25-02-2013, 09:55 PM | #1 |
Diligent Member
|
तन्हाई में जीने से अच्छा है किसी के लिए मर ज&a
तन्हाई में जीने से अच्छा है किसी के लिए मर जाना लेकर नफरत की आग दिल मेंलेकर जी पाना मुमकिन ना होगा ... इतना करना की किसी और के दिल में उतर जाना जिन राहों से आती थी उनकी यादों की महक अक्सर करके के आँखों को चुपके बंद से उन राहों से गुज़र जाना कोई डोर तुझे खींचेगी यादों की जब उन गलियों की और करके याद उनकी जफ़ाओ को थोडा सा डर जाना निकालोगे जब तपाकर खुद को उनकी यादों की भट्टी से '''नामदेव् ''' बनकर कुंदन फिर आज खुद ही संवर जाना |
25-02-2013, 10:08 PM | #2 | |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: तन्हाई में जीने से अच्छा है किसी के लिए मर é
Quote:
बहुत सुन्दर रचना है, सोमबीर जी. सशक्त अभिव्यक्ति के लिये मैं आपका धन्यवादी हूँ. कविता पढ़ कर मुझे एक शे'र याद आ रहा है: सुर्ख रू होता है इन्सां ठोकरें खाने के बाद. रंग लाती है हिना पत्थर पे घिस जाने के बाद. |
|
Bookmarks |
|
|