01-11-2013, 03:43 PM | #1 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धांé
श्री के.पी. सक्सेना जी नहीं रहे.......... श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धांजलि...........
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
01-11-2013, 03:44 PM | #2 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धां&
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
01-11-2013, 03:47 PM | #3 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धांé
अपने चाहने वालों के बीच के. पी. नाम से मशहूर कालिका प्रसाद सक्सेना नहीं रहे. कालजयी व्यंग्यकार और फिल्म संवाद लेखक के. पी. पचास के दशक में लखनऊ आए. लगान, जोधा अकबर, हलचल और स्वदेश जैसी फिल्मों में संवाद लिखने वाले सक्सेना बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे. हालांकि हाल के सालों में वह फिल्मों के संवाद लेखक के रूप में काफी मशहूर हो चुके थे. लेकिन मीडिया में उनकी धाक प्रमुख हिंदी अखबारों और पत्रिकाओं में चुटीले और धारदार व्यंग्य लिखने के चलते जमी थी. अपनी सरस लेखनी के चलते वह दशकों से पाठकों की कई पीढियों के चहेते थे. उन्हें सन 2000 में पद्मश्री से नवाजा गया था. दूरदर्शन से प्रसारित 'बीबी नातियों वाली' सीरियल से उनको देशव्यापी ख्याति मिली थी. के. पी. अपनी सरस लेखनी की तरह ही मस्त-मौला लाइफस्टाइल के लिए भी जाने जाते थे. उनकी समूची शख्सियत व्यंग्य और उल्लास की साझी प्रतिमूर्ति थी. हिंदी में नए मुहावरे गढ.ने वाले और अपनी लेखन शैली से हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर देने वाले के. पी. ने बॉटनी में एमएससी किया था. वह लखनऊ क्रिश्*चियन कॉलेज में व्याख्याता रहे. उन्होंने स्नातक कक्षाओं के लिए वनस्पति विज्ञान पर एक दर्जन से ज्यादा किताबें लिखी हैं. उन्होंने रेलवे में भी सर्विस की थी, जिस दौरान वह स्टेशन मास्टर भी रहे.....
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
01-11-2013, 03:50 PM | #4 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धां&
उनकी कविताओं और नाटकों में गढे. गए मुहावरे और संवाद लोगों की जुबान पर चढ. गए. किसी के मरने पर उनका 'बेचारे खर्च हो गए' का मुहावरा खासा लोकप्रिय हुआ. इसके अलावा 'बहुत अच्छे', 'लपझप' और 'जीते रहिये' जैसे संवाद खूब इस्तेमाल किए जाने लगे. अकसर केपी नए-नए मुहाबरे गढते थे. जैसे 'स्वदेश' फिल्म का संवाद 'अपने ही पानी में पिघलना बर्फ का मुकद्दर होता है'. इसी फिल्म में कुंआरे चरित्र के लिए कहा गया था, ''भइया ए कब तक चारपाई के दोनों तरफ से उठते रहोगे.'' लखनऊ। 31 अक्तूबर (ब्यूरो) 'लगान' और 'जोधा अकबर' जैसी सफल फिल्मों के संवाद लेखक और मशहूर व्यंग्यकार पद्मश्री के.पी. सक्सेना का आज यहां लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे 81 वर्ष के थे. सक्सेना दुर्लभ जीभ के कैंसर से पीड़ित थे. गत 31 अगस्त को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने सुबह 8.30 बजे अंतिम सांस ली. साहित्य में उनके योगदान के लिए केंद्र सरकार ने 2000 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा. उन्होंने लगान (2001), स्वदेश (2004), जोधा-अकबर (2008) जैसी सुपरहिट फिल्मों की पटकथा और संवाद लिखे. इनमें से 'जोधा-अकबर' बेस्ट डॉयलाग कैटेगरी में फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नामांकित हुई. 'लगान' के संवादों में उन्होंने अवधी के अलावा भोजपुरी, ब्रजभाषा का भी प्रयोग किया. 'बाप रे बाप' : सक्सेना के जीभ की दो बार सर्जरी हो चुकी थी. पहली बार जुलाई 2012 में और दूसरी बार मार्च 2013 में. लेकिन, अगस्त में उनकी जीभ में फिर से ग्रंथि का पता चला. वे यहां क्रिश्चियन कालेज में व्याख्याता थे. उन्होंने ग्रेजुएट क्लासेज के लिए बॉटनी विषय पर 12 से ज्यादा किताबें लिखी हैं......
