18-05-2012, 12:38 AM | #61 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
प्रतिद्वंद्वी/ मैच/ जीती/ हारी वांग यिहान/ 5/ 0/ 5 वांग जिन/ 6/ 2/ 4 वांग लिन/ 5/ 2/ 3 वांग शिजियान/ 3/ 2/ 1 ली जुएरुई/ 5/ 1/ 4 लियू जिन/ 1/ 1/ 0 लू लान/ 5/ 4/ 1 यानजियाओ/ 5/ 0/ 5 चेन जिया/ 1/ 0/ 1 जेई जिनफांग/ 2/ 0/ 2
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
18-05-2012, 12:39 AM | #62 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
घबराती हैं चीनी खिलाड़ी
वांग यिहान मेरे लिए सबसे कड़ी प्रतिद्वंद्वी है। मैं उन्हें कभी हरा नहीं पाई हूं, लेकिन इसके अलावा चीन की सभी खिलाड़ी मुझसे घबराती हैं। जब किसी चीनी खिलाड़ी का मुझसे सामना होता है तो सब मिलकर मेरे खिलाफ रणनीति बनाने में जुट जाती हैं। मेरी पूरी कोशिश होगी कि इस ओलिंपिक में मैं महिला एकल में चीन के वर्चस्व को तोड़ दूं और भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतूं। - साइना नेहवाल, इंडियन ओपन शुरू होने से पहले
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु Last edited by Dark Saint Alaick; 18-05-2012 at 12:44 AM. |
18-05-2012, 12:42 AM | #63 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप 10 खिलाड़ी
रैंक- खिलाड़ी- देश 1- वांग यिहान- चीन 2- वांग जिन- चीन 3- वांग शिजियान- चीन 4- ली जुएरुई- चीन 5- साइना नेहवाल- भारत 6- जियांग यानजियाओ- चीन 7- टाइने बाउन- डेनमार्क 8- जुलियन शेंक- जर्मनी 9- चेंग शाओ चेह- ताइपे 10- आईण्रातचानोक- थाइलैंड
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18-05-2012, 12:43 AM | #64 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
32 साल का इंतजार खत्म करने की चुनौती
आसान नहीं होगी ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम की पदक जीतने की राह आस्ट्रेलिया, हॉलैंड और जर्मनी मौजूदा समय में हॉकी की सबसे मजबूत टीमें मानी जाती हैं। शायद ही किसी को याद होगा कि इन टीमों के खिलाफ भारत ने अपनी आखिरी जीत कब दर्ज की थी। इनको छोड़िए, पिछले कुछ वर्षों में भारत को स्पेन, न्यूजीलैंड, अर्जेन्टीना, इंग्लैंड, दक्षिण कोरिया और यहां तक कि मलेशिया के खिलाफ भी मैच जीतने में काफी मुश्किल होती है। इन सब के बावजूद दिल्ली में आयोजित क्वालीफायर में फ्रांस, कनाडा व दक्षिण अफ्रीका जैसी कमजोर टीमों को हराकर लंदन का टिकट हासिल करने वाली भारतीय हॉकी टीम को इस बार 32 साल बाद (1980 मास्को ओलिंपिक के बाद से) पदक का दावेदार माना जा रहा है। क्या इस बार वाकई हमारी टीम इतनी मजबूत है जो इस खेल में हमारे स्वर्णिम अतीत को वापस ला सके? हकीकत यह है कि टीम के मुख्य कोच माइकल नोब्स ने भी हाल ही में कहा है कि उनका लक्ष्य ओलिंपिक में शीर्ष पांच में आना है। यह तो तय है कि शीर्ष पांच में आना पदक की गारंटी नहीं है। इसके लिए शीर्ष तीन में आना होगा। स्वर्ण छोड़िए अगर हम कांस्य पदक भी जीत पाएं तो यह हमारी हॉकी टीम के लिए वाकई बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
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18-05-2012, 12:44 AM | #65 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
क्यों है पदक जीतने की हाइप
इस बार यह चर्चा जोरों पर है कि भारतीय टीम लंदन में पदक जीत सकती है। आखिरी पदक की यह उम्मीद या यूं कहें हाइप कहां से पैदा हो गई। भारतीय टीम बीजिंग ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। तब से देश में इस खेल को लेकर काफी निराशा थी। इस बार भारत को लंदन ओलिंपिक का टिकट क्या मिला पदक पक्का मान लिया गया। हमें नहीं भूलना चाहिए कि करीब 18 महीने पहले आस्ट्रेलिया ने हमें राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में आठ- शून्य से रौंदा था। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हम एशियाई खेलों में मलेशिया से हार गए और फाइनल में भी नहीं पहुंचे। यह भी याद रखने लायक है कि हमारी टीम चैंम्पियंस लीग के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर पाती है जिसमें दुनिया की शीर्ष छह टीमें ही हिस्सा लेती है। हम सातवें से 12वें स्थान वाली टीमों के बीच होने वाली चैंपियंस चैलेंज प्रतियोगिता में भी स्वर्ण नहीं जीत पाते हैं।
