18-03-2012, 12:10 PM | #5121 |
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काठमांडो। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन-यूएमएल के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल ने आगाह किया है कि अगर 27 मई की तय तारीख तक संविधान का मसौदा नहीं तैयार हुआ तो यहां भारी उथलपुथल हो सकती है। काठमांडो से पूर्व में स्थित जिले सिंधुपालचौक में नेपाल ने कहा कि शांति प्रक्रिया को पूरा किए बिना संविधान का मसौदा तैयार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अगर तय समय सीमा से पहले संविधान का मसौदा तैयार नहीं हुआ तो यह देश बड़ी उथलपुथल से घिर जाएगा। नेपाल के मुताबिक अगर माओवादियों ने पूरी गंभीरता से शांति प्रक्रिया को समय पर पूरा कर लिया तो संविधान का काम भी 27 मई से पहले पूरा हो सकता है। उन्होंने जोर दिया कि सेना के साथ पूर्व माओवादी लड़ाकों का एकीकरण पिछले साल हुए सात सूत्री समझौते के आधार पर होगा।
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18-03-2012, 12:10 PM | #5122 |
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मसूद के प्रत्यर्पण में पुलिस ने इंटरपोल से सहयोग मांगा
नई दिल्ली। दिल्ली में पिछले महीने इसराइली राजदूत की कार पर हमले में कथित मुख्य षड्यंत्रकारी मसूद सेदातजादेह के प्रत्यर्पण के लिए दिल्ली पुलिस ने इंटरपोल से सहयोग मांगा है। सेदातजादेह फिलहाल मलेशिया पुलिस की हिरासत में है। सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने सेदातजादेह को लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वह उस मॉड्यूल का प्रमुख है जिसने बैंकाक में विस्फोट कराया था और समझा जाता है कि दिल्ली में बम हमलावरों को निर्देश दिया। सेदातजादेह को हिरासत में लेने के लिए पुलिस सीबीआई से सम्पर्क कर रही है ताकि इंटरपोल की मदद ली जा सके। पुलिस के मुताबिक 13 फरवरी को इसराइली दूतावास की कार को निशाना बनाने वाले कथित बम हमलावर हौशांग अफशर ईरानी सेदातजादेह के संपर्क में था। पुलिस ने औरंगजेब रोड पर 13 फरवरी को हुए कार बम हमले में षड्यंत्र का खुलासा करने का दावा किया है जिसमें इसराइल की एक राजनयिक एवं तीन अन्य घायल हो गए थे। पुलिस को पता चला था कि सेदाघजादेह ईरानी के संपर्क में था। सूत्रों ने कहा कि तकनीकी निगरानी एवं सभी कॉल विवरणों की जांच से पता चला कि भारतीय पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी (50) भी इसमें शामिल था जिसे छह मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था। दिल्ली पुलिस ने तीन ईरानी नागरिकों हौशांग अफशर ईरानी, सैयद अली मेहदियांसदर और मोहम्मद रजा एबोलघासेमी के खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इन तीनों पर बम हमले में शामिल होने का संदेह है।
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18-03-2012, 12:11 PM | #5123 |
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संसद के घेराव की धमकी
लखनऊ। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य प्रमुख शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने दिल्ली में इसराइली दूतावास की कार में हुए बम धमाके के मामले में एक वरिष्ठ पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए संसद का घेराव कराने की चेतावनी दी है। मौलाना जव्वाद ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को इसराइल का एजेंट भी बताया और उनकी सम्पत्ति की सीबीआई जांच की मांग की। मौलाना जव्वाद ने यहां संवाददाताओं से कहा कि देश में पिछले करीब 20 वर्षों से बेकसूर मुसलमानों को आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार करने का सिलसिला जारी है और गत 13 फरवरी को दिल्ली में इसराइली दूतावास की कार में हुए बम धमाके के मामले में वरिष्ठ पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी की गिरफ्तारी इसकी नई कड़ी है। शिया धर्मगुरु ने कहा कि काजमी की गिरफ्तारी के विरोध में अगले शुक्रवार को लखनऊ स्थित शाही आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद शहीद स्मारक तक विरोध मार्च निकाला जाएगा। उसके बाद आगामी 26 मार्च को संसद का घेराव किया जाएगा। उन्होंने दिल्ली के पुलिस आयुक्त बृजेश कुमार गुप्ता पर इसराइली खुफिया एजेंसी मोसाद का एजेंट बताते हुए उनकी सम्पत्ति की सीबीआई जांच की मांग की। गौरतलब है कि गत 13 फरवरी को दिल्ली में इसराइली दूतावास की एक कार में हुए बम विस्फोट में कई लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में सात मार्च को स्वतंत्र पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी को गिरफ्तार किया था। काजमी की गिरफ्तारी का जमीयत उलमा-ए-हिन्द, जमात-ए-इस्लामी हिन्द तथा मौलाना आजाद फाउंडेशन समेत विभिन्न मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं।
