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Old 27-12-2010, 04:25 PM   #1
VIDROHI NAYAK
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Default प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

सर्वप्रथम तो यह प्रश्न कोई नया नहीं है! हज़ारो बार इसकी चर्चा कहीं न कहीं हुई होगी परन्तु फिर भी कुछ अनुत्तरित सा रह जाता है ! यहाँ भी इस प्रश्न को रखने का तात्पर्य किसी एक पक्ष के समर्थन में जाना है !
कई बार तो इसके दुष्परिणाम भी देखे गएँ है ...पर भी भी प्रेम विवाह हो ही रहे हैं !यह तब भी था जब इसकी अभिव्यक्ति की भाषाएँ कम थी ! साधन कम थे ! पर प्रेम तब भी होते थे और विवाह भी !
आज समाज में कुछ व्रह्द्ता आई है परन्तु अंतरजातीय, अदि विवाहों पर कहीं न कहीं इसी समाज में संकुचन आ ही जाता है ! प्रतिदिन लोग धर्म,प्रेम के विषय में खुद को जागरूक प्रदर्शित करते हैं पर असी स्थितियो में असहाय हो जाते हैं !
मेरा यहाँ ये प्रश्न रखने का उद्देश्य यही है की शायद इस विषय को कुरेदते कुरेदते कोई समाधान या कोई आतंरिक सच्चाई ही उजागर हो जाए !
तो उम्मीद करते हैं की आपके सुविचार इस विषय को बहुमुखी बनायेंगे !
धन्यवाद
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( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

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Old 27-12-2010, 04:30 PM   #2
Hamsafar+
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

बॉस लम्बी दुरी के लिए #
वैसे कहें. तो प्यार तो प्यार है. यदि सभी इसे माने तो स्वर्ग है ये !
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Old 27-12-2010, 04:40 PM   #3
munneraja
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

यदि आज विवाह की स्थितियां देखी जाएँ तो प्रेम विवाह क्या अपितु सामान्य विवाह तक टूटने की स्थिति में पहुच रहे हैं ----
इसका सबसे बड़ा कारण आपसी अहम का टकराव है
छोटी छोटी बातें अहम का हिस्सा बन जाती हैं और झगड़ा शुरू हो जाता है
संयम ना जाने कहाँ चला गया है ??
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Old 27-12-2010, 05:03 PM   #4
VIDROHI NAYAK
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

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Originally Posted by munneraja View Post
यदि आज विवाह की स्थितियां देखी जाएँ तो प्रेम विवाह क्या अपितु सामान्य विवाह तक टूटने की स्थिति में पहुच रहे हैं ----
इसका सबसे बड़ा कारण आपसी अहम का टकराव है
छोटी छोटी बातें अहम का हिस्सा बन जाती हैं और झगड़ा शुरू हो जाता है
संयम ना जाने कहाँ चला गया है ??
मुन्नेराजा जी बहुत थोडा सा अहम भी जीवन का महत्वपूर्ण विषय है पर इतना नहीं की परिवार ही टूटने लगे...आखिर क्यों है? और क्या हैं इसको दूर करने के उपाय?
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Old 27-12-2010, 05:29 PM   #5
munneraja
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

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Originally Posted by vidrohi nayak View Post
मुन्नेराजा जी बहुत थोडा सा अहम भी जीवन का महत्वपूर्ण विषय है पर इतना नहीं की परिवार ही टूटने लगे...आखिर क्यों है? और क्या हैं इसको दूर करने के उपाय?
ससुराल में आकर जब कोई लड़की कुछ नया करने की सोचती है तो ससुराल वालों का अहम आड़े आ जाता है - हमारे यहाँ तो आज तक ऐसा कुछ हुआ ही नहीं.
आज के ज़माने की सोच में निरंतर बदलाव आ रहा है, यदि खाने पहनने में कोई ऐसा बदलाव आता है जिसे किसी प्रकार से बुरा नहीं कहा जा सकता हो तो सभी को स्वीकार करना चाहिए ना कि इसे अपनी अहम का हिस्सा बनाना चाहिए
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Old 27-12-2010, 05:32 PM   #6
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

