27-08-2012, 06:57 AM | #14161 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
पटना। वन्य संसाधनों पर आश्रित रहकर जीविका चलाने वाली बिहार की प्रमुख जनजातियों में से एक थारु समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने के लिये सरकार ने कई योजनायें शुरू की हैं लेकिन अभी भी काफी काम करने की जरूरत है। वाल्मीकि नगर के आसपास बगहा । और 2, गौनाहा, मैनाटांड, हरिणटांड और रामनगर के इलाके में रहने वाले करीब दो लाख की आबादी वाले थारुओं को गर्मियों में लगने वाले दावानल का शिकार होना पड़ता है। उन पर पशु अंगों की तस्करी करने के आरोप भी लगाये जाते हैं। भाकपा माले नेता कुमार परवेज के अनुसार थारु जनजाति काफी उपेक्षित है। वन संसाधन पर मुख्य रूप से आधारित रहकर गुजर बसर करने वाले इस समुदाय के लोगों पर कभी बाढ तो कभी सरकारी योजनाओं के कारण ही विस्थापन का खतरा मंडराता रहता है। वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के आसपास रहने वाले थारु समुदाय के लोगों के गांवों के उजड़ने का खतरा मंडरा रहा है। बिहार के अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण विभाग के प्रधान सचिव रवि परमार कहते हैं कि राज्य सरकार ने पश्चिम चंपारण जिले में रहने वाले इस समुदाय के शैक्षिक, ग्रामीण और रोजगारपरक विकास के लिए कदम उठाये हैं। राज्य में थारु जनजाति की आबादी करीब दो लाख है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और नेपाल के तराई इलाकों पहले मान्यता प्राप्त राज्य में इस समुदाय को बहुत बाद में 2003 में संघर्ष के बाद जनजाति समुदाय का दर्जा प्राप्त हुआ। शैक्षिक और आर्थिक रूप से थारुओं का पिछड़ापन उनके लिए अभिशाप की तरह है। परवेज के अनुसार थारुओं के पास आज भी जीविका के ठोस स्रोत नहीं हैं, उनके इलाकों में पक्की सड़के नहीं हैं और पेयजल की भारी समस्या है। जीविका के लिए वन संसाधनों पर निर्भर थारु पुरुषों की समस्या है कि रिजर्व एरिया मे लकडियां आदि लाने के लिए जाने पर उन्हें वनरक्षकों के साथ संघर्ष का सामना करना पड़ता है। परमार कहते हैं कि मुख्यत: पश्चिम चंपारण में वास करने वाली इन जनजातियों को विशेष रूप से ही ध्यान में रखकर समेकित थरुहट विकास एजेंसी का गठन 2008 में किया गया था। यह एजेंसी थारु के शैक्षिक उत्थान के लिए कार्यरत है। वह कहते हैं कि 400 छात्रों की क्षमता वाले 10 आवासीय स्कूलों की योजना की गयी है जो थारु वास वाले इलाकों में स्थापित होगी। इसके अलावा कंप्यूटर और अन्य प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उनको रोजगारोन्मुखी बनाने का प्रयास किया गया है। परमार के अनुसार थारु गांवों को मुख्यालय और प्रखंड कार्यालयों से जोड़ने के लिए संपर्क पथ योजनाएं ली गयी हैं। वित्तीय वर्ष 2010-11 की अवधि में 8.02 करोड रुपये और 2011-12 में दो करोड रुपये थारु विकास योजनाओं के लिए दिये गये। 2012-13 में भी थरुहट विकास एजेंसी को दो करोड रुपये देने की तैयारी है। आलोचनाकर्ताओं का कहना है कि वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व परियोजना के लिए कोर और बफर एरिया बनाये जाने के कारण सुरक्षित क्षेत्र का दायरा अब थारु गांवों तक पहुंच गया है जिससे उनके विस्थापन की समस्या उत्पन्न हो गयी है। परवेज कहते हैं कि रिजर्व क्षेत्र का क्षेत्रफल 335 वर्ग किलोमीटर से बढाकर 599 वर्ग किलोमीटर करने का प्रस्ताव है। विस्थापन की आशंका को लेकर थारुओं में काफी रोष है। 