15-03-2013, 07:51 PM | #1 |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 |
यहां है रावण की असली लंका
रांची। विश्व के महान धर्मग्रंथों में से एक रामायण विश्व को करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। न सिर्फ हिन्दुओं बल्कि दूसरे धर्मों के लोगों की भी इससे श्रद्धा जुड़ी हुई है। भगवान विष्णु के अवतार और लगभग 17 लाख वर्ष पूर्व हो चुके विश्व के महानतम राजा श्रीराम के जीवन से जुड़ी इस कहानी पर अब तक कई शोध हो चुके हैं और हो रहे हैं। कई शोधकर्ता रामायण को कोरी कल्पना कहकर उसे सीधे तौर पर नकार देते हैं, तो कईयों ने तथ्यों और प्रमाणों के साथ इसे सच्चा इतिहास सिद्ध करने का प्रयास किया है। रामायण की तरह उससे जुड़े स्थान भी शोधकर्ताओं के विवाद और कौतूहल के विषय रहे हैं। जिस तरह राम के जन्मस्थान अयोध्या के विवाद ने भले ही सांप्रदायिक रूप ले लिया हो, पर उसके अलावा कई स्थान तर्क-वितर्क के केंद्र में हैं पर उन धार्मिक विवाद नहीं हुआ। इन्हीं में से एक प्रमुख स्था है लंका। आम लोग नाम के आधार पर श्रीलंका को रावण की लंका मानते हैं, पर कई शोधकर्ता इससे सहमत नहीं हैं। |
15-03-2013, 07:52 PM | #2 |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 |
Re: यहां है रावण की असली लंका
5 अक्टूबर, सन् 1971 को प्रख्यात इतिहासकार एच. डी. संकलिया की एक रिपोर्ट अंग्रेजी दैनिक 'द स्टेट्समैन' में प्रकाशित हुई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका नहीं बल्कि झारखंड का छोटानागपुर क्षेत्र ही रामायण की लंका है। संकलिया का निष्कर्ष था कि रामायण प्रारंभिक लौह-युग से जुड़ी गाथा है और इस पवित्र महाकाव्य में वर्णित लंका तो वर्तमान श्रीलंका नामक द्वीप हो ही नहीं सकती।
|
15-03-2013, 07:52 PM | #3 |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 |
Re: यहां है रावण की असली लंका
महिसादल और राजार धिपी से प्राप्त पुरातात्विक प्रमाणों के आधार पर यह पता चलता है कि इस शुरुआती संस्कृति और सभ्यता को एक लोहा उत्पादन करने वाली जाति ने या तो नष्ट कर दिया या फिर विस्थापित कर दिया।
अकेले रांची जिले में ही असुरों के किले और कब्रिस्तान पाए गए हैं। आस-पास के सैंकड़ों गांवों में प्राचीन लंबी कद-काठी वाली प्रजाति के मानवों से जुड़े अवशेष बिखरे पड़े हैं। इन्होंने सभ्यता का लंबा सफर तय किया और उसके शिखर तक पहुंचे। असुरों के कब्र बिल्कुल अव्यवस्थित क्रम में मिले हैं जिन्हें स्लैब द्वारा चिन्हित किया गया है। इनके छत के पत्थर सामान्यतया 8 फीट लंबे हैं पर कहीं-कहीं 10 से 12 फीट भी। वह कहते हैं, "वह लोहे का संदूक, जिसमें शिव का धनुष रखा गया था और जिसे केवल राम ही उठा सके थे, एक उच्चतम तकनीक का परिचय देता है।" |
15-03-2013, 07:53 PM | #4 |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 |
Re: यहां है रावण की असली लंका
इतिहासकार एच. डी. संकलिया निष्कर्ष के रूप में लिखते हैं कि रामायण प्रारंभिक लौह युग से जुड़ा है। यह बात उनके हथियारों से साबित हो जाती है। उस काल में झारखंड की असुर जाति द्वारा लोहा गलाने के उद्योग समृद्ध रूप में थे। |
15-03-2013, 07:53 PM | #5 |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 |
Re: यहां है रावण की असली लंका
अपने रिपोर्ट में संकलिया इन सब बातों के पुरातात्विक, भौगौलिक और जैववैज्ञानिक प्रमाण भी प्रस्तुत करते हैं। उनके निष्कर्षों के अनुसार रामायण की अधिकतर घटनाएं वर्तमान के उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड के छोटानागपुर पठार व पूर्वी मध्यप्रदेश में 1500 ईसा पूर्व के आस-पास घटित हुई हैं। ईसा पूर्व 2000 से 1500 के बीच की एक व्यवस्थित सभ्यता के प्रमाण के लिए उन्होंने कौशाम्बी, प्रह्लादपुर, चिरांद, सोनपुर आदि स्थानों पर खुदाई की बात कही थी।
|
15-03-2013, 07:54 PM | #6 |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 |
Re: यहां है रावण की असली लंका
उनके अनुसार, रामायण की लंका छोटानागपुर पठारी क्षेत्र (वर्तमान में झारखंड के रांची व हजारीबाग जिले) में ही कहीं रही होगी और 'वानर' व 'राक्षस' कोई और नहीं बल्कि यहां की वनवासी (आदिवासी) जातियां हैं। झारखंड के सबसे पुराने निवासी असुर हैं, जो स्वयं को महिषासुर के वंशज मानते हैं।
|
15-03-2013, 08:14 PM | #7 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99 |
Re: यहां है रावण की असली लंका
बढ़िया जानकारी है। धन्यवाद।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
15-03-2013, 11:37 PM | #8 |
Administrator
|
Re: यहां है रावण की असली लंका
यह एक ऐसा लेख था की व्यस्त होने के बावजूद रुक कर पढना पड़ा। शेयर के लिए धन्यवाद, पुंडीर जी। बहुत ही अच्छी जानकारी है।
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
16-03-2013, 10:17 AM | #9 |
Exclusive Member
|
Re: यहां है रावण की असली लंका
चौँकाने वाला लेख हैँ
श्री लंका को ही असली लंका सुना था
__________________
दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
Bookmarks |
|
|