My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > New India > India & World

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 15-11-2011, 04:42 PM   #1
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Thumbs up रोचक समाचार

बिहार में हुआ अनूठा 'चमत्कार' आ गया विष्णु का अवतार,देखें तस्वीरें

मुंगेर.शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के शादीपुर मोहल्ले में गरूड़ पक्षी के चार नवजात बच्चे पाये गए। यह इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। शादीपुर मोहल्ले में रहने वाले ओमप्रकाश के घर के बाहर कूढ़े के ढेर से इन्हें पाया गया। हलांकि चार में से दो ही जीवित बच पाये हैं। गरूड़ पक्षी के बच्चे को पाये जाने की खबर इलाके में जंगल की आग तरह फैल गई और देखते ही देखते हजारों लोग जमा हो गये। कुछ लोगों ने तो भगवान विष्णु का अवतार मानकर इसकी पूजा-अर्चना भी शुरु कर दी।
पटना भेजेगा वन विभाग
गरूड़ की पाये जाने की खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे वन विभाग के पदाधिकारी बीडी मिश्रा ने गरूड़ के चारों बच्चों को अपने कब्जे में लिया और उसे अपने साथ ले गये। उन्होंने बताया कि विलुप्त हो चुके गरूड़ एक बेहद दुर्लभ किस्म की पक्षी है। इसे पटना के चिडिय़ा घर में जल्द ही भेजा जायेगा। उन्होंने बताया कि संभव है कि भटक कर इस इलाके में आ गये हैं।
स्वस्थ्य हैं बचे दोनों बच्चे
गरूड़ के बच्चे की स्वास्थ्य की जांच करने वाले वेटनरी अस्पताल के पशु शल्य चिकित्सक एके गुप्ता ने बताया कि यह पक्षी बिहार में नहीं पाया जाता है। उनके मुताबिक आठ हजार फीट उपर ठंड वाली पहाड़ी इलाके में पाया जाता है। यहां उसकी मौजूदगी अपने-आप में किसी सातवें अजूबे जैसा ही है। उन्होंने बचे दो पक्षियों के स्वास्थ्य की जांच करने बाद सामान्य बताया। साथ ही यह भी कहा जल्द ही इसे पटना के चिडिय़ाघर भेज देना चाहिए।
उमड़ा आस्था का सैलाब
गरूड़ के बच्चे पाये जाने से इलाके लोग इसे भगवान विष्णु का अवतार मान कर इसकी पूजा-अर्चना करने में जुट गये। दूर-दराज के लोग खबर सुनकर इसकी एक झलक पाने को बेताव दिखे। भीड़ था कि कम होने का नाम नहीं ले रहा था। बढ़ते भीड़ और गरूड़ की सुरक्षा को लेकर वन विभाग ने तुरंत वहां से ले गये जिससे उपस्थित कुछ लोग को गरूड़ पक्षी को देख नहीं पाने का मलाल रहा। स्थानीय एक ग्रामीण सुधीर कुमार का कहना था कि गरूड़ पक्षी ने रमायणकाल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। उनके मुताबिक माता सीता का हरण जब रावण कर रहा था तब गरूड़ ने ही लड़ कर उसे बचाने का प्रयास किया था। हलांकि रावण के वार से वह मारा जरुर गया लेकिन सीता माता का पता भगवान राम को बता गया था।
Attached Images
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 15-11-2011, 04:53 PM   #2
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