300 से अधिक गांवों के उजड़ने का खतरा है। हालांकि विस्थापन की समस्या की कोई जानकारी होने से इनकार करते हैं और कहते हैं कि इस प्रकार की कोई योजना भी होगी तो वन एवं पर्यावरण विभाग पुनर्वास के लिए काम करेगा। सत्तारुढ जदयू के नेता और वाल्मीकिनगर के विधायक राजेश सिंह कहते हैं कि विस्थापन की कोई बडी समस्या नहीं है। सरकार के कार्यक्रमों से इस जनजाति को काफी लाभ हुआ है। स्थानीय ग्राम पंचायत या स्थानीय निकायों में थारु लोगों के जनप्रतिनिधि के रूप में चुने जाने और उनके राजनीतिक सशक्तिकरण के बारे में आंकड़े नहीं है। सिंह कहते हैं कि स्थानीय क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों में 70 प्रतिशत लोग आदिवासी समुदाय के हैं। इसमें थारु के अतिरिक्त उरांव समुदाय के भी लोग हैं जो बडी संख्या में मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच आदि पदों पर चुने गये हैं। जदयू विधायक के अनुसार क्षेत्र की जमीन पथरीली होने के कारण लोगों का जीवन कठिन है। पेयजल सुविधा के लिए ड्रिलिंग करनी पड़ती है और सिंचाई व्यवस्था भी कठिन है। सिंह कहते हैं कि वह स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि गर्मियों के समय में दावानल की परिस्थितियों में लोगों को उजड़ने से बचाया जा सके। बाघ के संरक्षण के लिए योजना बनाते समय जनजातियों और मूलवासियों के संरक्षण का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
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27-08-2012, 06:57 AM | #14162 |
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बिहार में 70.57 लाख परिवारों के पास आज भी शौचालय नहीं
पटना। देश में सभी परिवारों के पास शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण आज भी आबादी के एक बड़े हिस्से को खुले में शौच करने को मजबूर होना पडता है। इनमें से अधिकतर ग्रामीण इलाकों के लोग हैं और बरसात एवं बाढ के समय ऐसे लोगों के लिये विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बिहार में 70 लाख 57 हजार 769 परिवार शौचालय सुविधा से वंचित हैं जिनमें से अधिकतर ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और वे साल दर साल ऐसी विषम परिस्थिति से गुजरने को मजबूर हैं। राज्य सरकार के आंकडों के मुताबिक बिहार के 38 जिलों में से तीस जिले तकरीबन हर साल बाढ से प्रभावित होते हैं और यहां की करीब ढाई करोड आबादी को बाढ की विभीषिका झेलनी पडती है। राज्य लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से प्राप्त आंकडों के मुताबिक बिहार में एक करोड 11 लाख 71 हजार 314 परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराया जाना था जिसमें से अबतक 41,13,545 परिवारों को ही शौचालय उपलब्ध कराये जा सके हंै। विभागीय सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2012-13 के दौरान 8,25,248 बीपीएल परिवारों और 4,52,350 एपीएल परिवारों के घरों में शौचालय निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय के अभाव और लोगों के खुले में शौच जाने की बात को स्वीकार करते हुए इसे दूर करने को चुनौती भरा कार्य बताया है और इसके लिए लोगों के बीच जागरूक करने की आवश्यकता जतायी है। बिहार सरकार ने प्रदेश के एक करोड 11 लाख 71 हजार 314 परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराने के लक्ष्य को वर्ष 2017 तक प्राप्त करने के लिए विभागीय कार्रवाई किए जाने का दावा किया है। राज्य की नीतीश सरकार ने प्रदेश में शौचालय के निर्माण को गति देने के लिए 2007 में लोहिया स्वच्छता योजना कार्यक्रम की शुरुआत की थी और इसके तहत गरीबी रेखा से उपर :एपीएल: परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि के तौर पर तीन हजार रूपये दिये जा रहे हैं। