29-11-2010, 05:12 PM | #11 | |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21 |
Re: शादी के बाद नौकरी
Quote:
एक बार नए सिरे से सोच कर देखिये सभी !!! क्या इस सब की जरुरत है ? मेरा मतलब है की जब हम कहते हैं स्त्री पुरुष एकसमान तो फिर नौकरी को अपवाद क्यूँ बनाते हैं | भाई वो भी इंसान है, उसे सोचने दो की करना है या नहीं ||| भाई कैलकुलेटर पर भी आंकड़ा लगाओ तो एक व्यक्ति (पुरुष/स्त्री) की काम करने की आयु २५-६० होती है (सामान्यतया अन्यथा स्वयं के बिजनेस आदि में तो कोई लिमिट ही नहीं) और इस ३५ साल के दरमियान बच्चों को पालने और अधिक सँभालने की जरुरत मात्र ५ साल ही होती है | ३-४ साल से ही बच्चे स्कूल जाने लगते हैं फिर कहाँ उनके पास दिन भर पंचोप्देश की कहानियाँ सुनने का समय होता है | तो सिर्फ पांच साल की आंशिक व्यस्तता के सदके एक व्यक्ति का पूरा जीवन स्वाहा !!! और फिर बाद में नारे लगवाओ की लड़का लड़की एक समान ! |
|
29-11-2010, 05:18 PM | #12 | |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21 |
Re: शादी के बाद नौकरी
Quote:
मैं ऋणात्मक अंक प्रेषित करना चाहता हूँ किन्तु हाल ही में आपको सकारात्मक प्रोत्साहन दिया था अतः तकनीकी कारणों से नहीं कर सकता |
|
29-11-2010, 05:27 PM | #13 | |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: ♕★ ★ ★ ★ ★♕
Posts: 2,316
Rep Power: 27 |
Re: शादी के बाद नौकरी
यह बहुत ही पुरानी सोच है।
आज के वर्तमान समय में ऐसा सोचना सही नहीं लगता। नौकरी के लिए दस से पाँच या छः बजे तक का ही वक्त होता है और दिन में चौबीस घंटे। घर में कैद और पारिवारिक रिश्तों को नाटकीय रूप में दिखाने वाले टेली-सीरियल को देख कर लड़की क्या सिखाएँगी ? बल्कि उल्टा जो सीखा होगा वो भूल जायेंगी। नौकरीपेशा होने पर खुद की स्वतंत्रता और परिवार की खुशी दोनो ही कायम होगी। आप भी सोचो यदि गाड़ी के दोनों पहिये सही न हो तो गाड़ी का क्या हाल होगा ? नौकरीपेशा होने से बच्चों को अच्छी शिक्षा {जो की सस्ती नहीं है} और वर्तमान आधुनिक युग की जानकारियाँ और परिवेश का ज्ञान देनेयोग्य आमदनी होगी। वंशानुगत संस्कार तो बच्चों को नौकरी से बचे खाली वक्त में आराम से दिये जा सकते हैं। Quote:
|
|
29-11-2010, 05:37 PM | #14 | |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21 |
Re: शादी के बाद नौकरी
Quote:
ज़बरदस्त लिखा |
|
29-11-2010, 06:13 PM | #15 | |
Exclusive Member
|
Re: शादी के बाद नौकरी
Quote:
बस दिल मेँ आया लिख दिया अगर कुछ गलत हैँ तो कृप्या आप बता देँ
__________________
दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना Last edited by khalid; 29-11-2010 at 06:16 PM. |
|
29-11-2010, 08:27 PM | #16 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: ♕★ ★ ★ ★ ★♕
Posts: 2,316
Rep Power: 27 |
Re: शादी के बाद नौकरी
|
29-11-2010, 08:49 PM | #17 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: ♕★ ★ ★ ★ ★♕
Posts: 2,316
Rep Power: 27 |
Re: शादी के बाद नौकरी
|
29-11-2010, 08:58 PM | #18 | |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21 |
Re: शादी के बाद नौकरी
Quote:
थोड़ी देर में लिए खुद को एक लड़की मान कर अपने विचारों को परखें, क्या सर्वयोग्य होने पर भी आपको अपने जीवनसाथी कि सहमती सिर्फ इसलिए लेनी पड़े क्यूंकि वो पुरुष है तो क्या आपके आत्मसम्मान को चोट नहीं लगेगी? क्या एक बार भी विचार मन में नहीं आएगा? |
|
29-11-2010, 09:07 PM | #19 | ||
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: ♕★ ★ ★ ★ ★♕
Posts: 2,316
Rep Power: 27 |
Re: शादी के बाद नौकरी
बी हैप्पी खालिद भाई जी…
Quote:
दिवंगत कल्पना चावला क्या राकेश शर्मा से कम थी। विषय से हट कर लिख रहा हूँ… यदि हम जायज़ या नाजायज कर सकते हैं तो विपरीत लिंगी के ऐसा करने पर किस बात का विरोध !!! Quote:
|
||
03-12-2010, 04:56 AM | #20 |
Special Member
|
शादी के बाद नौकरी
मेरे वरिष्ठजन काफी कुछ कह चुके हैं|
मैं बस इतना कहना चाहूँगा कि काम वो करो जो दिल को सुकून दे| एकदम नहीं तो धीरे-धीरे ही सही; साथ देने वाले और होंसला बढाने वाले राह में मिल ही जाते हैं| बात सिर्फ महंगाई या घर के खर्चों की नहीं है| अब शादी के बाद लड़की सिर्फ शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति और बच्चे पैदा करने का साधन मात्र नहीं रह गई है| अब वो कोई सिर्फ झाडू-पूंछा, बर्तन-सरतन और बच्चो कि साफ़-सफाई तक सीमित बाई नहीं है| मौका मिलने पर वो पति, बच्चो समेत पूरे परिवार को संभालती है| उसे किसी कार्य के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता| थोड़ी बहुत परेशानी परिवार कि तरफ से आती ही हैं; लेकिन उनके साथ मित्रवत व्यवहार करके, उन्हें समझाकर, फायदे-नुक्सान बताकर सब कुछ सामान्य किया जा सकता है| ये न भूलो कि वे मानसिक रूप से हम से ज्यादा ताकतवर होती हैं. नारी ही है जो मुसीबत में परिवार कि नैय्या पार लगा देती है| उनसे ज्यादा हमें उनकी जरूरत होती है. तो उनपर किसीभी बात के लिए पाबन्दी क्यों|
__________________
Self-Banned. Missing you guys! मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|फिर मिलेंगे| मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक|| |
Bookmarks |
Tags |
नयी पीडि, नौकरी, युवा, girls, indian girls, job after marriage |
|
|