My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Debates

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 20-02-2013, 11:12 PM   #11
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से

बच्ची की अंतिम सर्जरी 13 जनवरी को संपन्न हुयी थी। डाक्टरों के अनुसार अब अगले तीन माह बाद ही वे नई सर्जरी कर सकेंगे किन्तु इस बीच बच्ची के घावों को नियिमित रूप से साफ़ स्वच्छ रखना पडेगा। इतने सारे दिनों तक हर पल अस्पताल के परिसर में बैठी रहने वाली पीडिता की माँ ने आखिर जब जयपुर अस्पताल में हो रहे इलाज पर प्रश्न चिन्ह लगाया तो 7 फरवरी 2013 को सड़क मार्ग से लाकर बच्ची को दिल्ली के एम्स में भरती कराया गया है। जहाँ पर बदले परिवेश में पीडिता हक्कीबक्की लेटी हुयी अगले इलाज की प्रतीक्षा कर रही है वहीं पर पीडिता की माँ एवं बड़ी बहन चाँदनी बारी बारी से (कोइ एक बच्ची के पास रहती है) एम्स के अहाते में कंपकपाती ठण्ड में ठिठुरकर रातें गुजार रही हैं।

"यहाँ पर डाक्टरों ने बताया है कि वे मेरी बहन को आठ दिनों के लिए आब्जर्वेशन में रखेंगे और इसके उपरान्त ही इलाज के विषय में निर्णय लेंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि वे अभी किसी भी प्रकार की सर्जरी नहीं कर सकेंगे। वे आठ दिनों के बाद मेरी बहन को यहाँ से डिस्चार्ज कर देंगे और फिर एक माह बाद सर्जरी करेंगे। लेकिन सवाल यह उठाता है कि यहाँ से डिस्चार्ज होने के बाद हम कहाँ जायेंगे?" चिंतित स्वर में चांदनी के पूछा।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 20-02-2013, 11:13 PM   #12
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से

ग्यारह वर्षीया पीडिता अपनी मेडिकल कंडीशन से अनजानी है। "उस घटना के दिन से आज तक मेरी बहन मुस्कुराई नहीं है। उसे नहीं पता है कि वाकयी उसके साथ क्या दुर्घटना घटित हुयी है .. सब कुछ अप्रत्याशित ही तो है।" चांदनी धीरे से बुदबुदायी।

पीडिता को देखने वाले साइकोलोजिस्ट का कहना है कि बच्ची मानसिक रूप से स्थिर है। जबकि बच्ची की माँ कुछ और ही बात बता रही हैं, " मेरी बेटी आधी रात को जग जाती है और पूछती है,'क्या मैं अभी ज़िंदा हूँ? क्या वे (बलात्कारी) मुझे मार डालेंगे? क्या वे जानते हैं कि मैं यहाँ हूँ?'" जब उसका दर्द उसकी सहनशक्ति से परे हो जाता है तो वह अपनी माँ से कह उठती है,'तुम मुझे अस्पताल में क्यों लाई हो? क्यों नहीं उस दिन मुझे सड़क पर मर जाने दिया?'
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 20-02-2013, 11:14 PM   #13
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से

" लोग मेरी बच्ची से मिलने आते थे और इसके भविष्य के विषय में आश्वासन भी देते हैं किन्तु मुझे पता है कि यह सब बेमतलब की बाते हैं। डाक्टरों ने हिदायत दे रखी थी कि बच्ची से मिलने आने वाले नेताओं से मैं यहाँ होने वाली असुविधा के लिए कदापि ना कहूँ।" घबराई हुयी पीडिता की माँ कह रही है। यद्यपि अस्पताल प्रशासन ने बच्ची की माँ की बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वे पीडिता का उत्कृष्ट इलाज कर रहे थे। " उपेक्षा का कोई प्रश्न ही नहीं है। अलबत्ता हमने उचित समय पर आपरेशन्स किये हैं अन्यथा अब तक उसकी जान बचाने के लाले पड़ गए होते।" जयपुर के जेके लोन पैडियाट्रिक अस्पताल के डा एस डी शर्मा ने आगे कहा,"लेकिन यह सच है कि कोई कोई संक्रमण लगातार बने रहे जिनके कारण इलाज का सकारात्मक पहलू नहीं नज़र आया। लडकी मौखिक रूप से किसी भी प्रकार का तरल ले सकने की स्थिति में नहीं है इसलिए वह आईवी की स्थिति में है।"
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 20-02-2013, 11:14 PM   #14
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से

