07-09-2014, 09:09 PM | #251 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
सारा आलम बस्ती का जंगल जैसा ही है बदला क्या है आज, सभी कुछ कल जैसा ही है बरसें तो जानूं ये धब्बे, बादल हैं, क्या हैं रंग-रूप तो इनका भी बादल जैसा ही है गमलों में ही पनप रही है सारी हरियाली बाकी सारा मंजर तो मरुथल जैसा ही है मंत्रों का उच्चारण हो, या पूजा हो या जाप मंगल ध्वनियों में भी कोलाहल जैसा ही है हाथ लगाने पर ही होता है सच का आभास आँखों देखा तो सब कुछ मखमल जैसा ही है कितना सच है अब भी गंगा के पानी का स्वाद सरकारी लेखों में गंगाजल जैसा ही है
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
11-09-2014, 02:33 PM | #252 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
सुन्दर अभिव्यक्ति
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11-09-2014, 05:35 PM | #253 | |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
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कितना सच है अब भी गंगा के पानी का स्वाद सरकारी लेखों में अब भी गंगा जल जैसा ही है
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21-09-2014, 08:34 PM | #254 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
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21-09-2014, 09:09 PM | #255 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
चिराग हो के न हो दिल जला के रखते हैं हम आंधियों में भी तेवर बला के रखते हैं मिला दिया है पसीना भले ही मिट्टी में हम अपनी आँख का पानी बचा के रखते हैं हमें पसंद नहीं जंग में भी मक्कारी जिसे निशाने पे रक्खें बता के रखते हैं कहीं खुलूस कहीं दोस्ती कहीं पे वफ़ा बड़े करीने से घर को सजा के रखते हैं अना पसंद है हस्ती जी सच सही लेकिन नज़र को अपनी हमेशा झुका के रखते हैं छह -हस्तीमल हस्ती
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21-09-2014, 09:11 PM | #256 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
झील का बस एक कतरा ले गया क्या हुआ जो चैन दिल का ले गया मुझसे जल्दी हारकर मेरा हरीफ़ जीतने का लुत्फ़ सारा ले गया एक उड़ती सी नज़र डाली थी बस वो न जाने मुझसे क्या -क्या ले गया देखते ही रह गये तूफान सब खुशबुओं का लुत्फ़ झोंका ले गया हस्तीमल हस्ती
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21-09-2014, 09:13 PM | #257 |
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है नये परिंदों को उड़ने में वक्त तो लगता है जिस्म की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था लम्बी दूरी तय करने में वक्त तो लगता है गाँठ अगर लग जाये तो फिर रिश्ते हों या डोरी लाख करें कोशिश खुलने में वक्त तो लगता है हमने इलाजे जख्में दिल का ढूंढ लिया लेकिन गहरे जख्मों को भरने में वक्त तो लगता है हस्तीमल हस्ती
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21-09-2014, 10:41 PM | #258 | ||
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Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
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