तिलिस्मी शक्तियों की मालिक, चमत्कार ऐसे जिसे सुन दंग रह जाएंगे


सिस्टर मेरी एग्रेडा सत्रहवीं शताब्दी की एक ‘नन’ थीं। 2 अप्रैल 1602 में उनका जन्म स्पेन में हुआ। अमेरिका सहित पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी देशों में उन्हें ‘द लेडी इन ब्ल्यू’ या फिर ‘ब्ल्यू नन’ के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने स्पेन से लेकर न्यू मैक्सिको तक इसाई धर्म का प्रचार रहस्यमयी ढंग से किया था। जब स्पेनवासी अमेरिका पहुंचे तो वहां के आदिवासी इस धर्म से पहले से परिचित थे और इसका श्रेय ब्ल्यू नन को देते थे। उन लोगों ने बताया कि सिस्टर मेरी आसमान से उतरती थीं और स्थानीय भाषा में उनसे बातें कर वापस बादलों में खो जाती थीं। वे स्पेन में बैठे-बैठे किस तरह समुद्र और महाद्वीप पार कर लेती थीं, ये आज भी राज है।
24 मई 1665 में सिस्टर मेरी का देहांत हो गया था। इसके पांच साल बाद समानिएगो ने बताया था कि वे रहस्यमयी तरीके से कहीं भी पहुंच जाती थीं। वे एक साल में करीब पांच सौ स्थानों पर पहुंची थीं। 1888 में माइकल मुलल्लर की किताब कैथोलिक डोगमा के लिए इन्हें गिना गया था।
उनके पास ऐसी कौन-सी शक्ति थी ये कोई नहीं जान सका। वे दूसरी जगह अपने शरीर सहित पहुंचती थीं या फिर शरीर से बाहर निकलकर, इस सवाल का जवाब भी आज तक किसी के पास नहीं हैं। रहस्यों का यह सिलसिला उनकी मौत के सदियों बाद भी खत्म नहीं हुआ है।



1909 में उनका ताबूत खोलकर देखा गया था, तो उनका शरीर पूरी तरह सुरक्षित मिला था। फिर 1989 में एक स्पेनिश डॉक्टर ने रिसर्च के लिए उनका ताबूत खुलवाया तो पता चला शरीर अब भी सुरक्षित है। लगता था सिस्टर सो रही हैं। ये सब कैसे हो रहा है ये कोई नहीं जानता।
राज है गहरा

साइंस की काल्पनिक कहानियों में जिस टेली पोर्टेशन की बात की जाती है, उसे सत्रहवीं सदी में स्पेन की सिस्टर मेरी एग्रेडा ने साबित कर दिखाया था। वे समुद्र और महाद्वीप पार कर कैसे हजारों मील दूर पहुंच जाती थीं, ये आज भी राज है।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 20-11-2011, 08:37 PM   #3
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

दादी मां का कारनामा सुन दांतों तले उंगलियां चबा लेंगे आप

हैमबर्ग। मौका था जर्मनी के हैमबर्ग में हुए सातवें वार्षिक गिनीज रिकॉर्ड्स-डे का। इस मौके पर डैनी डूसेस्टरहोफ्ट ने आग की लपटों में घिरकर सबसे ज्यादा दूरी तक दौडऩे का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 120 मीटर की दूरी तय की। इसके अलावा फ्लोरिडा की 91 साल की मेरी बेट्स ने सबसे बूढ़ी योग टीचर होने की बाजी मार ली। मुकाबले में करीब तीन लाख लोगों ने हिस्सा लिया और कई नए दिलचस्प रिकॉर्ड कायम हुए हैं।
लैप्रेचुआंस (एक पौराणिक चरित्र) जैसी एक समान ड्रेस पहने सबसे ज्यादा लोगों का रिकॉर्ड पहले भी आयरलैंड के लोगों के पास था, जो सेंट पैट्रिक्स-डे पर छिन गया था। उन्होंने डब्लिन ग्रेंड स्क्वॉयर पर 262 लोगों को ऐसी ड्रेस पहनाकर रिकॉर्ड फिर से अपने नाम कर लिया है।
ब्रिटेन की आर्टिस्ट जोए हिल ने 1160.45 वर्ग मीटर की सबसे बड़ी 3डी पेंटिंग बनाने का रिकॉर्ड बनाया। ऐसे और भी कई दिलचस्प रिकॉर्ड वहां बने हैं। गिनीज रिकॉर्ड के एडिटर इन चीफ क्रेग ग्लैनडे के अनुसार ये अगले संस्करण में शामिल किए जाएंगे।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 20-11-2011, 08:53 PM   #4
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

सचमुच...दिलचस्प है क्रिकेट के इस बल्ले का इतिहास !

