My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Blogs
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 28-09-2012, 11:58 PM   #131
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

लिंकन का उदार व्यवहार

अपने शानदार स्वभाव और व्यवहार के कारण राष्ट्रपति बनने से पहले ही अब्राहम लिंकन पूरे अमेरिका में लोकप्रिय हो गए थे। वे जहां भी जाते थे, लोगों का मन जीत लेते थे। स्वभाव और व्यवहार का असर उनकी वाणी में भी था। वे बेहतर वक्ता थे और अपनी बात को पूरे तर्क के साथ पेश करते थे। शायह ही कभी ऐसा हुआ होगा जब लोगों ने उनकी बातों पर गौर ना किया हो। अच्छा वक्ता होने के कारण उनको व्याख्यान के लिए देश की विभिन्न जगहों से निमंत्रण मिलते रहते थे। वे सभी जगहों पर जाते थे और अपने भाषणो से लोगों की जमकर वाहवाही लूटा करते थे। एक बार वे एक बड़े शहर में व्याख्यान के लिए पहुंचे। चूंकि लिंकन व्याख्यान देने वाले थे इसलिए सभागार भी खचाखच भरा था। संयोग से श्रोताओं के बीच लिंकन के गांव का एक गरीब किसान भी बैठा था। सभा समाप्त होते ही किसान मंच पर जा चढ़ा। सभागार के लोग उसे आश्चर्य से देखने लगे। उसने मंच पर पहुंचकर लिंकन के कंधे पर हाथ रखा और कहा-अरे अब्राहम, तू तो बड़ा आदमी बन गया रे। तुम्हें सुनने को तो पूरा शहर ही उमड़ पड़ा है। शाबाश,तूने तो पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया। तभी आयोजकों की नजर उस किसान पर पड़ी। वे समझ नहीं पाए कि यह कौन है और कैसे मंच पर चढ़ गया। वे उसे मंच से उतारने के लिए आगे बढ़े। तभी लिंकन ने किसान का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा - अरे, आप यहां। ये तो मेरा सौभाग्य है कि आप मेरा व्याख्यान सुनने आए। और गांव में सब ठीक है न? फिर लिंकन उसे एक कोने में ले गए और उससे अपने गांव के लोगों के बारे में पूछने लगे। लिंकन से मिलने की चाह रखने वाले लोग इंतजार करते रहे। किसान ने लौटते हुए कहा-मुझे जो सम्मान दिया है वह मेरे लिए जीवन की अनमोल निधि बन गया है। फिर लिंकन उसे बाहर तक छोड़ने आए। लोगों ने लिंकन की सहजता और उदारता की प्रशंसा की।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 28-09-2012, 11:59 PM   #132
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

कई रूपों में जीते हैं हम

दरअसल हमें पता ही नहीं लगता लेकिन हम एक साथ कई रूपों में जीते हैं। लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि अपना जीवन सिर्फ हम ही नहीं जीते, दूसरे लोग भी हमारा जीवन किसी ना किसी रूप में जी रहे होते हैं। यानी जो हमें जानते हैं या जो हमसे किसी न किसी रूप में जुड़े हैं अपने मन में हमारी एक छवि बनाए रखते हैं। अब यह छवि कैसी है और कैसी नहीं इसका पता हमको नहीं होता। हमारी बातों को,हमारे व्यवहार-आचरण को वे अपने तरीके और अपनी सोच के आधार पर दर्ज करते चलते हैं और हमारे व्यक्तित्व में कई तरह के रंग भी भरते हैं। याने वे हमें अपने मन व दिमाग के सांचे में अपनी विचारधारा के आधार पर ढाले रहते हैं। ऐसे में एक दिन हम चौंक जाते हैं यह जानकर कि अमुक व्यक्ति तो हमारे बारे में ऐसा सोचता है,वैसा सोचता है। कई बार हमे यह सुखद भी लगता है और कई बार हमे यह कम या ज्यादा अप्रिय भी लगता है। पर इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। यह हमारे वश में है ही नहीं। दूसरों को अपनी एक खास छवि बनाने से रोकना आसान ही नहीं नामुमकिन भी होता है। हां,अगर हम थोड़े भी सतर्क या जागरुक रहें तो इतना तो संभव है कि हम अपने बेहद करीबी लोगों के प्रति अपने आचरण में कुछ ना कुछ बदलाव ला सकते हैं। पर इसके बावजूद हमारे जीवन को मनमाने रंग में रंगने की उनकी स्वतंत्रता हम नहीं छीन सकते। हम उन्हे यह कह कर नहीं टोक सकते कि आप मेरे बारे में ऐसे विचार क्यों रखते हैं या आप मेरे बारे में ऐसा क्यों सोचते हैं। यह उनकी आजादी है कि वे आपके बारे में कोई भी विचारधारा रख सकते हैं और इस आजादी पर आप लगाम लगाना चाहें भी तो नहीं लगा सकते। ठीक वैसे ही जैसे हमारी आजादी कोई नहीं छीन सकता। यह भी तय है कि जिस प्रकार अन्य लोग हमारे बारे में छवि बनाते हैं,हम भी अपने भीतर दूसरों की एक खास छवि बनाए रखते हैं। इस तरह देखा जाए तो हर कोई एक-दूसरे का जीवन जी रहा होता है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 01-10-2012, 02:07 PM   #133
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

