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Old 28-06-2013, 04:49 PM   #1
rajnish manga
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Default आम: फलों का राजा

आम: फलों का राजा

आलेख: डॉ. विनोद गुप्ता



आम फलों का राजा हैपर इसे राजा की पदवी यों हीनहीं मिली है। खाने में तो यह लाजवाब है ही गुणोंमें भी बेमिसाल है। कालिदास ने इसका गुणगान किया हैऔर शतपथ ब्राह्मण में इसका उल्लेख मिलता है। वेदोंमें इसका नाम लिया गया है तथाअमरकोश में इसकी प्रशंसा इसकी बुद्धकालीन लोकप्रियताके प्रमाण हैं। वेदों में आम को विलास का प्रतीक कहागया है। कविताओं में इसका उल्लेख हुआ और कलाकारों नेइसे अपने कैनवास पर उतारा। भारतवर्ष में आम सेसंबंधित अनेक लोकगीत, आख्यायिकाएँ आदि प्रचलित हैंऔर हमारी रीति, व्यवहार, हवन, यज्ञ, पूजा, कथा, त्योहार तथा सभी मंगलकार्यों में आम की लकड़ी, पत्ती, फूल अथवा एक न एक भाग प्राय: काम आता है।उपयोगिता की दृष्टि से आम भारत का ही नहीं वरन समस्तउष्ण कटिबंध के फलों में सर्वाधिक लोकप्रिय है औरबहुत तरह से इसका उपयोग होता है। कच्चे फल से चटनी, खटाई, अचार, मुरब्बा आदि बनाते हैं। पके फल अत्यंतस्वादिष्ट होते हैं और इन्हें लोग बड़े चाव से खातेहैं। ये पाचक, रेचक और बलप्रद होते हैं। पके फल कोतरह तरह से सुरक्षित करके भी रखते हैं। रस का थाली, चकले, कपड़े इत्यादि पर पसार, धूप में सुखा "अमावट"बनाकर रख लेते हैं। यह बड़ी स्वादिष्ट होती है औरइसे लोग बड़े प्रेम से खाते हैं।

आँकड़ों के अनुसार इस समय भारत में प्रतिवर्ष एककरोड़ टन आम पैदा होता है जो दुनिया के कुल उत्पादनका 52 प्रतिशत है। आम भारत का राष्ट्रीय फल भी है।अन्तर्राष्ट्रीय आम महोत्सव, दिल्ली में इसकी अनेकप्रजातियों को देखा जा सकता है। भारतीय प्रायद्वीपमें आम की कृषि हजारों वर्षों से हो रही है। ईसापूर्व चौथी या पाँचवीं शती में यह पूर्वी एशिया मेंपहुँचा। दसवीं शताब्दी तक यह पूर्वी अफ्रीका पहुँचचुका था। उसके बाद आम ब्राजील, वेस्ट इंडीज औरमैक्सिको पहुँचा क्योंकि वहाँ की जलवायु में यहअच्छी तरह उग सकता था।

आम की अनेक प्रजातियाँ हैं औरप्रजाति की अपनी एक विशिष्ट महक और स्वाद है।प्रजातियों के हिसाब से इनके आकार प्रकार में भीभिन्नता देखी जा सकती है। फिर भी मुख्य है हापुसनीलम बादाम तोतापरी लंगड़ा सिंदूरी दशहरी रत्नागिरीकेशरिया लालपत्ता आदि। इसी प्रकार स्थानीय स्तर परभी इनकी अनेक किस्में हैं। आम के दो स्वरूप होता हैंकच्चा और पका हुआ। कच्चे आम को अमिया अथवा कैरी कहतेहैं। इन दोनो के ही विशिष्ट औषधीय उपयोग हैं। अमियाया कैरी सदैव खट्टी होती है जबकि आम मीठे याखट्टेमीठे होते हैं।
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Last edited by rajnish manga; 28-06-2013 at 05:02 PM.
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Old 28-06-2013, 04:52 PM   #2
rajnish manga
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Default Re: आम: फलों का राजा

गर्मियां आ जाने पर अपने साथ सौगात लाती है मौसमी तरबूज , खरबूज , खीरा , ककड़ी , बेल फल , लीची . लेकिन सबसे ज़्यादा संतुष्टि और स्वाद देने वाला फल है फलों का राजा आम . ऐसा कोई बिरला ही मिलेगा जिसे आम पसंद ना हो . आम आते ही घरमें आम के अलावा कोई फल नहीं भाता . सभी आम खाना चाहते है क्योंकि १-२ महीने में ही आम चला जाएगा . आम अनन्य विशेषता एवं दैवी स्वभाव के कारण से देवफल माना जाता है । भारतीय जनस्थल आमराई के बिना सूने ही लगेंगे । आम हमारे लिए और प्राकृतिक पर्यावरण के लिए उपयोगी एवं कल्याणकारी है । हमारे यहां आम को एक पवित्र वृक्ष माना जाता है तथा धार्मिक अनुष्ठानों तथा मांगलिक अवसरों पर इसके पत्तों और शुष्क टहनियों का उपयोग होता है पत्तियों के तोरण बनाये जाते हैं तथा टहनियों का प्रयोग यज्ञों में किया जाता है | भारत फलों के बादशाह आम का घर है। विश्व में आम की उपज का 60 प्रतिशत से अधिक यहां पैदा होता है। भारत में ताजे फलों के निर्यात में 20 प्रतिशत हिस्सा आम का है। भारत से लगभग 50 से भी अधिक देशों को आम निर्यात किया जाता है। आम के फल के अलावा आम रस, आम का जैम, आम के पापड़ आदि विदेशों में भेजे जाते हैं।भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद खोज बताती है कि भारत में आम की एक हजार से भी अधिक किस्में प्रचलित हैं किन्तु उत्तम गुणों और अच्छी पैदवार की दृष्टि से विभिन्न क्षेत्रों में अनेक किस्में प्रचलित हैं, उन्हीं के अनुसार इसके असंख्य नाम हैं। आमों की किस्मों का नामकरण उसके रूप, रंग, स्वाद व गंध आदि के आधार पर किया जाता है.

