11-02-2015, 10:47 PM | #1 |
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उपचार तनाव का
^ जो लोग नौकरी करते हैं, वे अपने मैनेजमेंट की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए दिन-रात कुछ न कुछ उपाय सोचते रहते हैं। इस प्रकार मानसिक तनाव बढ़ता है। यहां पढ़िए एक मैनेजमेंट संस्थान से जुड़ा प्रसंग, जहां के कर्मचारी काम के बोझ की वजह से तनाव में रहते थे... किस प्रकार एक मनोवैज्ञानिक ने उन्हें खुश रहने का तरीका बताया... किसी शहर के मैनेजमेंट संस्थान में कर्मचारी काम को लेकर बहुत स्ट्रेस (तनाव) में रहते थे। इसका प्रतिकूल असर उनके स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन पर पड़ रहा था, इसलिए उस संस्थान ने कर्मचारियों को ‘स्ट्रेस मैनेजमेंट’ के बारे में समझाने के लिए मनोवैज्ञानिक को आमंत्रित किया। आरंभिक परिचय के बाद मनोवैज्ञानिक ने कर्मचारियों के समक्ष पानी से भरा गिलास उठाया। कर्मचारी समझे कि अब ‘आधा गिलास खाली या आधा भरा है’ पूछा और समझाया जाएगा। किंतु मनोवैज्ञानिक ने पूछा, ‘इस गिलास में भरे पानी का कितना वजन होगा?’
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) Last edited by rajnish manga; 11-02-2015 at 10:56 PM. |
11-02-2015, 11:01 PM | #2 |
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Re: उपचार तनाव का
सभी ने अनुमान से 300 से 400 ग्राम बताया। तब मनोवैज्ञानिक ने कहा, ‘कुछ भी वजन मान लें, लेकिन अधिक फर्क नहीं पड़ता। फर्क इस बात से पड़ता है कि मैं कितनी देर तक इसे उठाए रखता हूं। यदि इस गिलास को मैं एक मिनट तक उठाए रखता हूं तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
मनोवैज्ञानिक ने आगे कहा यदि एक घंटे तक पानी के गिलास को उठाए रखूंगा तो हाथ में दर्द होगा और हाथ अकड़ जाएगा। यदि पूरा दिन इसे उठाकर रखूंगा तो मेरा हाथ पैरालाइज भी हो सकता है। इसी प्रकार आप लोग काम का तनाव कुछ समय तक के लिए रखें तो ठीक, लेकिन उसे घर तक लेकर जाएंगे तो अपना स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन दोनों को खो देंगे। इसलिए संस्थान के काम को निष्ठापूर्वक तनावरहित होकर निपटाएं और फिर परिवार में जाकर परिवार के ही होकर रहें।’ मनोवैज्ञानिक की बातों ने संस्थान के कर्मचारियों को तनाव मुक्त कर दिया। उनकी बातों को यदि जीवन में लागू करें तो हम पाएंगे कि चिंता और दु:ख जीवन के साथ लगे रहते हैं, किंतु यदि हम उनसे शीघ्र मुक्त होना सीख लें तो सुखी रह सकते हैं और यदि इन्हें मन से चिपकाए रखेंगे तो जीवन जीना दूभर हो जाएगा। वह बोझ बनकर रह जाएगा। **
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13-02-2015, 12:20 AM | #3 |
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Re: उपचार तनाव का
बिल्कुल ठीक फरमाया रजनीशजी !
असल में परोक्ष रूप में तनाव को आमन्त्रित करने का काम व्यक्ति का मैं—पना या अहम या घमण्ड या चाहे जो कहो .. वो होता है ! इसी अहम के कारण अपनी क्षमता से अधिक का बोझा स्वयं पर लाद लेता है और दु:खी होता रहता है । आज की लाईफ स्टाईल, तृष्णा से उपजी आवश्यकताएं, आज के प्रतीयोगी युग में स्वयं को दूसरों की तुलना में बराबर या बढ कर खड़े रह पाने की इच्छा आदि भी तनाव को आमन्त्रित करने वाले कारक है !! |
15-02-2015, 11:31 AM | #4 |
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Re: उपचार तनाव का
धन्यवाद आदरणीय रजनीश जी बहुत सुन्दर तरीके से यहाँ तनाव से मुक्त होने का उपाय बताया है जो कई लोगो के लिए उपयोगी है | तनाव एक बहुत भारी मानसिक दशा है जो इन्सान के जीवन से शांति सुख चैन छीन लेता है .
कई बार न चाहते हुए भी तनाव इंसानी दिमाग में घर कर जाता है और जीना दूभर हो जाता है लोगो के लिए .| और कई बीमारी की वजह बन जाता है विश्व में कई लोग आज तानव मुक्ति की दवाए लेते हैं .किन्तु मेरा मानना है की हम इस तनाव की स्थिति को खुद पर हावी नही होने दे सकते हैं क्यूंकि मानव जीवन कभी समस्यायों से मुक्त नही होता दुनिया में कोई इन्सान एइसा नही जिसका जीवन एक ही ढर्रे पर चलता हो ., जीवन है वहाँ समस्याएं हैं ही और कई तरह की समस्याएं होती है सबकी अपनी_ अपनी, अलग _अलग समस्याएं हैं , पर इसे हार्ट फिलिंग किया तो अवश्य बीमारी आएगी और अगर समस्या का समाधान निकला और खुद से दूर रखा तो कोई बड़ी बात नही बिंदास रहने वाले लोग ज्यदा बीमार नही पड़ते जबकि हर छोटी बात को दिल से लगाने वाले लोग कई बिमारियों के शिकार हो जाते हैं ... |
27-04-2015, 11:38 AM | #5 |
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Re: उपचार तनाव का
Yoga can help you Improves Blood Circulation, Decreases stress, glow shining on face, weight lose and personal fitness. Yoga help in both Physical Health and Mental Health.
