My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Miscellaneous > Healthy Body
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 13-01-2013, 08:13 PM   #1
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default भोजन और स्वास्थ

तिल के लड्डू (Til Ke Ladoo Recipe)



ये कहावत भी आपने सुनी होगी, "तिल चटके, जाड़ा सटके". सर्दी का मौसम है और संक्राति आ रही हैं. इस दिन परम्परागत रूप से तिल के लड्डू (Til Ke Laddu ) और दाल के मगोड़े खाया जाता रहा है. आइये हम तिल के लड्डू (Sesame Seed Ladoo) बनायें.
आवश्यक सामग्री - Ingredients for Til Ke Ladoo

तिल ( धुले हुये सफेद ) - 500 ग्राम ( 3 कप)
मावा - 500 ग्राम ( 2 1/2 कप)
तगार या बूरा - 500 ग्राम ( 3 कप)
काजू - 100 ग्राम (एक काजू के 6-7 टुकड़ों में काट लें)
छोटी इलाइची - 4 (छील कर बारीक कूट लीजिये)
विधि - How to make Til Ke Ladoo

तिल को साफ कर लीजिये.
कढ़ाई को गैस पर रख कर गरम करें. तिल कढ़ाई में डालें और धीमी गैस पर तिल हल्के ब्राउन होने तक भूनें. ( तिल चट चट की आवाज निकालते हुये जल्दी ही भुन जाते हैं ). तिल को ठंडा करके मिक्सी से पीस लीजिये.
दूसरी कढ़ाई में हल्का ब्राउन होने तक मावा भून लीजिये. मावा को आप माइक्रोवेव में भी भून सकते हैं.

मावा, पिसे हुये तिल, बूरा, इलाइची पाउडर और काजू के टुकडों को अच्छी तरह मिला लीजिये. लड्डू का मिश्रण तैयार है. इस मिश्रण से अपनी मन पसन्द के आकार के लड्डू बना लीजिये. ( टेबिल टैनिस की बौल के बराबर के लड्डू या बड़े बड़े भी बनाये जा सकते हैं)
आपके तिल के लड्डू (Til Ke Laddoo) तैयार हैं. ताजा ताजा तिल के लड्डू खाइये. आप इन लडुडुओं को 10-12 तक रख कर खा सकते है.
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Old 13-01-2013, 08:16 PM   #2
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: भोजन और स्वास्थ

मकर संक्राति खान-पान 2013



मकर संक्राति भारत के प्रमुख त्यौहारों में से एक है. इस त्यौहार का सम्बन्ध प्रकृति, ऋतु परिवर्तन और कृषि से है. ये तीनों चीजें ही जीवन का आधार हैं. प्रकृति के कारक के तौर पर इस पर्व में सूर्य देव को पूजा जाता है जिन्हें, शास्त्रों में भौतिक एवं अभौतिक तत्वों की आत्मा कहा गया है. इन्हीं की स्थिति के अनुसार ऋतु परिवर्तन होता है और धरती हमें अनाज देती है जिससे जीव समुदाय का भरण-पोषण होता है.

मकर संक्रांति में सूर्य का दक्षिणायन से उत्तरायण में आने का स्वागत किया जाता है. शिशिर ऋतु की विदाई और बसंत का अभिवादन तथा अगहनी फसल के कट कर घर में आने का उत्सव मनाया जाता है. उत्सव का आयोजन होने पर सबसे पहले खान-पान की है चर्चा होती है. मकर संक्रांति पर्व जिस प्रकार देश भर में अलग-अलग तरीके और नाम से मनाया जाता है. उसी प्रकार खान-पान में भी विविधता रहती है. परंतु, एक गौरतलब बात यह है कि मकर संक्राति के नाम, तरीके और खान-पान में अंतर के बावजूद सभी में एक समानता यह है कि इसमें व्यंजन तो अलग-अलग होते हैं किन्तु उनमें प्रयोग होने वाली सामग्री एक सी होती है.

