08-09-2011, 09:05 AM | #1 |
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दूध के दांत भी क्या खूब!
बच्चे बेहद नाजुक होते हैं। जाहिर है, उनकी ज्यादा देखभाल की भी दरकार होती है लेकिन ऐसा होता नहीं है। खासकर दांतों से संबंधित प्रॉब्लम्स को लेकर ज्यादातर पैरंट्स संजीदा नहीं होते। उन्हें लगता है कि नए दांत आने पर प्रॉब्लम खुद-ब-खुद ठीक हो जाएगी, जबकि वक्त के साथ प्रॉब्लम बढ़कर गंभीर हो जाती है। बच्चों के दांतों से जुड़ी समस्याएं और उनके समाधान, पेश है एक्सपर्ट की राय |
08-09-2011, 09:06 AM | #2 |
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Re: दूध के दांत भी क्या खूब!
आप अपने नन्हे-मुन्ने को दुनिया की तमाम खुशियां देना चाहते हैं। उसकी छोटी-सी बीमारी भी आपको परेशान कर देती है लेकिन उसके दांतों को लेकर संजीदा नजर नहीं आते, जबकि दांतों की प्रॉब्लम न सिर्फ शारीरिक तकलीफ देती है, बल्कि खराब दांत पर्सनैलिटी को भी बेकार करते हैं। पैरंट्स अगर गौर करें तो बच्चों को दांतों की बहुत-सी बीमारियों से दूर रखा जा सकता है और अगर बीमारी हो भी जाए तो उसे सीरियस बनने से पहले कंट्रोल किया जा सकता है। |
08-09-2011, 09:06 AM | #3 |
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Re: दूध के दांत भी क्या खूब!
कैसे करें सफाई |
08-09-2011, 09:06 AM | #4 |
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Re: दूध के दांत भी क्या खूब!
दांत निकलते वक्त |
08-09-2011, 09:06 AM | #5 |
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Re: दूध के दांत भी क्या खूब!
ब्रशिंग कब से |
08-09-2011, 09:06 AM | #6 |
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Re: दूध के दांत भी क्या खूब!
प्रॉब्लम कैसी-कैसी |
08-09-2011, 09:07 AM | #7 |
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Re: दूध के दांत भी क्या खूब!
जन्मजात समस्याएं |
08-09-2011, 09:07 AM | #8 |
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Re: दूध के दांत भी क्या खूब!
बाद में होनेवाली समस्याएं |
08-09-2011, 09:07 AM | #9 |
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Re: दूध के दांत भी क्या खूब!
इलाज : डॉक्टर दांत में फिलिंग और जरूरत पड़ने पर पल्प ट्रीटमेंट (रूट कनाल की तरह) करेगा। बच्चों के लिए जीआईसी यानी ग्लास आइनोमर सिमेंट की फिलिंग सही रहती है क्योंकि इससे फ्लोराइड निकालता है, जो दांतों के लिए फायदेमंद है। इसमें मर्करी या दूसरे नुकसानदेह केमिकल भी नहीं होते। अगर दांत की दोनों वॉल टूट गई हैं तो कंपोटिज या कंपोमर फिलिंग भी करा सकते हैं। |
08-09-2011, 09:07 AM | #10 |
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Re: दूध के दांत भी क्या खूब!
टेढ़े-मेढ़े और ऊंचे-नीचे दांत |
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