क्रिकेट के खेल में यूं तो कई तरह की चीजें इस्तेमाल होती हैं, लेकिन सबसे अहम बैट और बॉल को माना जा सकता है। शताब्दियों से पिच, बॉउंड्री और गेंद में कोई बदलाव नही आया है, लेकिन बैट लगातार बदलते रहे हैं। जैसे इंसान पर विकासवाद का सिद्धांत लागू है, वैसे ही बैट भी अपने मौजूदा स्वरूप में धीरे-धीरे विकसित होते हुए आया है। यह अपने आप में एक दिलचस्प यात्रा है। माना जाता है कि क्रिकेट की शुरुआत में बॉल को मारने के लिए गड़रिए की लाठी काम में लाई जाती थी।

बैट का पहले-पहल उपयोग 1624 में किया गया, यह हॉकी की स्टिक जैसा था। इसी का थोड़ा उन्नत स्वरूप 1729 में इस्तेमाल होने लगा। इस अवधि का एक बैट लंदन के ओवल स्टेडियम के शो-रूम में आज भी रखा हुआ है। 18वीं सदी आते तक बैट का यही स्वरूप कायम रहा, लेकिन इसके बाद क्रिकेट के नियमों में बदलाव के साथ, बैट का आकार भी बदलने लगा। 1880 में खिलाड़ी और पेशे से सिविल इंजीनियर चाल्र्स रिचडर्सन ने बैट डिजाइन किया था, कमोबेश वह आज के बैट जैसा ही था, विलो की लकड़ी से ही निर्मित।

विलो, बेंत की तरह पतली-लचकदार डाली वाला पेड़ होता है। इसकी लकड़ी काफी मजबूत और वजन में हल्की होती है। इससे बैट से बॉल को हिट करना आसान हो जाता है। 19वीं सदी में बैट के स्वरूप में कुछ खास बदलाव नहीं आया था, लेकिन कुछ खिलाड़ी ताकतवर शाट्स खेलने के लिए दूसरी धातु के बैट इस्तेमाल करने लगे थे।

1979 में आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी डेनिस लिली ने एल्युमीनियम का बैट उपयोग किया था, जिसके बाद नियम बना दिया गया था कि क्रिकेट खेलने के लिए लकड़ी के बैट का ही इस्तेमाल किया जाएगा। वैसे इन दिनों फ्यूजन कुकाबुरा बीस्ट केन, वुड और ट्वाइन से बैट बनाए जाते हैं, लेकिन इधर के सालों में बैट के आकार-प्रकार और मटेरियल के साथ छेड़छाड़ होती रही है।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 21-11-2011, 05:06 PM   #5
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

भूत की तस्वीर
जब कभी हमारे मन में भूत-प्रेतों की तस्वीरें लेने का खयाल आता है, तब सबसे पहले हमें ऐसे कैमरे की जरूरत महसूस होती है जो आंखों से न दिखाई देने वाली चीजों को भी फिल्मा सके। ऐसे में फोटोग्राफर विलियम ममलर द्वारा 1870 के दशक में ली गई तस्वीरों से हैरान होना लाजिमी है।
साधारण कैमरे से खींचे जाने के बावजूद इनमें भूत-प्रेत की छवि दिखाने का दावा किया जाता है। साधारण कैमरे से फिल्माई गई उनकी कई तस्वीरों में भूत-प्रेत की छवि नजर आती है। उनकी एक तस्वीर में तो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के भूत के दिखाई देने का दावा भी किया जाता है।
बताया जाता है 1861 में विलियम ने कैमरे का टेस्ट करते हुए खुद की एक तस्वीर ले ली। जब वे इसे अपने डार्क रूम में ले गए और डेवलप किया तो दंग रह गए। तस्वीर में कुछ आकृति नजर आ रही थी। यह जानने के लिए कि रहस्यमयी आकृति कहां से आई, उन्होंने मैगनिफाइंग ग्लास की मदद से इसकी जांच की।
ममलर ने पाया कि यह डेवलपिंग के दौरान हुई गलती नहीं है। तस्वीर में उनके पीछे दिखाई दे रही छवि उनके चचेरे भाई की है जो १२ साल पहले मर चुका था। जब तस्वीर चर्चा में आई तो एक स्थानीय जानकार विलियम ब्लैक ने इसकी जांच की और पाया कि तस्वीर के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है और ममलर का दावा सही है। ममलर के लिए यह घोस्ट फोटोग्राफी का पहला अनुभव था, लेकिन इसके बाद उन्होंने ऐसी कई तस्वीरें खींचीं जिनमें प्रेतों की छवि देखी जा सकती है।
उनकी घोस्ट फोटोग्राफी की चर्चा तब दुनियाभर में फैल गई जब उन्होंने मैरी टोड लिंकन की तस्वीर ली। 1869 की इस तस्वीर में उनके पति अब्राहम लिंकन का प्रेत भी नजर आ रहा है। इसके बाद उनकी कई तस्वीरें अखबारों की सुर्खियां बनती रहीं।
हालांकि, कई लोगों ने उनकी इन तस्वीरों के वास्तविक होने पर सवाल उठाए और कोर्ट में मुकदमा भी दायर किया। खैर उन पर लगे आरोप सिद्ध न हो सके , लेकिन लोगों का विरोध उनके लिए आर्थिक तंगी की वजह बन गया और 1884 में 52 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई।
Attached Images
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2011, 01:27 PM   #6
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Thumbs up Re: रोचक समाचार