यदि अभी हाल ही में दिल्ली में हुए समूह बलात्कार की घटना को सामने रखें तो यह बच्ची कभी भी वेंटिलेटर में नहीं रखी गयी है। " इन दोनों घटनाओं में तुलनात्मक अध्ययन नहीं किया जा सकता है क्योंकि दिल्ली के मामले में जहाँ अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी वहीं इस घटना में हम चीथड़ों में बँटी कोशिकाओं और मांसपेशियों को फिर से दुरुस्त करने का प्रयत्न कर रहे हैं।"डा शर्मा ने बताया। अपने डाक्टरी जीवन में बहुत से बलात्कार के मामलों को देख चुके डा शर्मा बताते हैं,"राजस्थान में अल्पायु बालिकाओं के साथ घटित बलात्कार के मामले हमारे अस्पताल में आते रहते हैं किन्तु यह मामला बहुत ही पेचीदा था।" हालांकि बालिका के मलमार्ग और मूत्रमार्ग के एक ही होजाने के विषय में पूछने पर वह कन्नी काटते नज़र आये और इस विषय पर अपना मंतव्य प्रकट नहीं किया कि दिल्ली मामले जैसे ही इस मामले में भी बालिका के अविकसित जननांगों में किसी वस्तु को जबरदस्ती घुसाया गया है अथवा नहीं। हाँ, उन्होंने यह अवश्य स्पष्ट किया कि, " इस प्रकार की पेचीदगी जबरदस्ती मानव लिंग प्रवेश से भी संभव है।"
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 20-02-2013, 11:15 PM   #15
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से

"मेरी बेटियाँ ही मेरा सहारा हैं। मेरा बेटा बिहार में अपनी ससुराल में रहता है और वह हमलोगों से कोई मतलब भी नहीं रखता है। हमलोग चांदनी की शादी की तैयारी कर रहे थे कि अचानक ही इनके पिता की मृत्यु हो गयी और अब यह दुर्घटना घट गई।" सुबुकती हुयी पीड़ित बच्ची की माँ ने कहा। घटना के दिन के बाद से माँ बेटी सीकर नहीं गयी हैं। जयपुर में उन्हें किसी एनजीओ की मदद से एक धर्मशाला में पनाह मिली थी।

इस मामले में दखल देनेवाली एक एनजीओ कार्यकर्ता नसीमा गहरी वेदना के साथ कहती हैं कि, "बच्ची की माँ और बहन को कैसे बताया जाए कि यह कभी भी अपनी सामान्य जिन्दगी नहीं जी सकेगी। गर्भाशय में पहुँची गहरी चोट के कारण अब यह कभी भी माँ नहीं बन सकेगी। इसके वैवाहिक संबंधों में भी अडचने आ सकती हैं। दरभंगा (बिहार) से आव्रजित यह परिवार बहुत ही गरीब है।"

छह संतानों में सबसे छोटी यह पीड़ित बच्ची बिहार के औरंगाबाद से विस्थापित होकर पिछले वर्ष ही यहाँ राजस्थान आने वाले एक अंत्यंत गरीब मुस्लिम परिवार से सम्बन्ध रखती है। पिता की असामयिक मृत्यु के बाद वह अपनी माँ और बड़ी बहन के साथ सीकर में रहकर घरेलु नौकरानी का कार्य करने वाली अपनी एक दूसरी विवाहित बड़ी बहन के पास आकर रहने लगी थी।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 20-02-2013, 11:16 PM   #16
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से