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18-05-2012, 12:45 AM | #66 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
संदीप, सरदार और शिवेंद्र से आस
इन नकारात्मक तथ्यों के बावजूद अगर भारत को लंदन ओलिंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना है तो उसके तीन प्रमुख खिलाड़ियों संदीप सिहं, सरदार सिंह और शिवेंद्र को अच्छा प्रदर्शन करना होगा। संदीप पेनल्टी कॉर्नर के विशेषज्ञ हैं लेकिन उन्हें ध्यान रखना होगा कि आस्ट्रेलिया, जर्मनी, हॉलैंड और पाकिस्तान के डिफेंडरों को चकमा देना उतना आसान नहीं होगा जितना फ्रांस, कनाडा या दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था। वैसे भी संदीप के लिए रोल तभी बनेगा जब भारतीय अग्रिम पंक्ति पेनल्टी कॉर्नर जुटाने में सफल होगी। इसके लिए शिवेंद्र सिंह और सरदार सिंह को अहम किरदार अदा करना होगा।
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18-05-2012, 12:45 AM | #67 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
नोब्स ने किया टीम में सुधार
भारतीय टीम के मौजूदा आस्ट्रेलियाई कोच माइकल नोब्स नि:संदेह भारतीय टीम में सुधार लेकर आए हैं। उन्होंने टीम को उसकी असली ताकत यानी आक्रमण से परिचित करवाया है। यूरोपीय कोच भारतीय खिलाड़ियों को यूरोपियन शैली यानी डिफेंड एंड काउंटर अटैक और लंबे पास के सहारे खेलना सिखाते थे। यह भारतीय शैली के ठीक उलट थी और जाहिर है इसमें हमारे खिलाड़ी पारंगत नहीं हो पाए। नोब्स की कोचिंग कितनी कारगर रही है उसकी असलियत दुनिया की चोटी की टीम से भिड़ने पर ही सामने आएगी।
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18-05-2012, 12:46 AM | #68 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
मजबूत पक्ष
मजबूत आक्रमण पंक्ति,पेनल्टी कॉर्नर कनवर्जन, योग्य कोच, हालिया अच्छी फॉर्म। कमजोर पक्ष जरूरत से ज्यादा ड्रिबलिंग, गोल पोस्ट पर लड़खड़ाना, मिडफील्ड में संतुलन का अभाव।
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18-05-2012, 12:48 AM | #69 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
नम्बर गेम
11 ओलिंपिक पदक जीत चुका है भारत । आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य । 1928 एम्सटर्डम ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार स्वर्ण पदक जीता । 1960 रोम ओलिंपिक में भारत को रजत से संतोष करना पड़ा। फाइनल में पाक ने हराया। ओलिंपिक स्थान 1984-7वां, 1988-5वां, 1992-9वां, 1996-9वां, 2000-11वां, 2004-9वां, 2008 में क्वालीफाई नहीं कर पाई।
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18-05-2012, 12:51 AM | #70 |
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Re: यादें ओलिम्पिक की
इस बार ओलिंपिक में 12 पदकों का लक्ष्य
भारतीय दल का यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल जरूर लेकिन असंभव नहीं बीजिंग ओलिंपिक में भारत ने एक स्वर्ण सहित तीन पदक जीतकर इतिहास रचा था। एक ओलिंपिक में भारतीय दल ने पहली बार इतने पदक जीते थे। इसके बाद नई दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स और ग्वांग्झू (चीन) में आयोजित एशियन गेम्स में भी शानदार सफलता हासिल करने बाद भारत ने लंदन ओलिंपिक में 12 पदक जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। जिस देश ने पिछले 112 साल में चंद पदक जीते हों उसके लिए एक ओलिंपिक में 12 पदक जीतना काफी मुश्किल माना जा सकता है। लेकिन भारतीय खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रहे तो इस लक्ष्य को हासिल करना असंभव भी नहीं है।
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