विपरीत स्वभाव को स्वीकारें

यह तो मानव का स्वभाव है कि हर आदमी दूसरों से कुछ ना कुछ अपेक्षाएं जरूर रखता है। चाहे वह समाज हो या फिर परिवार। वह चाहता है कि लोग उससे एक खास तरह से मिलें, बोलें। उसकी इच्छा रहती है कि लोग उसे तरजीह दें और उसकी बातों को गैर से सुने। अधिकांशतया ऐेसा भी होता है कि इंसान दूसरों में भी अपना ही अक्स खोजता रहता है। यानी वह दूसरों को अपने जैसा ही देखना चाहता है। और जैसा व्यवहार वह खुद करता है वैसा ही दूसरों से भी उम्मीद करता है। अगर अगला वैसा नहीं करता तो उसे अटपटा लगता है। उसे यह लगता है कि मैं तो इसके बारे में सकारात्मक सोच रखता हूं लेकिन सामने वाला मेरे प्रति अलग या गलत धारणा क्यों रखता है। ऐसे में वह इसमे ही उलझ कर रह जाता है। यह मनुष्य की बेहद विचित्र प्रवृत्ति है कि वह सबको एक ही रंग में देखता है और एक ही रंग में देखते ही रहना भी चाहता है। इंसान का सामाजिक होने का अर्थ है अलग-अलग रंगों को स्वीकार करना और उनसे तालमेल बनाना। हम अपने विपरीत स्वभाव को कितना स्वीकार कर पाते हैं, उससे कितना तालमेल बैठा पाते हैं इससे ही हमारी सामाजिकता तय होती है। कहा भी जाता है कि राजनीति में वही कामयाब हो सकता है जो विपरीत गुण वाले ज्यादा लोगों को साथ लेकर चल सके। वह जितने लोगों को साथ लेता जाएगा,उसकी लोकप्रियता भी उतनी ही बढ़þती चली जाएगी। इस लोकप्रियता या कामयाबी के लिए उसे अपने अहं का त्याग जरूर करना पड़ेगा। इसलिए संतों ने भी अहं के त्याग की बात कही, खुद को भुलाने की बात कही। कामयाबी का यह सबसे बड़ा मूल मंत्र भी माना जा सकता है। अगर हमारे मन में अपनी कोई छवि ही नहीं होगी तो हम दूसरों को भी किसी सांचे में ढालने की कोशिश नहीं करेंगे। हम कतई नहीं चाहेंगे कि कोई हमारी गलत छवि बनाकर रखे। तय है इस तरह किसी की उम्मीद नहीं टूटेगी और विरोधी विचारों का भी आदर होगा।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 01-10-2012, 02:08 PM   #134
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

