18-09-2017, 10:24 AM | #21 |
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Re: और आज की हमारी शख्सियत हैं
और आज की हमारी शख्सियत हैं (17 Sept)
कुमार पाशी (शायर)/ Kumar Pashi (Poet)
(3 July 1935 - 17 Sept 1992) एक ग़ज़ल खुश हो ए दुनिया कि एक अच्छी खबर ले आये हैं सब ग़मों को हम मना कर अपने घर ले आये हैं इस कदर महफूज़ गोशा इस ज़मीन पर अब कहाँ हम उठा कर दश्त में दीवार-ओ-दर ले आये हैं सनसनाते आसमान में उन पे क्या गुजरी न पूछ आने वाले खून में तर बाल-ओ-पर ले आये हैं देखता हूँ दुश्मनों का एक लश्कर हर तरफ किस जगह मुझको यह मेरी हम-सफर ले आये हैं मैं कि तारीकी का दुश्मन मैं अंधेरों का हरीफ़ इस लिए मुझको इधर अहल-ए-नज़र ले आये हैं
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) Last edited by rajnish manga; 18-09-2017 at 10:37 AM. |
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