10-05-2023, 10:23 PM | #1 |
Diligent Member
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ग़ज़ल- चुनावी मौसमों में...
■■■■■■■■■■■■ गरीबों को लुभाना चाहते हैं तभी घर उनके खाना चाहते हैं चुनावी मौसमों में नम्र होकर ये झूठे सर झुकाना चाहते हैं ये चलते गाड़ियों के झुंड लेकर न जाने क्या दिखाना चाहते हैं गगन को चूमते लेकिन ये नेता हमें नीचे गिराना चाहते हैं ये रुपये लाख के सपने दिखाकर हमें उल्लू बनाना चाहते हैं वतन के ही ये खेवनहार होकर वतन को ही डुबाना चाहते हैं हमें 'आकाश' देकर चंद सिक्के कुबेरों सा खज़ाना चाहते हैं ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी दिनांक- 09/05/2023 ■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 11-05-2023 at 11:30 AM. |
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