वह ईद का दुर्भाग्यशाली दिन था जब यह ग्यारह वर्षीय लडकी अपनी सोलह वर्षीय बड़ी बहन चांदनी और पड़ोस की लडकी मुन्नी के साथ समीप के सिनेमा हाल में शाम ( 6 से 9 बजे) का शो देख कर वापस आ रही थी तभी मार्शल महिन्द्रा में सवार दो लोगों ने उसे जबरदस्ती उठा लिया था। चांदनी के अनुसार, " अब्बू के बिना यह हमारी पहली ईद थी इसलिए हम सभी हताश और दुखी थे। तभी पड़ोस से मुन्नी आई और हमे मिठाई देते हुए नज़दीक के सिनेमाहाल में लगी मूवी देखने का आग्रह करने लगी। फिर हम तीनों लगभग दस मिनट की पैदल दूरी पर स्थित निकटवर्ती सिनेमाहाल में मूवी देखने लगे थे। वहीं पर वे दोनों पुरुष भी मूवी देख रहे थे। एक तो मूवी मजेदार नहीं थी और दूसरे रात भी हो रही थी इसलिए हम तीनों ने बीच में ही मूवी छोड़ कर बाहर निकल आयी और घर की तरफ आने लगी थी। हमें नहीं पता था कि वे हमारा पीछा कर रहे हैं। अचानक ही उन्होंने मुन्नी के दुपट्टे को पकड़ कर घसीटा किन्तु किसी प्रकार से मुन्नी बच निकली। तभी उन्होंने मेरी बहन को पकड़ लिया और खिड़की के रास्ते उसे कार के अन्दर डाल लिया और कार को भगा दिया। हम लोग चिल्लाते हुए कार का पीछा भी किया किन्तु वे मेरी आँखों के ओझल हो कर दूर चले। तब हम समीप के पुलिस स्टेशन जाकर इस बात की सूचना दी और कार का नंबर बताते हुए उसके गंतव्य की दिशा बताई और मेरी बहन को बचाने की गुहार लगाई किन्तु पुलिसवालों ने हमारी एक नहीं सुनी और बिना ऍफ़ आई आर लिखे ही हमें भगा दिया।"
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 20-02-2013, 11:17 PM   #17
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से

चांदनी ने सुबुकते हुए आगे बताया, "जब अगले दिन हम इलाकाई लोगों और नज़दीकी स्कूल की एक टीचर सरोज को साथ लेकर फिर से थाने के सामने जाकर धरना प्रदर्शन करने लगे तब जाकर पुलिस ने हमारी ऍफ़ आई आर दर्ज की और उसी दिन अपरान्ह चार बजे अधमरी हालत में मेरी बहन को हाइवे के किनारे से बरामद कर लिया। यदि पुलिस समय पर कार्यवाही करती तो निश्चित ही मेरी बहन आज सुरक्षित दशा में होती।"

"सरोज पहले हमें सपोर्ट कर रही थी और हमारी ऍफ़ आई आर दर्ज कराने में सहायता भी की थी। किन्तु जब बाद में उन्हें पता चला कि अभियुक्त उनकी जात बिरादरी से हैं तो वह हमारा साथ छोड़ गयी और उलटे हमें केस रफा दफा करने और वापस लेने के लिए दबाव डालने लगी। मुझे आश्चर्य है कि एक स्कूल टीचर हो कर भी वह अभियुक्तों का साथ दे रही थी। वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वे उनकी जात विरादर के हैं। मैं स्कूल कभी नहीं गयी हूँ किन्तु मैं यह बात अच्छे से जानती हूँ कि जब नारी की इज्जत और आबरू की बात हो तो जात-विरादरी पीछे छूट जाती है।" चांदनी ने आंसू पोछते हुए कहा।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 20-02-2013, 11:18 PM   #18
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से

एनजीओ की महिला कार्यकर्ता नसीमा ने बताया कि इस ग्यारह वर्षीया पीडिता ने उन्हें बताया था कि इन दोनों अभियुक्तों ने मुन्नी के दुपट्टे से उसकी आँखों में पट्टी बाँध दिया था और उसके अपने कपड़ों से उसके हाथ और पैर बाँध दिए थे।

गौरव श्रीवास्तव, सीकर एस पी के अनुसार उन्होंने घटना के दो दिनों के अन्दर दोनों अभियुक्तों सुरेश जाट (25 वर्ष) और रमेश शर्मा ( 26 वर्ष ) को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने आगे बताया कि, "इस घटना के विषय अभियुक्तों की संख्या को लेकर तमाम तरह की अफवाहें गर्म हैं ... कुछ लोग छह लोगों के होने की बात कहते हैं तो कुछ लोग कोई और संख्या बता रहे हैं किन्तु सच यही है कि गिरफ्तार किये गए दोनों अभियुक्तों ने ही सीकर के एकांत क्षेत्र में बच्ची से बलात्कार किया है। हमने गाडी नंबर के आधार पर अभियुक्तों की पहचान की और मोबाईल काल के आधार पर उन्हें ट्रेस कर के गिरफ्तार कर लिया है। यद्यपि अभियुक्तों ने घटना के बाद से ही चालाकी पूर्वक फोन को स्विचआफ कर लिया था किन्तु हमने उनके नंबर से की गयी आख़िरी काल के आधार पर हम उन लोगों तक पहुँच गए जिन्होंने इस अपराध में उनकी सहायता की थी।"
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 20-02-2013, 11:19 PM   #19
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से