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वालों परिवारों के लिए भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि के तौर पर 3200 रूपये का प्रावधान है जिसमें से एक हजार रूपये का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। महादलित बीपीएल परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि के तौर पर 3500 रूपये दिया जाता है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने 25 अगस्त को रोहतास जिले का भ्रमण करते हुए शौचालय निर्माण को महिलाओं के स्वाभिमान से जोडते हुए कहा था कि अब सभी इंदिरा आवास में शौचालय का निर्माण आवश्यक कर दिया गया है और इसके लिए अतिरिक्त नौ हजार रूपये की राशि दी जाएगी। रमेश ने कहा कि इंदिरा आवास निर्माण की द्वितीय किस्त की राशि तभी दी जाएगी जब ऐसे आवासों में शौचालय का निर्माण होगा।
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27-08-2012, 06:58 AM | #14163 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
बिना गोला बारूद के तबाह कर सकते हैं कंप्यूटर वायरस
नयी दिल्ली। असम और म्यामां में मुसलमानों के साथ कथित अत्याचार के खिलाफ पाकिस्तानी वेबसाइटों द्वारा आपत्तिजनक सामग्री अपलोड किये जाने के बाद भारत में भड़के दंगों के बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर भारत सरकार ने देश में साइबर सुरक्षा के लिये प्रभावी कदम नहीं उठाये तो भविष्य में स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है । प्रख्यात साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और टोरेड नेटवर्क कंपनी के निदेशक धु्रव सोयी ने कहा, ‘पहले कंप्यूटर वायरस का इस्तेमाल केवल जासूसी के लिये किया जाता था लेकिन अब रणनीति बदल गई है । भारत के पड़ोसी देश सरकार के महत्वपूर्ण कदम की निगरानी करने के लिये ऐसे वायरसों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो उन्हें महत्वपूर्ण सूचना मुहैया करा देता है ।’ सरकार के साथ कई परियोजनाओं पर मिलकर काम कर रहे सोयी ने कहा कि आज हरेक देश का कार्य कंप्यूटर से होने लगा है और एक प्रणाली दूसरे से जुड़ी हुई है । उन्होंने कहा कि इस स्थिति का हैकर या दुश्मन देश फायदा उठा सकते हैं और किसी देश के खिलाफ साइबर युद्ध छेड़कर उसकी प्रणाली को तहस नहस कर सकते हैं । रक्षा मामलों के विशेषज्ञ और इंडियन डिफेंस रिव्यू पत्रिका के संपादक भरत वर्मा ने से कहा, ‘साइबर युद्ध अगली पीढी का युद्ध है जिसमें दुश्मन देश बिना कोई गोली चलाये आपके डेटालिंक, इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेस और नेटवर्क को युद्ध के पहले ही या दौरान तबाह कर सकता है । यह अफवाह फैला सकता है, (जैसा असम हिंसा के बाद हुआ) अपलोड कर सकता है।’ कैप्टन (सेवानिवृत) वर्मा ने कहा, ‘इसके लिये बहुत बड़ी सेना की जरूरत नहीं होती और एक व्यक्ति मात्र एक कंप्यूटर से भीषण नुकसान पहुंचा सकता है ।’ उन्होंने कहा, ‘साइबर युद्ध में संलिप्त देश खतरनाक वायरस की मदद से आपके बिजली के ग्रिड को फेल कर सकता है जिससे प्रभावित देश के विमान उड़ान नहीं भर सकेंगे, एक दूसरे का संपर्क खत्म हो जायेगा। इसके अलावा ये वायरस युद्ध के दौरान आपके मिसाइलों का रास्ता बदल सकते हैं जिससे आपकी मिसाइल स्वयं आपको ही तबाह कर सकती है ।’ उल्लेखनीय है कि इससे पहले अमेरिका और इस्राइल ने कथित रूप से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने के लिये अब तक के सबसे शक्तिशाली साइबर हथियार :कंप्यूटर वायरस: ‘स्टक्सनेट’ का इस्तेमाल किया था। इसी तरह से ‘घोस्टनेट’ वायरस ने भारत सरकार के विभिन्न प्रणालियों में घुसपैठ कर सुरक्षा एजेंसियों, दूतावासों और दलाई लामा के कार्यालय में सेंध लगाई थी और कई गोपनीय दस्तावेजों को चुरा लिया था । दुनिया की एक प्रमुख साइबर सुरक्षा कंपनी साइमंटेक ने भी वर्ष 2010 में अकेले तीन अरब मालवेयर हमले को रिकार्ड किया थे । सोयी ने कहा, ‘परंपरागत युद्ध में हमें दुश्मन और उसकी क्षमता पता होता था लेकिन साइबर युद्ध में ऐसा नहीं है । हम शत्रु की पहचान नहीं कर सकते हैं । दो देशों के बीच विवाद का तीसरा देश फायदा उठा सकता है और साइबर हथियार का इस्तेमाल कर संघर्षरत देशों के बीच युद्ध भड़का सकता है ।’ वर्मा ने कहा कि साफ्टवेयर के क्षेत्र में ‘महाशक्ति’ का दर्जा रखने वाले भारत की साइबर युद्ध से लड़ने की प्रणाली बहुत लचर है। भारत को अमेरिकी सेना के ‘साइबरकॉम’ तरह एक एकीकृत साइबर युद्ध कमांड बनाना चाहिये । इसके अलावा भारत को चीन की तरह अपने युवाओं को साइबर युद्ध लड़ने का मौका देना चाहिये । सोयी ने कहा, ‘‘हमारे देश की साइबर सुरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर है । इसको मजबूत करने के बारे में अब सरकार सोच रही है । हमारे पास परंपरागत युद्ध में चीन या अमेरिका जैसी महाशक्तियों से मुकाबला करने की क्षमता है लेकिन साइबर स्पेस में हम इन दोनों देशों के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते हैं । भारत सरकार को खुलकर इसे बढावा देने की जरूरत जबकि वह ऐसा करने से बच रही है ।’’
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27-08-2012, 06:59 AM | #14164 |
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मधुमेह रोगियों की सबसे अधिक संख्या भारत में, युवाओं में तेजी से फैल रही बीमारी
नयी दिल्ली। विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व भर में मधुमेह रोगियों की संख्या भारत में सबसे अधिक यानि लगभग छह करोड़ है और वर्ष 2030 तक यह संख्या बढ कर आठ करोड़ से भी अधिक हो जायेगी। ‘वर्ल्ड डायबिटीज फाउंडेशन’ और ‘इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन’ के अनुसार विश्व में अभी मधुमेह पीड़ित लोगों की संख्या 30 करोड़ से भी अधिक है और इस संख्या का पांचवा हिस्सा दक्षिण पूर्वी एशिया के लोगों का है, जिनमें 99 फीसदी लोग भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के हैं। भारत के बाद सबसे अधिक मधुमेह रोगियों की संख्या चीन में है और विश्व भर में युवा पीढी काफी तेजी से इस बीमारी की चपेट में आ रही है। राजधानी दिल्ली स्थित ‘नेशनल हर्ट इंस्टिट्यूट’ में मधुमेह विभाग के विभागाध्यक्ष एवं देश के जाने माने मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. वी. के गुजराल ने ‘भाषा’ को बताया कि उनके पास आने वाले मधुमेह रोगियों की संख्या ‘खतरनाक’ गति से बढ रही है। डॉ. गुजराल ने कहा, ‘‘पिछले कुछ साल के दौरान मधुमेह पीड़ितों की संख्या बहुत तेज रफ्तार से बढी है जो एक गंभीर संकट की तरफ इशारा करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि मधुमेह के मरीजों में युवा पीढी, विशेष तौर पर युवतियों, की संख्या बहुत तेजी से बढ रही है।’’ उन्होंने बताया कि अब से 20 से 30 साल पहले मधुमेह के रोगियों में लगभग 10 प्रतिशत रोगी 40 वर्ष से कम उम्र के होते थे, लेकिन अब यह काफी तेजी से बढ कर 50 फीसदी तक पहुंच चुकी है। डॉ. गुजराल ने कहा कि अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव और खुद पर नियंत्रण रख कर ही इस बीमारी को काबू किया जा सकता है। उन्होंने कहा धूम्रपान एवं शराब की लत इस बीमारी के लिये और भी घातक है। ‘दिल्ली डायबिटीज रिसर्च इंस्टिट्यूट’ के अध्यक्ष डॉ. ए झिंगन का कहना है कि वर्तमान समय में सबसे चिंताजनक बात यह है कि युवा पीढी भी इस बीमारी की चपेट में आ रही है और इसने देश की ‘प्रोडक्टिव पापुलेशन’ को अपने शिकंजे में कसना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि आधुनिक जीवनशैली ने इस बीमारी का प्रभाव और बढा दिया है और इसे काबू करने के लिये अपनी जीवनशैली को नियंत्रित एवं नियमित करने की जरूरत है।
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27-08-2012, 06:59 AM | #14165 |
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निर्माण गतिविधियों के कारण सूर सरोवर पक्षी विहार का अस्तित्व खतरे में
आगरा। प्रेम के प्रतीक ताजमहल के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध आगरा के सूर सरोवर पक्षी विहार का अस्तित्व खतरे में है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस सबसे बड़े पक्षी विहार के संरक्षित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियां चल रही हैं जिनका प्रदूषित जल और कचरा इस झील को प्रभावित कर रहा है। उच्चतम न्यायालय और केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के आदेशों पर प्रभावी तरीके से अमल नहीं होने के कारण इस पक्षी विहार के आसपास संरक्षित वन क्षेत्र में धीरे धीरे कंकरीट के जंगल खड़े हो गए हैं। ताज ट्रेपेजियम (टीटीजेड) क्षेत्र के लिए गठित उच्चतम न्यायालय अनुश्रवण समिति के सदस्य डी के जोशी ने इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट समिति के अध्यक्ष आगरा के मंडलायुक्त, उच्चतम न्यायालय, केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को भेजी है। समिति के सदस्य डीके जोशी ने बताया कि सूर सरोवर पक्षी विहार की सीमा में दो इंजीनियरिंग कालेज हैं जिनका सीवेज, जहरीले एवं प्रदूषित जल का निस्तारण पक्षी विहार स्थित कीठम झील में हो रहा है । इन कालेजों ने अनधिकृत रूप से बहुमंजिली इमारतों और स्टेडियम के निर्माण के साथ ही वहां हाइपावर फ्लैश लाइट और जनरेटर इत्यादि लगाये गये हैं जो अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आते हैंं। गौरतलब है कि इस सूर सरोवर पक्षी विहार में एक विशाल भालू संरक्षण गृह भी है जिसमें इस समय 249 भालुओं को रखा गया है। सूर सरोवर पक्षी विहार को 1991 में वन्यजीव विहार घोषित किया गया था। इस पक्षी विहार में चिड़ियों की 222 प्रजातियां, 229 प्रजातियों के पौधे, कछुए की सात प्रजातियां, सागो की 16 प्रजातियां, नौ प्रकार के स्तनधारी एवं वन्य जीव जंतु पाये जाते हैं। जोशी की रिपोर्ट के अनुसार सूर सरोवर को पक्षी विहार घोषित किये जाने के बावजूद 1998 के बाद से इस क्षेत्र में व्यवसायिक निर्माण होने लगा लेकिन वन्य जीव अधिनियम की धारा 29 के उल्लंघन के प्रति वन विभाग ने इस ओर आंखे मूंद रखी है। दो इंजीनियरिंग कालेजों से लगातार सीवेज और प्रदूषित जल कीठम झील में प्रवाहित किया जा रहा है। एक इंजीनियरिंग कालेज कथित रूप से संरक्षित वन क्षेत्र की भूमि का इस्तेमाल कर रहा है जिससे वन संरक्षण कानून के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित कीठम नामक ग्राम को सूरदास की जन्मस्थली माना जाता है। इस स्थान पर 1922 में निर्मित विशाल कीठम झील है। कभी इस झील के आसपास मीलों दूर तक घना जंगल था। इसी कारण यहां हजारों देशी और विदेशी पक्षियों और वन्यजीव जंतुओं ने अपना ठिकाना बना