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18-03-2012, 12:20 PM | #5124 |
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ममता अड़ीं, दिनेश त्रिवेदी ने सलाह ठुकराई
कोलकाता/ नई दिल्ली। रेल बजट में यात्री किराया बढ़ाए जाने को लेकर अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की नाराजगी झेल रहे रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी से उनके दल ने शनिवार को इस्तीफा देने को कहा लेकिन त्रिवेदी ने भी स्पष्ट कर दिया कि ‘‘ममता बनर्जी लिखकर यह मांग करें तो वे दो-तीन दिन में इस्तीफा दे देंगे। अलबत्ता रेल बजट पर चर्चा का जवाब संसद में मंत्री की हैसियत से वे ही देंगें।’’ उधर ममता ने कहा है कि ‘‘रेल बजट पेश होने के कुछ ही घंटे बाद पार्टी ने त्रिवेदी को हटा कर मुकुल रॉय को रेल मंत्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री को लिख दिया था। मुझे जो कहना था कह दिया अब फैंसला प्रधानमंत्री को ही करना है।’’ लोकसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक कल्याण बनर्जी ने त्रिवेदी से शनिवार को टेलीफोन पर बात की और उन्हें बर्खास्त किए जाने की प्रतीक्षा किए जाने के बदले गरिमामय तरीके से हट जाने को कहा। इस पर दिनेश त्रिवेदी ने कल्याण बनर्जी से कहा कि वे चाहते हैं कि ममता लिखित रूप में पार्टी के फैसले से उन्हें अवगत कराएं। कल्याण ने त्रिवेदी से कहा, लिखित मांग पर जोर देना उचित नहीं है। जब वह मंत्री बने थे उस समय उन्होंने ममता बनर्जी की ओर से लिख कर दिए जाने पर जोर नहीं दिया था। पार्टी का सदस्य होने के नाते उन्हें स्थिति समझनी चाहिए और जब पार्टी नहीं चाहती कि वह मंत्री रहें तो उन्हें गरिमामय तरीके से पद छोड़ देना चाहिए। आपने मंत्री पद की शपथ ली क्योंकि पार्टी ऐसा चाहती थी। पार्टी आज नहीं चाहती तो आपको इस्तीफा दे देना चाहिए। त्रिवेदी के तर्क को खारिज किया तृणमूल ने दिनेश त्रिवेदी के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि चूंकि रेल बजट उन्होंने पेश किया है इसलिए संसद में उन्हें चर्चा का जवाब देना है। पार्टी ने उन्हें ध्यान दिलाया कि तहलका मामला उजागर होने के बाद ममता ने 2001 में यही मंत्रालय छोड़ दिया था। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, पहले भी ऐसा हुआ है। सन 2001 में बजट पेश करने के बाद ममता ने राजग सरकार में रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद रेल मंत्री बने नीतिश कुमार ने बहस का जवाब दिया था। ममता प्रणाली को समझती हैं । पार्टी का अंदरूनी मामला इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा है कि दिनेश त्रिवेदी को हटाने का निर्णय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी करेंगीं। त्रिवेदी का इस्तीफा तृणमूल कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। अगर हमें तृणमूल की तरफ से कोई जानकारी मिलती है तो निर्णय प्रधानमंत्री, संप्रग अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख करेंगे।
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18-03-2012, 12:21 PM | #5125 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
त्रिवेदी मुद्दे पर बोले प्रणव : समस्या का समाधान हो जाएगा
