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06-11-2014, 06:15 AM | #1 |
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Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
आप सभी लोगों को इस सूत्र में विचार रखते देख कर मुझे प्रसन्नता हो रही है. मौलिकता से मेरे आशय यही था की जो कुछ आपके मन में हो उसे आप व्यक्त करे.
मैंने अभी तक सरसरी तौर पर जो सूत्र देखे है, उनमे ज्यादातर कुछ इस प्रकार के कॉपी पेस्ट है, जिनमे 'अच्छा है' 'बहुत खूब' जैसे जुमलों के अलावा ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता. आप लोग खुद ही समझ सकते है, इस सूत्र में जितने सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये है, उसका एक कारण इसके विषय के भीतर छुपी हुई संभावना भी है. ठीक इसी प्रकार ऐसे बहुत से सामजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक विषय हमारे आस पास घटित होते रहते है, जिन पर हम अपने विचार रख सकते है - फोरम का अर्थ भी यही होता है - ऐसा मंच जहाँ सभी अपने अपने विचार रख सके. आशा है सभी सदस्यों के सहियोग से इस फोरम में भी ऐसा निरंतर हो पाएगा |
06-11-2014, 10:08 AM | #2 | |
Diligent Member
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Re: फोरम में मौलिकता की कमी है ?
[QUOTE=ajaysagar;537402]आप सभी लोगों को इस सूत्र में विचार रखते देख कर मुझे प्रसन्नता हो रही है. मौलिकता से मेरे आशय यही था की जो कुछ आपके मन में हो उसे आप व्यक्त करे.
Quote:
और जो घटनाएँ समाज में , देश में सारी दुनिया में घट रही है उनका ज्ञान हमे अधिकतर इन्टरनेट से या फिर समाचारपत्रों से या टीवी से पता चलती है, तो उसी बात को यदि लेखक गण यहाँ रखते हैं तो अच्छी बात है न क्यूंकि हरेक इन्सान , हरेक टीवी के हर न्यूज़ नही देख सकते न इंटरनेट में खोज हर कोई, प्रत्येक जगह नही करता. जो सामग्री आपको अलग अलग जाने के बाद प्राप्त होती है अगर वो एक जगह यहाँ ही पढ़ने मिल जाय तो ज्यादा अच्छा न इससे लोगो का समय बचता है और ज्ञान अधिक मिल जाता है और लोग अपने विचार रख सकते है और जब अपने विचार वें रखते है तब मौलिकता आपने आप आ ही जाती है एइसा मेरा मानना है... अपना हिंदी फोरम एक एईसी बगिया है अजय जी जहाँ हर तरफ के फुल हर "तरह" के फुल खिले हैं यहाँ विविधता में एकता देखने को मिलती है ... हम सबका फ़र्ज़ है की अछे साहित्य द्वारा अपने इस हिंदी फोरम की उत्कृष्टता को संभाले रखें ... |
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फोरम में मौलिकता |
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