लिया था। उच्चतम न्यायालय ने फरवरी 2000 में एक आदेश में कहा था कि देश की किसी भी नेशनल पार्क एवं सेंचुरी की, जिसे संरक्षित वन क्षेत्र भी कहा जाता है, सीमा के भीतर कोई भी गैर वानिकी कार्य न्यायालय की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता । लेकिन इसके बावजूद इस क्षेत्र में इंजीनियरिंग कालेजों का निर्माण हुआ और कंकरीट की बहुमंजिली इमारतें खड़ी हो गई । संरक्षित वन्य क्षेत्रों के आसपास बढ रहे अवैध निर्माण के तथ्य के मद्देनजर ही केन्द्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने 2006 में एक आदेश जारी करके संरक्षित वन्यक्षेत्र के 10 किलोमीटर दायरे में कोई भी व्यवसायिक कार्य करने से पूर्व पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी अनिवार्य कर दी थी। जोशी की रिपोर्ट के अनुसार इस दस किलोमीटर के क्षेत्र में अभी भी दर्जनों निर्माण कार्य चल रहे हैं और कई प्रकार की शैक्षणिक, व्यवसायिक और रिहाइशी गतिविधियां जारी हैं। ये सभी अपने सीवेज और प्रदूषित जल का निस्तारण भूगर्भ में ही कर रहे हैं जिससे इस क्षेत्र के पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा हो गया है और वन्य जीव जंतुओं को भी हानि पहुंच रही है।
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27-08-2012, 03:33 PM | #14166 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
प्रिंस हैरी ने फेसबुक से अपना अकाउन्ट निष्क्रिय किया
लंदन। प्रिंस हैरी ने अपने फेसबुक पेज को निष्क्रिय कर दिया है। उन्होंने लास वेगास में अपनी निर्वस्त्र तस्वीरें सामने आने के बाद नई तस्वीरें आने के डर से ऐसा किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसा समझा जाता है कि 27 वर्षीय राजकुमार सोशल नेटवर्किंग साइट के बड़े प्रशंसक हैं और छद्म नाम ‘स्पाइक वेल्स’ के नाम से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। सन टैबलॉयड की आज की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अपने निजी सचिव जेमी लावथर पिंकर्टन की सलाह के बाद अपने अकाउन्ट को निष्क्रिय कर दिया है।
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27-08-2012, 03:34 PM | #14167 |
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प्रधानमंत्री ने अंडर 19 टीम से कहा, आप भविष्य के खेल सितारे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम को बधाई देते हुए इसके खिलाड़ियों को ‘भविष्य के खेल सितारे’ बताया। युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जताते हुए मनमोहन ने अपने संदेश में कहा, ‘आप भविष्य के खेल सितारे हैं।’ उन्मुक्त चंद की अगुुआई वाली भारत की अंडर 19 क्रिकेट टीम ने आज विश्व कप जीता। उन्मुक्त ने फाइनल में आज नाबाद शतकीय पारी खेलकर आस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराने में अहम भूमिका निभाई। अंडर 19 विश्व कप में यह भारत की तीसरी खिताबी जीत है। इससे पहले मोहम्मद कैफ और विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीमों ने क्रमश: 2000 और 2008 में अंडर 19 विश्व कप जीता था।
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27-08-2012, 03:35 PM | #14168 |
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‘एलियन को पृथ्वी के बारे में बताना बुद्धिमानी नहीं’