Last edited by rajnish manga; 30-07-2015 at 10:42 PM. |
30-07-2015, 10:41 AM | #6 |
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Re: उपचार तनाव का
Yoga is the natural way to stay happy, healthy and stress free. It is the best home exercises you can do around the house.
Last edited by rajnish manga; 30-07-2015 at 10:43 PM. |
01-08-2015, 10:28 PM | #7 |
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Re: उपचार तनाव का
जीवन में निरोग रहने के लिए योग का साथ होना बेहद जरुरी है. अब तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस बारे में काम किया जा रहा है.
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18-08-2015, 12:07 PM | #8 |
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Re: उपचार तनाव का
तनाव हमारे जीवन के साथ साथ हमारे परिवार और मित्रों को भी प्रभावित करता है. इसलिए तनाव नहीं करना चाहिए
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31-08-2015, 10:54 PM | #9 |
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Re: उपचार तनाव का
तनाव का उपचार
दूसरों के साथ आपका व्यवहार कैसा है, यह भी तनाव का एक कारण हो सकता है। इस संदर्भ में दूसरों का यथोचित सम्मान करें। दूसरों के कार्य में अनावश्यक हस्तक्षेप न करें। कम बोलें व अधिक सुनें। अपने काम को ईमानदारी व जिम्मेदारी से करें। जिद्दीपन व दुराग्रह को त्याग दें। सबसे सामञ्जस्य बिठाकर सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाये रखें। लेखन, पेंटिंग, ड्राईंग, नाचकूद, ड्रामा जैसी कलात्मक अभिव्यक्तियों द्वारा हम तनाव को शानदार ढंग से कम कर सकते हैं। भावनात्मक उद्वेग के क्षणों में उन्हें कागज पर उतारने से तनाव कम हो जाता है। शोध, अध्ययन में पाया गया है कि ऐसा करने से व्यक्ति की रोगप्रतिरोधी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो जाती है। डायरी लेखन भी तनाव मुक्ति का एक अच्छा उपाय हो सकता है जिसकी महत्ता आत्म निरीक्षण व व्यक्तित्व निर्माण के रूप में असंदिग्ध है। नाचकूद में शरीर के व्यायाम के साथ तनाव से राहत मिलती है। वैज्ञानिकों के अनुसार गुर्दे से बॉर एपिनेफरिन नामक रसायन इसमें सहायक होता है। कलात्मक अभिव्यक्ति द्वारा मस्तिष्क के दोनों गोलार्धों के बीच सम्बन्धों में मजबूती पायी गयी है जो समस्याओं के समाधान को सरल बनाती है व कठिनाइयों से जूझने की शक्ति बढ़ा लेती है। मनपसंद संगीत भी तनाव से राहत का प्रभावशाली उपाय है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि सूर्यास्त के समय संगीत सुनने से मस्तिष्क से एण्डोरफिन नामक रसायन पदार्थ निकलता है जो रोग प्रतिरोधक संस्थान को मजबूत करता है।
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31-08-2015, 10:55 PM | #10 |
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Re: उपचार तनाव का
आज मनोविज्ञान में ‘आर्ट थेरेपी’ के अंतर्गत क्रोध अवसाद आदि से ग्रसित व्यक्ति को कागज, केन्वास व कलम-ब्रश थमाकर अपने गुस्से व अवसाद को कागज या केन्वास पर उगलवा कर हल्का तथा शान्त किया जाता है। चिकित्सा विज्ञानी कला अभिव्यक्ति द्वारा स्तन कैंसर ऑपरेशन के बाद विक्षुब्ध एवं तनावग्रसित महिलाओं को राहत दिलवा रहे हैं।
हँसना तनाव की सबसे बड़ी औषधि है। विशेषज्ञों का कहना है कि हँसते समय मस्तिष्क से एण्डोफिन नामक रसायन निस्सृत होता है जो पीड़ा में कमी करता है व प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जीवन की परेशानियों व कुण्ठाओं से उत्पन्न तनाव को हल्का करने का एक उपाय यह भी है कि अपने हृदय की किसी विश्वसनीय बन्धु के आगे खोलें। इससे मन हल्का हो जायेगा व समस्या का समाधान हो जायेगा। जब हम अपने लिए ही परेशान हों, तब दूसरों के लिए भी कुछ करने की सोचें। इससे हमें असीमित आनन्द मिलेगा। आहार सम्बन्धी असंयम एवं लापरवाही भी तनाव का एक प्रधान कारण है। अति−आहार के कारण पेट में अपच-कब्ज, शरीर में आलस्य व मस्तिष्क में जड़ता कि शिकायत बनी रहती है। पेट हल्का रहे तो शरीर व मन मस्तिष्क सभी हल्के, स्फूर्तिवान व शान्त रहते हैं। अपने आहार-विहार, कार्य पद्धति एवं दिनचर्या के व्यवस्थित होने पर भी जीवन की प्रतिकूल परिस्थितियों के थपेड़े तनाव पैदा कर देते हैं। इसके लिए आध्यात्मिक उपचार (साधनाओं) द्वारा अंतर्मन को मजबूत बनाया जाये। अध्यात्म दर्शन के समर्थ सम्बल द्वारा जीवन के दृष्टिकोण एवं कार्यपद्धति में हेर-फेर कर जीवन को अधिक रोमाँचकारी व तनावरहित बनाया जा सकता है।
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