09-11-2010, 09:50 PM | #1 |
Member
Join Date: Oct 2010
Location: वादी-ऐ-इश्क
Posts: 143
Rep Power: 15 |
! आशिकाना शायरी !
! आशिकाना शायरी !
मौसम है आशिकाना। ऐ दिल कहीं से उनको। ऐसे में ढूढ़ लाना। कहना है की रुत जवा है लेकिन हम तरस रहे हैं। काली घटाओ के साए विरहन को डस रहे हैं। डर हैं न मार डाले सावन का क्या ठिकाना। सूरज कहीं भी जाए। तुम पर न धुप आए। तुमको पुँकारते हैं। इन गेसुओं के साए। आ जाओ में बना दूँ। पलको का शामियाना। मोसम है आशिकाना। ऐ दिल कहीं से उनको । ऐसे में ढूढ़ लाना, फिरते हैं हम अकेले। बाहों में कोई लेले।, आख़िर कोई कहाँ तक। तन्हाई से खेले। दिल हो गई हैं जालिम। रातें हैं कातिलाना। यह रात ये खामोशी। यह खवाब से नज़ारे। जुगनू है या जमीं पे। या उतरे हुए हैं तारे। बेखाब मेरी आँखें। मदहोश है जमना। मौसम है आशिकाना। ऐ दिल कहीं से उनको । ऐसे में ढूढ़ लाना। |
09-11-2010, 11:03 PM | #2 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 100 |
वाह !! क्या पाकीज़ा गीत है .........
धन्यवाद मित्र /
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
10-11-2010, 08:00 AM | #3 |
Member
Join Date: Oct 2010
Location: वादी-ऐ-इश्क
Posts: 143
Rep Power: 15 |
|
10-11-2010, 08:45 AM | #4 |
Member
Join Date: Oct 2010
Location: वादी-ऐ-इश्क
Posts: 143
Rep Power: 15 |
तू आसमां है चांद सितारों से पूछ ले दुनिया के इन हसीन नज़ारों से पूछ ले तुझको मैं रब कहूं तो बुरा मानते हैं लोग तू मेरे दिल की बात इशारों से पूछ ले तुझमें ही डूबने को बना है मेरा वजूद दरिया से शर्म है तो किनारों से पूछ ले डाली मेरे चमन की भी भीगी हुई सी है सावन की हल्की हल्की फुहारों से पूछ ले बेरंग सी हुई हैं फिज़ाएं तेरे बगैर मेरा यकीं नहीं तो बहारों से पूछ ले |
15-11-2010, 06:52 PM | #5 |
Member
Join Date: Oct 2010
Location: वादी-ऐ-इश्क
Posts: 143
Rep Power: 15 |
Re: ! आशिकाना शायरी !
सपनो में मेरे चुपके से आया है कोई..
धीमे से एक गीत गुनगुनाया है कोई.. मैंने तो आँखों को अपनी बंद रखा था.. फिर भी मेरे दिल में समाया है कोई.. लब पे मुस्कान है चेहरे पे ख़ुशी छाई है.. बन के खुशबू हर तरफ महकाया है कोई.. अब मुझे होता है जिन्दगी जीने का अहसास.. मेरे जीवन में बन के ख़ुशी छाया है कोई.. ===+===+===+=== शेर-ऐ-आशिक ===+===+===+=== |
15-11-2010, 06:53 PM | #6 |
Member
Join Date: Oct 2010
Location: वादी-ऐ-इश्क
Posts: 143
Rep Power: 15 |
Re: ! आशिकाना शायरी !
तुझे मांग कर खुदा से क्या ज्यादा मांग लिया मैंने..
क्या हो गया अगर जिंदगी को ही आजमा लिया मैंने.. लोग कहते है सदियों से के इश्क में रब बसता है.. गुनाह हो गया जो इश्क को ही खुदा मान लिया मैंने.. जब भी माँगा मैंने बस तेरी खुशी की दुआ ही मांगी.. मेरी खुशिया उडा के ले गई आई जो बक्त की आंधी.. सोचा था मागेगे तुझे खुदा के दर पर जा कर कभी.. तुझे खुदा मान के तेरे दर पर ही सर को झुका लिया मैंने.. ===+===+===+=== शेर-ऐ-आशिक ===+===+===+=== |
16-11-2010, 08:14 AM | #7 |
Member
Join Date: Oct 2010
Location: वादी-ऐ-इश्क
Posts: 143
Rep Power: 15 |
Re: ! आशिकाना शायरी !
खुश रहे वो शायद जमाने भर की खुशियाँ पाकर..
हम तो दुनिया का दर्द अपने दिल में छुपाये बैठे हैं.. उनकी राहों के उजाले कभी कम न हो जाए.. यही सोचकर आज हम अपना घर जलाए बैठे हैं.. जमाने को तो नफरत है वफ़ा के नाम से ही.. हम तो इन बेवफाओ से भी आस लगाए बैठे हैं.. लोगो ने जाने कितने दिल जलाए होंगे मुफलिसी में.. ‘हम’ तो ख़ुद अपनी चिता को आग लगाए बैठे हैं.. ===+===+===+=== शेर-ऐ-आशिक ===+===+===+=== |
16-11-2010, 08:17 AM | #8 |
Member
Join Date: Oct 2010
Location: वादी-ऐ-इश्क
Posts: 143
Rep Power: 15 |
Re: ! आशिकाना शायरी !
तू मेरे पास आए और पलट कर ना जाये
मैँ तेरे पाँव की अब जंज़ीर होना चाहता हूँ॥ अज़ल से ख्वाब बनकर तेरी आँखोँ मैँ रहा हूँ मैँ अब शर्मीन्दा ए ताबीर होना चाहता हूँ॥ इसलिए मसमार खुद को कर रहा हूँ मैँ मैँ तेरे हाथ से अब तामीर होना चाहता हूँ॥ ===+===+===+=== शेर-ऐ-आशिक ===+===+===+=== |
16-11-2010, 05:25 PM | #9 | |
Senior Member
Join Date: Nov 2010
Location: AAP KE DIL MEN
Posts: 450
Rep Power: 16 |
Re: ! आशिकाना शायरी !
Quote:
क्या बात है इस गीत को और मीना जी के दर्द को समझना भी बड़ा रहस्य मई है वेस्ही इस गीत में दर्द की इन्तहां को कितने मासूम तरीके से पिरोया गया है जो गूढ़ अर्थ वाला ही समझ सकता है और रही मीना जी की बात तो उन का ही गाना उन पे कितना फिट है देखें " ना जावो सैयां चुदा के बैयाँ कसम तुम्हारी में रो पडूँगी " और अभी एक एक कर के उन का हाथ छोड़ छोड़ कर चले गए और रह गयीं बस मीना जी और उन की तन्हैयाँ सलाम मीना जी
__________________
तोडना टूटे दिलों का बुरा होता है जिसका कोई नहीं उस का तो खुदा होता है |
|
16-11-2010, 05:30 PM | #10 |
Senior Member
Join Date: Nov 2010
Location: AAP KE DIL MEN
Posts: 450
Rep Power: 16 |
Re: ! आशिकाना शायरी !
कजरा की बाती में
असुवन के तेल में आली में हार गयी नेनन के खेल में कजरा की बाती ....................
__________________
तोडना टूटे दिलों का बुरा होता है जिसका कोई नहीं उस का तो खुदा होता है |
Bookmarks |
Tags |
शायरी, hindi shayari, shayaris |
|
|