बीजिंग। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक ब्रायन पी. श्मिइत ने चेतावनी दी है कि एलियन के साथ किसी मुठभेड़ के नतीजे हमारे लिए अच्छे नहीं होेंगे और अपने ठिकाने के बारे में उन्हें बताना बुद्धिमानी नहीं होगी। वर्ष 2011 के भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेता श्मिइत ने अंतरराष्ट्रीय खगोल विज्ञान यूनियन के 28 वें सम्मेलन में यहां कहा, ‘मुझे लगता है कि एलियन को यह बताने में बुद्धिमानी नहीं होगी कि हम कहां रहते हैं क्योंकि उनके साथ किसी भी तरह के मुठभेड़ का नतीजा सुखद नहीं होगा।’ उन्होंने कहा, ‘एलियन ऐसी चीज नहीं हो सकते हैं जिनके बारे में हमें चिंता करने की जरूरत है। वे बहुत-बहुत दूर होंगे और उन्हें ब्रह्मांड में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में इतना वक्त लगेगा कि उनसे कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन ऐसा होने पर ही ऐसा होगा।’ ब्रह्मांड के फैलने के बारे में साक्ष्य देने को लेकर श्मिइत को साउल पर्लमुटर और एडम रीइस के साथ 2011 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला था। इस खोज से पहले आमतौर पर यह माना जाता था कि ब्रह्मांड के प्रसार की गति धीमी पड़ रही है। गौरतलब है कि दुनिया के सबसे प्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविज्ञानी स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि मानव को दूसरे ग्रहों पर मौजूद जीवन के बारे में अत्यधिक सावधान रहना चाहिए और एलियन के साथ संपर्क साधना जोखिम भरा होगा। श्मिइत ने हॉकिंग की बातों से सहमति जताई और कहा कि मानव के पास चिंता करने के लिए कई चीजें हैं। उन्होंने कहा, ‘सचाई यह है कि सूरज करीब चार अरब साल में हमारा साथ छोड़ने जा रहा है और अत्यधिक गर्म होने जा रहा है। इसलिए भविष्य में करीब 80 करोड़ साल बाद हमें इसका सामना करने के बारे में सोचने की जरूरत पड़ेगी।’
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27-08-2012, 03:36 PM | #14169 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
गिरफ्तारी से बचने के लिए पुसी रायट के दो सदस्य रूस छोड़कर भागे
मास्को। रूसी पंक बैंड पुसी रायट ने कहा है कि उसके दो सदस्य, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है, देश छोड़कर भाग गए हैं। महिलावादी समूह के पांच सदस्यों ने राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के शासन और रूस के आर्थोडॉक्स चर्च के साथ उनके अच्छे संबंधों का विरोध करने के लिए मास्को के मुख्य कैथेड्रल में भड़काऊ परफार्मेंस में हिस्सा लिया था। उनमें से सिर्फ तीन की पहचान और गिरफ्तारी हुई थी। विवादास्पद मुकदमे के बाद गत 17 अगस्त को उन्हें दो साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। कुछ दिनों बाद मास्को पुलिस ने कहा कि वे अन्य लोगों की भी तलाश कर रहे हैं। इसे समूह के लिए पुतिन विरोधी प्रदर्शन बंद करने के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा था।
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27-08-2012, 03:47 PM | #14170 |
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बेंगलूर में प्राकृतिक चिकित्सा कराएंगे हजारे
मुंबई। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे आज से एक सप्ताह तक प्राकृतिक चिकित्सा के लिए बेंगलूर रवाना होंगे, जिसके बाद वह अपना देशव्यापी दौरा शुरू करेंगे। उनके सहयोगी दत्ता अवारी ने उनके पैतृक गांव रालेगण सिद्धि से फोन पर बताया, ‘जिंदल नैचुरोपैथी फाउंडेशन के लिए हजारे आज रालेगण से रवाना होंगे।’ अवारी ने बताया कि उपचार के बाद हजारे देशव्यापी दौरा शुरू करेंगे।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
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