देश भर में लोग अलग-अलग रूपों में तिल, चावल, उड़द की दाल एवं गुड़ का सेवन करते हैं. इन सभी सामग्रियों में सबसे ज्यादा महत्व तिल का दिया गया है. इस दिन कुछ अन्य चीज भले ही न खाएं किन्तु किसी न किसी रूप में तिल अवश्य खाना चाहिए. इस दिन तिल के महत्व के कारण मकर संक्रांति पर्व को तिल संक्राति के नाम से भी पुकारा जाता है. मंकर संक्रांति में जिन चीज़ों को खाने में शामिल किया जाता है वह पौष्टिक होने के साथ ही साथ शरीर को गर्म रखने वाले पदार्थ भी हैं.
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Old 13-01-2013, 08:17 PM   #3
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: भोजन और स्वास्थ

मकर संक्रांति खान-पान का भौतिक एवं धार्मिक आधार

मकर संक्रांति का पर्व माघ मास में मनाया जाता है. भारतवर्ष में माघ महीने में सबसे अधिक ठंढ़ पड़ती है अत: शरीर को अंदर से गर्म रखने के लिए तिल, चावल, उड़द की दाल एवं गुड़ का सेवन किया जाता है. मकर संक्रांति में इन खाद्य पदार्थों के सेवन का यह भौतिक आधार है. इन खाद्यों के सेवन का धार्मिक आधार भी है. शास्त्रों में लिखा है कि माघ मास में जो व्यक्ति प्रतिदिन विष्णु भगवान की पूजा तिल से करता है और तिल का सेवन करता है उसके कई जन्मों के पाप कट जाते हैं. अगर व्यक्ति तिल का सेवन नहीं कर पाता है तो सिर्फ तिल-तिल जप करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है.

तिल का महत्व मकर संक्रांति में इस कारण भी है कि, सूर्य देवता धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं जो सूर्य के पुत्र होने के बावजूद सूर्य से शत्रु भाव रखते हैं. अत: शनि देव के घर में सूर्य की उपस्थिति के दौरान शनि उन्हें कष्ट न दें इसलिए तिल का दान व सेवन मकर संक्राति में किया जाता है.

चावल, गुड़ एवं उड़द खाने का धार्मिक आधार यह है कि इस समय ये फसलें तैयार होकर घर में आती हैं. इन फसलों को सूर्य देवता को अर्पित करके उन्हें धन्यवाद दिया जाता है कि हे देव आपकी कृपा से यह फसल प्राप्त हुई है अत: पहले आप इसे ग्रहण करें तत्पश्चात प्रसाद स्वरूप में हमें प्रदान करें जो हमारे शरीर को उष्मा, बल और पुष्टता प्रदान करे.
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Old 13-01-2013, 08:19 PM   #4
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: भोजन और स्वास्थ

मकर सक्रांति में बिहार और उत्तर प्रदेश का खान-पान
बिहार एवं उत्तर प्रदेश में खान-पान लगभग एक जैसा होता है. दोनों ही प्रांत में इस दिन अगहनी धान से प्राप्त चावल और उड़द की दाल से खिंचड़ी बनाई जाती है. कुल देवता को इसका भोग लगाया जाता है. लोग एक-दूसरे के घर खिंचड़ी के साथ विभिन्न प्रकार के अन्य व्यंजनों का आदान-प्रदान करते हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग मकर संक्राति को खिचड़ी पर्व के नाम से भी पुकारते हैं. इस प्रांत में मकर संक्राति के दिन लोग चूड़ा-दही, गुड़ एवं तिल के लड्डू भी खाते हैं. चूड़े एवं मुरमुरे की लाई भी बनाई जाती है.

मकर सक्रांति में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का खान-पान
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मकर संक्रांति के दिन बिहार और उत्तर प्रदेश की ही तरह खिचड़ी और तिल खाने की परम्परा है. यहां के लोग इस दिन गुजिया भी बनाते हैं.

मकर सक्रांति में दक्षिण भारत का खान-पान
दक्षिण भारतीय प्रांतों में मकर संक्राति के दिन गुड़, चावल एवं दाल से पोंगल बनाया जाता है. विभिन्न प्रकार की कच्ची सब्जियों को लेकर मिश्रित सब्जी बनाई जाती है. इन्हें सूर्य देव को अर्पित करने के पश्चात सभी लोग प्रसाद रूप में इसे ग्रहण करते हैं. इस दिन गन्ने खाने की भी परम्परा है.