अलग अलग स्थान के आम
उत्तरी भारत : लंगड़ा, चौसा, दशहरी, बाम्बे, ग्रीन फजली ,केसर , तोतापरी , नीलम
पूर्वी भारत : हिम सागर, लंगड़ा, गुलाब, खास फजली
पश्चिम भारत : अलकास्ते, पैरी, राजापुरी, जमादार, गोवा
दक्षिणी भारत : नीलम, बंगलोरी, रोमानी, स्वर्ण रेखा, बेगमपल्ली, बादाम-रसपुरी, मलगोवा , हापूस ,रत्नागिरी. पायरी इत्यादि।
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Old 28-06-2013, 04:53 PM   #3
rajnish manga
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Default Re: आम: फलों का राजा

भारत के बेहतरीन आम
- राज्यश्री सेन

भारत में आमों के विशिष्ट स्वादों वाली सैकड़ों किस्में हैं।

ये साल का बेहतरीन मौसम है: आम का मौसम। आप भारत के बाज़ारों से पके आमों की भीनी-भीनी खुशबू से सराबोर हुए बिना नहीं गुज़र सकते।

मुझे याद है जब मैं छोटी थी तो छोटे पीले आम मेरी हथेलियों में समा जाते थे। आप उन्हें डाल-वाले छोर से निचोड़ें, उनका मुंह खोलें और स्वादिष्ट मीठा गूदा चूसें।

भारत में आमों के विशिष्ट स्वादों वाली सैकड़ों किस्में हैं। कई लोग खुद को इनका पारखी समझते हैं और अलग-अलग किस्मों को सूंघकर परखते हैं।

भारत में, लोग आम को महज़ एक फल के तौर पर नहीं खाते। वे इसका इस्तेमाल मीठे पकवान बनाने में भी करते हैं, जैसे आम खीर अथवा पायसम, श्रीखंड, स्मूदी और लस्सी। मैंने स्वादिष्ट आम कुल्फी भी खाई है, जो घर पर बने क्रीमी आइस लॉली का हमारा संस्करण है।
यहां आमों की कुछ किस्में हैं, जिन्हें आप बाज़ार में खोज सकते हैं। शायद आपको भी जल्द ही अपने पसंदीदा आम की किस्म खाने को मिल जाए क्योंकि किसी विशेष के प्रति आकर्षण अस्वभाविक नहीं है।

मेरे लिए, आमों का राजा लंगड़ा है। वो अन्य के मुकाबले हरा और गोलाकार, अल्फांसो से छोटा और कहीं ज्यादा मीठा होता है। मैंने दिल्ली में लंगड़ा आम काफी देखा है।

लंगड़ा आम मूल रूप से वाराणसी के नज़दीकी इलाके से संबद्ध है। आम की इस किस्म, जैसा कि इससे संबद्ध कहानी कहती है, का नाम एक लंगड़े किसान के नाम पर रखा गया, जिसने पहली बार इसकी खेती की। लंगड़ा हिंदी और बंगाली भाषा का शब्द है।

आम का एक दूसरा राजा अल्फांसो है। मैंने लोगों को यूके में इसकी पेटियां की पेटियां ले जाते देखा है। अल्फांसो आम महाराष्ट्र के रत्नागिरी में उगाए जाते हैं। इसकी खुशबू अविस्मरणीय और अलग है।

अल्फांसो को हापूस भी कहा जाता है, जिसे इनकी खरीदारी के वक्त याद रखना फायदा दिला सकता है।

दिलचस्प केसर एक काफी कम करके आंकी जाने वाली आम की किस्म है। ये आम गुजरात और सौराष्ट्र से आता है। इसे केसर इसके रंग और खुशबू के कारण कहा जाता है। अगर आप मिठाई, मिल्कशेक और अन्य आकर्षक चीज़ बना रहे हों, तो ये एक अच्छी किस्म वाला आम है क्योंकि इसके गूदे में रेशे नहीं होते।

आम की एक किस्म दशहरी भी है, जो उत्तर प्रदेश के इसी नाम के एक गांव मंम उगाई जाती है। ये अन्य आमों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा लंबा और बाहर से पीला नहीं हरा होता है। दशहरी का स्वाद अपूर्व है।

तोतापुरी हरा होता है और आकार में अंडाकार। ये सलाद और सालसा के लिए बेहतरीन है, लेकिन इसका अपना स्वाद ज्यादा अच्छा नहीं, क्योंकि ये ज्यादा मीठा नहीं होता।

मीठे की बात करते हुए, मुझे याद आता है कि जब मैं बैंगलोर अपने एक दोस्त के घर गई, तो मैंने बादामी आम खाया। अगर आपको बहुत मीठा खाने की इच्छा है, तो इसके जैसा कोई दूसरा नहीं, ये आपके लिए है।

आम के मौसम का लुत्फ उठाइए और जितनी किस्म के आम खा सकते हैं, खाइए।
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