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Old 08-12-2010, 04:41 PM   #111
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वाक्य-विश्लेषण
वाक्य में आए हुए शब्द अथवा वाक्य-खंडों को अलग-अलग करके उनका पारस्परिक संबंध बताना वाक्य-विश्लेषण कहलाता है।
साधारण वाक्यों का विश्लेषण
1. हमारा राष्ट्र समृद्धशाली है।
2. हमें नियमित रूप से विद्यालय आना चाहिए।
3. अशोक, सोहन का बड़ा पुत्र, पुस्तकालय में अच्छी पुस्तकें छाँट रहा है।
उद्देश्य विधेय
वाक्य उद्देश्य उद्देश्य का क्रिया कर्म कर्म का पूरक विधेय क्रमांक कर्ता विस्तार विस्तार का विस्तार
1. राष्ट्र हमारा है - - समृद्ध -
2. हमें - आना विद्यालय - शाली नियमित
चाहिए रूप से
3. अशोक सोहन का छाँट रहा पुस्तकें अच्छी पुस्तकालय
बड़ा पुत्र है में
मिश्रित वाक्य का विश्लेषण-
1. जो व्यक्ति जैसा होता है वह दूसरों को भी वैसा ही समझता है।
2. जब-जब धर्म की क्षति होती है तब-तब ईश्वर का अवतार होता है।
3. मालूम होता है कि आज वर्षा होगी।
4. जो संतोषी होत हैं वे सदैव सुखी रहते हैं।
5. दार्शनिक कहते हैं कि जीवन पानी का बुलबुला है।
संयुक्त वाक्य का विश्लेषण-
1. तेज वर्षा हो रही थी इसलिए परसों मैं तुम्हारे घर नहीं आ सका।
2. मैं तुम्हारी राह देखता रहा पर तुम नहीं आए।
3. अपनी प्रगति करो और दूसरों का हित भी करो तथा स्वार्थ में न हिचको।
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Old 08-12-2010, 04:42 PM   #112
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Post Re: व्याकरण

अर्थ के अनुसार वाक्य के प्रकार
अर्थानुसार वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद हैं-
1. विधानार्थक वाक्य।
2. निषेधार्थक वाक्य।
3. आज्ञार्थक वाक्य।
4. प्रश्नार्थक वाक्य।
5. इच्छार्थक वाक्य।
6. संदेर्थक वाक्य।
7. संकेतार्थक वाक्य।
8. विस्मयबोधक वाक्य।
1. विधानार्थक वाक्य-जिन वाक्यों में क्रिया के करने या होने का सामान्य कथन हो। जैसे-मैं कल दिल्ली जाऊँगा। पृथ्वी गोल है।
2. निषेधार्थक वाक्य- जिस वाक्य से किसी बात के न होने का बोध हो। जैसे-मैं किसी से लड़ाई मोल नहीं लेना चाहता।
3. आज्ञार्थक वाक्य- जिस वाक्य से आज्ञा उपदेश अथवा आदेश देने का बोध हो। जैसे-शीघ्र जाओ वरना गाड़ी छूट जाएगी। आप जा सकते हैं।
4. प्रश्नार्थक वाक्य- जिस वाक्य में प्रश्न किया जाए। जैसे-वह कौन हैं उसका नाम क्या है।
5. इच्छार्थक वाक्य- जिस वाक्य से इच्छा या आशा के भाव का बोध हो। जैसे-दीर्घायु हो। धनवान हो।
6. संदेहार्थक वाक्य- जिस वाक्य से संदेह का बोध हो। जैसे-शायद आज वर्षा हो। अब तक पिताजी जा चुके होंगे।
7. संकेतार्थक वाक्य- जिस वाक्य से संकेत का बोध हो। जैसे-यदि तुम कन्याकुमारी चलो तो मैं भी चलूँ।
8. विस्मयबोधक वाक्य-जिस वाक्य से विस्मय के भाव प्रकट हों। जैसे-अहा ! कैसा सुहावना मौसम है।
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Old 08-12-2010, 04:43 PM   #113
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अध्याय 25
अशुद्ध वाक्यों के शुद्ध वाक्य
(1) वचन-संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध शुद्ध