"इस अपराध के सहयोगी रहे गिरधारी लाल और योगराज ने न केवल अपराधियों को नए कपडे दिए बल्कि उन्हें 500 रूपये भी दिए थे। क्योंकि अपराधियों के कपडे बुरी तरह से खून से तरबतर थे अतः इन दोनों सहयोगियों ने उन्हें न केवल वस्त्र उपलब्ध करवाए बल्कि कुछ धन भी दिया ताकि वक्त पर काम आ सके और यह सब तब हुआ जब बच्ची का एक दिन पूर्व बलात्कार हो चुका था और वह अभी तक कार की डिक्की में लस्तपस्त मौजूद थी। इसके बाद इसे हाइवे के किनारे लावारिस हालत में छोड़ कर दोनों अभियुक्त अपने मित्र राधे श्याम और रोमा राम के पास छिप गए। राधेश्याम और रोमाराम ने इन्हें न केवल शरण दी बल्कि इन्हें भोजन भी मुहैया कराया। इस प्रकार ये दोनों भी इस जघन्य अपराध के साथी बन गए। इन्ही के पास से ये दोनों अभियुक्त गिरफ्तार किये गए।" एस पी सीकर ने अपनी बात सम्पूर्ण करते हुए कहा।

"पीडिता के कान की बालियाँ और उसकी चूड़ियाँ अपराधियों की कार में बरामद हुयी हैं। एक बयान में बच्ची ने कहा है कि वह अन्य चारों को पहचान नहीं सकती है किन्तु कार में पड़े पड़े ही उसने गिरधारी लाल और योगराज के मकान को अच्छे से देखा है और उसे पहचान सकती है। दोनों अभियुक्तों की वार्तालाप से बच्ची ने यह जान लिया था कि यहाँ पर उन्हें नए कपडे मिले हैं और साथ ही साथ 500 रूपये भी। गिरधारी लाल और योगराज को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है जबकि सुरेश शर्मा और रमेश जाट दोनों अभी जेल में बंद हैं। पीडिता अभी शिनाख्त परेड करने की स्थिति में नहीं है इसलिए हमने डाक्टरों से अनुरोध किया है कि जैसे ही वह इस स्थिति में आ जाए तो पुलिस को सूचित किया जाए। जैसे ही शिनाख्त परेड संपन्न हो जाती है .. हम अविलम्ब न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर देंगे।" एस पी सीकर ने अंततः अपना पक्ष रखते हुए आपनी बात समाप्त की।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 20-02-2013, 11:20 PM   #20
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: एक और 'दामिनी' सीकर (राजस्थान) से


पीडिता के वकील पुरषोत्तम शर्मा ने भी यही बात दुहराई कि जैसे ही शिनाख्त परेड हो जायेगी वैसे ही वाद अदालत में पहुँच जाएगा।

बरामद होने के बाद बच्ची को सीकर के अस्पताल में ले जाया गया था। तदुपरांत उसे जयपुर के महिला चिकित्सालय में भरती कराया गया था और बाद में 22 अगस्त को वह जयपुर के ही जेके लोन पैड्रीयाट्रिक अस्पताल में शिफ्ट कर दी गयी थी। यहाँ पर उसका इलाज गायनालाजिस्ट एवं सर्जन सहित आठ चिकित्सकों के पेनल के द्वारा किया जा रहा था।

इस विषय में डा एल डी अग्रवाल बताते हैं कि, 'पीड़ित बच्ची के आने के पांच घंटों के बाद हम इसकी चोटों की गंभीरता और पेचीदगियों को समझ सके थे। साथ ही साथ वह घटना के लगभग 48 घंटों के बाद हमारे पास आयी थी इसलिए उसकी चोटें विकृत हो चुकी थी।"
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Thread Tools
Display Modes

Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 07:25 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.