03-12-2015, 02:18 AM | #1 |
Member
Join Date: Dec 2013
Location: uttarpradesh
Posts: 59
Rep Power: 12 |
ग्रहों की दिशा कुछ प्रतिकूल दिखाई देती हैð
ग्रहों की दिशा कुछ प्रतिकूल दिखाई देती है।
देखता हूँ,, कब तक परछाईं साथ देती है। मन थोड़ा अशांत सा तो रहता है अब इसे अब कहाँ कोई रौशनी दिखाई देती है। जीवन के इस मोड़ पे थोड़ा धैर्य रखो वैभव वरना अँधेरी धूप में कब परछाई साथ देती है। परिपक्वता के साथ ये कैसी दुर्बलता आई है न तो कुछ कहने की क्षमता है…… न ही किसी को कोई बात सुनाई देती है। भावों को गढ़ने में भी,, अब कितनी मुश्किल दिखाई देती है। जो मरम है मन का वो कह नही सकते अनर्गल भावों पर तालियाँ सुनायीं देतीं हैं। ग्रहों की दिशा कुछ प्रतिकूल दिखाई देती है। देखता हूँ,,, परछाईं भी कब तक साथ देती है। Last edited by vaibhav srivastava; 03-12-2015 at 10:28 PM. |
Bookmarks |
|
|