1. पाकिस्तान ने गोले और तोपों से आक्रमण किया। पाकिस्तान ने गोलों और तोपों से आक्रमण किया।
2. उसने अनेकों ग्रंथ लिखे। उसने अनेक ग्रंथ लिखे।
3. महाभारत अठारह दिनों तक चलता रहा। महाभारत अठारह दिन तक चलता रहा।
4. तेरी बात सुनते-सुनते कान पक गए। तेरी बातें सुनते-सुनते कान पक गए।
5. पेड़ों पर तोता बैठा है। पेड़ पर तोता बैठा है।
(2) लिंग संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. उसने संतोष का साँस ली। उसने संतोष की साँस ली।
2. सविता ने जोर से हँस दिया। सविता जोर से हँस दी।
3. मुझे बहुत आनंद आती है। मुझे बहुत आनंद आता है।
4. वह धीमी स्वर में बोला। वह धीमे स्वर में बोला।
5. राम और सीता वन को गई। राम और सीता वन को गए।
(3) विभक्ति-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. मैं यह काम नहीं किया हूँ। मैंने यह काम नहीं किया है।
2. मैं पुस्तक को पढ़ता हूँ। मैं पुस्तक पढ़ता हूँ।
3. हमने इस विषय को विचार किया। हमने इस विषय पर विचार किया
4. आठ बजने को दस मिनट है। आठ बजने में दस मिनट है।
5. वह देर में सोकर उठता है। वह देर से सोकर उठता है।
(4) संज्ञा संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. मैं रविवार के दिन तुम्हारे घर आऊँगा। मैं रविवार को तुम्हारे घर आऊँगा।
2. कुत्ता रेंकता है। कुत्ता भौंकता है।
3. मुझे सफल होने की निराशा है। मुझे सफल होने की आशा नहीं है।
4. गले में गुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई। पैरों में गुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई।
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Old 08-12-2010, 04:45 PM   #114
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(5) सर्वनाम की अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. गीता आई और कहा। गीता आई और उसने कहा।
2. मैंने तेरे को कितना समझाया। मैंने तुझे कितना समझाया।
3. वह क्या जाने कि मैं कैसे जीवित हूँ। वह क्या जाने कि मैं कैसे जी रहा हूँ।
(6) विशेषण-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. किसी और लड़के को बुलाओ। किसी दूसरे लड़के को बुलाओ।
2. सिंह बड़ा बीभत्स होता है। सिंह बड़ा भयानक होता है।
3. उसे भारी दुख हुआ। उसे बहुत दुख हुआ।
4. सब लोग अपना काम करो। सब लोग अपना-अपना काम करो।
(7) क्रिया-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. क्या यह संभव हो सकता है ? क्या यह संभव है ?
2. मैं दर्शन देने आया था। मैं दर्शन करने आया था।
3. वह पढ़ना माँगता है। वह पढ़ना चाहता है।
4. बस तुम इतने रूठ उठे बस, तुम इतने में रूठ गए।
5. तुम क्या काम करता है ? तुम क्या काम करते हो ?
(8) मुहावरे-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. युग की माँग का यह बीड़ा कौन चबाता है युग की माँग का यह बीड़ा कौन उठाता है।
2. वह श्याम पर बरस गया। वह श्याम पर बरस पड़ा।
3. उसकी अक्ल चक्कर खा गई। उसकी अक्ल चकरा गई।
4. उस पर घड़ों पानी गिर गया। उस पर घड़ों पानी पड़ गया।
(9) क्रिया-विशेषण-संबंधी अशुद्धियाँ-
अशुद्ध शुद्ध
1. वह लगभग दौड़ रहा था। वह दौड़ रहा था।
2. सारी रात भर मैं जागता रहा। मैं सारी रात जागता रहा।
3. तुम बड़ा आगे बढ़ गया। तुम बहुत आगे बढ़ गए.