मकर सक्रांति में पंजाब एवं हरियाणा प्रांत में खान-पान
पंजाब एवं हरियाणा में इस पर्व में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में मक्के की रोटी एवं सरसों के साग को विशेष तौर पर शामिल किया जाता है. इस दिन पंजाव एवं हरियाणा के लोगों में तिलकूट, रेवड़ी और गजक खाने की भी परम्परा है. मक्के का लावा (पोपकोर्न) , मूंगफली एवं मिठाईयां भी लोग खाते हैं.
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Old 14-01-2013, 03:27 PM   #5
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: भोजन और स्वास्थ

तिल मठरी



क्या चाहिए

१ कटोरी भुने-पिसे तिल व बाजरे का आटा, १/२ कटोरी गुड़, २ चम्मच बेकिंग पाउडर, १/४ चम्मच इलायची पाउडर, २ चम्मच बेसन, १/२ कटोरी साबुत भुने तिल और तलने के लिए तेल।

ऐसे बनाएं

थोड़े पानी में गुड़ घोल लें। एक बोल में भुने साबुत तिल, तेल व गुड़ के पानी को छोड़ शेष सामग्री डालकर अच्छी तरह मिला लें। अब इसमें २ चम्मच तेल और गुड़ का पानी डालकर आटा गूंध लें। इसकी लोई बनाएं। हाथ में पानी लगाकर प्रत्येक लोई को मठरी का आकार दें। तैयार मठरी को साबुत तिल में लपेटें और तल लें।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Old 14-01-2013, 03:29 PM   #6
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: भोजन और स्वास्थ

पिज्जा सैंडविच


क्या चाहिए

2 पिज्ज़ा ब्रेड, 1 कटोरी बारीक़ कटा प्याज़, 1 कटोरी बारीक़ कटा टमाटर, १/२ कटोरी कीसा हुआ पनीर, १/२ कटोरी बारीक़ कटा पत्तागोभी, १/२ कटोरी उबली हुई अंकुरित मूंग, १/२ कटोरी कीसी हुई चीज़, स्वादानुसार नमक, कालीमिर्च पाउडर और टमाटर सॉस।

ऐसे बनाएं

पैन में बटर डालें और गर्म होने पर प्याज़, टमाटर, शिमला मिर्च और पत्तागोभी डालें। 5 मिनट तक चलाएं और फिर उसमें मूंग और पनीर डालें।अब नमक, काली मिर्च और 2 छोटे चमच सॉस डालें। पानी सूख जाने तक पकाएं। फिर पिज्ज़ा ब्रेड पर बटर लगाकर सॉसपिज्जा सैंडविच लगाएं। तैयार मिश्रण को ब्रेड पर फैलाएं और ऊपर से दूसरी पिज्ज़ा ब्रेड रख दें। सैंडविच मेकर में सेककर पैक करें।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Old 14-01-2013, 03:32 PM   #7
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: भोजन और स्वास्थ

सेहत और स्वाद का खजाना देसी खाना




वैज्ञानिकों ने जिन पांच तरह के फूड ग्रुप को इंसान के शरीर के लिहाज से जरूरी बताया है, वे सब एक भारतीय थाली में समाहित होते हैं। शरीर के लिए सेहतमंद और जुबान को अद्भुत स्वाद देने वाली भारतीय थाली की खूबियों पर रोशनी डाल रही हैं सुमन परमार

भारतीय खानपान में अब कई किस्म का विदेशी खाना भी पूरी तरह शामिल हो गया है। पास्ता, नूडल्स, पिज्जा, बर्गर के अलावा कई किस्म के सूप, जूस, डेजर्ट्स पर विदेशी खाने की छाप देखी जा सकती है। लेकिन हर नई रिसर्च को देखने के बाद जब पोषण से भरपूर खाने की बात होती है तो भारत की परंपरागत थाली को ही शरीर के लिए सबसे अच्छा माना जा है। रोटी-चावल, दाल-सब्जी, दही, अचार-चटनी-पापड़ आदि हमारे लिए किस तरह स्वाद के साथ-साथ सेहतमंद आहार का माध्यम हैं। आइयें देखें भारतीय थाली के ये तत्व कैसे बनाते हैं हमारे भोजन को स्वादिष्ट और शरीर को सेहतमंद।