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. Last edited by Dr.Shree Vijay; 01-11-2013 at 03:54 PM. |
01-11-2013, 03:57 PM | #5 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धां&
आकाशवाणी, दूरदर्शन और मंच के लिए लिखे गए 'बाप रे बाप' और 'गज फुट इंच' नाटकों के जरिए उनकी पहचान नाटककार के रूप में पुख्ता हुई थी. दूरदर्शन के लिए लिखा गया उनका धारावाहिक 'बीबी नातियों वाली' को देश में हिन्दी का पहला मौलिक सोप ओपेरा माना जाता है. यह सीरियल इतना लोकप्रिय हुआ था कि इसे प्रस्तावित योजना से ज्यादा अवधि तक बढ़ाना पड़ा क्योंकि यह जनता की मांग थी. नाज-ए-लखनऊ के. पी. सक्सेना को शुरू में तमाम दूसरी महान हस्तियों की तरह ही प्रकाशकों ने अस्वीकारा, पर बाद में उनकी लेखनी का जादू पाठकों और प्रकाशकों सबके सिर चढ.कर बोला. उनकी लेखनी ने सिर्फ छपे हुए शब्दों तक ही अपने जादू को बरकरार नहीं रखा बल्कि रजत पट पर उनके संवादों के चुम्बकीय असर ने भी उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड तक दिलाया. वह महज साहित्यकार भर नहीं थे अपितु एक समूची सांस्कृतिक संस्था थे. उनकी मस्त मलंग जीवनशैली उन्हें लखनऊ की शान बनाती थी. वह लखनवी तहजीब के पुरोधा थे. इसी वजह से वह बॉलीवुड में लखनऊ के सबसे विश्वसनीय प्रतिनिधि माने जाते थे.......
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
01-11-2013, 04:01 PM | #6 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धां&
के. पी. को बचपन में दुनदुन नाम से जाना जाता था, कहीं भी रहे हों होली आते ही उनके खून से लखनवी रंग गुलाल हिलोर मारने लगता था. लखनवी होली जीवन की सबसे जीवंत याद की तरह हमेशा के. पी. के दिल को छूती थी. वह कहा करते थे लखनऊ की होली दिलों का होला होती है. यहां लोग दिल से मेलजोल करते हैं. जब वह नॉस्टलेजिया से घिर जाते थे तो उन्हें नारायण नगर के हर घर में गुझिया और मेवों की खुशबू परेशान करने लगती थी. वह कहा करते थे लखनऊ के पकवान ही नहीं रंगों में भी खुशबू होती है. वह होली और लखनऊ को याद करते हुए अकसर अपने दोस्त कुमुद नागर के बारे में बताया करते थे कि कैसे वह दुनिया के सबसे बडे. ढोलकबाज थे. के. पी. अपनी लेखनी में नए-नए मुहावरे खुद गढ.ते थे. इस मायने में वह तमाम मौजुदा लेखकों से आगे थे. उनके गढे. हुए मुहावरे देखते ही देखते बुद्धिजीवियों से लेकर आम लोगों तक का ध्यान खींचते थे. 'स्वदेश' फिल्म का एक डायलॉग नए जमाने के चुम्बकीय मुहावरे जैसा है. यह डायलॉग है- अपने ही पानी में पिघलना बर्फ का मुकद्दर होता है. उनके ऐसे ही और कई संवाद महज पटकथा को आगे बढ़ाने के ही काम नहीं आए बल्कि जमाने की किताब को भी पढ.ने और समझने में महत्वपूर्ण साबित हुए. अपने इसी मुहावरे का वह खुद भी आज हिस्सा बन गए. अपने ही खिलंदड. छवि की वह अब सिर्फ तस्वीर रह गए हैं. दुनिया को हंसी और खुशी देने वाले महान रचनाकार को विनम्र श्रद्धांजलि........
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
02-11-2013, 04:06 PM | #7 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धां&
एक महान व्यंग्यकार को समर्पित इस आलेख में के.पी. सक्सेना के जीवन के अहम् पहलुओं की जानकारी दी गयी है. प्रस्तिती हेतु धन्यवाद. उन्हें हमारी विनम्र श्रद्धांजलि. उन्हीं के अंदाज़ में कुछ शब्द:
"अबे अक्सेना के अच्चे, कहाँ चला अया तू ? ओल्ता क्यों नहीं ?" |
18-11-2013, 10:13 PM | #8 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धां.
प्रमुख कृतियाँ......... पाँच से अधिक फुटकर व्यंग्य की पुस्तकों के अलावा कुछ व्यंग्य उपन्यास उनकी धरोहर है। नया गिरगिट, कोई पत्थर से, मूँछ-मूँछ की बात, रहिमन की रेलयात्रा, रमइया तोर दुल्हिन, लखनवी ढँग से, बाप रे बाप, गज फुट इंच, बाजूबंद खुल-खुल जाय, श्री गुल सनोवर की कथा, सम्मान......... केपी की व्यंग्य रचनाओं की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें सन् 2000 में भारत सरकार का विशेष अलंकरण पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया।
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
18-11-2013, 10:19 PM | #9 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धां.
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
18-11-2013, 10:19 PM | #10 |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: श्री के पी सक्सेना जी को भावभीनी श्रद्धां&
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
Bookmarks |
Tags |
पिता, बेबस लडकी, महाराजा, मायूसी, विक्रमादित्य |
|
|