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Old 03-11-2010, 06:43 PM   #1
jeet
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Cool "यादे"

तेरे छुने से
तेरे छुने से बरसो बाद मेरा मौन टूटा है
एक पर्दा सा था तन मन पर मेरे
तेरे छुने से वो भ्रम जाल टूटा है
आज बरसो बाद दिल में प्यार फूटा है !!

हिमनदी सी जमी हुई थी मैं

तेरे छुने से एक गर्माहट हुई
सोई हुई तितलियों के पंख में
फिर से कोई अकूलाहट हुई
दिल में फिर से मस्त प्यार का झरना फूटा है
तेरे छुने से बरसो बाद मेरा मौन टूटा है

मेरे ही स्वर कही गुम थे मेरे भीतर छिपे हुए

तेरे आने से हर राग जैसे दिल को छूता है
छा गया है एक खुमार सा चारो तरफ़
हाँ बरसो बाद मेरा मौन से साथ छूटा है

तेरे छुने से मेरा हर भ्रम जाल टूटा है

आज बरसो बाद दिल मे प्यार फूटा है !!

__________________
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Old 03-11-2010, 06:46 PM   #2
jeet
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आज शाम है बहुत उदास

आज शाम है बहुत उदास
केवल मैं हूँ अपने पास।

दूर कहीं पर हास-विलास
दूर कहीं उत्सव-उल्लास
दूर छिटक कर कहीं खो गया
मेरा चिर-संचित विश्वास।

कुछ भूला-सा और भ्रमा-सा
केवल मैं हूँ अपने पास
एक धुंध में कुछ सहमी-सी
आज शाम है बहुत उदास।

एकाकीपन का एकांत
कितना निष्प्रभ, कितना क्लांत।

थकी-थकी सी मेरी साँसें
पवन घुटन से भरा अशान्त,
ऐसा लगता अवरोधों से
यह अस्तित्व स्वयं आक्रान्त।

अंधकार में खोया-खोया
एकाकीपन का एकांत
मेरे आगे जो कुछ भी वह
कितना निष्प्रभ, कितना क्लांत।

उतर रहा तम का अम्बार
मेरे मन में व्यथा अपार।

आदि-अन्त की सीमाओं में
काल अवधि का यह विस्तार
क्या कारण? क्या कार्य यहाँ पर?
एक प्रश्न मैं हूँ साकार।

क्यों बनना? क्यों बनकर मिटना?
मेरे मन में व्यथा अपार
औ समेटता निज में सब कुछ
उतर रहा तम का अम्बार।

सौ-सौ संशय, सौ-सौ त्रास,
आज शाम है बहुत उदास।

जोकि आज था तोड़ रहा वह
बुझी-बुझी-सी अन्तिम साँस
और अनिश्चित कल में ही है
मेरी आस्था, मेरी आस।

जीवन रेंग रहा है लेकर
सौ-सौ संशय, सौ-सौ त्रास,
और डूबती हुई अमा में
आज शाम है बहुत उदास।...

__________________
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Old 03-11-2010, 09:16 PM   #3
jeet
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हम दीवानों की क्या हस्ती


हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ कल वहाँ चले
मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले

आए बनकर उल्लास अभी, आँसू बनकर बह चले अभी
सब कहते ही रह गए, अरे तुम कैसे आए, कहाँ चले

किस ओर चले? मत ये पूछो, बस चलना है इसलिए चले
जग से उसका कुछ लिए चले, जग को अपना कुछ दिए चले

दो बात कहीं, दो बात सुनी, कुछ हँसे और फिर कुछ रोए
छक कर सुख दुःख के घूँटों को, हम एक भाव से पिए चले

हम भिखमंगों की दुनिया में, स्वछन्द लुटाकर प्यार चले
हम एक निशानी सी उर पर, ले असफलता का भार चले

हम मान रहित, अपमान रहित, जी भर कर खुलकर खेल चुके
हम हँसते हँसते आज यहाँ, प्राणों की बाजी हार चले

अब अपना और पराया क्या, आबाद रहें रुकने वाले
हम स्वयं बँधे थे, और स्वयं, हम अपने बन्धन तोड़ चले!..


__________________
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Old 03-11-2010, 11:41 PM   #4
jai_bhardwaj
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प्रेम अमृत से तेरा घडा है भरा, इसको सर पे उठा ले, छलकने न दे /
प्रेम की राह होती है सँकरी बहुत, ऐ नटी! पाँव अपने बहकने न दे //
पैर बहके तो घट 'जय' फिसल जाएगा, अपने को इतना मचलने न दे /
इसकी बूंदों में खुशियाँ भरी हैं पडी, अंतिम प्रहार तक छलकने न दे //
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
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Old 04-11-2010, 12:31 AM   #5
jalwa
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jalwa is a jewel in the roughjalwa is a jewel in the roughjalwa is a jewel in the rough
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यादों ने आज फिर मेरा दामन भिगो दिया
दिल का कुसूर था मगर आँखों ने रो दिया