यहां सदियों से कांपती है जमीन और आती हैं रहस्यमयी आवाजें

अमेरिका के कनेक्टिकट स्टेट की मिडलेसेक्स काउंटी के ईस्टहैडम में एक इलाका है मूडस। सदियों से इस इलाके में मूडस नदी के पास जमीन के भीतर से रहस्यमयी आवाजें आती हैं और जमीन के अंदर कंपन भी होता है। ऐसा वहां कुछ सौ गज के इलाके में और करीब एक मील गहराई में होता है। स्थानीय लोग इसके लिए दुष्ट राक्षसों को जिम्मेदार ठहराते हैं। वे लोग इस इलाके को ‘मैचिटमूडस’ कहते हैं।
स्थानीय भाषा में इसका अर्थ बुरी आवाजों वाली जगह होता है। यहां के माउंट टॉम पहाड़ के पास स्थित केव हिल रिसॉर्ट से सबसे ज्यादा आवाजें आती हैं। 1670 के दशक में यहां बसे पुरिटन लोगों ने भी ऐसी आवाजें सुनी थीं। उन लोगों ने इन्हें शैतान से जोड़ा था। वक्त-वक्त पर यहां से आने वाली इन आवाजों और कंपन का कारण आज तक समझा नहीं जा सका है।
कुछ लोगों को लगता है कि इसकी वजह दूर कहीं बिजली गिरना या फिर तोप चलना है। वैज्ञानिक भी इसके कई कारण बताते हैं, जैसे कि जिनकी वजह से भूकंप आते हैं। फिर भी किसी कारण के पीछे ठोस दलील नहीं दी जा सकी है। कोई यह नहीं बता सका है कि यह आवाजें क्यों आती हैं? ये आवाजें एक खास जगह और एक खास गहराई से ही क्यों उत्पन्न होती हैं।
वहां प्रचलित कहानियों के अनुसार वैंगक ने इन आवाजों पर एक धर्म बना लिया था। उनका मानना था कि यह जगह हॉबामॉक देवता का आवास थी। यूरोपियन लोगों के यहां आने से वे नाराज हो गए थे। सत्रहवीं शताब्दी में यहां बसे यूरोपियन इसे दो चुड़ैलों की लड़ाई से भी जोड़ते थे। 1760 के दशक में इन आवाजों से विचलित होकर किंग जॉर्ज ने भी डॉक्टर स्टील को इसकी जांच करने भेजा था।
Attached Images
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 27-11-2011, 05:20 PM   #7
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

जिंदा महिलाओं को निगल जाता है यह आदमखोर पेड़ !