एक वैज्ञानिक की शादी

प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर लुई पाश्चर को दुनिया रेबीज टीके के आविष्कारक के रूप में जानती है। काम के प्रति उनकी दीवानगी का यह आलम था कि वह खाना-पीना और सोना तक छोड़ देते थे। जब भी वे अपने काम में व्यस्त होते थे तो उन्हे ना समय का भान रहता और ना दिन रात का। प्रोफेसर पाश्चर की युवावस्था की एक घटना है। वह एक विश्व विद्यालय के वाइस चांसलर की बेटी से प्रेम करते थे और उससे विवाह करना चाहते थे। जब लड़की के माता-पिता तक बात गई तो उन्होंने इस विवाह के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी। विवाह का स्थान, दिन व समय तय कर दिया गया। पाश्चर बड़े प्रसन्न थे क्योंकि उनका विवाह उनकी इच्छा अनुसार लड़की से हो रहा था। लेकिन जिस दिन विवाह समारोह आरंभ हुआ, पाश्चर नहीं पहुंचे। सभी उनके बारे में पूछने लगे और और उनकी तलाश शुरू की गई। उनके सभी परिजन, मित्र और लड़की के परिवार वाले आश्चर्यचकित थे। एक मित्र ने ढूंढा तो वह प्रयोगशाला में मिले। वह किसी प्रयोग में व्यस्त थे। मित्र बोला-यार,हद हो गई। आज तुम्हारा विवाह है,चर्च में तुम्हारी प्रतीक्षा हो रही है। बंद करो अपना यह प्रयोग। यह तो बाद में भी हो जाएगा। पाश्चर ने अपनी तल्लीनता में उसकी ओर देखे बिना कहा-जरा रुको। कई वर्षों से मैं जो प्रयोग कर रहा था उसके परिणाम अब निकल रहे हैं। ऐसा न हो कि मेरी वर्षों की मेहनत बेकार हो जाए। महान कार्य यूं ही पूरे नहीं हो जाते। उन्हें पूर्ण करने के लिए अपनी हार्दिक इच्छाओं को भी परे करना होता है। पाश्चर की बात सुनकर उनका मित्र उनके समीप खड़ा होकर उनके प्रयोग के समाप्त होने की प्रतीक्षा करने लगा। पाश्चर अपना प्रयोग पूरा करने के बाद ही चर्च के लिए रवाना हुए और फिर उनका विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ। बाद में जब मेहमानों को पाश्चर के दोस्त ने सब कुछ बताया तो वे दंग रह गए। सबने काम के प्रति उनकी लगन की प्रशंसा की।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 05-10-2012, 08:39 AM   #135
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

असमानता खत्म करनी होगी

बिल क्लिंटन की गिनती अमेरिका में सबसे लोकप्रिय अमेरिकी राष्ट्रपतियों में होती है। राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद क्लिंटन अपने फाउंडेशन के जरिये दुनिया के कई देशों में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। एक भाषण में क्लिंटन ने दुनिया में व्याप्त सामाजिक और आर्थिक असमानता पर चिंता जताते हुए उम्मीद जताई कि सकारात्मक पहल के जरिये असमानता को खत्म किया जा सकता है। वाकई में दुनिया में बड़े पैमाने पर असमानता है। आधी से ज्यादा आबादी को प्रतिदिन पचास रूपए से कम में गुजारा करना पड़ता है। करीब एक अरब लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता,ढाई अरब को शौचालय उपलब्ध नहीं, एक अरब लोग रोजाना भूखे पेट सो जाते हैं, हर चार में एक व्यक्ति की मौत एड्स, टीबी, मलेरिया या गंदे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों से हो जाती है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इस तरह मरने वालों में 80 फीसदी पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे होते हैं। गैर बराबरी की त्रासदी सिर्फ गरीब देशों तक सीमित नहीं है। अमीर देशों के भीतर भी असमानता की खाई बढ़ रही है। मसलन अमेरिका में वर्ष 2001 के बाद विकास दर में बढ़ोतरी तो हुई लेकिन मध्यवर्ग का वेतन स्थिर रहा। इस वजह से नौकरी-पेशा परिवारों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई। नतीजा यह हुआ कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की तादाद में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। ऐसे नौकरी-पेशा परिवार जिन्हें स्वास्थ सेवाएं प्राप्त नहीं हैं उनकी संख्या में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। असमानता के साथ ही अस्थिरता भी एक बड़ी समस्या है। दुनिया अस्थिरता के गंभीर दौर से गुजर रही है। आतंकवाद बड़ी समस्या बनकर उभरा है। आज हमारे सामने वैश्विक बीमारियों का खतरा है जो पहले नहीं था। पर्यावरण असंतुलन भी एक बड़ा संकट है। कुल मिलाकर हमें प्रयास करना होगा कि असमानता, आतंकवाद और असंतुलन समाप्त हो।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 05-10-2012, 08:40 AM   #136
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

