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Old 27-06-2016, 03:11 AM   #1
soni pushpa
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Default शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए ये पांच चीजें..

देवों के देव महादेवजी को कोटि कोटि वंदन करते हुए उनके गुणों की चर्चा करते हुए मैं उनकी अप्रिय चीजों के बारे में भी कुछ लिखना चाहूंगी जिसकी जानकारी मुझे भी इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त हुई है .

भोलेनाथ जो की दया के सागर हैं वें प्रसन्न होते ही भक्तों के वारे न्यारे कर देते हैं याने की भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं और खुशियों से अपने भक्तों का जीवन भरपूर कर देते हैं .

हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न करने, उनकी आराधना करने के विशिष्ट तरीकों का वर्णन उपलब्ध हैं। कुछ ऐसी सामग्रियां और विधियां होती हैं जो विशिष्ट अराध्य देव को बहुत पसंद होती हैं, उनकी पूजा में उन सामग्रियों की उपलब्धता मनवांछित फल प्रदान करती है।
समस्या का कारण

लेकिन कुछ ऐसी सामग्रियां भी होती हैं जिनका प्रयोग करना उलटा परिणाम प्रदान कर सकता है। जहां कुछ चीजें आराध्य देवी-देवताओं को पसंद आती हैं वहीं कुछ उन्हें कतई नापसंद होती हैं, ऐसे में अगर उन्हें वे अर्पित की जाएं या उनकी पूजा में उन सामग्रियों का प्रयोग किया जाए तो यह समस्या का कारण बन सकता है।
भोलेनाथ

भगवान शिव जिन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है और विनाशक भी। जहां वे अपने भक्तों से बहुत ही जल्दी प्रसन्न भी होते हैं तो क्रोध के कारण बहुत जल्दी रौद्र रूप भी धारण कर लेते हैं।
भांग-धतूरे का चढ़ावा

हम ये बात तो जानते ही हैं भगवान शिव को भांग-धतूरे का चढ़ावा बहुत पसंद है, आज हम आपको कुछ ऐसी सामग्रियां बताएंगे जिनका उपयोग शिव आराधना के दौरान बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
शिवपुराण

शिवपुराण के अनुसार शिव भक्तों को कभी भी भगवान शिव को इन पांच वस्तुओं का प्रसाद नहीं चढ़ाना चाहिए। आइए जानते हैं
क्या हैं वे पांच चीजें
केतकी के फूल

एक दिन भगवान विष्णु और ब्रह्म देव, खुद को सबसे अधिक ताकतवर साबित करने के लिए आपस में युद्ध कर रहे थे। जैसे ही वे दोनों एक दूसरे पर घातक अस्त्रों का प्रयोग करने लगे वहां ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव प्रकट हुए। शिव ने उन दोनों से इस ज्योतिर्लिंग का आदि और अंत का पता लगाने को कहा, भगवान शिव ने कहा कि दोनों में से जो भी इस सवाल का जवाब दे देगा वहीं सबसे श्रेष्ठ होगा।
शिव ने उन दोनों से इस ज्योतिर्लिंग का आदि और अंत का पता लगाने को कहा, भगवान शिव ने कहा कि दोनों में से जो भी इस सवाल का जवाब दे देगा वहीं सबसे श्रेष्ठ होगा।
भगवान विष्णु उस ज्योतिर्लिंग के अंत की ओर बढ़े लेकिन उस छोर का पता लगाने में नाकामयाब रहे। ब्रह्म देव भी ऊपर की ओर बढ़े और अपने साथ केतकी के फूल को ले गए। भगवान विष्णु ने अपनी हार स्वीकार कर ली थी।
वापस आकर ब्रह्मा जी भगवान शिव से कहा कि उन्होंने ज्योतिर्लिंग के अंत का पता लगा लिया है और केतकी के फूल ने भी उनके झूठ को सच करार दे दिया।
ब्रह्मा जी के इस झूठ ने भगवान शिव को अत्यंत क्रोधित कर दिया, क्रोध में आकर महादेव ने ब्रह्मा जी का एक सिर काट दिया और साथ ही उन्हें श्राप दे दिया कि उनकी कभी कोई पूजा नहीं होगी। ब्रह्माजी का वो कटा सिर केतकी के फूल में बदल गया।
भगवान शिव ने केतकी के फूल को भी श्राप देकर कहा कि उनके शिवलिंग पर कभी केतकी के फूल को अर्पित नहीं किया जाएगा। तबसे शिव को केतकी के फूल अर्पित किया जाना अशुभ माना जाता है।
तुलसी

