साल के बेसिल का मालिक यहां पिछले दस साल से आ रहा है और वह अपने घोड़े को भी अंदर लाता है. वह अपने मालिक के साथ पिछले कुछ साल से लगातार पब में आ रहा है. पब के मैनेजर ने बताया कि हम उसे शराब के साथ खाने के लिए कुछ सब्जियां भी देते हैं. बेसिल के मालिक विलनेस ने बताया, 'एक बार जब मैं शराब पी रहा था तो बेसिल ने उसे पीने की कोशिश की. मैंने उसे भी उसका स्वाद चखा दिया. उसके बाद जब उसे भी पीने का चस्का लग गया. हालांकि हम उसे सीमित मात्रा में ही शराब देते |
Bookmarks |
|
|