मुझको नसीब था कभी सोहबत का सिलसिला
लेकिन मेरा नसीब कि उसको भी खो दिया

उनकी निगाह की कभी बारिश जो हो गई
मन में जमी जो मैल थी उसको भी धो दिया

गुल की तलाश में कभी गुलशन में जब गया
खुशबू ने मेरे पाँव में काँटा चुभो दिया

सोचा कि नाव है तो फिर मँझधार कुछ नहीं
लेकिन समय की मार ने मुझको डुबो दिया

दोस्तों वफ़ा के नाम पर अरमाँ जो लुट गए
मुझको सुकून है मगर लोगों ने रो दिया


__________________

अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो,
अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो,
अच्छा गुरू बनना है तो अच्छे शिष्य बनो,
अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो
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Old 07-11-2010, 09:33 PM   #6
raju
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raju has a spectacular aura aboutraju has a spectacular aura about
Default ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो

ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो

ये डीग्री भी लेलो, ये नौकरी भी लेलो,
भले छीन लो मुझसे USA का विसा
मगर मुझको लौटा दो वो क्वालेज का कन्टीन,
वो चाय का पानी, वो तीखा समोसा……….

कडी धूप मे अपने घर से निकलना,
वो प्रोजेक्ट की खातीर शहर भर भटकना,
वो लेक्चर मे दोस्तों की प्रोक्झी लगाना,
वो सर को चीढाना ,वो एरोप्लेन उडाना,
वो सबमीशन की रातों को जागना जगाना,
वो ओरल्स की कहानी, वो प्रक्टीकल का किस्सा…..
बीमारी का कारण दे के टाईम बढाना,

वो दुसरों के Assignments को अपना बनाना,
वो सेमीनार के दिन पैरो का छटपटाना,
वो WorkShop मे दिन रात पसीना बहाना,

वो Exam के दिन का बेचैन माहौल,
पर वो मा का विश्वास – टीचर का भरोसा…..
वो पेडो के नीचे गप्पे लडाना,
वो रातों मे Assignments Sheets बनाना,

वो Exams के आखरी दिन Theater मे जाना,
वो भो=A
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Old 03-01-2011, 07:55 PM   #7
Kumar Anil
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Kumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud ofKumar Anil has much to be proud of
Default Re: "यादे"

ये दोस्तोँ की महफिल
ये रातोँ का जगना
दोस्तोँ को नाहक गाली सुनाना
मिश्री समझ के उसका चुपचाप खाना
या चप्पल उठा के निशाना लगाना
फिर कुछ ही पलोँ मेँ ठहाके लगाना
लवर को उसकी भाभी बुलाना
फिर शरारत से उसको यूँ ताकना
समोसे को टुकड़ोँ मेँ बाँटना
उन टुकड़ोँ से सबको यूँ जोड़ लेना
कहीँ से बिखर के सेँटी जताना
किस्सा बयाँ कर दिमाग चाट जाना
पिटते हैँ फिर भी मुस्कराते हैँ
खर्च करना है पर पैसे छुपाते हैँ
ये सब एक दिन खो जायेगा
जीवन शायद तन्हा हो जायेगा
फिर भी हम मुस्कुराया करेँगे
और अपने दोस्तोँ को गालियाँ देकर बुलाया करेँगे
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Old 07-01-2011, 07:32 AM   #8
YUVRAJ
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Default "यादे"

टूट चुके हैं यादों से, अब मुझे इस दुनियाँ से आजाद कर दे,
खत्म कर दूँगा खुद को, मुझे इस जिल्लत से दूर कर दे,

जमाने में तुमसे जादा, किसी और को न चाहा था हमने,
इस दर्द के साथ मुझे इस दुनियाँ से रुख़्सत कर दे,

बेवफ़ा नहीं हैं हम, आज भी तुम्हारे लिए तड़पता हूँ,
सिर्फ इतना सा करम कर दे, अपने हाथों से मेरा कफन सजा दे,

और भी मिलेगें तुम्हें चाहने वाले हंसी चेहरे,
दर्द से तड़पने से अच्छा है, इक रोज की मौत मेरे नाम कर दे,

Last edited by YUVRAJ; 07-01-2011 at 01:28 PM. Reason: पड़पता है को तड़पता करने के लिये।
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Old 07-01-2011, 01:27 PM   #9
YUVRAJ
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Unhappy Re: "यादे"

दिल जब टूटता है तो आवाज नहीं आती !
हर किसीको मोहब्बत रास नहीं आती !!
ये तो अपने अपने नशीब की बात है,
कोई भूलता ही नहीं, और किसीको याद ही नहीं आती !!!
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Old 07-01-2011, 01:30 PM   #10
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Question Re: "यादे"

भाई जीत जी,
आपके न आने का कारण क्या है और कब आओगे ? कोई बात नहीं यादें तो आती ही होगी !!

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Originally Posted by jeet View Post
तेरे छुने से
तेरे छुने से बरसो बाद मेरा मौन टूटा है
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तेरे छुने से वो भ्रम जाल टूटा है
आज बरसो बाद दिल में प्यार फूटा है !!

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दिल में फिर से मस्त प्यार का झरना फूटा है
तेरे छुने से बरसो बाद मेरा मौन टूटा है

मेरे ही स्वर कही गुम थे मेरे भीतर छिपे हुए

तेरे आने से हर राग जैसे दिल को छूता है
छा गया है एक खुमार सा चारो तरफ़
हाँ बरसो बाद मेरा मौन से साथ छूटा है

तेरे छुने से मेरा हर भ्रम जाल टूटा है

आज बरसो बाद दिल मे प्यार फूटा है !!

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