शिवपुराण के अनुसार असुर जालंधर की पत्नी तुलसी के मजबूत पतिधर्म की वजह से उसे कोई भी देव हरा नहीं सकता था। इसलिए भगवान विष्णु ने तुलसी के पतिव्रत को ही खंडित करने की सोची। वह जालंधर का वेष धारण कर तुलसी के पास पहुंच गए, जिसकी वजह से तुलसी का पतिधर्म टूट गया और भगवान शिव ने असुर जालंधर का वध कर उसे भस्म कर दिया।
दैवीय गुणों वाले पत्तों से वंचित

इस पूरी घटना ने तुलसी को बेहद निराश कर दिया उन्होंने स्वयं भगवान शिव को अपने अलौकिक और दैवीय गुणों वाले पत्तों से वंचित कर दिया।
नारियल का पानी

हालांकि शिवलिंग पर नारियल अर्पित किया जाता है लेकिन कभी भी शिवलिंग पर नारियल के पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। देवताओं को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद ग्रहण करना आवश्यक होता है लेकिन शिवलिंग का अभिषेक जिन पदार्थों से होता है उन्हें ग्रहण नहीं किया जाता। इसलिए शिव पर नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
हल्दी

हल्दी का प्रयोग स्त्रियों की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसलिए शिवलिंग पर कभी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती, क्योंकि वह स्वयं शिव का रूप है।
कुमकुम या सिंदूर

सिंदूर, विवाहित स्त्रियों का गहना माना गया है। स्त्रियां अपने पति की लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना हेतु सिंदूर लगाती हैं। लेकिन शिव तो विनाशक हैं, सिंदूर से उनकी सेवा करना अशुभ माना जाता है।

ॐ नमः शिवाय ..

Last edited by soni pushpa; 27-06-2016 at 03:15 AM.
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Old 28-06-2016, 05:01 PM   #2
rajnish manga
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Default Re: शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए ये पांच चीजें.

बहुत सुंदर व ज्ञान वर्धक जानकारी है. आम तौर पर भक्तों को ऐसी जानकारी या ऐसा न करने का कारण पता नहीं होता. इसे शेयर करने के लिये धन्यवाद, बहन पुष्पा जी.

__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
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Old 05-07-2016, 12:30 AM   #3
soni pushpa
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Default Re: शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए ये पांच चीजें.

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Originally Posted by soni pushpa View Post
देवों के देव महादेवजी को कोटि कोटि वंदन करते हुए उनके गुणों की चर्चा करते हुए मैं उनकी अप्रिय चीजों के बारे में भी कुछ लिखना चाहूंगी जिसकी जानकारी मुझे भी इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त हुई है .

भोलेनाथ जो की दया के सागर हैं वें प्रसन्न होते ही भक्तों के वारे न्यारे कर देते हैं याने की भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं और खुशियों से अपने भक्तों का जीवन भरपूर कर देते हैं .

हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न करने, उनकी आराधना करने के विशिष्ट तरीकों का वर्णन उपलब्ध हैं। कुछ ऐसी सामग्रियां और विधियां होती हैं जो विशिष्ट अराध्य देव को बहुत पसंद होती हैं, उनकी पूजा में उन सामग्रियों की उपलब्धता मनवांछित फल प्रदान करती है।
समस्या का कारण

लेकिन कुछ ऐसी सामग्रियां भी होती हैं जिनका प्रयोग करना उलटा परिणाम प्रदान कर सकता है। जहां कुछ चीजें आराध्य देवी-देवताओं को पसंद आती हैं वहीं कुछ उन्हें कतई नापसंद होती हैं, ऐसे में अगर उन्हें वे अर्पित की जाएं या उनकी पूजा में उन सामग्रियों का प्रयोग किया जाए तो यह समस्या का कारण बन सकता है।
भोलेनाथ

भगवान शिव जिन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है और विनाशक भी। जहां वे अपने भक्तों से बहुत ही जल्दी प्रसन्न भी होते हैं तो क्रोध के कारण बहुत जल्दी रौद्र रूप भी धारण कर लेते हैं।
भांग-धतूरे का चढ़ावा

हम ये बात तो जानते ही हैं भगवान शिव को भांग-धतूरे का चढ़ावा बहुत पसंद है, आज हम आपको कुछ ऐसी सामग्रियां बताएंगे जिनका उपयोग शिव आराधना के दौरान बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
शिवपुराण