रोटी/चावल: एनर्जी का मुख्य आधार

रोटी-चावल काबरेहाइड्रेट के प्रमुख स्रोत हैं। डाइटीशियन और फोर्टिस हॉस्पिटल की कंसल्टेंट डॉ. सिमरन सैनी कहती हैं, ‘रोटी हमारे फूड पिरामिड का आधार है। रोटी की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए गेहूं के आटे में सोयाबीन या जौ मिलाना फायदेमंद है। इससे रोटी में काबरेहाइड्रेट के अलावा प्रोटीन भी बढ़ता है।’ लेकिन, इसमें ऐसा क्या है, जो इसे दूसरे विदेशी व्यंजनों से ज्यादा पौष्टिक बनाता है? चोइथराम हॉस्पिटल, इंदौर की सीनियर डाइटीशियन पूर्णिमा भाले कहती हैं, ‘कॉन्टिनेंटल या इटेलियन खाने में ब्रेड का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है, जिसे मैदा से बनाया जाता है, जो पौष्टिक नहीं होता। मोटापे और कब्ज की वजह मैदा भी होता है। इसलिए, रोटी या चावल अन्य व्यंजनों के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक है।’ आजकल सेहत का ध्यान देने के क्रम मेंलोग सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस को बेहतर मानते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि सफेद चावल सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। दरअसल, यह बहुत हद तक जगह के वातावरण पर निर्भर करता है। जैसे दक्षिण में लोग सफेद चावल मजे से खाते हैं, क्योंकि वहां उसकी जरूरत है। पर, राजस्थान, जहां गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है, वहां लोग चावल को पचा नहीं पाते।

दाल: सबसे जरूरी न्यूट्रिशन

दालों से हमें प्रोटीन मिलता है लेकिन इसमें लगने वाला घी का तड़का हमें सैचुरेटेड फैट भी दे जाता है। लेकिन डॉक्टर सिमरन कहती हैं, ‘हाल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने यह प्रमाणित किया कि खाने में थोड़ा सा घी अच्छे स्वास्थय और अच्छे लिपिड प्रोफाइल के लिए जरूरी है। एम्स ने इस तथ्य की पुष्टि के लिए यह भी जोड़ा कि घी हड्डियों और जोड़ों के लिए ल्यूब्रिकेंट का काम करता है।’
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Old 14-01-2013, 03:33 PM   #8
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: भोजन और स्वास्थ

सेहत और स्वाद का खजाना देसी खाना-2




सब्जी: फाइबर का खजाना

सब्जियां फाइबर का प्रमुख स्रोत होती हैं। इनसे हमें मिनरल्स भी मिलते हैं और इनकी अहमियत हमारे लिए बहुत ज्यादा है क्योंकि हमारे शरीर में हर तरह के मिनरल नहीं बनते। उनकी भरपाई सब्जियों के जरिए ही होती है। टमाटर में लाइकोपिन होता है, तो गाजर में कैरोटिन। मतलब, हर सब्जी में अलग-अलग तरह के मिनरल होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं। सर्दियों में हमारे यहां सब्जियों की भरमार होती है। भाले कहती है, ‘चाइनीज या इटेलियन खाने में भी सब्जियों की मात्रा अधिक होती है, पर उसमें प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल भी उतना ही ज्यादा होता है। यह खाने से उसकी प्राकृतिक पौष्टिकता छीन लेते हैं। विदेशी खाने में बेकिंग सोडे का भी बहुत इस्तेमाल होता है।’ दिल्ली में फ्रीलांस शेफ और होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में पढ़ाने वाले प्रफुल्ल कुमार का कहना है, ‘चाइनीज फूड ज्यादा तेज आंच पर पकाया जाता है। इसमें कई ऐसे व्यंजन भी होते हैं, जिन्हें अलग-अलग चरणों में पकाया जाता है। मसलन, उबालना, सुखाना और फिर पकाना। इससे फूड की पौष्टिकता कम होती है।’

