23-04-2013, 07:18 PM | #61 |
VIP Member
|
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. Last edited by dipu; 23-04-2013 at 07:21 PM. |
23-04-2013, 07:22 PM | #62 |
VIP Member
|
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
आजकल प्रायः सभी जानते हैं , कि सभी नेता पढ़े लिखे नहीं होते, ऐसी स्थिति में बहुत से पढ़े लिखे अफसर लोगों को उन अनपढ़ नेताओं के पाँव इस तरह से छूने पड़ते हैं . तब एक व्यक्ति इस दृश्य को देख कर क्या सोचता है, आप इस चित्र में स्वयं देख लीजिये .
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
23-04-2013, 07:25 PM | #63 |
VIP Member
|
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
23-04-2013, 07:28 PM | #64 |
VIP Member
|
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
23-04-2013, 07:29 PM | #65 |
VIP Member
|
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
26-04-2013, 09:51 AM | #66 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
दीपू जी, आपका यह सूत्र बहुत अच्छा जा रहा है और काफी सूचनाप्रद भी है.
|
26-04-2013, 04:32 PM | #67 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
09-05-2013, 09:28 PM | #68 |
VIP Member
|
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
09-05-2013, 09:29 PM | #69 |
VIP Member
|
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
09-05-2013, 09:29 PM | #70 |
VIP Member
|
Re: आप यहाँ अपने दिल की बात कह सकते है !
दुनियां में आज भी माँ को प्यार करने वाले ऐसे इन्सान हैं.!यदि आप भी अपनी माँ को इतना ही प्यार करते हैं.! तो भावुकता में आंसू..बहाने के बजाय..मायानगरी मुंबई में घटी इस सच्ची कहानी को जादा से जादा शेअर और फॉरवर्ड कीजिये.
'' माँ के प्यार की अनोखी वास्तव कहानी '':- मुंबई के लोकल ट्रेन से उतरकर..जेब में हाथ डाला,मैं चौंक पड़ा..जेब कट चुकी थी.! जेब में था भी क्या.? कुल 150 रुपए और एक खत.! जो मैंने अपनी माँ को लिखा था कि-मेरी नौकरी छूट गई है;अभी पैसे नहीं भेज पाऊँगा.! तीन दिनों से..वह पोस्टकार्ड मेरी जेब में पड़ा था। पोस्ट..करने को..मन ही..नहीं कर रहा था। 150 रुपए जा चुके थे। यूँ..तो 150 रुपए कोई बड़ी रकम नहीं थी,लेकिन.. जिसकी नौकरी छूट चुकी हो,उसके लिए..150 रुपए..1500 से कम..नहीं होते.! कुछ दिन गुजरे..! माँ का खत मिला..! पढ़ने से पूर्व ..मैं सहम सा गया..। जरूर..पैसे भेजने..को लिखा होगा। लेकिन,खत पढ़कर..मैं हैरान सा..रह गया। माँ ने लिखा था-“ बेटा,तेरा 500 रुपए का..भेजा हुआ मनीआर्डर..मिल गया है। तू कितना..अच्छा है रे.! पैसे भेजने में..कभी लापरवाही ..नहीं बरतता.।” मैं इसी..उधेड़-बुन में लग गया..कि आखिर..माँ को मनीआर्डर..किसने भेजा होगा..? कुछ दिन बाद,एक और पत्र मिला.। चंद लाइनें..लिखी थीं..आड़ी-तिरछी.। बड़ी मुश्किल से खत पढ़ पाया..।लिखा था..“ भाई,150 रुपए तुम्हारे..और 350 रुपए अपनी ओर से मिलाकर मैंने तुम्हारी माँ को..मनीआर्डर..भेज दिया है.। फिकर न करना। माँ तो सबकी एक-जैसी ही होती है न.!! वह क्यों भूखी रहे..?? तुम्हारा - जेबकतरा भाई ( माँ का एक बेटा )...!!! दुनियां में..आज भी..माँ को प्यार..करने वाले..ऐसे इन्सान..हैं..!! यदि आप भी..अपनी माँ को इतना ही प्यार करते हैं..!! तो भावुकता में..आंसू..बहाने के बजाय,इस कहानी को अच्छा लगा हो तो इसे जादा से जादा शेअर और फॉरवर्ड कीजिये एवम माँ के प्यार की असलियत को सारे भारतवासियों तक पहुँचाइयें.।आप अगर और भारतीय भाषाएँ जानते हों तो इसे उस भाषा में अनुवादित कीजिये.! // {धोपावकर परिवार,अहमदनगर द्वारा स्वरचित एवम संकलित; अत्यंत मौल्यवान माहिती एवम अमूल्य विचारधनों के अनमोल मोतीयों की माला से.} //
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
Bookmarks |
Tags |
india, people, thought |
|
|