शिवपुराण के अनुसार शिव भक्तों को कभी भी भगवान शिव को इन पांच वस्तुओं का प्रसाद नहीं चढ़ाना चाहिए। आइए जानते हैं
क्या हैं वे पांच चीजें
केतकी के फूल

एक दिन भगवान विष्णु और ब्रह्म देव, खुद को सबसे अधिक ताकतवर साबित करने के लिए आपस में युद्ध कर रहे थे। जैसे ही वे दोनों एक दूसरे पर घातक अस्त्रों का प्रयोग करने लगे वहां ज्योतिर्लिंग के रूप में भगवान शिव प्रकट हुए। शिव ने उन दोनों से इस ज्योतिर्लिंग का आदि और अंत का पता लगाने को कहा, भगवान शिव ने कहा कि दोनों में से जो भी इस सवाल का जवाब दे देगा वहीं सबसे श्रेष्ठ होगा।
शिव ने उन दोनों से इस ज्योतिर्लिंग का आदि और अंत का पता लगाने को कहा, भगवान शिव ने कहा कि दोनों में से जो भी इस सवाल का जवाब दे देगा वहीं सबसे श्रेष्ठ होगा।
भगवान विष्णु उस ज्योतिर्लिंग के अंत की ओर बढ़े लेकिन उस छोर का पता लगाने में नाकामयाब रहे। ब्रह्म देव भी ऊपर की ओर बढ़े और अपने साथ केतकी के फूल को ले गए। भगवान विष्णु ने अपनी हार स्वीकार कर ली थी।
वापस आकर ब्रह्मा जी भगवान शिव से कहा कि उन्होंने ज्योतिर्लिंग के अंत का पता लगा लिया है और केतकी के फूल ने भी उनके झूठ को सच करार दे दिया।
ब्रह्मा जी के इस झूठ ने भगवान शिव को अत्यंत क्रोधित कर दिया, क्रोध में आकर महादेव ने ब्रह्मा जी का एक सिर काट दिया और साथ ही उन्हें श्राप दे दिया कि उनकी कभी कोई पूजा नहीं होगी। ब्रह्माजी का वो कटा सिर केतकी के फूल में बदल गया।
भगवान शिव ने केतकी के फूल को भी श्राप देकर कहा कि उनके शिवलिंग पर कभी केतकी के फूल को अर्पित नहीं किया जाएगा। तबसे शिव को केतकी के फूल अर्पित किया जाना अशुभ माना जाता है।
तुलसी

शिवपुराण के अनुसार असुर जालंधर की पत्नी तुलसी के मजबूत पतिधर्म की वजह से उसे कोई भी देव हरा नहीं सकता था। इसलिए भगवान विष्णु ने तुलसी के पतिव्रत को ही खंडित करने की सोची। वह जालंधर का वेष धारण कर तुलसी के पास पहुंच गए, जिसकी वजह से तुलसी का पतिधर्म टूट गया और भगवान शिव ने असुर जालंधर का वध कर उसे भस्म कर दिया।
दैवीय गुणों वाले पत्तों से वंचित

इस पूरी घटना ने तुलसी को बेहद निराश कर दिया उन्होंने स्वयं भगवान शिव को अपने अलौकिक और दैवीय गुणों वाले पत्तों से वंचित कर दिया।
नारियल का पानी

हालांकि शिवलिंग पर नारियल अर्पित किया जाता है लेकिन कभी भी शिवलिंग पर नारियल के पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। देवताओं को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद ग्रहण करना आवश्यक होता है लेकिन शिवलिंग का अभिषेक जिन पदार्थों से होता है उन्हें ग्रहण नहीं किया जाता। इसलिए शिव पर नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
हल्दी

हल्दी का प्रयोग स्त्रियों की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसलिए शिवलिंग पर कभी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती, क्योंकि वह स्वयं शिव का रूप है।
कुमकुम या सिंदूर

सिंदूर, विवाहित स्त्रियों का गहना माना गया है। स्त्रियां अपने पति की लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना हेतु सिंदूर लगाती हैं। लेकिन शिव तो विनाशक हैं, सिंदूर से उनकी सेवा करना अशुभ माना जाता है।

ॐ नमः शिवाय ..



भगवन शिव को चढाने वाली चीजों की इतनी विस्तृत जानकारी तो खुद मुझे भी न थी भाई इसलिए सबसे शेयर किया ताकि पुण्य की आशा में भक्तों के द्वारा की गई पूजा निष्फल न जाय .
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