1881 में साउथ ऑस्ट्रेलियन रजिस्टर मैगजीन में एक आर्टिकल छपा था। कार्ले लिंचे नामक एक ट्रेवलर ने इसमें बताया था कि वह एक बार मैडागास्कर से गुजर रहा था। वहां एक स्थानीय मोडोको आदिवासी अपनी पत्नी को आदमखोर पेड़ के जरिए बली चढ़ा रहा था।

महिला को पेड़ के पास छोड़ दिया गया और कुछ ही देर में पेड़ की टहनियों ने उसके गले को जकड़कर उसे अपने अंदर खींच लिया। 1924 की किताब ‘मैडागास्कर- द लैंड ऑफ मैन ईटिंग ट्रीज’ में मिशिगन के पूर्व गवर्नर चेस ऑसबोर्न ने भी कार्ले लिंचे द्वारा वर्णित पेड़ की बात लिखी थी। उनके अनुसार वहां के सभी स्थानीय लोग इस आदमखोर पेड़ के बारे में जानते थे।

क्या वाकई ऐसा कोई पेड़ था या फिर उन लोगों ने अपनी किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए ये रोचक कहानी लिखी थी। इसके अलावा मंगोलिया और साउथ अमेरिका के जंगलों के बारे में भी कहा जाता है कि वहां आदमखोर कीड़े और पेड़ हैं। दुनिया में कई तरह के पेड़-पौधे होते हैं लेकिन इस तरह के पेड़ कैसे और कितने बड़े होते हैं, ये एक राज़ है।

राज़ है गहरा
क्रिप्टोज़ूलॉजी और क्रिप्टोबॉटनी में कई आदमखोर पेड़ और कीड़ों की कहानियां दर्ज हैं। इन कहानियों में कितनी सच्चई है और ऐसे कौन से पेड़ हैं, ये एक राज़ है।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 02-12-2011, 12:20 AM   #8
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

चमत्कार : इस पेड़ में बांध दो ईंट का टुकड़ा, 90 दिन के अंदर हो जाएगी शादी



मुंगेर. क्या 'पप्पू' की शादी के लिए कोई रिश्ता नहीं आ रहा है? लाख कोशिशों के बावजूद थक-हार गये हैं। पप्पू को लेकर पूरा कुनबा परेशान है। कोई हल नहीं निकल रहा है। तब ऐसे में मुंगेर जिले के जमालपुर काली पहाड़ी पर मां काली की मंदिर के बगल वाली वट वृक्ष में कुंवारे लडक़े या लड़कियां ईंट बांध कर अपनी मन्नतें मांगते हैं। ऐसा माना जाता है कि कुंवारे लोगों के लिए वरदान है यह वट वृक्ष।
जी हां। यह वहीं वट वृक्ष मंदिर है जहां कुंवारे अपनी शादी के लिए पेड़ की टहनी में ईंट या उसका एक टुकड़ा एक लाल कपड़े में बांधकर उल्टें मुंह घर आता है और नब्बे दिनों में उसकी शादी निश्चित हो जाती है। यह कोई कहानी का हिस्सा नहीं है बल्कि इस प्रयोग को अपनाने वालों की संख्या दर्जनों में है। कई लोगों की मन्नत पूरा होने पर आज वे आराम से शादी शुदा जिन्दगी जी रहे हैं।
वट वृक्ष की ऐसी मान्यता है कि मांगें पूरी होने के बाद दाम्पत्य जोड़ा उस गांठ वाले ईंटों को वट वृक्ष से बांधे गये पत्थर को खोल देंगे। यहां ऐसा नहीं है कि कुंवारेपन की समस्या से लडक़ा ही ईंट बांध सकता हैं, लड़कियां भी ऐसा करती है। मंदिर के पुजारी भी अब मानने लगे हैं कि यह शादी के लिए यह चमात्कारी पेड़ है।
पुजारी ने बताया कि पहले तो एक-दो लोग ही यहां आते थे लेकिन अब इसकी संख्या सैकड़ों में है। इस बातों से इत्तेफाक रखने वाले लोग अपनी मन्नतें लेकर दूर-दूर से अब यहां आते हैं। इस इलाके में यह चमत्कारी पेड़ 'शादी वाला पेड़' के नाम से भी प्रसिद्ध है।
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 09-12-2011, 07:24 PM   #9
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

