23-12-2010, 07:07 AM | #2421 |
Diligent Member
Join Date: Jan 2010
Posts: 1,398
Rep Power: 17 |
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
|
23-12-2010, 07:08 AM | #2422 |
Diligent Member
Join Date: Jan 2010
Posts: 1,398
Rep Power: 17 |
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
विवाह के बाद प्रेमी ने प्रेमिका से कहा कि देखो अब हमारी शादी हो चुकी है। तुम्हारी कुछ बातें ऐसी हैं, जो मुझे पसंद नहीं आतीं... और मैं तुम्हें वह सब बता देना चाहता हूँ। तुम चाहो तो इन्हें अपनी कमजोरियाँ समझ सकती हो। प्रेमिका- रहने दो! मुझे अपनी सारी कमजोरियाँ मालूम हैं। आखिर उन्हीं के कारण तो मैं अच्छा पति नहीं पा सकी। इसका मुझे बेहद अफसोस है।
|
23-12-2010, 07:09 AM | #2423 |
Diligent Member
Join Date: Jan 2010
Posts: 1,398
Rep Power: 17 |
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
एक मोहल्ले में चल रहे कवि सम्मेलन के दौरान एक कवि मंच पर हाजिर हुआ तो नीचे बैठे श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। कवि बहुत ज्यादा उत्सुक था, उसने कहा- मेरे प्यारे श्रोताओं! अब मैं तुम्हे जो कविता आपको सुनाने जा रहा हूँ उसका शीर्षक है- पानी, आग और धुआँ। भीड़ में से एक श्रोता चिल्लाया- अरे, तो सीधे-सीधे क्यों नहीं कहते कि हुक्का है।
|
23-12-2010, 07:09 AM | #2424 |
Diligent Member
Join Date: Jan 2010
Posts: 1,398
Rep Power: 17 |
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
शादी की पच्चीसवीं सालगिरह पर पार्टी में आए मेहमानों ने जब नरेश से पूछा कि- बताओ नरेश! आपके हिसाब से सफल वैवाहिक जीवन का राज क्या है? नरेश बोला- यह वैवाहिक जीवन तभी सफल साबित हो सकता है जब पत्नी बहरी और पति पूरी तरह अंधा बनकर जीवन बिताएँ।
|
23-12-2010, 07:18 AM | #2425 |
Exclusive Member
|
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
एक आदमी सड़क पर बेहोश हो गया. उसके इर्द-गिर्द भीड़ जमा हो गई. हर कोई उसे होश में लाने के लिए सलाहें देने लगा.
“बेचारे को थोड़ी ब्रांडी दो.” एक बुढिया बोली. “इसके मुंह पर पानी के छींटे मारो.” कोई बोला. “इसे ब्रांडी दो.” बुढिया ने दोहराया. “इसे पंखा झलो.” कोई बोला. “इसे ब्रांडी दो.” बुढिया फिर बोली. “इसे अस्पताल ले जाओ.” किसी ने कहा. “इसे ब्रांडी दो.” “इसे … “ तभी बेहोश पड़ा आदमी उठकर बैठ गया और जोर से चिल्लाया – “आप सब लोग अपनी बकवास बंद कीजिये और उस बेचारी बुढिया की बात सुनिए.
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
23-12-2010, 07:21 AM | #2426 |
Exclusive Member
|
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
शराब से बड़ा दोस्त कोई नहीं
एक शराबी की पीने की लत से तंग आकर उसकी पत्नी ने उसे तलाक दे दिया और बच्चों को लेकर मायके चली गई. बॉस ने भी नौकरी से निकाल दिया. हैरान-परेशान वह अपने घर में अकेला बैठा था कि तभी उसकी नज़र अलमारी में लगी शराब की बोतलों पर पड़ गई. गुस्से में वह उठा और एक खाली बोतल उठाकर दीवार में दे मारी – “कमबख्त, तेरी वजह से मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गई.” फिर उसने दूसरी बोतल उठाई और उसे भी तोड़ दिया – “हरामजादी, तेरी वजह से मेरे बच्चे मुझसे दूर हो गए.” तीसरी बोतल का भी यही हश्र किया और चिल्लाया – “तेरी वजह से मेरी नौकरी चली गई.” जैसे ही उसने चौथी बोतल उठाई, तो वह भरी हुई थी, उसे संभालकर दूसरी अलमारी में रखते हुए बोला – “मेरे दोस्त, तुम ज़रा एक तरफ हो जाओ, मुझे मालूम है इस सब में तुम्हारा कोई हाथ नहीं है.
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
23-12-2010, 07:22 AM | #2427 |
Exclusive Member
|
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
फ़ोन की घंटी बज़ी और डॉक्टर साहब जल्दी से तैयार होकर जाने लगे .
उनकी पुत्री ने अपने पिताजी को इतनी जल्दबाज़ी में जाते देखा तो पूछा पिताजी इतनी जल्दी मे कहाँ जा रहे हैं . डॉक्टर साहब बोले — ” अभी-अभी रीगल होटल रूम न.302 से फ़ोन आया था की जल्दी से आ जाओ नही तो मेरी जान निकल जाएगी” . डॉक्टर साहब की पुत्री ने शर्माते हुए कहा — ” ओह नो पापा , वो फ़ोन तो मेरे लिए था “
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
23-12-2010, 07:24 AM | #2428 |
Exclusive Member
|
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
शादी के कुछ दिन बाद ही बेटी ने अपनी मां को फोन किया – मां, मेरी उनसे लड़ाई हो गई है …. !!!
मां ने समझाया – बेटी, नई-नई शादी हुई है ना, तो कभी-कभी झगड़े हो जाते हैं….. !!! तू फिकर मत कर, सब ठीक हो जाएगा । बेटी – वो तो ठीक है मां, पर अभी तो इस लाश का क्या करूं
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
23-12-2010, 07:33 AM | #2429 |
Exclusive Member
|
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
संता (लल्लू से) : पिताजी नेताओं के कपड़ों का रंग सफेद क्यों होता है?
बंता : बेटा, ताकि दल बदलने पर भी कपड़े न बदलने पड़ें.
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
23-12-2010, 07:35 AM | #2430 |
Exclusive Member
|
Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
संता (बंता बॉस से) : बॉस मुझे छुट्टी चाहिए.
बंता : क्यों? संता : मेरी फैमिली पेड़ से गिर गई है. बंता : पूरी फैमिली पेड़ पर क्या कर रही थी? संता : सर, हमारे यहाँ घर वाली को ही फैमिली कहते हैं
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
Bookmarks |
Tags |
संता बंता, cool jokes, fun, funny hindi jokes, hindi jokes, hot jokes, indian jokes, jokes, santa banta, shayari |
|
|