दही: शरीर को दे मजबूती

हमारी पाचन क्रिया में सहायक अच्छा बैक्टीरिया दही से मिलता है। यह कैल्शियम का भी अच्छा स्रोत है। दिल्ली में मैक्स हॉस्पिटल की हेड डाइटीशियन चीनू पाराशर कहती हैं, ‘दही हमारे पेट का पीएच लेवल भी सही स्तर पर रखता है। जब हम खाना खाते हैं तो पेट में कुछ एसिड तैयार होते हैं, जो खाना पचाने का काम करते हैं। दही शरीर में एसिड के लेवल को बनाए रखने में मददगार होता है। इससे थोड़ा प्रोटीन भी मिलता है। एक तरह से यह मल्टीलेयर पर काम करता है।’ रायते के रूप में दही फायदेमंद है। मसलन, लौकी का रायता हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक है तो अनार का रायता बच्चों की सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। विदेशी व्यंजनों में दही का सीधा इस्तेमाल नहीं किया जाता। वहां योगर्ट का इस्तेमाल तो है, लेकिन वह मुख्य भोजन का हिस्सा नहीं।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Old 14-01-2013, 03:33 PM   #9
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: भोजन और स्वास्थ

सेहत और स्वाद का खजाना देसी खाना-3




सलाद: शरीर का वैक्यूम क्लीनर

सलाद से ंिमलने वाला फाइबर हमारे शरीर के लिए वैक्यूम क्लीनर का काम करता है। यानी पाचन क्रिया के दौरान निकलने वाली खराब चीजों को साफ करने का काम। यह शरीर को ठंडक भी देता है। प्रफुल्ल कहते हैं, ‘अगर इटेलियन और अमेरिकी व्यंजनों से तुलना करें तो वे सलाद से भरपूर नजर आते हैं। पास्ता सलाद या ब्रेड सलाद ताजी सब्जियों से भरपूर होते हैं।’ लेकिन, यह काफी नहीं है। भाले कहती हैं, ‘सभी पोषक तत्व एक दूसरे के पूरक होते हैं। सिर्फ भारतीय थाली में ही यह सभी गुण एक साथ मौजूद होते हैं।’

अचार: पाचन में मददगार

यह पाचन क्रिया में सहायक गैस्ट्रिक जूस के सही कामकाज की देख-रेख करता है और बाइल जूस बनाता है, जो सही तरीके से पाचन में मददगार होता है। हर तरह के फल-सब्जियों जैसे अदरक, आम, लहसुन, नींबू, गाजर, मिर्ची आदि से बना अचार विटामिन और मिनरल का स्रोत होता है। दरअसल, अचार इतना असरदार होता है कि इसकी बहुत थोड़ी-सी मात्रा भी पाचन क्रिया में बहुत मदद करती है।

मसाले: स्वाद की बुनियाद

लोग यह भी कहते हैं कि भारतीय खाने में मसाले का बहुत इस्तेमाल किया जाता है। इनका मुख्य काम खाने का स्वाद बढ़ाना होता है। डॉ. सिमरन कहती हैं, ‘मसाले पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर हैं। हल्दी शरीर के रक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा पेट साफ रखने का काम करती है। गरम मसाले पचाने के लिए जरूरीगैस्ट्रिक जूस को रिलीज करने का काम करते हैं, तो धनिया पेट में एसिड का सही लेवल तय करता है। गरम मसाले का ज्यादा इस्तेमाल होता है, तो धनिया उसके साइड इफेक्ट को बैलेंस करता है। मिर्च शरीर में एंटी ऑक्सिडेंट्स का स्तर बढ़ाती है और संक्रमण से बचाने में भी मददगार साबित होती है।’

स्वाद के लिए हम कुछ भी खा सकते हैं, लेकिन संतुलित एवं संपूर्ण आहार के लिहाज से भारतीय थाली का कोई विकल्प नहीं है। भारतीय थाली में न केवल शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, बल्कि शरीर के तमाम सहायक कार्यो में मदद करने वाले पदार्थ भी शामिल होते हैं।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 12:09 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.