4. इस पर्वतीय क्षेत्र में सर्वस्व शांति है। इस पर्वतीय क्षेत्र में सर्वत्र शांति है।
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Old 08-12-2010, 05:14 PM   #115
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अध्याय 26
मुहावरे और लोकोक्तियाँ
मुहावरा- कोई भी ऐसा वाक्यांश जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करे उसे मुहावरा कहते हैं।
लोकोक्ति- लोकोक्तियाँ लोक-अनुभव से बनती हैं। किसी समाज ने जो कुछ अपने लंबे अनुभव से सीखा है उसे एक वाक्य में बाँध दिया है। ऐसे वाक्यों को ही लोकोक्ति कहते हैं। इसे कहावत, जनश्रुति आदि भी कहते हैं।
मुहावरा और लोकोक्ति में अंतर- मुहावरा वाक्यांश है और इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता। लोकोक्ति संपूर्ण वाक्य है और इसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। जैसे-‘होश उड़ जाना’ मुहावरा है। ‘बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी’ लोकोक्ति है।
कुछ प्रचलित मुहावरे
1. अंग संबंधी मुहावरे
1. अंग छूटा- (कसम खाना) मैं अंग छूकर कहता हूँ साहब, मैने पाजेब नहीं देखी।
2. अंग-अंग मुसकाना-(बहुत प्रसन्न होना)- आज उसका अंग-अंग मुसकरा रहा था।
3. अंग-अंग टूटना-(सारे बदन में दर्द होना)-इस ज्वर ने तो मेरा अंग-अंग तोड़कर रख दिया।
4. अंग-अंग ढीला होना-(बहुत थक जाना)- तुम्हारे साथ कल चलूँगा। आज तो मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा है।
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Old 08-12-2010, 05:16 PM   #116
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2. अक्ल-संबंधी मुहावरे
1. अक्ल का दुश्मन-(मूर्ख)- वह तो निरा अक्ल का दुश्मन निकला।
2. अक्ल चकराना-(कुछ समझ में न आना)-प्रश्न-पत्र देखते ही मेरी अक्ल चकरा गई।
3. अक्ल के पीछे लठ लिए फिरना (समझाने पर भी न मानना)- तुम तो सदैव अक्ल के पीछे लठ लिए फिरते हो।
4. अक्ल के घोड़े दौड़ाना-(तरह-तरह के विचार करना)- बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने अक्ल के घोड़े दौड़ाए, तब कहीं वे अणुबम बना सके।
3. आँख-संबंधी मुहावरे
1. आँख दिखाना-(गुस्से से देखना)- जो हमें आँख दिखाएगा, हम उसकी आँखें फोड़ देगें।
2. आँखों में गिरना-(सम्मानरहित होना)- कुरसी की होड़ ने जनता सरकार को जनता की आँखों में गिरा दिया।
3. आँखों में धूल झोंकना-(धोखा देना)- शिवाजी मुगल पहरेदारों की आँखों में धूल झोंककर बंदीगृह से बाहर निकल गए।
4. आँख चुराना-(छिपना)- आजकल वह मुझसे आँखें चुराता फिरता है।
5. आँख मारना-(इशारा करना)-गवाह मेरे भाई का मित्र निकला, उसने उसे आँख मारी, अन्यथा वह मेरे विरुद्ध गवाही दे देता।
6. आँख तरसना-(देखने के लालायित होना)- तुम्हें देखने के लिए तो मेरी आँखें तरस गई।
7. आँख फेर लेना-(प्रतिकूल होना)- उसने आजकल मेरी ओर से आँखें फेर ली हैं।
8. आँख बिछाना-(प्रतीक्षा करना)- लोकनायक जयप्रकाश नारायण जिधर जाते थे उधर ही जनता उनके लिए आँखें बिछाए खड़ी होती थी।
9. आँखें सेंकना-(सुंदर वस्तु को देखते रहना)- आँख सेंकते रहोगे या कुछ करोगे भी
10. आँखें चार होना-(प्रेम होना,आमना-सामना होना)- आँखें चार होते ही वह खिड़की पर से हट गई।
11. आँखों का तारा-(अतिप्रिय)-आशीष अपनी माँ की आँखों का तारा है।
12. आँख उठाना-(देखने का साहस करना)- अब वह कभी भी मेरे सामने आँख नहीं उठा सकेगा।
13. आँख खुलना-(होश आना)- जब संबंधियों ने उसकी सारी संपत्ति हड़प ली तब उसकी आँखें खुलीं।