गाजियाबाद। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी पर तृणमूल कांग्रेस द्वारा बनाए जा रहे दबाव को तवज्जो नहीं देते हुए सरकार उनको हटाने के सवालों पर आज भी कन्नी काटती रही। साथ ही विश्वास जताया कि ‘समस्या’ का समाधान हो जाएगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से एक समारोह से इतर संवाददाताओं ने पूछा कि वह त्रिवेदी की जगह मुकुल राय को कब लाने पर विचार कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘सोच-विचार के आधार पर मैं जवाब नहीं दे सकता हूं। मैं तथ्यों के आधार पर सवाल का जवाब दे सकता हूं। जब भी ऐसा होगा यह सार्वजनिक होगा।’’ तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी प्रधानमंत्री पर दबाव बना रही हैं कि त्रिवेदी को रेल मंत्री पद से हटाएं। बुधवार को पेश किए गए रेल बजट में यात्री भाड़े में प्रस्ताव के बाद से ही वह अपनी पार्टी सुप्रीमो के निशाने पर हैं। यह पूछने पर कि त्रिवेदी को बर्खास्त करने की बनर्जी की मांग की समस्या से वह कैसे निपटेंगे तो मुखर्जी ने कहा कि गठबंधन की सरकार चलाने में ‘समस्याएं’ आती हैं। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि इसका समाधान हो जाएगा।
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18-03-2012, 12:22 PM | #5126 |
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रेलकर्मियों ने यात्री किराये में वृद्धि वापस लिये जाने पर दी आंदोलन की चेतावनी
नई दिल्ली। सरकार को रेल बजट में यात्री किराये में वृद्धि के मामले में आज एक अप्रत्याशित वर्ग से उस समय समर्थन मिला जब पांच रेलवे कर्मचारी यूनियनों ने इस वृद्धि का समर्थन करते हुए मूल्यवृद्धि वापस लिये की दशा में आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी। कर्मचारी यूनियनों ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है कि रेल बजट में किराये वृद्धि करने के प्रस्ताव को वापस नहीं लिया जाए। रेल यूनियनों ने कहा, ‘‘हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हस्तक्षेप करके कदम उठायें ताकि यात्री किराये में वृद्धि का प्रस्ताव खजाने से उसके समान मदद मुहैया कराये बिना वापस नहीं लिया जाए।’’ यात्री किराये में वृद्धि में समर्थन में आने वाले रेल यूनियनों में एआईआरएफ, एनएफआईआर, आईआरपीओएफ, एफआरओए, आईआरपीओएफ शामिल हैं।
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18-03-2012, 12:22 PM | #5127 |
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ममता से परेशान त्रिवेदी को गुजरात में मिला समर्थन
वड़ोदरा। रेल बजट में यात्री किराये में वृद्धि को लेकर ममता बनर्जी के निशाने पर आए रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को गुजरात में अपने गृह जिले कच्छ में स्थित संगठनों से समर्थन मिला है। त्रिवेदी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट के बाद उन्हें उनके पद से हटाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी थी। पश्चिम बंगाल में बसे त्रिवेदी मूलत: कच्छ जिले के मांडवी तालुक पंचायत के बिदादा गांव के निवासी है। स्थानीय संगठनों ने इस मुद्दे पर उनका समर्थन किया है। कच्छ चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष राजेश भट्ट और कच्छ युवक संघ के पूर्व अध्यक्ष कोमल छेड़ा ने त्रिवेदी का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘त्रिवेदी की क्या गलती है, उन्होंने एक ऐतिहासिक बजट पेश किया है, यात्रियों की सुरक्षा की व्यवस्था के लिए और उन्हें और ज्यादा सुविधाएं प्रदान करने के लिए किराये में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।’’
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18-03-2012, 12:23 PM | #5128 |
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पाकिस्तान में सरकार और सेना के नेतृत्व की बैठक
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में असैन्य सरकार और सेना के शीर्ष नेतृत्व की बैठक हुई, जिसमें संसद के संयुक्त सत्र की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने की। इसमें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल दलों के प्रमुख मौजूद रहे। संसद के संयुक्त सत्र को देखते हुए यह इस तरह की यह दूसरी बैठक है। इसमें सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। सत्र की औपचारिक शुरुआत 19 मार्च से हो रही है। आज राष्ट्रपति का भाषण हुआ। जरदारी के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा, ‘‘इस बैठक में सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मामलों पर चर्चा की गई।’’
