14-12-2010, 10:32 AM | #1 |
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मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
सर्किट: भाई गीला हो कर। टैंशन नहीं लेने का।
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14-12-2010, 10:32 AM | #2 |
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Re: मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
मुन्ना भाई: अरे सरकिट यह कुत्ते पूंछ क्यों हिलाते हैं?
सर्किट: कॉमन सेंस है भाई, अब पूंछ कुत्ते को नहीं हिला सकती है ना।
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14-12-2010, 10:32 AM | #3 |
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Re: मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
सर्किटः भाई, बोले तो पहले तो सिर्फ रात को ही मच्छर काटते थे, अब तो दिन में भी काटने लगे हैं।
मुन्नाभाईः अबे सर्किट, तूने ये रिसेशन के बारे में नहीं सुना क्या? पूरे वर्ल्ड में मंदी की मार ऐसी है कि इंसान तो क्या, अब मच्छरों को भी दिन-रात काम करना पड़ रहा है।
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14-12-2010, 10:33 AM | #4 |
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Re: मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
मुन्नाभाईः अबे सर्किट, तेरे हाथ पर पट्टी कैसे बंधी है?
सर्किटः कुछ मत पूछो भाई, अपुन का मोटर एक्सीडेंट हो गया था। मु्न्नाभाईः अरे इतनी चोट आ गई? सर्किटः नहीं बॉस, मुझे तो खरोंच भी नहीं लगी परंतु उधर से एक गुजर रहा था, उसको जरूर लग गई। मुन्नाभाईः अबे खरोंच भी नहीं लगी तो हाथ पर पट्टियां कैसी हैं? सर्किटः क्या बोलूं मु्न्नाभाई, कल वही आदमी अपुन को रस्ते में दोबारा मिल गया।
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14-12-2010, 10:33 AM | #5 |
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Re: मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
मुन्नाभाईः अबे सर्किट, तुझे मैंने लिफाफे पर चिपकाने वाले टिकट खरीदने के लिए पैसे दिए थे, फिर पैसे वापस कैसे ले आया?
सर्किटः बॉस, तुम भी कहोगे कि अपुन के पास क्या माइंड है, कोई देख नहीं रहा था, इसलिए अपुन बिना टिकट लगाए लिफाफा लेटर बॉक्स में छोड़ आया।
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14-12-2010, 10:51 AM | #6 |
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Re: मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
मुन्नाभाईः बापू.....बोले तो अपुन को आज कल एक प्राब्लम हो गएला है...
बापू :बोलो मुन्ना, दिल खोल के बोलो... मुन्नाभाई: अपुन को आज कल ..... बोले तो ऑरकुट पर कोई स्क्रैप नहीं करता... ...साला सब लोग गायब हो गयेले हैं!! बापू: ऐसे नहीं बोलते मुन्ना। मेरे पास इस का हल है. रास्ता मुश्किल है लेकिन जीत पक्की है. मुन्ना भाई :जल्दी बोलो ना बापू, अगर तुमको कान्फीडेंस है तो अपुन ज़रुर करेगा। बापू: तो सुनो..... तुम स्क्रैप करते रहो.... तब तक करते रहो.... जब तक तुम्हे कोई स्क्रैप नहीं करता. कभी तो उनका ह्रदय परिवर्तन होगा. वो भी तुम्हे सक्रैप करेगा....
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14-12-2010, 10:52 AM | #7 |
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Re: मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
मुन्नाभाई: ओये सर्किट यह बल्ब के उपर बाप का नाम क्यों लिख रहा है ?
सर्किट: अरे भाई, बाप का नाम रोशन कर रएला हूं।
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14-12-2010, 10:52 AM | #8 |
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Re: मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
सर्किट: मुन्नाभाई, आज अपने बचपन का दोस्त आ रेला है, रात को डिनर पे।
मेरा सारा चेन कलेक्शन अपने कमरे में छुपा लो ना प्लीज़ ! मुन्नाभाई: क्यों बे, तेरा दोस्त कोई चोर है क्या? सर्किट: नहीं भाई, वह अपनी चेन पहचान लेगा!
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14-12-2010, 10:55 AM | #9 |
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Re: मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
मुन्ना भाई : sarkit, बोले तो ये फोर्ड क्या है?
सर्किट : भाई, गाड़ी है. मुन्ना भाई: तो फिर, यह ऑक्सफोर्ड क्या है? सर्किट : बोले तो, सिंपल है भाई, ओक्स मने बैल, फोर्ड मने गाड़ी. ऑक्सफोर्ड बोले तो बैलगाडी.......
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14-12-2010, 10:55 AM | #10 |
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Re: मुन्ना भाई और सर्किट जोक्स !!!
प्रोफ़ेसर
गाँधी जयंती के बारे में क्या जानते हो? मुन्ना भाई गाँधी बहुत जबरदस्त आदमी था, बाप. माँ कसम, पर अपुन को यह नहीं मालूम के ये जयंती कौन है.
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