19-06-2012, 11:35 PM | #1 |
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विनती तो सुनले मेरी ........आज गनराजा !
विनती तो सुनले मेरी ........आज गनराजा ! कैलाश पति को तुम ...लेके आ, संग मैं लाना गौरा माँ ! विष्णु जी को लेके आ , साथ विराजे लक्ष्मी माँ ! आने की तुम जल्दी करो ....न जाने का करो तकाजा ! ब्रह्मा जी को संग में लाना, ब्रह्मणि को ना तुम भुलाना ! गण और नंदी संग में लाना , रिधि सीधी को न भुलाना ! मेवा और मिस्ठान परोसे ...ळाडूआँ का भोग लगाजा ! अपने भक्त पे तू आज मेहर करदे , खाली झोली तू मेरी ...आज भरदे ! मेरे मन की मुरादें तू पूरी करदे , अन्न धन्न के तू भंडारे भर दे ! इस''' नामदेव '''की तकदीर तू ..बिगरी बनाजा sombirnaamdev@mail .com सोमबीर सिंह सरोया ''' नामदेव''' मोबाइल न.9321083377 |
20-06-2012, 01:54 PM | #2 |
अति विशिष्ट कवि
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Re: विनती तो सुनले मेरी ........आज गनराजा !
प्रार्थना के भाव बहुत सुन्दर हैं मित्र .सुनवाई जरूर होगी .
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21-06-2012, 11:41 PM | #3 |
Diligent Member
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Re: विनती तो सुनले मेरी ........आज गनराजा !
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