सीखने का सिलसिला

यूनानी दार्शनिक अफलातून हर विषय के जानकार थे। किसी भी विषय पर उनसे बात की जाती तो वे उसका जवाब देने या हल जरूर करने की कोशिश करते थे। अफलातून के पास आए दिन अनेक विद्वानों का जमावड़ा लगा ही रहता था। सभी उनसे कुछ न कुछ ज्ञान प्राप्त करने के लिए पहुंचते थे और अपनी जिज्ञासा शांत करके ही जाया करते थे। लेकिन स्वयं अफलातून की यह आदत थी कि अपने को कभी भी ज्ञानी नहीं मानते थे और हर दिन कुछ नया सीखने में ही लगे रहते थे। कई बार तो वह छोटे-छोटे बच्चों व युवाओं के बीच भी पहुंच जाते थे और उनसे भी कुछ नया सीखने का प्रयास करते रहते थे। एक दिन उनके एक परम मित्र उनके पास आए और उन्होने कहा-महोदय,आपके पास दुनिया के बड़े-बड़े विद्वान कुछ न कुछ सीखने और जानने आते हैं और आपसे बातें करके अपना जन्म धन्य समझते हैं। किंतु आपकी एक बात आज तक मेरी समझ में नहीं आई है। मित्र की बात पर अफलातून बोले- कहो मित्र अब तुम्हें किस बात पर शंका पैदा हो गई है? इस पर मित्र बोला- आप स्वयं इतने बड़े दार्शनिक और विद्वान हैं कि बड़े बड़े ज्ञानी भी आपके पास कुछ ना कुछ ज्ञान लेने के इरादे से आते रहते हैं लेकिन फिर भी आप दूसरे से शिक्षा ग्रहण करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और वह भी बड़े उत्साह के साथ। उससे भी बड़ी बात यह है कि आपको साधारण व्यक्ति से सीखने में भी झिझक नहीं होती। आपको सीखने की क्या जरूरत है? मित्र की बात पर अफलातून पहले तो देर तक हंसते रहे फिर उन्होंने कहा- हर किसी के पास कुछ न कुछ ऐसी चीज है जो दूसरों के पास नहीं। इसलिए हर किसी को हर किसी से सीखना चाहिए। ज्ञान अनंत है। इसकी सीमा नहीं है। जब तक दूसरों से सीखने में शर्म नहीं आएगी मैं सीखता रहूंगा। अफलातून की बातें सुन उनका मित्र उनके सामने नतमस्तक हो गया।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 17-10-2012, 09:59 PM   #137
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

नम्रता से परास्त होता है क्रोध

अक्सर कहा जाता है कि क्षमा ही सच्चे समाजवाद की आधारशिला है। यह वास्तव में सौ फीसदी सही बात है। क्षमावणी पर्व हमें सहनशीलता से रहने की प्रेरणा देता है। पहली बात तो यह है कि हमें क्रोध को उत्पन्न ही नहीं होने देना चाहिए और अगर क्रोध उत्पन्न हो भी जाए तो हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम उसे अपने विवेक-नम्रता से विफल कर दें। जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए स्वयं को क्षमा करना और दूसरों के प्रति भी उसी भाव को रखना ही सच्ची मानवता है। क्षमा न तो कोई विचार है और न ही यह शास्त्रों से मिलती है। क्षमा अंतरंग और आचार की वस्तु है और आत्मा का स्वाभाविक गुण है। जैसे पानी-पानी कहने से ही किसी की प्यास नहीं बुझ सकती वैसे ही मात्र हाथ जोड़ कर माफी मांगता हूं् और माफ करना कहने से ही क्षमा धर्म का निर्वहन नहीं होता। यदि वास्तव में क्षमा धर्म धारण करना है तो जिन्हें हमने अपने व्यवहार से दुख पहुंचाया है,कटु वचन से तड़पाया है,धन और बल के अभिमान में छोटेपन का अहसास कराया है या जिनके आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाई है उन सभी का उपचार करना होगा। हमें उन सम्बंधों को फिर से जोड़ना है जो हमारे अहंकार से टूट गए हैं। उन बिछुड़ों का पुन: मेल कराना है जो हमारे कारण रूठ गए हैं। उन नयनों की वेदना हरनी है जिनमें हमारे व्यवहार के कारण कभी नीर भरा है। जब यह सब हम मन,वचन एवं काया से पूर्ण निर्मल भाव सहित करके क्षमा बोलेंगे तो अंतर से निकली हुई वो उत्तम क्षमा अपनी पराई सब पीर हर लेगी। अगर हम यह कुछ न कर सकें तो क्षमा मांगना वैसा ही है जैसे आप भीड़ भरे चौराहे पर गाली देकर सूनी गली में अकेले में सॉरी कह दें। हमें दूसरों की भावनाओं की भी कद्र करना आना चाहिए। जब तक हममे यह भावना नहीं आएगी हम किसी को भी क्षमा करने की हालत में नहीं होगें क्योंकि केवल दिखावे के लिए सॉरी बोल देने का कोई मतलब नहीं होता।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 17-10-2012, 10:00 PM   #138
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