14. आँख लगना-(नींद आना अथवा व्यार होना)- बड़ी मुश्किल से अब उसकी आँख लगी है। आजकल आँख लगते देर नहीं होती।
15. आँखों पर परदा पड़ना-(लोभ के कारण सचाई न दीखना)- जो दूसरों को ठगा करते हैं, उनकी आँखों पर परदा पड़ा हुआ है। इसका फल उन्हें अवश्य मिलेगा।
16. आँखों का काटा-(अप्रिय व्यक्ति)- अपनी कुप्रवृत्तियों के कारण राजन पिताजी की आँखों का काँटा बन गया।
17. आँखों में समाना-(दिल में बस जाना)- गिरधर मीरा की आँखों में समा गया।
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Old 08-12-2010, 05:17 PM   #117
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4. कलेजा-संबंधी कुछ मुहावरे
1. कलेजे पर हाथ रखना-(अपने दिल से पूछना)- अपने कलेजे पर हाथ रखकर कहो कि क्या तुमने पैन नहीं तोड़ा।
2. कलेजा जलना-(तीव्र असंतोष होना)- उसकी बातें सुनकर मेरा कलेजा जल उठा।
3. कलेजा ठंडा होना-(संतोष हो जाना)- डाकुओं को पकड़ा हुआ देखकर गाँव वालों का कलेजा ठंढा हो गया।
4. कलेजा थामना-(जी कड़ा करना)- अपने एकमात्र युवा पुत्र की मृत्यु पर माता-पिता कलेजा थामकर रह गए।
5. कलेजे पर पत्थर रखना-(दुख में भी धीरज रखना)- उस बेचारे की क्या कहते हों, उसने तो कलेजे पर पत्थर रख लिया है।
6. कलेजे पर साँप लोटना-(ईर्ष्या से जलना)- श्रीराम के राज्याभिषेक का समाचार सुनकर दासी मंथरा के कलेजे पर साँप लोटने लगा।
5. कान-संबंधी कुछ मुहावरे
1. कान भरना-(चुगली करना)- अपने साथियों के विरुद्ध अध्यापक के कान भरने वाले विद्यार्थी अच्छे नहीं होते।
2. कान कतरना-(बहुत चतुर होना)- वह तो अभी से बड़े-बड़ों के कान कतरता है।
3. कान का कच्चा-(सुनते ही किसी बात पर विश्वास करना)- जो मालिक कान के कच्चे होते हैं वे भले कर्मचारियों पर भी विश्वास नहीं करते।
4. कान पर जूँ तक न रेंगना-(कुछ असर न होना)-माँ ने गौरव को बहुत समझाया, किन्तु उसके कान पर जूँ तक नहीं रेंगी।
5. कानोंकान खबर न होना-(बिलकुल पता न चलना)-सोने के ये बिस्कुट ले जाओ, किसी को कानोंकान खबर न हो।
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Old 08-12-2010, 05:19 PM   #118
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6. नाक-संबंधी कुछ मुहावरे
1. नाक में दम करना-(बहुत तंग करना)- आतंकवादियों ने सरकार की नाक में दम कर रखा है।
2. नाक रखना-(मान रखना)- सच पूछो तो उसने सच कहकर मेरी नाक रख ली।
3. नाक रगड़ना-(दीनता दिखाना)-गिरहकट ने सिपाही के सामने खूब नाक रगड़ी, पर उसने उसे छोड़ा नहीं।
4. नाक पर मक्खी न बैठने देना-(अपने पर आँच न आने देना)-कितनी ही मुसीबतें उठाई, पर उसने नाक पर मक्खी न बैठने दी।
5. नाक कटना-(प्रतिष्ठा नष्ट होना)- अरे भैया आजकल की औलाद तो खानदान की नाक काटकर रख देती है।
7. मुँह-संबंधी कुछ मुहावरे
1. मुँह की खाना-(हार मानना)-पड़ोसी के घर के मामले में दखल देकर हरद्वारी को मुँह की खानी पड़ी।
2. मुँह में पानी भर आना-(दिल ललचाना)- लड्डुओं का नाम सुनते ही पंडितजी के मुँह में पानी भर आया।
3. मुँह खून लगना-(रिश्वत लेने की आदत पड़ जाना)- उसके मुँह खून लगा है, बिना लिए वह काम नहीं करेगा।
4. मुँह छिपाना-(लज्जित होना)- मुँह छिपाने से काम नहीं बनेगा, कुछ करके भी दिखाओ।
5. मुँह रखना-(मान रखना)-मैं तुम्हारा मुँह रखने के लिए ही प्रमोद के पास गया था, अन्यथा मुझे क्या आवश्यकता थी।
6. मुँहतोड़ जवाब देना-(कड़ा उत्तर देना)- श्याम मुँहतोड़ जवाब सुनकर फिर कुछ नहीं बोला।
7. मुँह पर कालिख पोतना-(कलंक लगाना)-बेटा तुम्हारे कुकर्मों ने मेरे मुँह पर कालिख पोत दी है।
