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24-12-2015, 08:27 PM | #1 |
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Re: स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के गीत
2. गैरों पे करम अपनों पे सितम
Link:- https://www.youtube.com/watch?v=4i469ztISIo गैरों पे करम, अपनों पे सितम ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर रहने दे अभी थोड़ा सा भरम ऐ जान-ए-वफ़ा, ये ज़ुल्म न कर हम चाहने वाले हैं तेरे, यूं हमको जलाना ठीक नहीं महफ़िल में तमाशा बन जाएँ, इस दर्जा सताना ठीक नहीं मर जायेंगे हम, मिट जायेंगे हम ऐ जान-ए-वफ़ा... गैरों के थिरकते शानें पर, ये हाथ गंवारा कैसे करें हर बात गंवारा है लेकिन, ये बात गंवारा कैसे करें तुझको तेरी बेदर्दी की कसम ऐ जान-ए-वफ़ा... हम भी थे तेरे मंज़ूर-ए-नज़र, जी चाहे तो अब इकरार ना कर सौ तीर चला सीने पे मगर, बेगानों से मिलकर वार न कर बेमौत कहीं मर जाएं न हम ऐ जान-ए-वफ़ा... फिल्म: आँखें संगीतकार: रवि गीतकार: साहिर लुधियानवी
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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