दया ने बनाया बादशाह

अरब देश में सुबुक्तीन नामक एक बादशाह राज्य करता था । युवावस्था में वह उसी राज्य के राजा की सेना में एक सिपाही था। बचपन से ही उसे शिकार का बहुत शौक था। शिकार में वह काफी माहिर भी था। उसका निशाना इतना अचूक होता था कि कोई भी शिकार उसके वार से बच ही नहीं पाता था। वैसे तो वह सेना के काम में दिन भर व्यस्त ही रहता था लेकिन जब भी समय मिलता वह शिकार के लिए निकल पड़ता था। एक दिन वह समय निकाल कर शिकार के लिए जंगल की तरफ निकल पड़ा। शिकार की खोज में उसने पूरा जंगल छान मारा लेकिन उस दिन उसको कोई जानवर ही नहीं मिला। वह बहुत देर तक जंगल में भटकता रहा। सुबह से शाम होने को आई किन्तु उसे कुछ भी हाथ न लगा। निराश होकर वह वापस लौट रहा था तो उसने देखा कि एक हिरनी अपने छोटे से बच्चे के पास खड़ी होकर उसे प्यार कर रही है । सुबुक्तीन के मन में विचार आया कि खाली हाथ लौटने से तो अच्छा है कि कुछ ही हाथ लग जाए इसलिए क्यों ना इसी जानवर का शिकार कर लिया जाए। वह शिकार के इरादे से घोड़े से उतर गया। हिरनी आहट सुनकर झाड़ियों में छिप गई परन्तु बच्चा इतना छोटा था कि वह फुर्ती नहीं दिखा पाया। सुबुक्तीन ने उस बच्चे को पकड़ लिया और उसे बांधकर घोड़े पर रख लिया और चल पड़ा। ममता के कारण हिरनी घोड़े के पीछे पीछे चलने लगी। बहुत दूर जाने के बाद सुबुक्तीन ने पीछे मुड़कर देखा तो हिरनी भी आ रही थी। उसे हिरनी पर दया आ गयी और उसने बच्चे को छोड़ दिया। बच्चा पाकर हिरनी बहुत प्रसन्न हुई । उस रात सुबुक्तीन ने स्वप्न में देखा एक देवदूत उसे कह रहा है कि तूने आज एक असहाय पशु पर दया की है इसलिये खुदा ने तेरा नाम बादशाहों की सूची में लिख दिया है । तू अवश्य एक दिन बादशाह बनेगा । उसका सपना सच हो गया वह उन्नति करता हुआ सैनिक से बादशाह बन गया ।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 28-10-2012, 01:24 AM   #139
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