8. मुँह उतरना-(उदास होना)-आज तुम्हारा मुँह क्यों उतरा हुआ है।
9. मुँह ताकना-(दूसरे पर आश्रित होना)-अब गेहूँ के लिए हमें अमेरिका का मुँह नहीं ताकना पड़ेगा।
10. मुँह बंद करना-(चुप कर देना)-आजकल रिश्वत ने बड़े-बड़े अफसरों का मुँह बंद कर रखा है।
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8. दाँत-संबंधी मुहावरे
1. दाँत पीसना-(बहुत ज्यादा गुस्सा करना)- भला मुझ पर दाँत क्यों पीसते हो? शीशा तो शंकर ने तोड़ा है।
2. दाँत खट्टे करना-(बुरी तरह हराना)- भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के दाँत खट्टे कर दिए।
3. दाँत काटी रोटी-(घनिष्ठता, पक्की मित्रता)- कभी राम और श्याम में दाँत काटी रोटी थी पर आज एक-दूसरे के जानी दुश्मन है।
9. गरदन-संबंधी मुहावरे
1. गरदन झुकाना-(लज्जित होना)- मेरा सामना होते ही उसकी गरदन झुक गई।
2. गरदन पर सवार होना-(पीछे पड़ना)- मेरी गरदन पर सवार होने से तुम्हारा काम नहीं बनने वाला है।
3. गरदन पर छुरी फेरना-(अत्याचार करना)-उस बेचारे की गरदन पर छुरी फेरते तुम्हें शरम नहीं आती, भगवान इसके लिए तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेंगे।
10. गले-संबंधी मुहावरे
1. गला घोंटना-(अत्याचार करना)- जो सरकार गरीबों का गला घोंटती है वह देर तक नहीं टिक सकती।
2. गला फँसाना-(बंधन में पड़ना)- दूसरों के मामले में गला फँसाने से कुछ हाथ नहीं आएगा।
3. गले मढ़ना-(जबरदस्ती किसी को कोई काम सौंपना)- इस बुद्धू को मेरे गले मढ़कर लालाजी ने तो मुझे तंग कर डाला है।
4. गले का हार-(बहुत प्यारा)- तुम तो उसके गले का हार हो, भला वह तुम्हारे काम को क्यों मना करने लगा।
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11. सिर-संबंधी मुहावरे
1. सिर पर भूत सवार होना-(धुन लगाना)-तुम्हारे सिर पर तो हर समय भूत सवार रहता है।
2. सिर पर मौत खेलना-(मृत्यु समीप होना)- विभीषण ने रावण को संबोधित करते हुए कहा, ‘भैया ! मुझे क्या डरा रहे हो ? तुम्हारे सिर पर तो मौत खेल रही है‘।
3. सिर पर खून सवार होना-(मरने-मारने को तैयार होना)- अरे, बदमाश की क्या बात करते हो ? उसके सिर पर तो हर समय खून सवार रहता है।
4. सिर-धड़ की बाजी लगाना-(प्राणों की भी परवाह न करना)- भारतीय वीर देश की रक्षा के लिए सिर-धड़ की बाजी लगा देते हैं।
5. सिर नीचा करना-(लजा जाना)-मुझे देखते ही उसने सिर नीचा कर लिया।
12. हाथ-संबंधी मुहावरे
1. हाथ खाली होना-(रुपया-पैसा न होना)- जुआ खेलने के कारण राजा नल का हाथ खाली हो गया था।
2. हाथ खींचना-(साथ न देना)-मुसीबत के समय नकली मित्र हाथ खींच लेते हैं।
3. हाथ पे हाथ धरकर बैठना-(निकम्मा होना)- उद्यमी कभी भी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठते हैं, वे तो कुछ करके ही दिखाते हैं।
4. हाथों के तोते उड़ना-(दुख से हैरान होना)- भाई के निधन का समाचार पाते ही उसके हाथों के तोते उड़ गए।
5. हाथोंहाथ-(बहुत जल्दी)-यह काम हाथोंहाथ हो जाना चाहिए।
6. हाथ मलते रह जाना-(पछताना)- जो बिना सोचे-समझे काम शुरू करते है वे अंत में हाथ मलते रह जाते हैं।
7. हाथ साफ करना-(चुरा लेना)- ओह ! किसी ने मेरी जेब पर हाथ साफ कर दिया।
8. हाथ-पाँव मारना-(प्रयास करना)- हाथ-पाँव मारने वाला व्यक्ति अंत में अवश्य सफलता प्राप्त करता है।
9. हाथ डालना-(शुरू करना)- किसी भी काम में हाथ डालने से पूर्व उसके अच्छे या बुरे फल पर विचार कर लेना चाहिए।
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