11-09-2013, 12:19 PM | #1 |
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Aakash maheshpuri के पाँच दोहे- आग लगे जब गाँव मेँ...
... मौसम तो बरसात का, किन्तु बरसते नैन। सूखी सूखी ये धरा, पंक्षी भी बेचैन।।1।। थोड़ा कम भोजन करेँ, काम करेँ भरपूर। निर्धनता इससे डरे, रोग रहेँ सब दूर।।2।। रूप सलोना हो भले,मन मेँ बैठा मैल। ऐसे मानव से भले, लगते मुझको बैल।।3।। यदि बूढ़े माँ-बाप को, पुत्र करे लाचार। उससे पापी कौन है, तुम ही बोलो यार।।4।। आग लगे जब गाँव मेँ, संकट हो घनघोर। कितनी छोटी सोच है, खुश हो जाते चोर।।5।। ... दोहे - आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri ... पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 |
11-09-2013, 04:47 PM | #2 | |
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Re: Aakash maheshpuri के पाँच दोहे- आग लगे जब गाँव मेँ...
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रूप सलोना हो भले,मन मेँ बैठा मैल। ऐसे मानव से भले, लगते मुझको बैल। |
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11-09-2013, 09:22 PM | #3 |
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Re: Aakash maheshpuri के पाँच दोहे- आग लगे जब गाँव मेँ...
मानव सबसे महान है, पर बैल कुछ मानवोँ से बेहतर होता है। क्योँकि इसके मन मेँ मैल नहीँ होता। आदरणीय रचनीश जी हार्दिक आभार।
Last edited by आकाश महेशपुरी; 11-09-2013 at 09:28 PM. |
11-09-2013, 09:35 PM | #4 |
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Re: Aakash maheshpuri के पाँच दोहे- आग लगे जब गाँव मेँ...
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12-09-2013, 12:21 AM | #5 |
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Re: Aakash maheshpuri के पाँच दोहे- आग लगे जब गाँव मेँ...
वाह वाह बहुत खूब.
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