24-06-2011, 09:40 PM | #21 |
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Re: महान शूरवीर योद्धाओं की गाथाए
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जूझने वाले राजस्थानी योद्धाओं में ठाकुर श्याम सिंह राठौड़ का बलिदान विस्मृत नहीं किया जा सकता | 1857 के देशव्यापी अंग्रेज सत्ता विरोधी सशस्त्र संघर्ष के पूर्व राजस्थान में ऐसे अनेक स्वातन्त्र्यचेता सपूत हो चुके है जिन्होंने ब्रिटिश सत्ता के वरदहस्त को विषैला वरदान समझा था | शेखावाटी , बिदावाटी, हाडौती , मेड़ता पट्टी ,खारी पट्टी , मेवाड़ और मालानी के अनेक शासक अंग्रेजों की कैतवत नीति से परिचित थे | मालानी प्रदेश के चौहटन स्थान का ठाकुर श्याम सिंह राठौड़ों की बाहड़मेरा खांप का व्यक्ति था | बाहड़मेर (बाड़मेर) का प्रान्त जो प्रसिद्ध शासक रावल मल्लिनाथ के
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24-06-2011, 09:41 PM | #22 |
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Re: महान शूरवीर योद्धाओं की गाथाए
नाम से मालानी कहलाता है अपनी स्वतंत्रता ,स्वाभिमान और वीर छक के लिए विख्यात रहा है | मल्लिनाथ की राजधानी महेवा नगर थी | वह राव सलखा का पुत्र था |
मल्लिनाथ के अनुज जैत्रमल्ल और विरमदेव थे | राव विरमदेव के पुत्र राव चूंडा की संतति में जोधपुर ,बीकानेर,किशनगढ़ ,रतलाम आदि के राजा थे और मल्लिनाथ के महेचा अथवा बाहड़मेरा राठौड़ है | इस प्रकार जोधपुर ,बीकानेर,नारेशादी तथा अन्य राठौड़ ठिकानेदारों में महेचा टिकाई (बड़े)है और राजस्थान में अंग्रेजों के प्रभाव के बाद तक भी वे अपनी स्वतंत्रता का उपभोग करते रहे है | जोधपुर के महाराजा मान सिंह के समय उनके नाथ सम्प्रदाय गुरु भीमनाथ ,लाडूनाथ , महाराज
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24-06-2011, 10:24 PM | #23 |
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Re: महान शूरवीर योद्धाओं की गाथाए
कुमार छत्र सिंह आदि की उत्पथगामिता के कारण मारवाड़ में राजनैतिक धडाबंदी बंद गई थी | इस अवसर का फायदा उठाकर अंग्रेजों ने महाराजा को संधि कर अंग्रेजों का शासन मनवाने के लिए बाध्य किया और वि.स.१८९१ में कर्नल सदरलैंड ने अपने प्रतिनिधि स्वरूप मि.लाडलो को जोधपुर में रख दिया |
मि.लडलो ने नाथों के उपद्रव और महाराजा तथा उनके सामंतो के विग्रह विरोध को शांत तथा दमित कर अंग्रेज सत्ता का प्रभाव जमाने का प्रयत्न किया | बाड़मेर में महेचा राठौड़ सदा से ही अपनी स्वतंत्र सत्ता का उपभोग करते रहे थे वे कभी जोधपुर राज्य से दब जाते और फिर अवसर आने पर स्वतंत्र हो जाते | अंग्रेजों का मारवाड़ राज्य पर प्रभाव बढ़ता देखकर
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24-06-2011, 10:26 PM | #24 |
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Re: महान शूरवीर योद्धाओं की गाथाए
स्वतंत्रता प्रेमी मालानी के योद्धा उत्तेजित हो उठे और अंग्रेजों के विरुद्ध दावे मारने लगे | अंग्रेजों ने संवत १८९१ वि.में मालानी पर सैनिक चढाई बोल दी | बाहड़मेरों ने भी ठाकुर श्याम सिंह चौहटन के नेतृत्व में युद्ध की रणभेरी बजाई | अपनी ढालें , भाले , सांगे और तलवारों की धारें तीक्षण की | कवि कहता है -
गढ़ भरुजां तिलंग रचै जंग गोरा, चुरै गिर गढ़ तोप चलाय | माहव किण पातक सूं मेली , बाड़मेर पर इसी बलाय ||
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25-06-2011, 08:33 PM | #25 |
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Re: महान शूरवीर योद्धाओं की गाथाए
दुर्गों की बुर्जों पर तोपों के प्रहार हो रहे है और पार्वत्य दुर्ग की दीवारें टूट -टूट कर गिर रही है | यह किस पाप का फल जो बाड़मेर पर ऐसी आपत्ति आई |
बाड़मेर के दुर्ग पर आधिपत्य कर ब्रिटिश सेना ने चौहटन पर प्रयाण किया | ब्रिटिश अश्वारोही आक-फोग सभी के क्षूपों को रोंद्ती , पृथ्वी को मच्कोले खवाती , कुप वापिकाओं के जल स्रोतों को सुखाती , चौहटन पहुंची | ठाकुर श्याम सिंह रण मद की छक में छका हुआ अपने शत्रुओं को दक्षिण दिशा के दिग्पाल की पुरी का पाहुना बनाने के समान उद्दत था | अंग्रेज सेनानायक ने श्याम सिंह से युद्ध न कर आत्मसमर्पण करने के लिए सन्देश भेजा , पर श्याम सिंह तो देश के शत्रु
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25-06-2011, 09:13 PM | #26 |
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Re: महान शूरवीर योद्धाओं की गाथाए
क्या बात है सही में आपके नाम के जैसा आपका काम भी एकदम रायल है । बहुत ही अच्छा और ज्ञानवर्धक सुत्र इसमे निरंतरता बनाये रखे। हार्दिक आभार आपका ।
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27-06-2011, 10:31 PM | #27 | |
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Re: महान शूरवीर योद्धाओं की गाथाए
Quote:
आपके विचार सुनकर मुझे बहुत ही खुशी हुई इस होंसला अफजाई के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आशा करता हूँ की आगे भी आप मेरी हिम्मत बढ़ाएंगे
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28-06-2011, 07:15 AM | #28 |
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Re: महान शूरवीर योद्धाओं की गाथाए
फोरम के सबसे शानदार सूत्रों में से यह एक है, रोयल जी ने इस सूत्र को रोयल तरीके से प्रेसेंट किया है..
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