रेयरेस्ट ऑफ द रेयर: लड़की बनी है विज्ञान जगत के लिए पहेली

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के आलमबाग की रहने वाली ट्विंकल द्विवेदी विज्ञान जगत के लिए एक पहेली बनी हुई है। यह जब रोती है तो इसके आंखों से आंसू नहीं खून निकलते हैं।
http://www.youtube.com/watch?feature...&v=zKHvL4RrBkU
जुलाई, 2007 से अचानक इस बीमारी से पीड़ित इस लड़की को किसी वक्त भी बिना किसी खरोंच, घाव, चोट के, आंख, नाक, गर्दन, से खून निकलना शुरू हो जाता है। अमेरिकी हीमेटोलॉजिस्ट एक्सपर्ट डॉक्टर जार्ज बुचानन ने मुंबई के एक अस्पताल में ट्विंकल की जांच की, लेकिन वो भी किसी किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में नाकाम रहे।

ट्विंकल को दिन में लगभग 50 बार यह रक्तस्त्राव होता है जिसकी वजह से रोजाना उसका कुछ लीटर खून बेकार बह जाता है। इस परेशानी की वजह से ट्विंकल की पढ़ाई भी दो साल से छूट चुकी है। अचानक रक्तस्त्राव के कारण वह जिस भी स्कूल में पढ़ती है उसे वहां से निकाल दिया जाता है।

Last edited by aspundir; 09-12-2011 at 07:29 PM.
aspundir is offline   Reply With Quote
Old 10-12-2011, 07:11 PM   #10
aspundir
VIP Member
 
aspundir's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244
aspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond reputeaspundir has a reputation beyond repute
Default Re: रोचक समाचार

रहस्यमयी ब्रिज के आर्क में आज भी दिखाई देते हैं भूत

स्कॉटलैंड के ईडनबर्ग में 18वीं शताब्दी में दो ब्रिज बनाए गए थे। नॉर्थ ब्रिज 1785 में बना और साउथ ब्रिज 1788 में बना था। साउथ ब्रिज 19 मेहराबों (आर्क) पर बना था। ब्रिज बनने के बाद करीब 30 साल तक इन मेहराबों में मजदूर श्रेणी के लोग रहा करते थे। इनमें छोटे-मोटे धंधे करने वाले भी अपनी दुकानें लगा लिया करते थे। अवैध धंधों के लिए भी यह ठिकाना उपयुक्त था। बाद में यहां से अवैध सामग्री बरामद होने लगी, सीरियल किलर्स द्वारा मारे गए लोगों के शव भी यहां से मिले।
लोगों ने इनमें भूत-प्रेत देखने के दावे भी किए। 1820 तक ये मेहराब खाली हो गए थे। 1985 में खुदाई के दौरान यह मेहराब फिर से मिले तो पता चला कि इनमें लोग रहा करते थे। वहां से खिलौने, दवा की बोतलें, प्लेट्स और जीवन से जुड़ी अन्य सामग्री भी मिली थीं।
जांच-पड़ताल में यहां एक अलग तरह की ऊर्जा महसूस की गई। पर्यटकों ने भी यहां लिए गए फोटोग्राफ्स में विचित्र आकृतियां देखीं। यहां एक बच्चे का भूत भी लोगों ने कई बार देखा। कहते हैं जैक नामक यह बालक ब्रिज के निर्माण के दौरान मारा गया गया था। इसके अलावा वहां मिस्टर बूट्स नामक भूत की चर्चा भी मशहूर है। कहते हैं यह भूत घुटनों तक ऊंचे बूट पहनता है, इसलिए उसका नाम मिस्टर बूट्स रख दिया गया।
2006 में एक टीवी शो के तहत भी यहां जांच की गई थी। यह 24 घंटे का लाइव शो था। इन मेहराबों को लेकर और भी कई किस्से मशहूर हैं। ये कई बार खाली हुए और फिर बसे थे। साइंस के अनुसार ब्रिज पर भारी ट्रैफिक है। इसकी वजह से ब्रिज में कंपन होता होगा। ऐसे में कभी रिफ्लेक्शन से कोई आकृति बन जाती होगी, जिसे लोग भूत समझ लेते होंगे। इन मेहराबों का जो भी राज हो, लेकिन ये पिछली दो सदियों से बीमारों, गरीबों और अपराधियों को शरण दे रहे हैं।
aspundir is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Thread Tools
Display Modes

Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 01:03 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.