व्यापारी ने खोली आंखें

तपस्वी जाजलि श्रद्धापूर्वक वानप्रस्थ धर्म का पालन करने के बाद खडे होकर कठोर तपस्या करने लगे। उन्हें गतिहीन देखकर पक्षियों ने उन्हें वृक्ष समझ लिया और उनकी जटाओं में घोंसले बनाकर अंडे दे दिए। अंडे बढेþ और फूटे। उनसे बच्चे निकले। बच्चे बड़े हुए और उड़ने भी लगे। एक बार जब बच्चे उड़कर पूरे एक महीने तक अपने घोंसले में नहीं लौटे तब जाजलि हिले। वह अपनी तपस्या पर आश्चर्य करने लगे और अपने को सिद्ध समझने लगे। उसी समय आकाशवाणी हुई। जाजलि गर्व मत करो। काशी में रहने वाले व्यापारी तुलाधार के समान तुम धार्मिक नहीं हो। आकाशवाणी सुनकर जाजलि को आश्चर्य हुआ। वे उसी समय काशी चल पड़े। उन्होंने देखा कि तुलाधार तो एक अत्यंत साधारण दुकानदार हैं। अपनी दुकान पर बैठकर ग्राहकों को तौल-तौलकर सौदा दे रहे थे। जाजलि को तब और भी आश्चर्य हुआ जब तुलाधार ने उन्हें प्रणाम किया, उनकी तपस्या, उनके गर्व तथा आकाशवाणी की बात भी बता दी। जाजलि ने पूछा तुम्हें यह सब कैसे मालूम? तुलाधार ने विनम्रतापूर्वक कहा,सब प्रभु की कृपा है। मैं अपने कर्त्तव्य का सावधानी से पालन करता हूं। न मद्य बेचता हूं न और कोई निंदित पदार्थ। अपने ग्राहकों को मैं तौल में कभी ठगता नहीं। ग्राहक बूढ़ा हो या बच्चा मैं उसे उचित मूल्य पर उचित वस्तु ही देता हूं। किसी पदार्थ में दूसरा कोई दूषित पदार्थ नहीं मिलाता। ग्राहक की कठिनाई का लाभ उठाकर मैं अनुचित लाभ भी उससे नहीं लेता हूं। ग्राहक की सेवा मेरा कर्त्तव्य है। मैं राग-द्वेष और लोभ से दूर रहता हूं। यथाशक्ति दान करता हूं और अतिथियों की सेवा करता हूं। हिंसारहित कर्म ही मुझे प्रिय है। कामना का त्याग करके संतोषपूर्वक जीता हूं। जाजलि समझ गए कि आखिर क्यों उन्हें तुलाधार के पास भेजा गया। उन्होंने तुलाधार की बातों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प किया।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 28-10-2012, 01:24 AM   #140
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: डार्क सेंट की पाठशाला

विपरीत स्वभाव से सामना करें

हम इस बात के लिए परेशान रहते हैं कि अमुक व्यक्ति का स्वभाव ऐसा क्यों है या ऐसा क्यों नहीं है। इसकी एक वजह यह है कि हम सुविधा चाहते हैं यानी हमारी इच्छा रहती है कि हमें दूसरों के साथ सामंजस्य बिठाने में तकलीफ न हो हमारा तुरंत तालमेल हो जाए। विपरीत स्वभाव हमें चुनौती देता है। असुविधा पैदा करता है। हमें समझ में नहीं आता हम सामने वाले से किस तरह पेश आएं। थोड़ी देर के लिए सोचें कि अगर हरेक व्यक्ति एक ही स्वभाव का होता तो क्या होता? क्या दुनिया एकरस नहीं हो जाती? शायद तमाम चीजों का विकास एक ही दिशा में हुआ होता। विपरीत स्वभाव से सामना होने के कई लाभ हैं। हम मनुष्य जीवन के नए आयाम से परिचित होते हैं। वह नया आयाम अच्छा हो या बुरा,हम उससे निपटने के लिए अपने को तैयार करते हैं। इस तरह हमारा व्यक्तित्व एक नई दिशा की ओर बढ़ता है। सामाजिक जीवन में वे लोग ज्यादा सफल होते हैं जो विपरीत स्वभाव के लोगों को स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इसको एक उदाहरण से समझा जा सकता है। बिल्ली का एक छोटा बच्चा भी जानता है कि क्या चीज पास दिखे तो भाग जाना चाहिए और क्या नजर आए तो उसे दबोच लेना चाहिए। लेकिन हमारा बच्चा काफी बड़ा हो जाने के बाद भी ऐसी बुनियादी बातों में गलतियां कर बैठता है। ऐसा क्यों? सभी जीव अपने बच्चों को ऐसे कौशल सिखाते हैं जो उनके जिंदा रहने के लिए जरूरी हैं। अकेला इंसान ही है जो अपने बच्चों को नैतिकता सिखाता है। क्या अच्छा है,क्या बुरा है,क्या करना चाहिए,क्या नहीं करना चाहिए। हम अपने बच्चों को अपनी औकात भर अच्छा बनना सिखाते हैं लेकिन वास्तविक दुनिया का सामना होते ही उनकी अच्छाई उनकी दुश्मन बन जाती है। जिंदा रहने के लिए उन्हें बुराई से समझौता करना पड़ता है। ठीक है, हम उन्हें बुराई नहीं सिखा सकते लेकिन समय रहते इसकी पहचान तो करा सकते हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
dark saint ki pathshala, hindi stories, inspirational stories, short hindi stories


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 07:34 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.