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18-03-2012, 12:24 PM | #5129 |
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द्वीपों को लेकर चीन और जापान के बीच तनाव फिर बढ़ा
बीजिंग। पूर्वी चीन सागर में विवादित द्वीपों को लेकर चीन और जापान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है और चीन के दो पोत जापानी प्रशासनिक नियंत्रण को चुनौती देते हुए उन द्वीपों के जलक्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। चीन के स्टेट ओशिएनिक एडमिनिस्ट्रेशन (एसओए) ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए घोषणा की कि दियाओयू द्वीपों के जलक्षेत्र में एक बेडे से गश्त की जा रही है जिसमें दो पोत भी शामिल हैं। बेड़े में गश्ती नौकाएं भी हैं। सरकारी ग्लोबल टाइम्स की एक खबर के अनुसार जापान का एक पोत भी उस क्षेत्र में है। दिसंबर 2008 के बाद यह पहला मौका है जब चीन ने इस तरह का कदम उठाया है और जापानी पोतों को सीधे चुनौती दी है। जापान को चीन के इस कदम की उम्मीद नहीं थी। इस द्वीपक्षेत्र में 70 छोटे छोटे टापू हैं जिस पर कोई आबादी नहीं रहती है। लेकिन यह क्षेत्र तेल और गैस के मामले में धनी है तथा इस पर जापानी प्रशासनिक नियंत्रण रहा है। इस बीच खबर है कि जापान ने चीन द्वारा गश्ती पोत तैनात किए जाने पर विरोध जताया है और कहा कि वे उसके संप्रभु जलक्षेत्र में घुस आए हैं।
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18-03-2012, 12:25 PM | #5130 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
मुखर्जी ने ईरान तेल के मुद्दे पर कूटनीतिक दांव खेला
नई दिल्ली। वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ईरानी तेल के महत्व को समझते हुए आम बजट पेश करने के दौरान एक ऐसा कूटनीतिक दांव खेला जिससे अमेरिका की ओर से दबाव डालने की सभी कोशिश नकारा सिद्ध हो जाएंगी। मुखर्जी ने वित्त विधेयक 2012 में प्रावधान किया है कि ईरान सहित खाड़ी देशों से आयात होने वाले तेल की एवज में भारतीय मुद्रा रुपए में होने वाले भुगतान को पूरी तरह कर मुक्त रखा जाएगा। इस फैसले से देश के तेल शोधक संयंत्र ईरान से सुगमता से कच्चा तेल हासिल कर सकेंगें तथा अमेरिका की ईरान विरोधी रणनीति नाकाम हो जाएगी। अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मुहिम चला रहा है। वित्तमंत्री ने कहा कि रुपए में भुगतान हासिल करने वाली विदेशी कंपनियों को करों से छूट देने का फैसला राष्टñीय हित को ध्यान में रख कर किया गया है। इस फैसले से कंपनियों पर लगने वाला 40 प्रतिशत तक का कर खत्म हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से सबसे अधिक फायदा ईरान की नेशनल तेल कंपनी एनआईओसी को होगा जो भारतीय मुद्रा में भुगतान हासिल करने के लिए तैयार हो गई है। इस कंपनी ने भुगतान हासिल करने के लिए कोलकाता स्थित यूको बैंक में खाता भी खोल रखा है। विदेशी तेल कंपनियों को आयकर से मुक्त करने के लिए आयकर कानून में संशोधन करना होगा जिसमें कुछ समय लगेगा। इसीलिए सरकार ने एलान किया है कि नई व्यवस्था इस वर्ष एक अप्रेल से ही लागू मानी जाएगी। ईरानी कंपनी ने फिलहाल 45 प्रतिशत भुगतान रुपए में हासिल करने पर सहमति व्यक्त की है लेकिन भारतीय अधिकारियों को आशा है कि भविष्य में शत प्रतिशत भुगतान भारतीय मुद्रा में किया जा सकेगा । ईरान के खिलाफ सं.रा. के प्रतिबंधों के कारण भारतीय तेल कंपनियां, विदेशी मुद्रा में ईरान को भुगतान नहीं कर पा रही है। भारत ने भुगतान का वैकलिपक रास्ता चुना है जिसके तहत तुर्की से हाकबैंक के जरिए ईरान को धन अदायगी की जा रही है, लेकिन अमेरिका की ओर से प्रतिबंध प्रणाली को सख्त बनाने की कोशिशों से यह आशंका पैदा हो गई है कि तुर्की के जरिए भविष्य में भुगतान संभव नहीं हो पाएगा। भारत ईरान से अपनी तेल आवश्यकताओं का करीब 12 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है तथा यह कारोबार 11 अरब डॉलर का है। अमेरिका ईरान का परमाणु कार्यक्रम रुकवाने के लिए उसके ऊर्जा राजस्व को सीमित करना चाहता है तथा भारत और चीन जैसे देशों पर दबाव डाल रहा है कि वे ईरान से तेल आयात कम करें।
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