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Originally Posted by munneraja View Post
ससुराल में आकर जब कोई लड़की कुछ नया करने की सोचती है तो ससुराल वालों का अहम आड़े आ जाता है - हमारे यहाँ तो आज तक ऐसा कुछ हुआ ही नहीं.
आज के ज़माने की सोच में निरंतर बदलाव आ रहा है, यदि खाने पहनने में कोई ऐसा बदलाव आता है जिसे किसी प्रकार से बुरा नहीं कहा जा सकता हो तो सभी को स्वीकार करना चाहिए ना कि इसे अपनी अहम का हिस्सा बनाना चाहिए
खाने पहनिने पर कोई विरोधाभास नहीं हे. पर यदि इनके अन्दर ही परिवार को हर्ट करने की सोच हो तो !
उपाय:
लड़का या लड़की.
दोनों एक्लोते होने चाहिए.
ताकि इनको कोई ना समझा पाए. तो वक्त ग्रीन सिग्नल देगा. चाहे बुढ़ापे में ही क्यों ना ....
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Old 27-12-2010, 05:48 PM   #7
VIDROHI NAYAK
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Originally Posted by hamsafar+ View Post
खाने पहनिने पर कोई विरोधाभास नहीं हे. पर यदि इनके अन्दर ही परिवार को हर्ट करने की सोच हो तो !
उपाय:
लड़का या लड़की.
दोनों एक्लोते होने चाहिए.
ताकि इनको कोई ना समझा पाए. तो वक्त ग्रीन सिग्नल देगा. चाहे बुढ़ापे में ही क्यों ना ....
हमसफ़र जी ...कहा गया है की जिसका कोई गुरु नहीं होता वक्त उसे स्वयं सिखा देता है ...परन्तु वास्तविकता ये है की तब तक इतनी देर हो चुकी होती है की उस का हमारे जीवन पर कोई खास असर नहीं पड़ता ! ऐसे में वक्त पर कब तक निर्भर रहा जाए? क्या वक्त के सारे फैसले उचित 'वक्त' पर ही होते हैं?
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Old 27-12-2010, 05:53 PM   #8
Hamsafar+
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Originally Posted by vidrohi nayak View Post
हमसफ़र जी ...कहा गया है की जिसका कोई गुरु नहीं होता वक्त उसे स्वयं सिखा देता है ...परन्तु वास्तविकता ये है की तब तक इतनी देर हो चुकी होती है की उस का हमारे जीवन पर कोई खास असर नहीं पड़ता ! ऐसे में वक्त पर कब तक निर्भर रहा जाए? क्या वक्त के सारे फैसले उचित 'वक्त' पर ही होते हैं?
दोस्त सही कहा वक्त सबका गुरु होता है, और जिसक गुरु हो उसका भी गुरु सिर्फ वक्त है. ये वह चीज़ हे जो हर गहरे गख्म की दवा हे. इसलिए... बस.
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Old 29-12-2010, 09:05 AM   #9
pooja 1990
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pooja 1990 will become famous soon enough
Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

i agree to love merriage.ghar balo ki sahmit b jaruri hai.gggg par shadi ke bad aapko menten karna padega.ki koi problem na ho ex jhagda .dd
__________________
डेथ का दूसरा नाम पूजा चौहान .मरना है तो आ जाओ .में वेट कर रही हु .कच्चा चबा जाउंगी .

मेरे सभी सूत्र


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Old 29-12-2010, 11:14 AM   #10
VIDROHI NAYAK
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Originally Posted by pooja 1990 View Post
i agree to love merriage.ghar balo ki sahmit b jaruri hai.gggg par shadi ke bad aapko menten karna padega.ki koi problem na ho ex jhagda .dd
पूजा जी कुछ ही स्थितियो में घर वालो की सहमति प्रेम विवाह की हो पाती है यानी कहा जा सकता है की लव टू अर्रेंज मेरिज! परन्तु अधिकतर ऐसा नहीं होता ! मै आपका मतलब नहीं समझा ...एक तरफ आप एग्री हैं और दूसरी तरफ घर वालो की मर्जी की भी बात कर रहीं हैं !
कृपया एकपक्षिक बात करें !
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